रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 23 जुलाई। सावन के पूरे महीने को भगवान शिव शंकर का पवित्र मास माना जाता है। महादेव न केवल सांपों के राजा नाग को अपने शरीर पर धारण करते हैं, बल्कि उन्हें सभी तरह के सर्प प्रजाति का रक्षक भी माना जाता है। ऐसे पवित्र मास के ठीक एक दिन पहले अजगर सांप के 11 अंडों से 13 अजगर के बच्चे निकले हैं। सांप के अंडे काफी बुरी स्थिति में होने के बावजूद सर्प रक्षक टीम ने इन सांप के अंडों को न केवल सुरक्षित रखा बल्कि उनसे सुरक्षित ढंग से सांप के बच्चे भी निकालने में सराहनीय भूमिका निभाई है। गांव वाले इस मामले को भगवान भोले शंकर का आशीर्वाद ही मान रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब दस दिन पहले सर्परक्षक एंड एनिमल रेस्क्यू टीम को खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वलो ग्राम कुर्मापाली के एक ग्रामीण के घर के आंगन में लकड़ी रखने वाली जगह पर अजगर के 11 अंडे मिले थे। जिनकी स्थिति पानी पडऩे की वजह से बहुत खराब हो चुकी थी, कुछ अंडे डेमेज दिख रहे थे। उनमें अजगर बच्चों के जीवित रहने की उम्मीद कम थी पर सर्परक्षक एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के द्वारा कोशिश की गई। जिससे सुरक्षित 13 अजगर के बच्चों ने जन्म लिया है।
सर्परक्षक एंड एनिमल रेक्स्यू टीम के सदस्य विनीतेश तिवारी ने बताया कि जब उन्हें अजगर का अंडे मिले थे तब उसकी हालत बहुत खराब थी, पर जिसके बाद उन्हें 60 वाट के बल्ब के नीचे एक निश्चित दूरी बना कर उन्हें सेकने के लिए रखा गया। ऐसे में 10 घंटों के भीतर अजगर के सभी बच्चों ने सुरक्षित और स्वस्थ जन्म ले लिया है।
बताया जा रहा है कि अजगर के सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं और अब इन्हें वनकर्मियों की मौजूदगी में सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके अलावा रेक्स्यू किए गए अन्य सांपों को भी जंगल में छोडऩे की बात रेस्क्यू टीम ने कही है।
रायगढ़ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई बरसों से सांप का रेस्क्यू किया जा रहा है। इस टीम में सर्परक्षक एण्ड एनिमल रेस्क्यू टीम के विनितेश तिवारी, जय नारायण खर्रा, सुमित बेहरा, रवि मिरी, जय यदु, नीरज साव शामिल हैं।
सर्परक्षक एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष विनितेश तिवारी ने बताया कि अंडे देखकर नहीं लग रहा था कि उससे अजगर के बच्चे सुरक्षित निकलेंगे, पर मेहनत सफल हुई और 11 अंडे से 13 अजगर बच्चे निकले हैं। सभी स्वस्थ्य हैं और इसकी जानकारी वन विभाग में डीएफओ को दी गई है।
अब अजगर के बच्चों को जंगल में छोड़ा जाएगा।