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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 मई। बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात ‘असानी’ में बदल चुका है। असानी तूफान देगा छत्तीसगढ़ को चिलचिलाती धूप और 40 से 44 डिग्री तापमान से राहत देगा। इस दौरान कल और परसों छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ होगी बारिश। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चक्रवात आज शाम तक अपना असर दिखाएगा। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे और 24 घंटे के अंदर पूर्व-मध्य में भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। आईएमडी के ने बताया कि, चक्रवात ‘असानी’ उत्तर-पश्चिम दिशा में 16 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। यह विशाखापत्तनम से दक्षिण-पूर्व दिशा में 970 किमी और पुरी से दक्षिण-पूर्व दिशा में 1020 किमी की दूरी पर है।
उन्होंने कहा, यह 10 मई की शाम तक उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और ओडिशा तट के समानांतर आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया, 10 मई तक यह उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है। इसके बाद 10 मई की शाम से बारिश शुरू होगी। ओडिशा के तीन जिलों गजपति, गंजम और पुरी के लिए बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया। वहीं 11 मई पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
इन राज्यों में दिखेगा असर
चक्रवाती तूफान असानी का असर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा दिखने के आसार हैं। इसके अलावा बिहार, झारखंड, सिक्किम, असम, आंध्र प्रदेश में भी इसका असर दिखाई देगा। मौसम विभाग की ओर से इन सभी राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया जा चुका है। आईएमडी ने बताया कि ओडिशा के तटीय जिलों और कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में मंगलवार से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ पर असर (प्रारंभिक अनुमान के अनुसार)
हवा की दिशा में परिवर्तन होगा जिसके कारण अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है। हवा की गति बढने की सम्भावना है। एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की सम्भावना है। बादल छाए रहने की सम्भावना है।
बादल छाने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है साथ ही उमस बढने की सम्भावना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 8 मई। डमी एडमिशन के नाम पर कोचिंग सेंटर्स और निजी स्कूलों के बीच बड़ा खेल चल रहा है। अब तक इनका क्लास 11-12 वीं में डमी एडमिशन कराता रहा है। लेकिन अब 9-10 वीं में भी यह कारोबार शुरू हो चुका है। इससे बच्चों मे स्कूल कल्चर बंद होने का खतरा बढ़ गया है।
राजधानी ही नही आसपास के शहरों में सीजी पीईटी,पीएमटी,पीएटी या नीट की प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए ट्यूशन देने वाले दर्जन भर को कोचिंग सेंटर्स संचालित है। इनमें से अधिकांश के मुख्यालय कोटा,राजस्थान,दिल्ली में है। स्कूल और फिर कोचिंग की क्लासेस के दबाव को कम करने के लिए ही डमी एडमिशन की तरकीब चलायी जा रही है। कोचिंग सेंटर्स,ने शहर के कुछ चर्चित स्कुलों के साथ अघोषित रूप से टाइ अप कर रखा है। 