रायपुर
![दवा, उपकरण खरीदी की ईओडब्ल्यू जांच से मंत्री का इंकार, तीन आईएएस करेंगे जांच दवा, उपकरण खरीदी की ईओडब्ल्यू जांच से मंत्री का इंकार, तीन आईएएस करेंगे जांच](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721901752hyam_bihari_jaisawal_copy.jpg)
कौशिक, अमर ने घेरा स्वास्थ्य मंत्री को
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 जुलाई। दवा और उपकरण खरीदी में करोड़ो अनियमितता,भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा विधायकों ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को घेरा। इससे पहले इंकार करने पर जब विधायकों ने परतें खोली तो जायसवाल ने कहा तीन आईएएस अफसरों की कमेटी से तीन महीने के भीतर जांच कराई जाएगी।
वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने अपनी ध्यानाकर्षण सूचना में कहा कि सीजीएमएससी ने दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। एजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई थी।नियमों के विरुद्ध बाजार दर से अधिक क़ीमत पर खऱीदी की गई। बिना मांग सरकारी अस्पतालों में जांच कीट भेजी गई।तीस से अधिक जिलों में बग़ैर डिमांड के रिएजेंट भेज दिया गया। इसकी खऱीदी कई गुना अधिक दर पर की गई। लगातार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि खुली निविदा जारी कर सीजीएमएससी ने दवा और उपकरण की खऱीदी की है। एजी रिपोर्ट आने के बाद तथ्य देकर विभाग उसका निराकरण करता है।अन्य राज्यों के कारपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीदी का दर तय किया जाता है। पिछले तीन सालों में बगैर डिमांड के खरीदी नहीं की गई है। हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और रिएजेंट की खऱीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है। रिएजेंट कालातीत नहीं हुए है। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खऱाब होने का आरोप सत्य नहीं है। ऑटो एनालाइजर मशीन की खऱीदी कई गुना दर पर खऱीदी का आरोप भी सही नहीं है।खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है।
कौशिक ने कहा कि ये अरबों रुपये के घोटाले का मामला है।12- 13 दिसंबर 22 को एजी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत किसने की थी? किन-किन लोगों के खिलाफ शिकायत हुई थी।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि सीएजी की ऑडिट सतत चलने वाली प्रक्रिया है। अब तक कुल 25 शिकायत प्राप्त हुई है।इनमें से 15 शिकायतों का निराकरण हो गया है, दस प्रक्रियाधीन है। कौशिक ने कहा कि मीनाक्षी गौतम सीजीएमएससी में महाप्रबंधक वित्त के पद पर थी।क्या इनके विरुद्ध शिकायत हुई थी। मंत्री ने इंकार किया। कौशिक ने पूछा कि- ट्यूब की खरीदी किस दर पर की गई थी?
मंत्री जायसवाल ने कहा कि सौ ट्यूब के एक बंडल 2352 रुपये में खऱीदी बताई गई थी।अन्य संस्थानों में 8 रुपये 50 पैसे की दर थी। मोक्षित कॉपोरेशन से 100 रुपये की दर पर खरीदी की गई।कौशिक ने कहा सिविल सर्जन रायगढ़ ने 2.15 पैसे में खऱीदा था।सरगुजा में लगभग इसी दर पर खऱीदी की थी।डी डाइमर 2022 में किस दर पर खऱीदी गई थी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- सीजीएमएससी द्वारा सैकड़ों प्रकार के आइटम की खरीदी होती है।स्पेसिफक़ि बता पाना मुश्किल है।
कौशिक ने कहा कि सीजीएमएससी ने 10 लाख 95 हज़ार में खऱीदा है। आज की क़ीमत ऑनलाइन पांच लाख रुपये है, यानी डबल दर पर खरीदी की गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे मोबाइल है एपल इसके कई वेरियेंट होते हैं। वेरियेंट के हिसाब से उसकी दर तय होती है। इसी तरह अलग अलग वेरियेंट की खऱीदी उसके स्पेसिफक़िेशन के आधार पर खऱीदी होती है. जेम पोर्टल पर दिखाए जाने वाले स्पेसिफक़िेशन और क्वालिटी में अंतर होता है.गुण दोष का अंतर है । कौशिक ने कहा- गुण दोष का अंतर नहीं है,यहाँ कमीशन का मसला है। कौशिक ने पूछा- इस मामले की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई थी, क्या जांच रिपोर्ट आ गई? जायसवाल ने कहा- पिछली सरकार में दवा खरीदी और उपकरण खऱीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी।साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई, जांच व्यापक है इसलिए समय लगेगा।
कौशिक ने कहा क्या इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी?स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- तीन महीने के भीतर इसकी जांच कराई जाएगी।
भाजपा विधायक अमर अग्रवाल ने पूरक प्रश्न पूछा कि दवा खरीदी और उपकरण खरीदी की डिमांड कैसे आती है और इसकी खरीदी कैसे होती है? मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम द्वारा डिमांड भेजा जाता है। इस डिमांड के आधार पर खरीदी होती है। अग्रवाल ने कहा कि जहां ज़रूरत भी नहीं थी। उन जगहों के लिए भी डिमांड भेजी गई।
सप्लायर डिमांड क्रियेट कराते हैं। उसके बाद डिमांड भेजी जाती है. ऐसे प्रकरणों की क्या ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी? जायसवाल ने कहा- तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की जांच कर रही है।