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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। सात माह से शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने वाले को तेलीबांधा पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया है।
प्रार्थिया द्वारा एक लिखित शिकायत पेश किया कि आज से तीन साल पहले प्रार्थिया व आरोपी एक ही जगह में काम करते थे तथा धीरे-धीरे दोनो की जान पहचान हुई और करीब 7 माह आरोपी द्वारा प्रार्थिया के घर में खाना लेने के लिये आया था। घर मे कोई न होने से प्रार्थिया के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया था, जिसकी रिपोर्ट प्रार्थिया लिखाने जाने लगी तो शादी करूंगा, रिपोर्ट मत लिखाओ कहकर 7 माह से शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध स्थापित करता रहा। और जब प्रार्थिया द्वारा शादी करने कहा गया तो शादी करने से इंकार कर दिया। प्रार्थिया के आवेदन पर धारा 376(2)(एन) भा.दं.सं. पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण के आरोपी द्वारा जुर्म स्वीकार किये जाने से एवं पर्याप्त साक्ष्य भी मिले। इस पर आरोपी शेष नारायण नायक उर्फ राहुल पिता संतोष कुमार नायक उम्र 26 वर्ष साकिन प्रगति नगर थाना पंडरी को आज गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया।
नगरीय प्रशासन मंत्री से चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। बलौदाबाजार के श्रमिकों के प्रतिनिधिमण्डल ने पाठ्यपुस्तक निगम के चेयरमैन शैलेश नितिन त्रिवेदी से अपनी सेवाशर्तों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की, और उनसे हस्तक्षेप कर समस्याओं के निराकरण का आग्रह किया। त्रिवेदी ने इस सिलसिले में श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया से बात की है।
बलौदाबाजार कलेक्टर को श्रमिकों द्वारा यह शिकायत जब सर्किट हाउस में दे रहे थे तब उन्हें राजपत्र की एक कॉपी भी दी जिस नियम के तहत 60 वर्ष तक काम करने का नियम है।
पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त शैलेश नितिन त्रिवेदी ने श्रमिकों से कहा कि समय से पूर्व सेवा निर्वित किए जाने का कांग्रेस पार्टी पूर्ण रूप से विरोध करेगी और संबंधित सीमेंट संयंत्रों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जावेगी साथ ही पीड़ित आवेदकों को न्याय दिलाकर रहेंगे।
उत्पादों का विदेश में किया जाएगा निर्यात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। आज वनांचल पैकेज के अंतर्गत बस्तर संभाग में लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु दो त्रिपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। पहला समझौता बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड कुम्हार पारा, बस्तर के साथ कोण्डागांव जिले में महुआ प्रसंस्करण केन्द्र स्थापना के लिए तथा दूसरा समझौता मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, पुणे (महाराष्ट्र) के साथ बस्तर जिले में इमली प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना के लिए किया गया।
इस समझौता पत्रक में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रभुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, तथा छ.ग राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज एवं बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक शुभांक चन्द्राकर तथा मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड संचालक कार्तिक कपूर ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के तहत बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 4 करोड़ रूपए की लागत से ़कोण्डागांव जिले में महुआ डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित किया जायेगा, जिसकी क्षमता 600 किलोलीटर प्रतिवर्ष होगी। इस प्लांट के द्वारा तैयार अधिकांश उत्पाद को अन्य देशों में निर्यात किया जावेगा। इस प्लांट के लगने से बस्तर क्षेत्र में फूड ग्रेड महुआ का उपयोग होगा, जिससे उस क्षेत्र के संग्राहकों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जिला बस्तर के लोहण्डीगुड़ा विकासखंड के ग्राम छिन्दगांव में 4 करोड़ 30 लाख रूपए की लागत से इमली प्रंसस्करण केन्द्र की स्थापना की जावेगी। इस प्रसंस्करण केंद्र में इमली का पेस्ट, इमली बीज का पावडर तथा इमली ब्रिक्स तैयार किया जायेगा। इस इकाई की वार्षिक क्षमता 4500 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की होगी। इस प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना से बस्तर इमली का प्रसंस्करण करते हुए तथा उसके बीज का भी उपयोग करते हुए तैयार उत्पादों को देश के बाहर विदेशों में भी विक्रय किया जायेगा। इन दोनों प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना से स्थानीय लोगों को जहां रोजगार प्राप्त होगा, वहीं इमली एवं महुआ के संग्राहकों को उनकी उपज का समुचित मूल्य मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिक से अधिक संख्या में लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के निर्देश दिए हैं। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के राज्य लघु वनोपज संघ के द्वारा लघु वनोपज प्रसंस्करण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बड़ी संख्या में स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ नामक ब्राण्ड के तहत विभिन्न हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रही है। इसके साथ ही संघ निजी निवेशकों को भी लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयाँ की स्थापना कराने हेतु प्रयासरत हैं। इसके पूर्व भी कॉकेर जिले में कोदो, कुटकी एवं रागी के प्रसंस्करण हेतु निजी निवेशक के साथ समझौता पत्रक हस्ताक्षरित किया जा चुका है। ये समस्त औद्योगिक इकाईयां शीघ्र ही उत्पादन प्रारंभ करेंगी, जिससे प्रदेश में उत्पादित लघु वनोपज का प्रसंस्करण प्रदेश के भीतर ही किया जाना संभव हो सकेगा, जिसका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ 13 लाख से अधिक तेंदूपत्ता एवं वनोपज संग्राहकों को मिलेगा।
भेंट-मुलाकात पर पूर्व सीएम का हमला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। पूर्व सीएम रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम को लेकर राजनीति हमला किया है। उन्होंने कहा कि कोंटा की सभा में सीएम ने कहा कि पौने 4 साल बाद मैं कोंटा आया हूं, जो मांगना है मांग ले। यह दिखाता है कि वह बस्तर के लिए कितने संवेदनशील हैं।
डॉ. रमन सिंह एयरपोर्ट में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वे जयपुर जा रहें हैं जहां कल से भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।
रमन सिंह ने कहा कि 30 मई को केंद्र की मोदी सरकार का 8 साल पूरा होने जा रहा है. इसको लेकर कार्यक्रम तय किए जाएंगे. मोदी सरकार के आने के बाद जो आत्मविश्वास देश के अंदर आया जो डेवलपमेंट के काम हुआ है. इसके अलावा जो मोदी सरकार के महत्वपूर्ण काम है. उसको लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी.
