जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 24 मार्च। भारतीय सनातन संस्कृति में कुम्भस्नान का विशेष धार्मिक महत्ता बताया गया हैं।इस वर्ष 14 जनवरी से 27 अप्रैल तक हरिद्वार में कुम्भ पर्व की पुण्य तिथि है।किन्तु वर्तमान की विषम परिस्थिति कोरोना काल में हम सभी को कुम्भ स्नान की अनुमति नहीं मिल सकती है।ऐसे में शांतिकुंज हरिद्वार ने अभियान चलाया है। आप के द्वार, पहुंचा हरिद्वार।
कुम्भ पर्व 2021 के अवसर पर इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि गंगा मैया को ही आपके घर में स्थापित किया जाये। इसी लिए हर हर गंगे-घर घर गंगे अंतर्गत गंगाजली-देव स्थापना के माध्यम से लाखों श्रद्धालु परिवार को कुम्भस्नान का पुण्य लाभ उपलब्ध कराने का प्रयास गायत्री परिवार कर रहा है। देव परिवार निर्माण का यह बीजारोपण है।नइसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार से निम्न आग्रह किया जा रहा है।
घर परिवार में आध्यात्मिक वातावरण बनाने हेतु भावभरी गायत्री उपासना-साधना का नियमित क्रम बनाये रखना। भोजन से पूर्व बलिवैश्वदेव यज्ञ की परंपरा को अपनाना। सायंकाल परिवार में सत्साहित्य का पठान पाठन।
सुसंस्कारिता की स्थापना हेतु परिवार सदस्यों का जन्मदिन, विवाह दिन...आदि संस्कार सम्पन्न कराना।
समाज में सत्प्रवृत्तियों के प्रचार प्रसार के लिए समय दान, अंश दान और धर्म घट की स्थापना।
परिवार में देव अनुग्रह प्राप्त करने के लिए चैत्र नवरात्र में अधिक से अधिक साधकों द्वारा जप अनुष्ठान हेतु निवेदन एवं 26 मई 2021 को विश्व में एक साथ *गृहे गृहे गायत्री यज्ञ सम्पन्न करना। गायत्री परिवार की यह भाव भरी आवाज है, अनसुनी ना करें। मानव में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण* का एक अनूठा कदम है।