रायपुर
नगर निगम गार्डन में लोगों ने सुनी लोकवाणी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को लोकवाणी में कहा कि राज्य की नई जल संसाधन नीति तैयार हो गई है। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य है।
श्री बघेल ने कहा कि नरवा योजना प्रदेश में भू-जल की रिचार्जिंग का बहुत बड़ा साधन बन रही है। सरकार के प्रयासों को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी सराहा गया है। बिलासपुर और सूरजपुर जिले की परियोजनाओं को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। पुरानी जल संसाधन परियोजनाओं की कमियों को दूर किया ताकि वास्तविक सिंचाई का रकबा बढ़े, इसके अलावा भी बड़ी-बड़ी नई योजनाएं हाथ में ली हैं।
बोधघाट के अलावा शेखरपुर बांध, ढांडपानी बांध, रेहर अटेम जैसी 15 परियोजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा था। हमारा लक्ष्य है कि आगामी 5 साल में प्रदेश में ऐसी जल अधोसंरचनाओं का विकास हो जाए, जिससे राज्य की सिंचाई क्षमता दोगुनी हो जाए। मैं यह खुशखबरी भी साझा करना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ की नई जल संसाधन विकास नीति तैयार करने का काम पूरा हो चुका है। जल्दी ही प्रदेश को नई जल संसाधन नीति के रूप में अधोसंरचना विकास की नई सौगात मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ‘जवाहर सेतु योजना’ लाई जो सडक़ों को पुल-पुलियों से जोडऩे की योजना है। दो साल में हमने लगभग 200 बड़े पुल-पुलिया बनाने का काम हाथ में लिया और उसे पूरा कर रहे हैं। श्री बघेल ने कहा कि हमने ‘मुख्यमंत्री सुगम सडक़ योजना’ लाई, जिसके तहत लगभग 2200 ऐसी सडक़ें बना रहे हैं, जो सरकारी दफ्तरों को जोड़ती हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली में भी ऐसा ही किया गया है। जहां किसी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना से ब्लैक आउट हो जाता था, उन अंचलों में बिजली के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का नेटवर्क पूरा किया, जिससे वहां दोहरी-तिहरी ओर से आपूर्ति की व्यवस्था हो जाए। बस्तर इसका एक बड़ा उदाहरण है।
इसके साथ पूरे राज्य में बिजली उप केन्द्रों, पारेषण व वितरण लाइनों का जाल बिछा रहे हैं, जिसके कारण बसाहटों में विद्युतीकरण का नया कीर्तिमान बना है और बिजली बिल हाफ करने का वादा निभाना भी संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह हमने राज्य की अधोसंरचना को संतुलित और विस्तृत करने पर जोर दिया ताकि यह विश्वसनीय बने।