नक्सलवाद पर मुख्यमंत्री के बयान पर रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की भूमिका लगातार बदलती रहती है, जब चाहे जो बयान बाजी कर देते हैं, फिर उस बयान को दूसरे बयान में बदल देते हैं. नक्सली संविधान के दायरे में भारत के झंडे के नीचे अगर बात करना चाहे या तो राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की रणनीति है।
ज्ञानवापी मुद्दे पर रमन ने कहा कि यथार्थ और सच्चाई न्यायालय के आदेश का निराकरण होना चाहिए. जैसे पूर्व में घटना को देखते हुए जिस प्रकार राम जन्मभूमि के मुद्दे को लेकर न्यायालय ने आदेश दिया, उस आदेश को दोनों पक्ष ने माना तो मुझे ऐसा लगता है, अब वह वक्त आ गया है. ज्ञानवापी के मामले में भी जो न्यायालय का आदेश होता है. दोनों पक्षों को मानना चाहिए.
रायपुर में हिंदू संगठनों ने लाउडस्पीकर बंद करने की मांग पर पूर्व सीएम ने कहा कि जिस प्रकार से पूरे देशभर में चर्चा चल रही है. आपसी सामंजस्य से सब बातों का निराकरण करना चाहिए.
रायपुर, 19 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा मुख्य एवं अवसर परीक्षा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की समय-सारणी घोषित कर दी गई है। यह परीक्षा 15 से 30 जून तक प्रातः 8 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। विस्तृत समय-सारणी मंडल की वेबसाईट www.cgbse.nic.in पर उपलब्ध है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी द्वारा जारी जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुरूप भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को छत्तीसगढ़ राज्य शासन के प्रमुख विभागों की कार्यप्रणाली एवं गतिविधियां आदि समझने हेतु विभिन्न विभागों में संलग्न किया गया है।
इस परिपेक्ष्य में आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने नव नियुक्त अधिकारियों को महिला आयोग के कार्यप्रणाली एवं योजनाओं से संबंधित समस्त जानकारी से अवगत कराई।आयोग के कार्यो को अधिकारियों ने विस्तार से जाना और समझा।
इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस की रिपोर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर। केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में 2025-26 तक पेट्रोल में 10 की जगह 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने को मंजूरी दे दी। दरअसल, केंद्र सरकार की नजर पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर लगने वाले 551 बिलियन डॉलर के उस बिल को कम करने की तरफ है, जो लगातार बढ़ रहा है। लेकिन बुधवार के फैसले से देश को मक्के और गन्ने जैसी फसलों का रकबा बढ़ाना होगा, जो कि एथेनॉल बनाने के लिए चारे की तरह काम करता है। भारत में केंद्र सरकार का यह फैसला किसानों के साथ वाहन मालिकों का भी खासा नुकसान करेगा, क्योंकि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से उनकी गाडिय़ों का माइलेज बिगड़ जाएगा।
भारत फिलहाल अपनी पेट्रोलियम पदार्थों की जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करता है। सरकार की दलील है कि पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर अगले 6 साल में 20 फीसदी करने से उसका पेट्रोलियम आयात का खर्च 4 बिलियन डॉलर, यानी करीब 30 हजार करोड़ रपए कम होगा। मूल रूप से एथेनॉल की ब्लेंडिंग को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का सुझाव नीति आयोग की तरफ से आया था, जिसके कैबिनेट ने मंजूर किया है। सरकार का यह भी दावा है कि पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग से प्रदूषण कम होगा। हालांकि इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस की रिपोर्ट कहती है कि इससे ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ाने वाली गैसों को कम करने में खास मदद नहीं मिलने वाली है, बल्कि इससे देश की खाद्य सुरक्षा पर विपरीत असर पड़ेगा।
गाडिय़ों को होगा नुकसान
अगर सरकार पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग करने की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देती तो वह पर्यावरण के लिए ही नहीं, खाद्य सुरक्षा के लिए भी मुफीद होता। मिसाल के लिए 187 हेक्टेयर मक्के की फसल से पैदा हुए एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर एक वाहन को सालभर में उतना ही दौड़ाया जा सकता है, जितना एक एकड़ क्षेत्र में सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली से किसी ईवी को चार्ज करने पर वह तय करेगी। यानी एथेनॉल ब्लेंडेड गाडिय़ों और ईवी के बीच संचालन व्यय का अनुपात 187 प्रतिशत है।
