सरगुजा

पत्नी और बच्चे का नाम सर्विस बुक में जुड़वाना अनिवार्य
24-Jul-2024 10:03 PM
पत्नी और बच्चे का नाम सर्विस बुक में जुड़वाना अनिवार्य

55 प्रकरणों की सुनवाई, 23 प्रकरण नस्तीबद्ध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर 24 जुलाई। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य नीता विश्वकर्मा ने बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष अम्बिकापुर में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।

आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 259वीं सुनवाई तथा जिला स्तर में 08वीं सुनवाई की गई। सरगुजा, बलरामपुर एवं जशपुर जिले की जनसुनवाई में  55 प्रकरणों में सुनवाई हुई। जिनमें से आयोग द्वारा 23 प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए। सुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर अमृत लाल ध्रुव, महिला एवं बाल विकास से सहायक संचालक शुभम बंसल उपस्थित रहे।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदक की पदस्थापना जिला सूरजपुर के प्राथमिक शाला कारीमाटी में प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर वर्ष 2011 से पदस्थ हैं तथा लगभग 39 हजार मासिक वेतन है। उसने वर्ष 2017 में आवेदिका से रीति-रिवाज से शादी किया था, जिनसे एक 5 वर्ष का पुत्र है।

 आवेदिका ने बताया कि वर्तमान में वह अपने पुत्र की देख-रेख स्वयं कर रही है, अनावेदक द्वारा किसी प्रकार का भरण-पोषण नहीं दे रहा है। पांच माह पूर्व पिछली सुनवाई में आयोग द्वारा दिए गए निर्देश का पालन भी आवेदक नहीं कर रहा है, जिसमें सर्विस बुक में विवाह के सात साल बाद भी अपनी पत्नी और पुत्र का नाम दर्ज नहीं कराया है। इसके सम्बन्ध में आयोग के निर्देश पर आवेदिका को आर्डर शीट की प्रमाणित प्रति नि:शुल्क प्रदान की गई। जिसे लेकर वह अनावेदक के स्कूल के प्रिंसिपल और सूरजपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर अनावेदक के सर्विस बुक में अपना और अपने बेटे का नाम दर्ज कराये और अपने बेटे के लिये भरण पोषण प्राप्त कर सकती है। ऑर्डर शीट के माध्यम से समस्त अनावेदकगणों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करा सकेगी। आयोग के माध्यम से भी प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर को पत्र प्रेषित कर अनावेदक की सेवा समाप्ति पर जानकारी ली जाएगी। इस निर्देश के पश्चात आयोग से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक उनके ऊपर दबाव डाल रहे हैं कि आयोग से प्रकरण वापस लें अन्यथा आवेदिका के खिलाफ कार्यवाही करेंगे, ऐसी स्थिति में इस प्रकरण की शीघ्र सुनवाई के लिए रायपुर में रखे जाने का अनुरोध किया गया। जिसके आधार पर आयोग ने आगामी सुनवाई रायपुर में रखे जाने की बात कही और यदि अनावेदक उसके बाद भी अनुपस्थित रहेंगे तो राज्यपाल को पत्र लिखकर कार्यकाल समाप्त किए जाने की कार्यवाही की बात कही गई।

एक प्रकरण में आवेदिका ने अपनी पुत्री के गायब होने की शिकायत की थी। अनावेदिका ने बताया कि आवेदिकागणों की शिकायत पर जिला सरगुजा के थाना कमलेश्वरपुर एवं जिला बलरामपुर के थाना राजपुर में विवेचना पुलिस अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है, अभी तक चालान प्रस्तुत नहीं हुआ है। इस प्रकरण में जांच लंबित है। दोनों थाना से आवेदिका की पुत्री की गुमशुदगी और जांच की रिपोर्ट 01 माह में मंगाए जाने एवं अगली सुनवाई रायपुर में रखे जाने कहा गया।

 एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके मृतक बेटे के साथ जेल में प्रताडऩा हुई थी, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हुई है। इस प्रकरण में समस्त दस्तावेज को आवश्यकतानुसार अम्बिकापुर जेल और पुलिस थाना मणिपुर सरगुजा से गिरफ्तारी सहित समस्त दस्तावेज एक माह के अंदर मंगाया गया है। दस्तावेजों के अनुसार सुनवाई रायपुर में रखी जाएगी। 

 इसी प्रकार एक प्रकरण में आवेदिका द्वारा बताया गया कि उसकी जमीन का सीमांकन अनावेदक ने नहीं किया है। अनावेदक ने दस्तावेज प्रस्तुत किया जिसमें आवेदिका का हस्ताक्षर है और उसके जमीन का सीमांकन भी प्रस्तुत किया, जिसमें आवेदिका के जमीन का सीमांकन पाया गया। जिस कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। वहीं एक प्रकरण मे आवेदिका ने अपना प्रकरण समाप्त करने के लिये अनुरोध किया। दोनों पक्षों के बीच सुलह होने पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य गांव का आपसी विवाद है। अनावेदक ने बताया कि शिकायत पर आवेदिका के भाई को जिलाबदर किया गया है। दस्तावेज देखा गया, प्रकरण आपसी रंजिश का प्रतीत होने पर से दोनों पक्षों को सलाह दिया गया कि उचित फोरम में शिकायत दर्ज करें तथा प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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