जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव जशपुर, 7 मार्च। दिगंबर जैन धर्म के आचार्य भरत सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य पंचकल्याणक सागर महाराज का निधन बुधवार देर रात 1.35 बजे हो गया। आचार्य पंचकल्याणक सागर सम्मेद शिखर की ओर विहार कर रहे थे। इस दौरान सफर में जशपुर जिले के कुनकुरी से 18 किलोमीटर दूर चेटवा में वह देवलोक सिधार गए।
जैन समाज की ओर से जिले के कुनकुरी में परंपरा के अनुसार आचार्य पंचकल्याणक सागर जी का अंतिम संस्कार किया गया। अग्नि संस्कार गुरुवार दोपहर 2 पंडित अरविंद, रांची के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। आचार्य पंचकल्याणक सागर महाराज की डोला यात्रा सुबह 6.30 ग्राम चेटवा से निकल कर कुनकुरी पहुंचा।
आचार्य पंचकल्याणक सागर महाराज का अंतिम संस्कार कुनकुरी स्थित जैन धर्म शाला के पास किया गया। आचार्य पंचकल्याणक सागर महाराज के साथ यात्रा कर रहे लोगों ने बताया कि बुधवार रात करीब 1 बजे आचार्य ने कहा कि उनके मृत्यु का समय नजदीक है। उन्हें उत्तर की दिशा में सर रख कर सुला दिया जाए। इसके बाद रात 1.35 मिनट पर उनका देहांत हो गया। आचार्य पंचकल्याणक सागर जी महाराज के अंतिम संस्कार में शांति धारा और मुखाग्नि देने का सौभाग्य सन्ना के राजकुमार गंगवाल और मुकेश जैन गंगवाल को प्राप्त हुआ।