आपकी गाडिय़ों को होगा यह बड़ा नुकसान भारत में अभी तक गन्ने के शीरे से बने एथेनॉल का करीब 10 प्रतिशत पेट्रोल में मिलाया जा रहा है। इसे अगर ई20 यानी 20 प्रतिशत के स्तर तक लाना हो तो गाडिय़ों के इंजन को इसके उपयुक्त बनाना होगा, जो कि एक खर्चीला काम है। भारत में 2008 से जो गाडिय़ां बन रही हैं, वे 10 फीसदी तक एथेनॉल ब्लेंडिंग को ही बर्दाश्त कर सकती हैं। ईंधन किफायती गाडिय़ां तो उससे भी कम, यानी ई5 (5 फीसदी ब्लेंडिंग ) को ही बर्दाश्त कर पाती हैं। अब केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग मौजूदा 10 फीसदी से बढ़ाई जाए तो ई10 वाली गाडिय़ों में पेट्रोल की खपत 7 फीसदी और ई 5 वाली गाडिय़ों में 10-15 फीसदी तक बढ़ जाएगी।
भारत में अभी शराब बनाने वाली डिस्टिलरियों और अनाज से एथेनॉल पैदा करने वाली डिस्टिलरियों से 6.84 बिलियन लीटर एथेनॉल पैदा किया जाता है। अगर केंद्र सरकार को 2025-26 तक लक्षित 10.16 बिलियन लीटर एथेनॉल पैदा करना है तो उसे सालाना 60 लाख मीट्रिक टन गन्ने और 16.5 लाख मीट्रिक टन अनाज की अतिरिक्त जरूरत होगी। यानी देश को मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए 30 हजार वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त जमीन चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक भारत इससे आधी जमीन पर 2050 तक बिजली पैदा कर सकता है।
बात केवल जमीन की ही नहीं है। एक टन गन्ने की फसल 100 किलो शकर और 70 लीटर एथेनॉल पैदा करती है। लेकिन केवल एक किलोग्राम शकर के उत्पादन के लिए 2000 लीटर तक पानी की जरूरत पड़ती है। इसी तरह एक लीटर एथेनॉल पैदा करने के लिए 2860 लीटर पानी चाहिए। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार किसानों से जबर्दस्ती या अनुबंध पर मक्के और गन्ने की ही खेती करवाएगी? अगर ऐसा होता है तो फिर बाकी अनाज कौन उगाएगा ? किसान परिवारों और देश की आम गरीब जनता की खाद्य सुरक्षा का क्या होगा ? इन सवालों को देखते हुए सरकार का फैसला देश की जनता के पेट पर लात मारने से कम नहीं है। नीति आयोग के रोडमैप पर उठते गंभीर सवाल गन्ने और शकर उद्योग पर गठित सरकारी टास्क फोर्स की रिपोर्ट कहती है कि केवल धान और गन्ने की खेती में ही देश का 70 फीसदी सिंचाई का पानी खप जाता है। इसके बाद और बाकी फसलों के लिए ज्यादा पानी नहीं बचता। इसे देखते हुए देश को फसल चक्र में बदलाव करने के साथ ही एथेनॉल बनाने के लिए दूसरी पर्यावरण अनुकूल फसलें तलाशनी होंगी।
धान और गन्ने के छिलके, बांस, जौ से बनेगा बायोफ्यूल
बायोफ्यूल को लेकर राष्ट्रीय नीति में धान के पुआल, गन्ने के छिलके, बांस और अन्य गैर खाद्य वनस्पतियों से एथेनॉल बनाने की बात कही गई है, लेकिन कैबिनेट के फैसले ने इन नीति को एक बार फिर परंपरागत विकल्पों- गन्ने और मक्के से ईंधन बनाने की तरफ लाकर खड़ा कर दिया है।
सरप्लस धान और रतनजोत विकल्प
बायोफ्यूल उत्पादन के लिए उपरोक्त जीन्स की कमी होने के आंकलन को देखते हुए छत्तीसगढ़ के नजरिए से सरप्लस धान और रतनजोत भी बेहतर विकल्प होंगे। छत्तीसगढ़ में सालाना 30 लाख टन से अधिक धान सरप्लस होता है। वहीं छत्तीसगढ़ की भूमि में रतनजोत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए इंडियन ऑयल ने छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल प्राधिकरण से एक एमओयू भी कर रखा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी पूरक एवं अवसर परीक्षा वर्ष 2022 के ऑनलाईन आवेदन पत्र सामान्य शुल्क के साथ जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई तक है । विलंब शुल्क के साथ 550 रूपए प्रति छात्र आवेदन पत्र जमा करने की तिथि 7 जून तक निर्धारित की गई है । माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने समस्त पूरक , अनुत्तीर्ण छात्र छात्राओं को सूचित किया है कि वे मंडल द्वारा निर्धारित अग्रेषण संस्था के माध्यम से ऑनलाईन परीक्षा आवेदन पत्र भरने की कार्यवाही कर सकते है । ऑनलाईन आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया के संबंध में दिशा - निर्देश एवं अग्रेषण संस्था की सूची मंडल की वेबसाईट डब्लूडब्लूडब्लू डॉट सीजीबीएसई डॅाट एनआईसी डॅाट ईन पर उपलब्ध है ।
