गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 3 जुलाई। नया काननू लागू होने पर पूर्व सांसद चंदूलाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाया गया नया कानून दंड के बजाय न्याय पर केंद्रित है। जो 1 जुलाई से लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि तीनो पुराने कानून भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, गुलामी की दास्तां कह रही थी, इसके स्थान पर अब नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो रही है जिसका हम स्वागत करते है। ये सब नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है, इसके लिए मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूं।
श्री साहू ने कहा कि नए कानून में पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया और राज द्रोह की जगह देश द्रोह अपराध बना है, मॉब लिंचिंग मामले में कठोर सजा का प्रवधान किया गया है तथा आपराधिक कानूनों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एफआईआर से लेकर फैसले तक को समयसीमा में बांधा गया है। साथ ही आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को कानून का हिस्सा बनाने से मुकदमों का जल्दी निपटारे का रास्ता आसान होगा और अब मुकदमें में तारीख पे तारीख की शिकायत नही रहेगी। आपराधिक मुकदमे की शुरुवात एफआईआर से होती है और उसे अदालत तक पहुचाना सुनिश्चित किया गया है। आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री मोदी जी के पंचप्रण में से एक प्रण गुलामी के हर अंश से मुक्ति का था जिसे नए कानून लागू होने से चरितार्थ हो रहा है।