सुकमा

पत्रकार को कहा नक्सली समर्थक और विकास विरोधी
22-Jun-2024 10:40 PM
 पत्रकार को कहा नक्सली समर्थक और विकास विरोधी

 भाजपा नेता के खिलाफ पत्रकार संघ ने पारित किया निंदा प्रस्ताव

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत एसपी—कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपने की तैयारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 22 जून। सुकमा जिले में एक पत्रकार को भाजपा नेता द्वारा फोन पर धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद जिले के समस्त पत्रकार भाजपा नेता के व्यवहार से भारी नाराज हैं। फोन पर धमकी से आहत पत्रकारोंं ने गुरूवार को कोंटा ब्लॉक मुख्यालय में बैठक आयोजित कर भाजपा नेता सोयम मूका के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही सुकमा पत्रकार संघ ने सर्व सहमति से भाजपा नेता की शिकायत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे सुकमा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत करने का फैसला लिया है।

दरअसल, कोंटा इलाके में गोलापल्ली मेंं लोक निर्माण विभाग द्वारा सडक़ का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त सडक़ निर्माण के दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा बिना अनुमति के सैकड़ों पेड़ों की कटाई की गई। गोपनीय शिकायत के बाद वन विभाग द्वारा मौके पर पहुंचकर एक हाईवा और जेसीबी मशीनोंं पर जब्ती की गई। उक्त मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने वन विभाग की कार्रवाई को प्रमुखता से प्रकाशित किया।

कोंटा के पत्रकार शहनवाज खान ने भी खबर को अपने अखबार में प्रकाशित किया। यह खबर भाजपा नेता सोयम मूका को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने सीधे पत्रकार शहनवाज खान को फोन कर धमकी दे दी। उन्होंने पत्रकार से कहा कि बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली सडक़, पुल—पुलिए का विरोध करते आ रहे हैं। ऐसी खबर प्रकाशित कर आप नक्ससियों का समर्थन कर रहे हैं। एक तरह से आप लोग नक्सलियों के समर्थक हैं। इसके अलावा भाजपा नेता सोयम मूका ने पत्रकार के  निजी जीवन पर भी अशोभनीय टिप्पणी की है। साथ ही भविष्य में ऐसी खबरे प्रकाशित करने पर देख लेने की धमकी दे डाली।

पत्रकारों की स्वतंत्रता पर दबाव डालने का प्रयास....

भाजपा नेता की धमकी के बाद सुकमा पत्रकार संघ ने इसे पत्रकारों के स्वतंत्रता पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। जिला अध्यक्ष पीसा राजेन्द्र ने कहा कि नक्सल इलाकों में पत्रकार बिना किसी वेतन व मेहनताना के काम कर रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों के स्वतंत्रता को खत्म करने का प्रयास सत्ता के नेताओं द्वारा किया जा रहा है। पत्रकार हर समस्या को निष्पक्षता से प्रशासन तक पहुंचाने का काम करता है। सरकारी आयोजनों को भी प्रमुखता से प्रकाशित करता है। जान जोखित में डालकर पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को नक्सली समर्थक कहना गलत है।

वहीं सुकमा के पत्रकार सलीम शेख ने कहा कि एक तरफ सरकार के डिप्टी सीएम विजय शर्मा बस्तर में शांति बहाल करने के लिए बस्तर के पत्रकारों की मदद ले रही तो वहीं सत्ता से जुड़े भाजपा नेता पत्रकारों को नक्सली समर्थक कह रहे हैं। नक्सल इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों के प्रति ऐसी सोच रखना आश्चर्यचकित करता है।

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