पूरक परीक्षा दिलाने वाले छात्रों को नए सत्र मे कॉलेजों में प्रवेश करने और इसके आलावा अभी परिणाम से असंतुष्ट परीक्षार्थियों से पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं। 30 मई के बाद इनका मूल्यांकन होगा। 10वीं की परीक्षा में इस बार 15 हजार 983 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता मिली है। वहीं 294 परीक्षार्थियों के परिणाम रोके गए हैं। इनमें 115 परीक्षार्थियों के परिणाम नकल प्रकरण के कारण रोके गए हैं। और 17 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम जांच की श्रेणी में रोका गया है। वहीं 12वीं में 34 हजार 199 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता है। हाई स्कूल की मुख्य परीक्षा में कुल 3 लाख 63 हजार 301 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। वहीं हायर सेकेंडरी मुख्य परीक्षा 2022 में 2 लाख 87 हजार 673 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। राज्यपाल अनुसुइया उइके का ट्विटर हैंडल हैक कर लिया गया है। एलन मस्क ने क्रिप्टोकरेंसी पर ट्विट किया है। राज्यपाल ने इसे 17 बार टैग कर इसे बड़ा दिन बताया है। ट्विटर हैंडल सुबह 8.30 से 10 बजे तक ढाई घंटे तक हैंकर्स के कब्जे में रहा।
राजभवन के प्रेस अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके का अधिकारिक ट्विटर अकाउंट कुछ समय के लिए हैक हो गया था, उस अकाउंट का पासवर्ड बदल कर बहाल कर लिया गया है। राजभवन के अधिकारी इस मामले की साइबर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा रहे हैं।
पिछले माह राज्य के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल हैक कर लिया गया था। इसे पाकिस्तान के हैकर की करतुत थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। छत्तीसगढ़ डाक परिमंडल के तीन बड़े अहम डाक संभाब इन दिनों एडहॉक अफसरों के भरोसे चल रहा हैइस वजह से इन संभाबों के अफसर पोस्टल बिजनेस बढ़ाने के बजाय कर्मचारियों के प्रकरणों में उलझे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ पीएमजी सर्किल में छ: डाक संभाग आते हैं। इनमें से तीन संभाग सरगुजा, बिलासपुर, बस्तर में प्रभारी डाक अधीक्षक तैनात है। क्लास-2 के जूनियर अफसरों को पदस्त किया गया है। इनमें से सरगुजा डाक संभाग तो कुछ माह पहले ही गठित किया गया है। इसके लिए रेडीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का बड़ा दबाव था। सरगुजा में श्री गुमास्ता की तरह बिलासपुर में एचआर साहू,बस्तर में आर पी वर्मा सहायक एसपी हैं। रायगढ़,रायपुर,दूर्ग डाक संभाग में नियमित वरिष्ठ एसएसपी कार्यरत हैं। हालांकि रायपुर प्रधान डाकघर के वरिष्ठ फेस्ट मास्टर एचएन शर्मा भी प्रभार वाद के तहत रायपुर शहर की डाक व्यवस्था सम्हाले हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि क्लास-2 वर्ग के इन पदों की पूत्रि के लिए विभागीय पदोन्न्ति परिक्षा हो चुकी है। एक-डेढ़ वर्ष पहले हुई इस परिक्षा के नतीजे अब तक जारी नही किए जा सके हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। महासमुंद में पहली बार प्रदेश की सबसे ज्यादा गर्मी बढ़ रही है। इस बार पारा 47 डिग्री तक पहुंच गया था। भीषण गर्मी के चलते 17 मिलियन घन मीटर यानी 36 फीट की भंडारण क्षमता वाले केशवा बांध सूख चुका है। ऐसे हालत 23 साल बाद देखने को मिला है। 10 हजार एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करने के उदेश्य से तैयार बांध पहली बार पूरी तरह से खाली हुआ है। यहां पानी के वाष्पीकरण की औसत प्रतिशत 12 प्रतिशत की प्रक्रिया से दो गुना अधिक यानी 24 फीसदी बताया जा रहा है। ऐसे में बांध पर निर्भर 30 गांवों में निस्तारी की समस्या खड़ी हो गई है। अब तक गांवों के सूख चुके तालाबों में केशवा जलाशय से ही पानी छोड़ा जाता रहा है।
कोडार में मात्र 5.7 इच पानी
आंकड़े बताते है कि पिछले साल के मुकाबड़े महासमुंद का सबसे बड़ा बांध कोडार पानी कम है। 30. 50 फीट भरान क्षमता वाले इस बांध में बारिश में 18 फीट पानी भरा था जिसमें मात्र 5.7 इच पानी बचा है। इस कारण से यहां भी तलहटी दिखने लग गया है।
भाप बना 13 फीसदी पानी
शुरूआती गर्मी के पहले यानी 18 अप्रैल को कोडार बांध में 17 फीसदी एवं केशवा में 13 फीसदी पानी शेष था। गर्मी के चलते 25 दिन में कोडार पानी 5.7 इच एवं केशवा में 4 फीसदी ही बचा है। आशंका है कि पानी की कमी के चलते हफ्तेभर में यहां सिल्ट भी सूख जाएगा।
यह भी जानिए
- 1982- 83 में कोडार बांध बना
- 30 गांव के लोग कोडार बंाध पर निर्भर
- 1962 में केशवा बांध बना
- 2008 में बंाध का जीर्णोद्धार हुआ
- 30 गांव के लोग केशवा बंाध पर निर्भर
एक नजर प्रदेश के अन्य
बांधों की स्थिति
मुरूमसिल्ली 0 फीसदी
अरपा भैंसाझार 0 फीसदी
परलकोट 0 फीसदी
पुटका 4 फीसदी
कुम्हारी 8 फीसदी
मिनीमाता- 50 फीसदी
