रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। लंबी दूरी की अंतरराज्यीय बसों में उठाईगीर सक्रिय हैं। इन मामलों में बस ड्राइवर और कंडक्टरों की भूमिका संदिग्ध कही जा रही है। ये उठाईगीर देर रात बसों में सवार होकर पर्स, सूट केस ट्राली बैग लेकर बीच रास्ते में ही उतर जाते हैं।
आज सुबह अमरावती से रायपुर पहुंची महिला ऐसी ही उठाईगीरी का ?शिकार हुई। रायपुर निवासी नेहा जगमलानी अपने दो बच्चों के साथ अमरावती से पायल ट्रैवल्स की बस में सवार थीं। रायपुर पिता के घर आ रही थीं।
अमरावती में सवार होने के बाद वह सो गईं। सुबह राजनांदगांव के आसपास नींद खुली तो हैंड पर्स हल्का लगा। चेक किया तो उसमें रखे करीब 7 लाख के जेवर और 25 हजार रुपये नहीं थे। भिलाई पावर हाउस में पर्स से मोबाइल निकलने पर उठाई गिरी की भनक लगी।
बस कंडक्टर से पूछताछ की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। नेहा और परिजन ने शाम को टिकरापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
बता दे कि दो तीन माह पहले भी महाराष्ट्र से देवेंद्र नगर आ रही महिला की पर्स पीर तर लिया गया था। अब तक उस उठाईगिर का पता नहीं चल पाया है। लंबी दूरी की इन अंतरराज्यीय बसों के ड्राइवर कंडक्टर, बीच रास्ते के गांव कस्बे के यात्रियों को कुछ कम भाड़ा लेकर चढ़ा लेते हैं । ट्रैवल्स संचालक सुरक्षित एक्सप्रेस सर्विस का झांसा देकर रायपुर से नागपुर, हैदराबाद पुणे वर्धा के लिए प्री बुकिंग करवाते हैं। लेकिन. बीच रास्ते में ये बसें किसी पैसेंजर सर्विस की तरह दौड़ती हैं।उन्हीं भीड़ में ये जेबकतरे,उठाईगीर सवार होकर अपना हाथ साफ कर जाते हैं ।