11-12वीं के लिए एकमुश्त फीस लेकर स्कूलों में एडमिशन दिलवाते है। और उसके बाद बच्चों को स्कूल जाने की जरूरत नही। वे कोचिंग सेंटर की क्लासेस में पढ़ते है। और परीक्षा मे बैठने के लिए आवश्यक अटेंडेस साल के अंत में स्कूल वाले दे देते है। यह तरकीब स्कूल प्रबंधन के लिए भी चोखा होता है। एक मुश्त 40-50 हजार या उससे अधिक रूपए मिल जाते हैं। टिकरापारा, जीईरोड,शंकरनगर जैसे इलाकों मे संचालित कोचिंग सेटरों ने राजेंद्रनगर, अमलीडीह, डीडीनगर,बरौदा , अवंतिविहार इलाके के चर्चित स्कूलों के साथ ऐसा टाइअप चल रहा है। एकमुश्त फीस देकर स्कूल के दबाव से मुक्ति का यह रास्ता बच्चो ंऔर अभिभावकों के लिए भी फायदे का नजर आता है तो वो भी तैयार हो जाते है क्योकि कोचिंग और स्कूल की क्लासेस की टाइमिंग एक ही होने के कारण भी यह तरीका बेहतर होता है। कोचिंग सेंटर में प्रतियोगी परीक्षा के अलावा स्कूल सिलेबस भी पढ़ाने का विकल्प दिया जाता है।
इसके विकल्प के चलते बच्चों में स्कूलिंग का कल्चर लगभग खत्म होता जा रहा है। कोचिंग सेंटर्स के शिक्षकों के अनुसार इन कोचिंग सेंटर्स मे पढ़ाने वाले दो हजार बच्चों में से 200-500 बच्चें डमी एडमिशन का विकल्प अपनाएं हुए है। अब यह कारोबार 9-10 वीं के लिए भी शुरू कर दिया गया है। बेहतर पढ़ाई और पीईटी-पीएमटी मे 100प्रतिशत सफलता का दावा या ऑफर देने वाले कोचिंग सेंटर्स का रिजल्ट उतना ही खराब रहता है। 100 प्रतिशत सफलता मतलब 2000 बच्चों मे से सभी को पास होना चाहिए लेकिन रिजल्ट से पांच फीसदी तक ही आता है। शिक्षकों के मुताबिक इस काकस की सारी जानकारी सीजी बोर्ड, सीबीएसई और शिक्षा विभाग के अफसरों को भी है। किंतु अबतक इस दिशा मे न तो जॉंच की गयी न कोई कार्यवाही हाल के दिनों में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छापामार कार्यवाही तो की लेकिन डमी एडमिशन के कारोबार को नजरअंदाज किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 मई। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया देशभर में 18 सौ शाखाओं को बंद करने जा रहा है। पहले चरण में घाटे में चल रही 8 सौ शाखाओं को चिन्हित कर लिया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ क्षेत्र की 4 शाखाएं शामिल हैं, हालांकि बैंक प्रबंधन इसे बंद करने के बजाए समीप की शाखा में विलय करना कह रहा है।
इसे देखते हुए बैंक प्रबंधन ने स्टाफ के तबादले भी शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक 10 वर्ष से एक ही जोन में पदस्थ लोगों को जोन से बाहर (छत्तीसगढ़ से बाहर) और 6 वर्ष से एक ही रीजन में काम करने वाले स्टाफ को भी बदला जा रहा है। इसके मुताबिक आचंलिक कार्यलयों ने तबादलों की सूची बना ली है, जो जल्द जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही साथ शाखा बंद करने या विलय का भी काम तेज हो गया है। सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के अंतर्गत 4 शाखाएं चिन्हित कर ली गई है। इनमें भखारा, ऊपरवारा, मार्केट और बलौदाबाजार शाखा शामिल है। आने वाले दिनों में और भी शाखाएं ली जाएंगी। इन शाखाओं के स्टाफ को समीप के ब्रांच या विलय वाली शाखाओं में पदस्थ किया जाएगा। हालांकि बैंक प्रबंधन ने बंद करने के फैसले से इंकार किया है। भाषा को जारी एक बयान में कहा है कि शाखाओं को नए सिरे से संरेखित या फिर स्थानांतरित करना बैंक की सतत प्रक्रिया है। लेकिन 22-23 में एक भी शाखा बंद नहीं की जा रही है।