रविशंकर 53 फीसदी
वॉटर लॉस को तीन हिस्सों
में मापा जाता है
- बांध क्षेत्र की जमीन का पानी सोखना
- बांध से कटावा या पानी का रिसाव
- वाष्पीकरण यानी पानी का भाप बनना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। रायपुर में जलापूर्ति का संकट खड़ा हो सकता है। फिल्टर प्लांट में प्लेसमेंट के कर्मचारियों ने काम बन्द कर दिया है। लगभग 60 से ज्यादा कर्मचारियों ने प्लांट में काम बन्द कर दिया है। काम बंद करने की वजह बताते हुए कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार कम भुगतान कर रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि पीएफ के पैसे उनके वेतन से काटे तो जा रहे हैं, लेकिन खाते में जमा नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी काम ठप रहेगा। दूसरी ओर निगम के जिम्मेदार अधिकारी और फिल्टर प्लांट के कार्यपालन अभियंता ने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। वहीं प्लेसमेंट एजेंसी के ठेकेदार ने कर्मचारियों की हड़ताल को गलत बताते हुए पूरा भुगतान करने की बात कही है। बहरहाल चाहे कर्मचारियों के आरोप सच्चे हों या फिर ठेकेदार का दावा लेकिन हउ़ताल लंबी खिंची तो इस भरी गर्मी में राजधानीवासियों को पानी का संकट से जूझ ना पड़ेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। सहायक शिक्षक के वेतन निर्धारण में हो रही विसंगति में सुधार को लेकर प्रंाताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने कहा कि नियमानुसार 8 वर्ष की तिथि में समयमान वेतनमान के आधार पर प्राप्त कर रहे मूल वेतन को 1.86 से गुणा करके जो राशि प्राप्त होगी उसमें उस पद का ग्रेड पे जोडक़र वेतन निर्धारण करना चाहिए।
एक ही पद में 10 वर्ष पूर्ण का चुके शिक्षक का पे ग्रेड बदलने कीआवश्यक्ता हैं। जैसे सहायक शिक्षक को 4200 शिक्षक को 4400 और व्याख्याता को 4800 दे देना चाहिए इस प्रकार 20 वर्ष में दूसरा व 30 वर्ष में तृतीय उच्चतर वेतनमान देने से वेतन विसंगति सदा के लिए समाप्त हो सकती है।
बघेल ने बताया कि वेतन निर्धारण में विसंगतियों को सुधारने की सिर्फ यहीं मांग सभी संगठन को करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि टाईम स्केल के आधार पर वेतन पुनरीक्षण का निर्धारण किया जाना चाहिए था। 01.05.2012 के पंचायत विभाग से स्वीकृत समयमान के आदेश में वेतनमान संरचना में भी तकनीकी लेखा खामियां है। जैसे सहायक शिक्षक पंचायत का वेतनमान 5000-150-20000 +अध्यापन भत्ता जो कि नियमित छठवां वेतनमान के विधमान वेतनमान 5000-150-8000 से मैच नहीं होता,यदि छठवां में वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 की अनुसूची-1 के अनुसार यह वेतनमान होता तो 9300-34809 +4200 में वेतनमान का निर्धारण करना ही पड़ता है।
पर इसे कुटिलता और चालाकी से अनुसूची-2 में 2400 ग्रेड पे पर निर्धारण किया जाता रहा है।
गौरव द्विवेदी तत्कालीन शिक्षा सचिव के सविलियन उपरांत समयमान पर वेतन निर्धारण के मार्गदर्शन /आदेश 06.04.2019 में भी तत्समय लागु जैसे शब्दों का प्रयोग कर वेतन निर्धारण में विसंगतियों को दूर करके 9300 +4200 ग्रेड पे पर रिवाइज एलपीसी जारी होने के बजाय और उलझाये रखा है। उस पर स्थानीय निधी संपरीक्षक कार्यालयों ने भी तानाशाही रवैया अपना लिया है
नक्सलियों से बेखौफ-बखूबी निभा रही सरपंच की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने दी 5 लाख की मदद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। धुर नक्सली क्षेत्र की एक सामान्य सी दिखने वाली महिला रीता मंडावी के हौसले को लोग सलाम कर रहे हैं। नक्सली हिंसा में पति को खोने के बाद भी वे न केवल अपने परिवार को संभाल रही है, बल्कि वह एक सरपंच की भूमिका भी मजबूती से निभा रही है। मुरिया जनजाति से तालुक रखने वाली रीता मंडावी सरपंच का मानदेय भी गांव के लोगों के लिए खर्च कर देती हैं। पति के जाने के बाद रीता को बस एक ही बात की चिंता थी कि उसके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी लेकिन अब मुख्यमंत्री से मिली मदद से रीता की ये चिंता भी दूर हो गई है जिससे वो पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में कुटरू क्षेत्र के अपने प्रवास के दौरान नक्सली हिंसा की पीडि़त रीता मंडावी को 5 लाख रूपए कि आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी का कहना है कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेगी और अपने जीवन को पहले की तरह ही समाज सेवा और लोगों को जागरूक करने में समर्पित करेगी.
