महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 27 जुलाई। इस साल शुरुआती बारिश के बाद मानसून पर ब्रेक लग गया है। जिले में पिछले साल की तुलना में काफी कम बारिश हुई है। इसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है। जिले में धान बोआई का काम लगभग पूरा हो चुका है और रोपा लगाने का काम जारी है।
किसानों का कहना है कि बारिश की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। बारिश पर निर्भर रहने वाले किसान तो काफी परेशान हैं ही और ऐसे किसान भी काफी परेशान हैं जिनके पास बोरवेल्स या पानी के अन्य साधन हैं। क्योंकि खेतों में पानी देने के बावजूद आवश्यकता बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक इस साल जिले में अब तक 435 मिमी बारिश हुई है, जो जिले में होने वाली औसत बारिश से 35 मिमी कम है। वहीं पिछले साल की तुलना करें तो 216 मिमी कम बारिश इस वर्ष 26 जुलाई तक हुई है। बारिश नहीं होने के कारण किसानी कार्य पिछड़ रहा है। मताई के लिए पानी बहुत जरूरी है। इसी तरह रोपा लगाने के लिए भी खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। कई खेतोंमें इस समय रोपाई कार्य जारी है। रोपाई के बाद धान को पानी नहीं मिला तो काफी परेशानी होगी। सिंचाई के साधन होने के बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
पिछले महीने 26 जून तक होने वाली औसत बारिश के पिछले 10 वर्ष के औसत पर नजर डालें तो पिछले 6 वर्षों में साल 2020 में ही औसत से अधिक बारिश जिले में हुई थी। 10 वर्ष की औसत वर्षा पर नजर डालें तो जिले में 26 जून तक की स्थिति में 470 मिमी बारिश होती है लेकिन इस वर्ष केवल 435 मिमी ही बारिश हुई है। वहीं साल 2020 में 26 जून की स्थिति में 651 मिमी बारिश इस सीजन तक हो चुकी थी। मौसम विभाग का कहना है कि आज 27 जुलाई को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। प्रदेश में एक.दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा भी हो सकती है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट संभावित है।--