महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 5 मार्च। कलेक्टर डोमन सिंह की सतत् प्रयासों के बाद निरस्त वनाधिकार के पुनर्विचार दावों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब तक व्यक्तिगत वनाधिकार के निरस्त कुल 2278 आवेदनों पर पुनर्विचार किए गए जिनमें से 216 दावे पात्र पाए गए। इनमें महासमुन्द विकासखण्ड के 17, बागबाहरा के 63, पिथौरा के 32, बसना के 48 और सरायपाली के 56 दावें शामिल हैं।
इन पात्र दावों में स्वीकृत भूमि का क्षेत्रफल 125.966 हेक्टेयर है। वहीं सामुदायिक वनाधिकार के पुनर्विचार के कुल 43 दावे हैं जिनमें बागबाहरा से 35 और सरायपाली के 8 शामिल हैं। इनका भूमि क्षेत्रफल 4882.35 हेक्टेयर है। इसी प्रकार वन संसाधन अधिकार के पुनर्विचार हेतु प्राप्त 54 दावों को जांच परीक्षण उपरांत सही पाया गया। इन दावों में महासमुन्द विकासखण्ड से 15, बागबाहरा से 30, पिथौरा से 5, बसना से 2 और सरायपाली से भी 2 दावे प्राप्त हुए थे। इन दावों की स्वीकृत भूमि का क्षेत्रफल 14539.007 है।
आदिम जाति विकास अधिकारी ने बताया कि लगभग आधे से ज्यादा वनाधिकार मान्यता पत्र जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में जिला प्रभारी मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के माध्यम से हितग्राहियों को सौंपे गए हैं। कलेक्टर डोमन सिंह ने वनाधिकार पत्र दावों की तुलना में वितरित मान्यता पत्रों की स्थितियों पर गौर किरते हुए निरस्त किए गए वनाधिकार आवेदनों पर पुन:विचार कर निराकृत करने करने के निर्देश अपने मातहतों को दिए थे।
उन्होंने सामुदायिक वनाधिकारों को मान्यता प्राप्त कराने हेतु व्यक्तिगत रुचि लेते हुए विभिन्न सामुदायिक प्रायोजनों हेतु ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक दावे आमंत्रित करने के निर्देश दिए थे।
मालूम हो कि जिले में इस वर्ष 72 वें गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2021 को पहली बार वनाधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 के अंतर्गत वनाधिकार पत्र मिले। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पांच ग्रामों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरण की शुरूआत थी। इस मौके पर पांच लोगों को व्यक्तिगत वनाधिकार सौंपे गए थे। इन दोनों का कुल रकबा लगभग 10 हजार हेक्टेयर था।