बीजापुर जिले के अड्डावली गांव में रीता मंडावी का हंसता खेलता परिवार था। आदिवासी समाज को मुख्यधारा में जोडऩे के लिए उनके पति घनश्याम मंडावी हमेशा सजग रहते थे। शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने हमेशा लोगों को प्रेरित करते थे। बस यही बात नक्सलियों को खट गई। एक दिन उनकी नक्सलियों ने हत्या कर दी।
नक्सलियों को लगा कि ऐसा करके वो गांव, समाज और घनश्याम के परिवार की हिम्मत को तोड़ देंगे. लेकिन नक्सलियों को शायद ये पता नहीं था कि मॉं, पत्नी और सरपंच तीनों की भूमिका निभा रही रीता मंडावी के हौंसले कहीं ज्यादा बड़े हैं। पति की मौत के बाद डरने की बजाए रीता ज्यादा मजबूती से खड़ी हुई। रीता अपने 4 साल के बेटे और 2 साल की बेटी के साथ उसी कार्य में लगी रहीं जो वो अपने स्वर्गीय पति के साथ करती थीं, लोगों को जागरूक करना और शासन की योजनाओं को घर घर तक पहुंचाना।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। दिनभर की तपिश के बाद राजनांदगांव में शाम को बारिश होने लगी है। इधर राजधानी में भी बदली छाने के साथ ही हवा में भी कुछ तेजी आई है। उधर एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका मध्य-मध्य प्रदेश से अंदरूनी तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक पूरब-पश्चिम द्रोणिका उत्तर-पश्चिम राजस्थान से पश्चिम असम तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
प्रदेश कल दिनांक 19 मई को एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक अंधड़ भी चलने की संभावना है।
प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट का दौर जारी रहने की संभावना है।
रायपुर, 18 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा मुख्य एवं अवसर परीक्षा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की समय-सारणी घोषित कर दी गई है। यह परीक्षा 15 से 30 जून तक प्रातः 8 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। विस्तृत समय-सारणी मंडल की वेबसाईट www.cgbse.nic.in पर उपलब्ध है।
ऑनलाईन आवेदन पत्र सामान्य शुल्क के साथ 31 मई तक और विलंब शुल्क के साथ 7 जून तक जमा होंगे
रायपुर, 18 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी पूरक एवं अवसर परीक्षा वर्ष 2022 के ऑनलाईन आवेदन पत्र सामान्य शुल्क के साथ जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई तक है। इसी प्रकार विलंब शुल्क के साथ 550 रूपए प्रति छात्र आवेदन पत्र जमा करने की तिथि 7 जून 2022 तक निर्धारित की गई है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने समस्त पूरक, अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सूचित किया है कि वे अपने निकटस्थ मंडल द्वारा निर्धारित अग्रेषण संस्था के माध्यम से ऑनलाईन परीक्षा आवेदन पत्र भरने की कार्यवाही कर सकते है। ऑनलाईन आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया के संबंध में दिशा-निर्देश एवं अग्रेषण संस्था की सूची मंडल की वेबसाईट www.cgbse.nic.in पर उपलब्ध है।
रायपुर, 18 मई। नगर निवेश उड़नदस्ता की टीम ने शहर के तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव के सामने मेसर्स व्यापक एडवरटाईजिंग द्वारा लगाये गये 30 गुणा 30 आकार के बड़े फ्लेक्स को फाड़ने एवं सम्बंधित बकायादार फर्म को सम्पूर्ण बकाया राशि शीघ्र जमा करने के निर्देश दिये. इसके साथ उड़नदस्ता ने दो अवैध मोबाइल होर्डिंग को जब्त किया।
रायपुर, 18 मई। दिनभर की तपिश के बाद राजनांदगांव में शाम को बारिश होने लगी है।इधर राजधानी में भी बदली छाने के साथ ही हवा में भी कुछ तेजी आई है।उधर एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका मध्य-मध्य प्रदेश से अंदरूनी तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक पूरब-पश्चिम द्रोणिका उत्तर-पश्चिम राजस्थान से पश्चिम असम तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
प्रदेश कल दिनांक 19 मई को एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक अंधड़ भी चलने की संभावना है ।
प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट का दौर जारी रहने की संभावना है।
समोदा डायवर्सन के लिए 260 करोड़ स्वीकृत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए अब राहत भरी खबर है। महानदी के किनारे बसे गांवों में पानी की समस्या की खबर को च्छत्तीसगढ़’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पानी की कमी सिर्फ इन्हीं 8-10 गांवों की समस्या नहीं है। इस विशाल नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांवों की हालत भी इससे जुदा नहीं है। सर्वे के मुताबिक महानदी की गहराई इन गांवों में करीब सौ फीट है। इन गांवों का जल स्त्रोत महानदी पर निर्भर है। लेकिन इस साल पहली बार पूरी तरह से सूख जाने से इन गांवों में पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है।
इसे देखते हुए राज्य शासन ने अधूरी पड़ी महानदी राजीव गांधी व्यापवर्तन योजना समोदा डायवर्सन के लिए 260 करोड़ 67 लाख 74 हजार रुपए मंजूर किए है, जिससे किसानों में खुशी है। उल्लेखनीय है कि आरंग के निसदा बांध का पानी निसदा से लवन कर 82 किमी नहर से गांवों तक पहुंचेगा जिससे सूखे की मार झेल रहे 35 गांवों के 28 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर किसान अब फसल ले सकेंगे।