तडक़े मरीन ड्राइव के पास हादसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। मरीन ड्राइव के पास रविवार अल सुबह एक तेज रफ्तार कार चौपाटी में घुस गई। चालक के नियंत्रण खो देने के बाद कार ठेले और काउंटर को ठोकर मारते हुए दीवार से टकरा गई। कार के अंदर बैठे दो लोग उसी वक्त जख्मी हो गए, आसपास के लोगों ने किसी तरह से उन्हें बाहर निकाला। निजी वाहन की मदद लेकर किसी तरह नजदीकी अस्पताल रवाना कर दिया। चौपाटी बंद होने की वजह से बड़ा हादसा टल गया।
तेलीबांधा पुलिस ने बताया, कार चालक तेलीबांधा की तरफ आ रहे थे। मस्जिद की तरफ से सिग्नल की ओर आगे बढ़ते ही चालक का नियंत्रण छूट गया। अचानक से कार की रफ्तार तेज हो जाने के कारण कार सीधे चौपाटी की निकल गई। यहां खड़े काउंटर और ठेलों को चपेट में ले लिया। ठेलों को रगड़ते ही कार एक दीवार से टकरा गई। पुलिस ने बताया, कार में दो लोग सवार थे। हालांकि उनके नामों की तस्दीकी नहीं हो पाई। दोपहर तक आरटीओ से संपर्क साधकर कार मालिक के बारे में पता लगाया गया।
पुलिस का कहना है कार से किसी अन्य व्यक्ति को चोट नहीं आई है। चूंकि सुबह चौपाटी में कोई नहीं था इसलिए बड़ा हादसा टल गया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है, कार सवार दो लोगों को भी ज्यादा चोंटे नहीं आई है। जब उन्हें बाहर निकाला गया, दोनों होश में थे। बाकी और लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
प्रत्यारोपण संस्थाओं का राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन में पंजीयन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 मई। छत्तीसगढ़ में कैडवर अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के लिए संस्थाओं के पंजीयन की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के समुचित प्राधिकारी सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने संचालक चिकित्सा शिक्षा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के निदेशक, दाऊ कल्याण सिंह सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल रायपुर के संचालक और राज्य कार्यक्रम अधिकारी (नर्सिंग होम एक्ट) को पत्र लिखकर विशेषज्ञ स्तर पर उप समिति के गठन हेतु प्रतिनिधि नामांकित करने और संस्थाओं को पंजीकृत कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने कहा है।
पत्र में संस्थाओं से नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, गैस्ट्रो-सर्जरी (एमसीएच), सीटीवीएस सर्जरी, कार्ड एवं पल्मोनरी मेडिसीन विभाग के विशेषज्ञ स्तर पर एक उप समिति गठित किये जाने हेतु प्रतिनिधि नामांकित करने कहा गया है। यह समिति राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (स्ह्रञ्जञ्जह्र) के संचालक को अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के आवेदनों की अनुशंसा कर सकेगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और 2014 संशोधित अधिनियम लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत ही कैडवर अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण किए जा सकते हैं। राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन एवं मानव अंग उत्तक प्रत्यारोपण की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए राज्य पर्यवेक्षक समिति का भी गठन किया गया है। डॉ. कमलेश जैन को इसका राज्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। यह समिति समुचित प्राधिकारी के मार्गदर्शन में मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण के लिए कार्य करेगी।
राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन के अनुसार कैडवर प्रत्यारोपण हेतु संस्था को पंजीकृत कराया जाना आवश्यक है। प्रत्यारोपण के लिए दो तरह की संस्थायें सहयोगी होती है। पहली संस्था जो स्वयं प्रत्यारोपण में शामिल होती है और दूसरी संस्था जहां मृत्यु उपरांत शरीर उपलब्ध है, तथा जहां अंग दान हेतु सुरक्षित रखा जाता है तथा सूचना एवं प्रक्रिया उपरांत अंग प्रत्यारोपण हेतु उपयोग में लाया जाता है। उपरोक्त दोनो प्रकार की संस्थाओं को पंजीकृत कराया जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही जन समुदाय में स्वेच्छा से मृत्यु उपरांत अंग दान (शरीर) हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया जाना भी जरूरी है।
आठ अप्रैल को बड़ी वारदात, लेकिन जांच नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। शहर में ऑटो सवार एक यात्री से अब तक की सबसे बड़ी उठाईगिरी हुई है। अज्ञात गिरोह ने सोने से भरा बैग गायब कर दिया। दिलचस्प यह है कि बड़ी वारदात की शिकायत के बाद जीआरपी ने पूरी तरह से किनारा कर लिया। लोकल पुलिस से भी कोई मदद नहीं मिली कि एक माह बाद यात्री ने पीएमओ के नाम पर पत्र लिखकर अपनी स्थिति से अवगत कराया। यात्री के बैग में करीब 35 तोला सोने के जेवरात थे, अज्ञात लोगों ने बड़ी चालाकी से उसे गायब कर दिया।
रविवार को मामले के बारे में पता चला। प्रार्थी का नाम उमेश कुमार हिंदुजा है। उमेश आठ अप्रैल को अनुपम नगर से रेलवे स्टेशन के लिए निकले थे। सपरिवार घर से रवाना होने के बाद अपने साथ छह बैग रखा था। जब ट्रेन पकड़ा तब उन्हें एक बैग गायब मिला। इसी बैग में उन्होंने अपने घर का सारा जेवर रखा था। आवश्यक पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेज भी रखे थे, अज्ञात ने बड़ी चालाकी से उसे गायब कर दिया। जब बैग नहीं होने का पता चला तब चेन पुलिंग कर रेलवे पुलिस को घटना से अवगत कराया लेकिन जांच अफसरों ने मामला स्टेशन के बाहर का होना बताकर टाल दिया। उमेश गंज और फिर जीआरपी थाना भी गए लेकिन तस्दीकी के नाम पर पुलिस यहां भी सुस्ती से पेश आई। आखिर में उमेश को लाखों रुपये के जेवरात खोने के बाद मायूस लौटना पड़ा।
उमेश ने इस मामले को लेकर पीएमओ के नाम से पत्र लिखा है। डॉक के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को न्याय दिलाने पत्र प्रेषित किया। उमेश को शक है कि पेशेवर ढंग से उसका बैग गायब कर दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की जांच ठीक तरह से नहीं हो पाने के कारण आरोपी तक पहुंचा नहीं जा सका। उमेश ने बताया, अगर पुलिस और जीआरपी ने दोनों तत्परता दिखाई होती तो शायद उनके जेवरात मिल गए होते। बहरहाल उमेश को पीएमओ से उम्मीदें है कि लोकल पुलिस को मामले में संज्ञान लेने कोई दबाव बनाया जा सके। गौरतलब है कि शहर में ऑटो लेकर कई गिरोह सक्रिय है जो अपने सहयोगियों को गाड़ी में पहले से बिठा लेते हैं और नई सवारी के बैठ जाने के बाद उठाईगिरी की वारदात को अंजाम दे देते हैं। इसके पहले ही कोतवाली क्षेत्र में भी खुलासा हो चुका है।
दुर्ग के पकड़ाए थे शातिर
एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट की टीम ने कुछ समय पहले ही कोतवाली क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले दुर्ग के गैंग का खुलासा किया था। दो आरोपी पकड़े जिनसे मौदहापारा, जीई रोड और फिर कोतवाली क्षेत्र में लोगों से उठाईगिरी करने का खुलासा हुआ। आरोपी ऑटो सवार होने वाले यात्रियों का बैग या फिर पर्स पार करने में लगे थे। कई बार देखा गया था जब आरोपी रूट बदलने की बात कहकर भी सवारी को निशाने पर लिया था।
