रायपुर

छत्तीसगढ़ में नदी-नालों को मिल रहा नया जीवन
21-Feb-2021 5:26 PM
छत्तीसगढ़ में नदी-नालों को मिल रहा नया जीवन

सीएम की पहल पर 1310 नालों की दशा संवार कर जल संरक्षण का हो रहा है काम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए संचालित नरवा (नाला) विकास योजना के जरिए राज्य के नदी-नालों और जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। राज्य में संचालित नरवा विकास योजना दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गुरवा, घुरवा, बाड़ी का एक घटक है। नरवा विकास के माध्यम से वर्षा जल को सहेजने के लिए तेजी से नालों का उपचार कराया जा रहा है।

 प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ राज्य में 1385 नरवा (नाला) उपचार के लिए चिन्हित किए गए हैं। जिसमें से 1372 नालों में वर्षा जल की रोकथाम के लिए बोल्डर चेक, गली प्लग, ब्रश हुड, परकोलेशन टैंक जैसी संरचनाओं का निर्माण एवं उपचार कर पानी को रोकने और भू-जल स्तर बेहतर बनाने  प्लान तैयार कर काम कराया जा रहा है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक नरवा (नाला) के तहत अब तक 1310 नालों में वर्षा जल को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के 71 हजार 831 स्ट्रक्चर बनाए जाने की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 51 हजार 742 स्ट्रक्चर का निर्माण हो चुका है।  अभी 9 हजार 685 स्ट्रक्चर निर्माणाधीन है। लगभग दो सालों से छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों का सकारात्मक परिणाम भी अब दिखाई देने लगा है।

छत्तीसगढ़ राज्य में पानी को रोकने की इस मुहिम को केन्द्र सरकार ने न सिर्फ  सराहा है, बल्कि सूरजपुर और बिलासपुर जिले को नेशनल वाटर अवार्ड से सम्मानित भी किया है। यह नेशनल वाटर अवार्ड बिलासपुर जिले को नदी-नालों के पुनरूद्धार के लिए और सूरजपुर जिले को जल संरक्षण के उल्लेेखनीय कार्यों के लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य के जिन-जिन क्षेत्रों में नरवा उपचार के काम हुए हैं, वहां भू-जल स्तर में आशातीत वृद्धि हुई है। नालों में जल भराव होने से किसान अब बेहतर तरीके से फसलोत्पादन के साथ-साथ साग-सब्जी की भी खेती करने लगे हैं। नालों के पानी को लिफ्ट करने से किसानों को सिंचाई की भी सुविधा मिली है।

श्री बघेल का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के माध्यम से गांवों को विकसित और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की पहल की जा रही है । दरअसल यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का गांव गढऩे की दिशा में बढ़ते कदम है। इसके माध्यम से नदी-नालों एवं पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देकर पौष्टिक खाद्यान्न, फल तथा सब्जी-भाजी के उत्पादन को बेहतर बनाना है, ताकि गांव आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके।

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