निसदा से रानीसागर तक मात्र 12 किमी क्षेत्र के किसान 29 हजार हेक्टेयर में भरपूर फसल रहे रहे है। पिछले 18 सालों से करीब 28 हजार हेक्टेयर की खेती इस 70 किमी तक नहर न होने से प्रभावित होती रही है। नहर न होने से किसान वर्षा अधारित खेती ही कर रहे हैं और वर्षा के अभाव में सूखे की मार झेलते रहे हैं। इस योजना के लिए सीएम भूपेश बघेल ने राशि मंजूरी करवा दी है।
संसदीय सचिव विधायक कसडोल शकुन्तला साहू एवं कसडोल विधानसभा के किसानों ने महानदी राजीव व्यापवर्तन योजना समोदा डायवर्शन नहर पर निर्माण 26067.74 करोड़ रुपये दो सौ साठ करोड़ सड़सठ लाख चौहत्तर हज़ार रुपये के बहुप्रतीक्षित परियोजना के निर्माण को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे का धन्यवाद आभार ज्ञापित किये।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि शकुन्तला का मेहनत का प्रतिफल है इस योजना के रुके हुए कार्य के संबंध में विधानसभा में अपनी बात रखी थी और लगातार इस परियोजना को पूरा करने के लिए मुझे याद दिलाती रही, इस परियोजना को जल्द पूरा करायेंगे और आपके पलारी और लवन अंचल के किसानों तक पानी पहुचायेंगे।
धन्यवाद ज्ञापित करने विधायक शकुंतला साहू के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं किसानों में प्रमुख रूप से जनपद अध्यक्ष पलारी खिलेंद्र वर्मा, किसान नेता सुकालू राम यदु, प्रवीण धुरंधर, जनपद सदस्य अनुराग पांडे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवीलाल बार्वे, महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी प्रताप डाहरिया, वरिष्ठ नेता रघुनंदन लाल वर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील कुर्रे आदि उपस्थित थे।
इस तरह पानी की कमी को पूरा करने की जा रही कोशिश
जलस्तर को स्थायी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि महानदी के पानी को जगह जगह रोका जाए। महानदी में समोदा बैराज तटबंध और उद्वहन सिंचाई योजना के माध्यम से पानी के बहाव को परिवर्तित किया जा सकता है। जल क्रांति नीति अपनाकर भी जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। किसान जल की उपलब्धता के अनुसार अपनी फसल ले। छतों पर जल संचय अनिवार्य हो। भू जल दोहन पर अंकुश लगाए जाने चाहिए।
गांवों के किसान करते है पलायन
किसानों की खेती असिंंचित है जो बारिश के पानी पर ही निर्भर है। पर्याप्त पानी नहीं होने से फसल नहीं होती और अकाल की स्थिति निर्मित हो जाती है। आज भी लवन क्षेत्र के किसान फसल न होने से पलायन कर जाते है लेकिन अब नहर बन जाने से 35 गांवों में किसानों को खरीफ फसल के लिए पानी मिलेगा ओर वो खेती कर सकेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। डाक परिमंडल रायपुर में एक सामान्य सी घटना के बाद ग्रुप डी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया। करीब एक वर्ष से अधिक समय से बर्खास्त इस कर्मचारी को नये पीएमजी विधानचंद्र राय मानवता की बिना पर बहाल करने जा रहे हैं। यह घटना कुछ पुरानी अवश्य है लेकिन इसमें अफ्सरशाही की पूरी ठसक भरी पड़ी है। पूर्व में हुआ यू की रायपुर डाक परिमंडल के निदेशक के केयरटेकर के रूप में ग्रुप -डी कर्मी पुरउ निषाद खानयामें का काम करता था। हालांकि यह सेवा नियमों के विरूद्ध था। एक दिन खाना बनाते उसके हाथ से घी से भरा मग गिर गया। इससे पहले की साहब और मेम साहब की नजर के साथ डांट पड़े पुरउ घी को उठाने लगा। तभी मेम साहब वंहा पहुंची और उस पर बरस पड़ी। कहने लगी कांच के टुकड़े से भरा घी खिलाकर दिव्यांग साहब को मारना चाहते हो। उनका गुस्सा इतने में शांत नही हुआ और मामला पुलिस रिपोर्ट तक जा पहुचा। इस घटना का परिणम यह हुआ की निदेशक साहब ने विभागीय प्रकरण बनाकर पुरउ को नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया। इसके खिलाफ पुरउ ने कोट मे याचिका दायर की हुई है। इस बीच हाल में सूत्रों ने बताया कि श्री राय पुरउ की बहाली कर सकते हैं। राय की छवि स्टाफ वेलफेयर अफसरों के रूप मे देखी जाती है। उन्होने अपने स्वागत कायक्रम में भी कह दिया कि कर्मचारी सीधे मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। जबलपुर के सूत्रों ने भी बताया कि उन्होंने जबलपुर परिमंडल में भी कर्मचारी हित की योजनाएं और फैसले लागू किए हैं।
दूसरी चाबी से बलेनो कार किया गायब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। शहर में बाइक चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन अब कार चोरी के केस भी सामने आने लगे है। कोतवाली थाना क्षेत्र में एक मामला पहुंचा है जिसमें बताया गया है अज्ञात चोरों ने कॉलोनी में खड़ी बलेनो कार चुरा लिया। किसी दूसरी चाबी का इस्तेमाल करते हुए आरोपियों ने वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया। मामले में शिकायत होने पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात चोर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया है।