आधा अधूरा फुटेज दिखाया
प्रार्थी उमेश का कहना है कि उनके मामले में जीआरपी ने आधा अधूरा फुटेज दिखाकर चलता कर दिया। स्टेशन में बैग उतारने वाले ऑटो चालक के बाहर की गतिविधियां नहीं देखी। ऐसे में उनके बैग का कुछ भी पता नहीं चल सका। गंज पुलिस के पास पहुंचने पर स्टाफ ने यह कहकर जांच से मना कर दिया कि क्षेत्र उनका नहीं है। रेलवे पुलिस या फिर जीआरपी ही मामले में संज्ञान ले सकती है। उठाईगिरी का मामला रास्ते और फिर स्टेशन परिसर के बीच के दायरे में आकर फंस गया।
रायपुर, 8 मई। वेंकटेश्वर सिग्नेचर स्कूल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को पूरी तरह से ध्यान में रखते हुए कार्यरत है। राज्य शैक्षिक अनुसंधार एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा वेंकटेश्वर सिग्नेचर स्कूल रायपुर में प्रधानाचार्यों की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य हाल ही में नियुक्त हुए प्रधानाचार्यों को उन सभी सुविधाओं तथा कार्य से अवगत कराना था जो प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आवश्यक हैं तथा जिनका प्रत्येक विद्यालय को ध्यान रखते हुए अनुसरण करना चाहिए।
इस बैठक का नेतृत्व श्री दर्शन जी ने किया। श्री दर्शन जी बैठक में वेंकटेश्वर सिग्नेचर स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सौम्या रघुबीर जी के साथ काम करने का अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वे प्रधानाचार्यों के लिए एससीईआरटी के प्रशिक्षण मॉड्यूल के सामग्री विकास के लिए कोर टीम की सदस्य रही हैं। बैठक में प्राचार्यों को उनकी भविष्य की भूमिकाओं में सहायता करने के लिए एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें उन्हें स्कूल के प्रतिदिन के संचालनए शिक्षाविदों और विद्यार्थियों के समग्र विकास के बारे में अपने प्रश्नों को हल करने का अवसर दिया गया।
बैठक के अंत में सभी प्राध्यापकों ने वेंकटेश्वर सिग्नेचर स्कूल की टीम के साथ बातचीत की और विद्यालय में अपने अनुभव तथा विद्यालय की व्यवस्था देखकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।
रायपुर, 8 मई। माहेश्वरी युवा मंडल महिला समिति की अध्यक्षा प्रीति राठी ने बताया कि महिला समिति हमेशा समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करती है।इस कड़ी में हमने मदर्स डे के अवसर पर आनंद आश्रम वृद्धाश्रम में यह कार्यक्रम आयोजित किया।
समिति की सदस्यों के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।साथ ही उनके लिए नाश्ते एवं म_ा की भी व्यवस्था की गई।समिति ने आनंद आश्रम के सभी सदस्यों को भेंट भी दी और उनके साथ समय व्यतीत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विनय नत्थानी उपस्थित रहे। माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्री संपत जी काबरा एवं रायपुर जिला की अध्यक्षा श्रीमती शशिकला जी काबरा भी उपस्थित थीं।माहेश्वरी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती रमा मल एवं सचिव श्रीमती मधु राठी ,मधुरिका नत्थानी, कल्पना राठी,किरण बाहेती उपस्थित थीं।
माहेश्वरी युवा मंडल महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती सीमा नत्थानी उपस्थित थी। प्रोग्राम डायरेक्टर थे ममता टावरी एवं वर्षा मूंधड़ा।
