गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 16 जुलाई। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में जुड़वास या माता पहुँचनी पर्व धूमधाम से मनाया गया।
गुरुवार को पडऩे वाले आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में देवी शीतला को प्रसन्न और रोगमुक्ति के लिए नगर सहित ग्रामीण अंचलों में देवी शीतला मंदिरों में जुड़वास पूजा की बड़ी धूम है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष साल के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष या यूँ कहे कि महाप्रभु जगन्नाथ जी के रथयात्रा पर्व के बाद गुप्त नवरात्रि में मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ की धरती त्यौहार और पर्वो की धरा मानी जाती है और यहाँ पर्व और त्यौहारों की कमी नहीं है, इसी कड़ी में गुरुवार को देवी शीतला मंदिर में जुड़वास या माता पहुँचनी का विशेष महत्व होता है, माता शीतला का मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गाँव में होता है और इसे ग्राम देवी के नाम से जाना जाता है और मान्यता के अनुसार मुख्य रूप से गांवों में सुख-शांति और समस्त रोगों का निवारण का प्रतीक माना जाता है और इसकी पूजा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
गरियाबंद क्षेत्र में गुरुवार को शीतला मन्दिरो में माता शीतला की जुड़वास पूजा श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम से मनाया गया। जिसमें ग्रामीणों द्वारा माता की पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।
शीतला मंदिर के पुजारी से ग्रामीण प्रसाद तथा समस्त रोगों के निवारण के लिए माता शीतला से मन्नत माँगी गई, साथ ही साथ खरीफ के फसल की बुआई सम्पन्न करके फसल को रोगमुक्त रखने और अपने अपने परिवार को रोगों से दूर करने के लिए दुआएँ अर्पित किए।
इस वर्ष माता शीतला का जुड़वास इसलिए खास है क्योंकि देश पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस दूसरे लहर से ग्रामीण अंचल को खासा प्रभावित किया है इसलिए लोग माता से प्रार्थना कर रहे हैं कि इस कोरोना रूपी महामारी बीमारी को दूर करे और सभी के जीवन में पहले जैसे सुख-शांति आए यही दुआएँ मांगकर श्रद्धालु मंदिरों में आशीष ले रहे हैं।