रायपुर
![हर हाल में डीई एक वर्ष के भीतर पूरी हो हर हाल में डीई एक वर्ष के भीतर पूरी हो](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719657903antralaya_indrawati_bhawan_1.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जून। विभागीय जांच (डीई) के प्रकरणों की निर्धारित समय सीमा में जांच न होने को लेकर जीएडी ने नाराजगी जताई है। इन मामलों में डेट पर डेट देकर टालने की प्रवृति पर रोक लगाते हुए जीएडी ने हर हाल में एक वर्ष के भीतर जांच पूरी करने कहा है । सचिव जीएडी मुकेश बंसल ने सभी विभागों के एसीएस,पीएस,सचिव और विशेष सचिवों को इस पर एक पत्र लिखा है ।
इसमें कहा है कि शासन के ध्यान में यह आया है कि विभाग डीई के निर्देशों का पालन समुचित रूप से नहीं कर रहे हैं। विभागीय जांच के प्रकरणों की कार्यवाही एक वर्ष की समयावधि में पूरी नहीं की जाती है एवं आरोपी शासकीय सेवक कई वर्षों तक निलम्बन में रहते हैं तथा विभागीय जांच समाप्ति उपरांत उन्हें निलम्बन से बहाल किया जाता है। यदि आरोपी विभागीय जांच में निर्दोष घोषित होता है तो शासन को उसके निलम्बन काल का पूरा वेतन एवं भत्ता भी देना पड़ता है। इस प्रकार शासन द्वारा जारी निर्देशों/आदेशों के अनुरूप विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण करने में बरती जाने वाली ढिलाई के कारण शासन को अनावश्यक रूप से भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है, जबकि वास्तव में निलम्बन होने से उक्त शासकीय सेवक निलम्बन अवधि में कोई कार्य सम्पादित नहीं करता।
यह भी देखा गया है कि अनेक विभागों में विभागीय जांच के प्रकरण बिना यथोचित कारणों से अनावश्यक रूप से दीर्घ समय तक लम्बित रहते हैं जिसके फलस्वरूप शासन और शासकीय सेवक दोनों पक्षों को अनावश्यक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अतएव यदि किसी प्रकरण में निर्धारित समय सीमा से अधिक विलम्ब किसी स्तर पर होता है तो यथोचित कारणों के न पाए जाने पर विलम्ब के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना चाहिए।
विभागीय जांच प्रकरणों में विलम्ब की स्थिति को समाप्त करने के उद्देश्य से जांचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारियों की संविदा नियुक्ति सेवानिवृत्त अधिकारियों के पैनल में से की जावे। सचिव जीएडी ने विभाग में अनुशासनात्मक कार्यवाही संबंधी एक वर्ष से अधिक लम्बित प्रकरणों की जानकारी भी मांगी है।