कार्यक्रम को सफल बनाया इन सलाहकार एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने:नीलिमा लड्ढा,सविता केला,नीना राठी,प्रीति राठी,श्वेता राठी,आशा राठी, अदिति सारडा, विधि लाहोटी,भूमिका नत्थानी।
रायपुर, 8 मई। इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रात:10:15 बजे देवेंद्र नगर नमस्ते चौक से हुई जहाँ महिला समिति के द्वारा सफाई कर्मचारियों के बीच ठंडे म_े एवं फल का वितरण किया गया। नमस्ते चौक से समिति प्रात:11:15 बजे जयस्तम्भ चौक पहुंची जहाँ रायपुर उत्तर के विधायक श्री कुलदीप जी जुनेजा, तारकेश्वर पटेल एवं ट्रैफिक, सतीश ठाकुर जी के द्वारा यातायात पुलिसकर्मियों के बीच ठंडे म_े एवं फल का वितरण किया गया। इसके पश्चात समिति के द्वारा शारदा चौक,स्टेशन रोड, पंडरी,शंकर नगर, गांधी उद्यान, तेलीबांधा, घड़ी चौक पर भी यातायात पुलिसकर्मियों के बीच म_े एवं फल का वितरण किया गया।
महिला समिति हमेशा समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करती है।इस कड़ी में हमने यातायात पुलिसकर्मियों एवं सफाई कर्मचारियों के द्वारा दिये गए योगदान की सराहना हेतु उनके बीच फल एवं म_ा वितरित करने का निश्चय किया। उनके द्वारा दिए जा रहे इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए समिति उनकी सराहना करती है।श्री राजा बागड़ी,श्रीमती रमा बागड़ी,श्री संदीप राठी,श्रीमती श्वेता राठी,एवं नत्थानी परिवार इस कार्यक्रम के सह्योगकर्ता थे।
इस अवसर पर श्रीमती प्रतिभा जी नत्थानी, श्रीमती नंदा भट्टर उपस्थित थीं।साथ ही माहेश्वरी सभा के महामंत्री श्री कमल किशोर राठी, माहेश्वरी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती रमा मल , माहेश्वरी युवा मंडल के अध्यक्ष श्री नीलेश मूंधड़ा एवं सचिव श्री जयंत मोहता उपस्थित थे।इसके अलावा श्री मनोज तापडिय़ा,श्री मनोज राठी,श्री जगदीश चांडक,श्री भूपेंद्र माहेश्वरी एवं श्री प्रिंस माहेश्वरी भी उपस्थित रहे।
रायपुर, 8 मई। बस्तर के उमरपुर-जगदलपुर मार्ग पर 25 अप्रैल को एक पैंगोलिन, जिसका ओडिशा सीमा पर बेचने के लिए परिवहन किया जा रहा था उसे वापस वन में छोड़ने की मांग की गई है।
रायपुर के नितिन सिंघवी ने वन मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11 की अनुसूची 1 तहत पैंगोलिन संरक्षित वन्यजीव है। आईसीयूएन की रेड बुक में इसे संकटग्रस्त प्राणी घोषित किया गया है। उन्हें बंधक बनाने या मारने का निर्णय केवल मुख्य वन्यजीव संरक्षक ले सकते हैं। कानून की जानकारी होने के बावजूद करपाबंद बस्तर के रेंजर ने सीजेएम जगदलपुर को आवेदन देकर जब्त पैंगोलिन को आवेदन दिया कि इसे जंगल में छोड़ने पर ग्रामीण उसे हानि पहुंचा सकते हैं। इसलिये सुरक्षा की दृष्टि से उसे शासन के जंगल सफारी, नया रायपुर में रखना उचित होगा। सीजेएम ने इस आवेदन पर आदेश दिया कि डीएफओ जगदलपुर के माध्यम से उसे जंगल सफारी में विधि अनुसार रखा जाए।
सिंघवी ने पत्र में कहा कि रेंजर की कार्रवाई पूरी तरह से विधि विरुद्ध है। अगर सभी वन अधिकारी ऐसा करने लगें तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में अनुसूची-एक के सभी जानवर जंगल सफारी में पाए जाएंगे। रायपुर में पैंगोलिन को रखने जाने की जानकारी होने के कारण मुख्य वन संरक्षक पैंगोलिन को नहीं छोड़ रहे हैं, जबकि उन्हें पूरा अधिकार है कि वे पैंगोलिन को वापस जंगल में छोड़ने का आदेश दें। डीएफओ जगदलपुर को भी इस बात की जानकारी है, पर उन्होंने रेंजर को मनमर्जी करने दी। पत्र में वन परिक्षेत्र अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई एवं मुख्य वन जीव संरक्षक था डीएफओ जगदलपुर के विरुद्ध जांच कराने तथा पेंगोलिन को वापस वन में छोड़ने का आदेश देने की मांग की गई है।
