रायपुर
छत्तीसगढ़ में राज्य के कर्मचारी अभी 6 प्रतिशत पीछे हैं। उन्हें 46 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है। अगली किश्त 4 प्रतिशत मिलने पर यह 50 को छुएगा। चूंकि राज्यों में वेतनआयोग गठन का प्रावधान नहीं है, इसलिए यहां के कर्मचारियों को भी केन्द्रीय कर्मियों की तरह नए वेतन आयोग का इंतजार करना होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अप्रैल। केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ते जनवरी से बढ़ कर 50 फीसदी हो चुका है,लेकिन अब इसकी कैलकुलेशन बदलने जा रही है। जुलाई 2024 से मिलने वाला महंगाई भत्ता शून्य (0) से कैलकुलेट होगा. लेकिन, इसके नंबर्स जनवरी से जून के बीच एआईसीपीआई इंडेक्स के आधार पर तय होंगे। जनवरी एआईसीपीआई का नंबर फरवरी में रिलीज कर दिया गया था। इसके मुताबिक, महंगाई भत्ते में 1 फीसदी का उछाल आ चुका है. मतलब 51 फीसदी हो गया है। लेकिन, फरवरी एआईसीपीआई इंडेक्स का नंबर अभी तक जारी नहीं हुआ है. ऐसे में सवाल ये कि क्या इसे शून्य करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है?
शून्य से शुरू होगी कैलकुलेशन
साल 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते( डीए ) का गणित बदलने जा रहा है. दरअसल, 1 जनवरी से कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिल रहा है. नियम के मुताबिक, 50 फीसदी महंगाई भत्ता होने के बाद इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करके शून्य से इसकी गणना शुरू होगी. लेकिन, लेबर ब्यूरो की तरफ से अभी तक इस पर कोई स्पष्टता नहीं दी गई है. मतलब अभी महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन 50 फीसदी से आगे ही चलेगी. लेकिन, शून्य कब किया जाएगा?
बेसिक सैलरी में मर्ज होगा 50% डीए: सरकार ने साल 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू करते वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया था. नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उसे 50 फीसदी ष्ठ्र का 9000 रुपए मिलेगा. लेकिन, 50 फीसदी ष्ठ्र होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोडक़र फिर से महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा. मतलब बेसिक सैलरी का रिविजन होकर 27,000 रुपए हो जाएगी।
क्यों होगा महंगाई भत्ता?
जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले ष्ठ्र को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोडऩा चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया। उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत ष्ठ्र मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे।
कब शून्य होगा महंगाई भत्ता?
एक्सपर्ट्स की मानें तो जुलाई में नया महंगाई भत्ता कैलकुलेट होगा. क्योंकि, सरकार साल में दो बार ही महंगाई भत्ता बढ़ाती है. जनवरी के लिए मार्च में मंजूरी दे दी गई है. अब अगला रिविजन जुलाई 2024 से लागू होना है. ऐसे में महंगाई भत्ते को तभी मर्ज किया जाएगा और शून्य से इसकी कैलकुलेशन होगी. मतलब जनवरी से जून 2024 के एआईसीपीआई इंडेक्स से तय होगा कि महंगाई भत्ता 3 फीसदी, 4 फीसदी या कितना होगा. ये स्थिति साफ होते ही कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 50 फीसदी महंगाई भत्ते को जोड़ दिया जाएगा।