सुकमा
![निराशाजनक बजट-हरीश कवासी निराशाजनक बजट-हरीश कवासी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721752259ukma-3.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 जुलाई। जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने बजट 2024 को पूरी तरह से फिसड्डी करार देते हुए निराशाजनक बजट करार दिया है।
हरीश ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह बजट मोदी सरकार ने अपनी बैसाखियों को ध्यान में रखकर लाया है और जिन राज्यों के सहारे मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं उन राज्यों के नेताओं जिसमें विशेष रूप से चंद्रबाबू नायडू और नितिश कुमार को खुश करने बजट पेश किया है।
इस बजट से 140 करोड़ जनता को केवल निराशा ही हाथ लगी है। इसमें ना किसानों को सी-टू फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ के आधार पर एमएसपी की व्यवस्था,न एमएसपी की कानूनी गारंटी,न ही कोई भी बड़ी सिंचाई परियोजना,मध्यवर्गीय नौकरी पेशा वर्ग को उम्मीद थी कि पुराने टैक्स रिज्यूम में बेसिक एग्जामिनेशन लिमिट और अटक तथा एटीडी के डिडक्शन हेतु तहसील में वृद्धि होगी लेकिन पिछले 10 साल की तरह इस बार भी निराशा ही हाथ लगी। नए टैक्स रिजिम में केवल 20त्न लोग ही नए रिजीम रिटर्न भरते हैं उसमें भी केवल वेतन भोगी के लिए मात्र 25000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाना ऊंठ के मुंह में जीरा के समान है।
पुराने टैक्स रिजिम में ना हाउस लोन पर लगने वाले ब्याज की छूट बढ़ाई गई,न ही 80ष्ट की छुट एलआईसी, म्यूचुअल फंड, ट्यूशन फीस, मेडिकल पॉलिसी पर मिलने वाली 80-ष्ठ छूट की सीमा में कोई रियायत मिली।रोजगार है नहीं और ईपीएफओ के प्रोत्साहन का झांसा दिया जा रहा है। वित्तीय घाटा लगातार बढ़ रहा है 14 लाख करोड़ का नया कर्ज देश को गर्त में डूबने वाला है।सीनियर सिटीजन, छात्रों और मासिक पास धारकों को रेलवे में छूट की उम्मीद थी, जो सब्सिडी मोदी सरकार ने छीन ली है,नहीं दी गई।
महंगाई में राहत नहीं, गैस सब्सिडी, डीजल में 10 गुना बढ़ाए गए सेंट्रल एक्साइज में रियायत का कोई जिक्र नहीं।
हरीश ने कहा -छत्तीसगढ़ की उपेक्षा एक बार फिर से जाहिर हो गयी है,रायपुर से राजनांदगांव होकर हैदराबाद एक्सप्रेस वे, जो 2022 में घोषित किया गया था उसे निरस्त कर दिया गया है इस बजट में कोई नया राजमार्ग छत्तीसगढ़ के लिए नहीं है।
रायपुर से बलौदा बाजार होकर रायगढ़ जाने वाली रेल लाइन की घोषणा लगभग 8 साल पहले हुई थी एक नया पैसा इस मद में केंद्र की मोदी सरकार ने नहीं दिया है।
नया रायपुर में एम्स की घोषणा 4 साल पहले की गई थी राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण करके केंद्र को सौंप दिया है लेकिन उसे मत में भी एक नया पैसा केंद्र की मोदी सरकार ने स्वीकृत नहीं किया है।
कृषि उत्पादन, हथकरघा और कपड़ा के एक्सपोर्ट के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है।
लगभग सभी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार नई पेंशन के फर्जी फायदे गिनने में मस्त है, इस बजट से कर्माचारी संघ और उनके परिजनों को भी घोर निराशा हाथ लगी।