रायपुर, 7 मई। श्मशान घाट शक्ति नगर के पास से पुलिस ने एक बदमाश को चाकू के साथ गिरफ्ता किया है। आरोपी की तलाशी लेने के बाद धारदार चाकू बरामद हो सका। इसके पहले लोगों ने आरोपी के द्वारा धमकी चमकी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक आरोपी ललित सेन के खिलाफ शनिवार को आम्र्स एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उसे जेल दाखिल कराया गया। शुक्रवार की शाम आरोपी को संदिग्ध हालत में घुमते पकड़ा गया था।
आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी अपराधिक रिकार्ड दर्ज हैं।
रायपुर, 7 मई। शराब के अवैध कारोबार करने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई तेज की है। इसी कड़ी में पहले देहात के इलाकों में दबिश देकर कोचियों को पकड़ा है। पुलिस ने शनिवार को नेवरा, अभनपुर और खरोरा क्षेत्र में अभियान चलाया। शराब के अवैध कारोबार करने की सूचना पर आरोपी मधु मिश्रा, लक्ष्मी गिरी और गजेंद्र ओगरे के ठिकानों पर दबिश दी। यहां से 45 पव्वा शराब जब्त किया गया। आरोपी शराब दुकान से खरीदी करने के बाद अपने इलाके में अवैध कारोबार के लिए नेटवर्क जमाए हुए थे।
रायपुर, 7 मई। आंध्र ब्राह्मण समाजम, छत्तीसगढ़ के सौजन्य से समाज के युवक युवतियों के लिए रविवार को विवाह परिचय वेदिका का आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन, पाटीदार भवन, फाफाडीह मे सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया है, जिसमे संपूर्ण छत्तीसगढ़, आँध्रप्रदेश ,तेलंगाना, उड़ीसा, महाराष्ट्र के अनेक शहरों से लगभग 500 युवक युवतीऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से भाग लेंगे। आयोजन में संस्था के अध्यक्ष आर मुरली, उपाध्यक्ष श्रीनिवास मूर्ति, डी नागेश राव, कार्यकारी सचिव डी श्रीनिवास राव, कोषाध्यक्ष सी साईं गोपाल, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर श्रीदेवी, शांता, लेडीज विंग अध्यक्ष भवानी की अहम भूमिका रहेगी।
पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। राज्य में आसानी से ट्रकों और बस के लिए लायसेंस का नवनीकरण कराने वाले चालकों के लिए अब व्यवस्था थोड़ी जठिल होगी। पुलिस मुख्यालय ने नया आदेश जारी करते हुए बिना फिटनेस जांच और फिर प्रशिक्षण के लिए लायसेंस नवनीकरण पर ब्रेक लगा दिया है। अब चालकों को शैक्षणिक सत्र में भाग लेकर प्रशिक्षण पूरा करना होगा, तभी उनका लायसेंस बन सकेगा। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त होने के उपरांत ही स्कूल बस चलाने के लिये वाहन चालक अधिकृत होगें साथ ही सडक़ो पर रेड लाईट जम्प, शराब पीकर एवं खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वाले लोगों के लायसेंस निलम्बन हेतु अनुशंसित लायसेंस धारक का प्रशिक्षण उपरांत ही लायसेंस बहाल करने नियम लागू होगा। इसके लिए क्षेत्रीय परिवहन विभाग को निर्देश जारी कर दिया गया है। सडक़ सुरक्षा एवं वाहन चालन कौशल प्रशिक्षण के लिये स्थापित आधुनिक संस्थान, इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च, जहां विश्व