सूरजपुर
शिलालेख एवं आमंत्रण कार्ड में नाम को लेकर दो दिनों तक चला विवाद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी , 7 मार्च। केशकाल विधायक संतराम नेताम ने ग्राम बांसकोट में तहसील कार्यालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि तहसील कार्यालय खुलने से ग्राम बांसकोट का विकास होगा। साथ ही आसपास के गांवों को सुविधा मिलेगी। इसके पूर्व राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लम्बी दूरी तय करके विश्रामपुरी जाना पड़ता था। बड़बतर, जोड़ेकेरा, गमरी जैसे दूरस्थ गांव के लोगों को तहसील के कार्यों के लिए लंबी दूरी तय कर विश्रामपुरी जाना पड़ता था। कई बार किसी कारणवश काम नहीं होने से लोगों को बार-बार लंबी दूरी तय करने से समय एवं धन की बर्बादी होती थी। अब बांसकोट में तहसील कार्यालय खुलने से लोगों को सुविधा मिल पाएगी।
शनिवार की शाम क्षेत्रीय विधायक एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता तथा अधिकारी कर्मचारी भी उनके साथ पहुंचे थे। लगभग 25 गाडिय़ों का काफिला तहसील कार्यालय खोलने के लिए पहुंचा।इस अवसर पर विधायक ने बांसकोट मे नये ग्राम पंचायत भवन की भी सौगात दी।
इस अवसर पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि किसी भी गांव में तहसील कार्यालय का खुलना विकास की एक नई कड़ी है। इसके माध्यम से क्षेत्र का धीरे-धीरे निश्चित रूप से विकास होता है तथा ग्रामीणों की समस्याओं का तत्कालिक निराकरण हो पाता है। गांव में राजस्व संबंधी नामांतरण, सीमांकन के कार्य का शीघ्र निपटारा होता है। साथ ही आय जाति निवास के लिए लोगों को दूर नहीं जाना पड़ता। इसके चलते लोगों का समय भी बचता है।
जनपद उपाध्यक्ष श्यामा साहू ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक संतराम नेताम ने क्षेत्र की ग्रामीणों की मांगों को ध्यान में रखते हुए तहसील कार्यालय की सौगात दी है। बांसकोट के सरपंच डूडी राम मरकाम ने कहा कि विधायक संतराम नेताम के द्वारा गांव-गांव में घूमकर समस्याओं का निराकरण किया जाता है। इसी कड़ी में उन्होंने क्षेत्र के लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए तहसील कार्यालय का उद्घाटन किया है उन्होंने यहां जिला सहकारी बैंक के शाखा खोलने की भी मांग की है। सभा को रामकुमार कश्यप ने भी संबोधित किया।
इसके पूर्व ग्रामीणों ने विधायक का जगह जगह जोरदार स्वागत किया।
दो गुटों में दिखे कांग्रेसी
बांसकोट में तहसील उद्घाटन के कार्यक्रम में पहले दिन से ही कांग्रेसी दो गुटों में बंटे हुए थे शिलालेख एवं आमंत्रण कार्ड में नाम को लेकर खींचतान चल रही थी। दो प्रकार के आमंत्रण कार्ड बांटे जा रहे थे। जिसमें जनपद उपाध्यक्ष श्यामा साहू का नाम पहले ऊपर था बाद में उसे नीचे कर दिया गया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ जो अधिकारियों तक पहुंच गया। दूसरे गुट के विधायक संतराम नेताम के ही खास समर्थक सरोज सार्दुल ने शिलालेख में जनपद उपाध्यक्ष का नाम ही हटा दिया था। जिसे लेकर विश्रामपुरी तहसीलदार एवं एसडीएम को शिकायत की गई। उक्त अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का हवाला देकर सरोज को समझाने बुझाने की कोशिश की थी किंतु वह मानने को तैयार नहीं थी तत्पश्चात दोनों गुटों के लोगों ने अलग-अलग शिलालेख लेकर पहुंचे थे। एक शिलालेख में जनपद उपाध्यक्ष का नाम गायब था तो दूसरे में उनका नाम शामिल था।
विधायक भी तालमेल नहीं बना पा रहे थे। कार्यक्रम के वक्त तक यह स्थिति थी कि कभी भी विवाद एवं झगड़े की स्थिति निर्मित हो सकती है। किंतु प्रशासनिक अधिकारियों एवं विधायक को तब खुशी हुई जब कार्यक्रम पूरी तरह शांति से निपट गया। कार्यक्रम में स्वागत के समय भी कई लोगों का नाम हट गया था तो कई नाम जुड़ गए थे जिसे लेकर काफी चर्चा रही।