रायगढ़
![धरमजयगढ़ वन मंडल में 89 हाथियों की मौजूदगी, फसलें रौंदी, घर तोड़े धरमजयगढ़ वन मंडल में 89 हाथियों की मौजूदगी, फसलें रौंदी, घर तोड़े](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721915406G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’संवाददाता
रायगढ़, 25 जुलाई। रायगढ़ जिले में बरसात के दिनों में भी रायगढ़ जिले के जंगलों विचरण कर रहे हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंगुरसिया में जहां एक दिन पहले कुछ घरों व फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों ने एक ही रात में 20 से अधिक ग्रामीणों के फसलों व घरों को क्षति पहुंचाया है।
जानकारी के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में इन दिनों 89 हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल में नर हाथी 23, मादा हाथी 41 के अलावा 25 शावक शामिल है। वन विभाग के आंकड़े के अनुसार बीती रात हाथियों ने एक ही रात में 21 ग्रामीण किसानों के फसलों का मकान को क्षति पहुंचाया है। जिसमें हाथियों ने छाल रेंज के हाटी बीट में 10 किसानों के धान के थरहा को नुकसान पहुंचाया है। साथ ही साथ लैलूंगा रेंज के पाकरगांव बीट के अंतर्गत आने वाले गांव बिरसिंघा, कुपाकानी, झारआमा, ढोर्रीबीजा में 11 किसानों के धान की फसल के अलावा मकान को हाथियों ने क्षति पहुंचाया है।
रायगढ़ वन मंडल के बाद धरमजयगढ़ वन मंडल में बरसात के दिनों में एक ही रात में 21 किसानों के धान की फसल व मकान को हाथियों के दल के द्वारा क्षति पहुंचाये जाने के बाद इस क्षेत्र के गांव के ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके क्षेत्र में विचरण करने वाले गजराज दिन भर जंगलों में विचरण करने के पश्चात रात होते ही भोजन की तलाश में गांव तक पहुंच रहे हैं और फिर उनके द्वारा इस तरह के नुकसान किया जा रहा है।
गांव में हाथी आने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को मिलने के बाद विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचते है जिसके बाद वे गांव के ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को वापस जंगल में खदेड़ देते है, लेकिन अगले दिन फिर से हाथी गांव में पहुंच जाते हैं। क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए गांव के ग्रामीण भी अब दहशत के साये में यहां भी रतजगा करने पर मजबूर हो गए हैं।