बलौदा बाजार

सेक्स रैकेट: एफआईआर के 7 दिन बाद भी मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से बाहर
08-Apr-2024 8:27 PM
सेक्स रैकेट: एफआईआर के 7 दिन बाद भी मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से बाहर

ब्लैकमेलिंग कर लाखों वसूली का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 8 अप्रैल। बहुचर्चित सेक्स रैकेट में ब्लैकमेलिंग कर लाखों रुपए की वसूली के प्रकरण में एफआईआर दर्ज होने के 7 दिन बीत जाने के बाद भी मामले का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ दे दूर है, जबकि 6 दिन पहले मामले में 4 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद फरार मुख्य आरोपी की जल्द गिरफ्तारी का दावा किया गया था।

इधर, बुधवार को पुलिस रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी महान मिश्रा की जमानत आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया है। शिरीष पांडे, पुष्प माला फेकर, हीरकली बंजारे, पत्रकार आशीष शुक्ला ये उन आरोपियों के नाम हैं, जिन्हें पुलिस ने फरार बताया है।

दो आरोपियों की फोटो भी नहीं है पुलिस के पास

पुलिस स्पेशल टीम बनाकर जिन 4 आरोपियों को खोजने का दावा कर रही है, उसमें से दो आरोपी फरार आरोपी पुष्पमाला फेकर और हीराकली बंजारे की फोटो अब तक पुलिस के पास नहीं होने की जानकारी पुलिस से ही मिली है।

 वहीं दो अन्य फरार आरोपी शिरीष पांडे व पत्रकार आशीष शुक्ला पेशेवर अपराधी नहीं होने के बावजूद पुलिस के हाथ नहीं आ रहे हैं।

टिफिन सप्लाई भी था फंसाने का जरिया

मामले में यह भी बात सामने आ रही है कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी दुर्गा टंडन जो टिफिन सप्लाई करती थी। गिरोह के टारगेट में धनाड्य युवा व व्यापारियों के अलावा ऐसे शासकीय अधिकारी व कर्मचारी रहते थे, जो जिला मुख्यालय में अपने परिवार के बिना रहते थे। उन्हीं के यहां होम डिलीवरी सर्विस के बहाने लड़कियों को टिफिन लेकर उनके निवास में भेजती थी। इस रैकेट का सरगना ऐसे ही अवसर की तलाश में रहता था। शिकार बड़ी आसानी से फंस जाता था। रैकेट की सदस्यों के बीच घिरे जाने के बाद इज्जत बचाने के चक्कर में मोटी रकम देना उसकी मजबूरी हो जाती थी।

रिपोर्ट के घंटे भर पहले बेखौफ घूम रहे थे आरोपी

सेक्स रैकेट गिरोह द्वारा बहुत ही सुनिश्चित तरीके से बलौदाबाजार शहर व आसपास के धनाढ्य लोगों को महिला संबंधित अपराध में फंसने व लोक लाज भय दिखाकर लाखों रुपए वसूले जाते थे।  कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा के सख्त निर्देश के बाद पुलिस की स्पेशल टीम मामले की तह तक गई तो प्रकरण की परतें खुलती गई और नगर के नेताओं,  दलालों, बिचौलियों, पत्रकारों यहां तक की पुलिसकर्मी की भूमिका भी स्पष्ट रूप से सामने आई।

 सबसे आश्चर्य तब हुआ, जब नगर में बेखौफ घूम रहे आरोपी पुलिस के एफआईआर करते ही भूमिगत हो गए। आरोपियों के घरों में दी गई दबिश में पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। महान मिश्रा के अलावा बाकी सभी आरोपी फरार हो चुके थे। मामले की गूंज प्रदेश की राजनीतिक तक पहुंची।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने एसपी कार्यालय में बताया कि मोंटी मरैईया, दुर्गा टंडन, रवीना टंडन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिरीष पांडे, पुष्पमाला फेकर, हीराकली बंजारे, पत्रकार आशीष शुक्ला अभी भी फरार हैं। वहीं पुलिस कर्मियों की सलिप्तता सामने आने के बाद भी उन्हें आरोपी नहीं बनाने के सवाल पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर ने कहा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी व उनके बयानों के आधार पर ही पुलिस कर्मियों या अन्य पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

बंद है फरार आरोपियों के मोबाइल -एएसपी

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार अविनाश ठाकुर ने कहा सभी फरार आरोपियों के मोबाइल बंद है। स्पेशल टीम द्वारा आरोपियों की तलाश की जा रही है। संभावित ठिकानों पर टीम भी भेजी गई थी, मगर आरोपी वहां नहीं मिले।

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