मामले में सुरेश कुमार ने थाना पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराई है। घटना अहमद कॉलोनी कोतवाली की है। जानकारी के मुताबिक प्रार्थी ने कॉलोनी में अपनी कार को खड़े किया था। मंगलवार की शाम के बाद अपने निवास पर चला गया। रात करीब 8 बजे वापस आकर देखा तो वहां कार नहीं था। आसपास के लोगों से भी पूछताछ करने पर कार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। कॉलोनी और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज में जांच पड़ताल करने के बाद वाहन चोरी का खुलासा हुआ। मामले में शिकायत करने पर कोतवाली पुलिस थाना ने एफ आई आर दर्ज किया। शहर में इन दिनों वाहन चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 6 महीनों के भीतर राजधानी से लगभग 200 दो पहिया चोरी हो चुके हैं। शातिर चोरों को पकडऩे के मामले में पुलिस टीम को कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही है। अब चार पहिया गैंग सक्रिय है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। कांग्रेस के मंत्री-विधायक अपने इलाके में पसंद का ब्लॉक अध्यक्ष चाहते हैं। इस सिलसिले में उन्होंने बीआरओ के लिए नाम भी सुझाए हैं। खबर है कि कांग्रेस के सभी 3 सौ से अधिक ब्लॉकों के लिए 25 तारीख के पहले बीआरओ की सूची जारी हो सकती है।
विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल से भी कम समय बाकी रह गए हैं। ऐसे में चुनाव के जरिए संगठन को चुस्त दुरूस्त करने की प्रक्रिया चल रही है। जिला अध्यक्षों के लिए डीआरओ की नियुक्ति तो हो चुकी है, और अब बीआरओ की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार के सभी मंत्री-विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के ब्लॉकों में अपनी पसंद का अध्यक्ष बनवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, और इस सिलसिले में बीआरओ के लिए नाम भी दिए हैं।
बताया गया कि बीआरओ संबंधित क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर तीन-तीन नाम देंगे, जिनमें से किसी एक को अध्यक्ष के रूप में मुहर लगेगी। कहा जा रहा है कि 31 मई तक ब्लॉकों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। एक जून से 20 जुलाई तक जिला कांग्रेस कमेटी का चुनाव होगा। उसके बाद 10 जुलाई से 20 अगस्त तक प्रदेश कांग्रेस की सामान्य सभा चुनी जाएगी। 21 अगस्त से 20 सितम्बर के बीच प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। सबसे आखिर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी का चुनाव प्रस्तावित है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 मई। राजधानी में आज से बाजार क्षेत्रों की रात्रिकालीन सफाई होगी। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक सफाई अभियान चलेगा। रायपुर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने की कवायद, आज रात 10 बजे कोतवाली चौक से होगी शुरुआत। महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
मंत्रिपरिषद के निर्णय पर अमल: कलेक्टरों को पत्र जारी
रायपुर, 17 मई। प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों में ‘अंग्रेजी‘ में अधिसूचित जाति को मान्य किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 1 मई को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को मात्रात्मक त्रुटि के कारण जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाईयों को दूर करने के उद्देश्य से निर्णय लिया गया था कि अंग्रेजी में अधिसूचित जाति को मान्य करने तथा जाति प्रमाण पत्रों में अंग्रेजी में ही अधिसूचित जाति का उल्लेख किया जाए। शासन द्वारा मंत्रिपरिषद के निर्णय के परिपालन में सभी जिला कलेक्टरों को इस आशय का पत्र जारी कर दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 के अधीन बने नियमों के तहत निर्धारित प्रारूप में सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) जारी किए जाते हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के विभिन्न समुदायों द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में आ रही कठिनाईयों के संबंध में शासन के ध्यान में लाया गया कि, विभिन्न जातियों, समुदायों में हिन्दी में उच्चारणगत विभेद के कारण कतिपय जातियों के जाति प्रमाण जारी नहीं हो पा रहे हैं।
जिला कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के 24 सितंबर 2013 के संदर्भित परिपत्र की कंडिका-11.3 में उल्लेख है कि, विशेष परिस्थिति में किसी आवेदक को अंग्रेजी में जारी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ सकती है। अतः सक्षम अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि आवेदक द्वारा यदि भारत सरकार के द्वारा निर्धारित प्रारूप अनुसार अथवा अंग्रेजी में सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की जाती है तो समुचित जांच एवं प्रक्रिया अपनाने के उपरांत उसे इस प्रारूप में स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
इस परिपत्र में दिए गए निर्देश के अनुक्रम में स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए हिन्दी, अंग्रेजी में अधिसूचित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जाति नामों की सूची प्रकाशित की गई है। इस प्रकाशित सूची में अंग्रेजी उच्चरण में किसी भी प्रकार का भ्रांति या विवाद नहीं है। अतः राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों में ‘अंग्रेजी‘ में अधिसूचित जाति का उल्लेख किया जाए।