स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल करते हुए प्रशिक्षुओं को ऑॅडियों वीडियों प्रेजेंटेशन एवं वैज्ञानिक माध्यम से संस्थापित आधुनिक ट्रैक में फील्ड ट्रेंनिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। राज्य पुलिस के 284 यातायात कर्मियों, 148 वाहन चालकों, मंत्रालय/ विभागाध्यक्ष कार्यालयों के 125, स्कूल बसों के 40, भारी वाहनों के 10 एवं 44 प्रशिक्षु वाहन चालकों सहित कुल 651 व्यक्तियों का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। बताया गया, इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से प्रतिभागी वाहन चालकों के वाहन चालन कौशल में विस्तार होगा, हादसों से होने वाली अप्रत्याशित क्षति से भी बचाव हो सकेगा तथा समाज के समक्ष शासकीय वाहन चालक आदर्श प्रस्तुत कर सकेंगे।
जिले से लगे गाम पंचायतों में आदर्श गोठानों का बुरा हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। जिले से लगे ग्राम पंचायतों में बनाए गए आदर्श गोठानों का इन दिनों बुरा हाल है। खासकर से अचानक अंधड़ बारिश होने की वजह से यहां बनाई गई छपरी क्षतिग्रस्त है कि मौके पर बनाए गए चारागाह भी तबाही की रास्ते पर हैं। मेंटेनेंस के अभाव में आदर्श गोठान संचालित करने वाली समितियां अभी परेशान हैं। बताया गया है कि खेती का मौसम लौट जाने के बाद अभी फिलहाल गोठानों में मवेशियों को लाने पाबंदी लगा दी गई है। खुले में ही मवेशियों को छोड़ा जा रहा है ताकि वहां उनके लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था हो सके। गर्मी के दिनों में गोठानों में समितियां गोबर खरीदी जरूर कर रही है। तीन दिन पहले तेज अंधड़ और फिर बारिश होने की वजह से गोठानों में बांस-बल्ली के साथ बनाए गए छपरी पूरी तरह से उजड़ गए हैं। आरंग के ठीक पहले बैहार, अभनपुर बेंद्री, केंद्री और फिर धरसींवा में स्थिति का जायजा लेने पर मालूम हुआ है यहां बारिश और अंधड़ से अच्छा खासा नुकसान हो गया है। पैरावट कटाई के लिए लगाई मशीनें भी अंधड़ में टीक नहीं पाई है। कई जगहों में टूट-फूट हो जाने की वजह से यहां अब काम रूक गया है। बैहार में गोठान प्रबंध समिति के सदस्यों से मुलाकात करने पर उन्होंने बताया कि, मेंटेनेंस की कोई सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से काम यहां पर प्रभावित है। गोबर खरीदी का काम जरूर चल रहा है लेकिन यहां मुनाफा कम ही है। जितने दामों में गोबर खरीदी की जा रही है खाद बनाने का प्रोसेस ही काफी धीमा है। जबकि जितना गोबर खरीद रहे हैं गोबर खाद ठीक आधे बन पा रहा है, ऐसे में खरीदी और फिर खाद बनाकर उसे बेचने की प्रक्रिया में नुकसान तय है। गोठान प्रबंधन समिति का कहना है अभी फिलहाल गर्मी के सीजन में मवेशियों को गोठान लाने के बजाए उसे खुले खेत में छोड़ा जा रहा है। वहां से उनके चारे के लिए व्यवस्था करने की कोशिश है।
गर्मी में सूख गए चारागाह
गोठानों के पास मवेशियों के लिए चारागाह बनाने की योजना थी। कई जगहों पर बाड़ा बनाया भी गया। ठंड के दिनों में यहां पर वृक्षारोपण के साथ चारा उपलब्ध कराने के लिए जतन भी किए गए लेकिन अभी गर्मी के दिनों में सभी जगहों पर सूखे की मार हो गई है। बैहार में ही नजारा आम है जहां पर बाड़ा में लगाए गए पेड़-पौधे अब ठूंठ में तब्दील हो गए हैं। मालूम हुआ है गर्मी के दिनों में काम प्रभावित रहने के कारण खाद बनाने वाले सदस्य भी कभी कभार ही गोठान तक पहुंच रहे हैं।
गोठान ढाबा का कांसेप्ट फेल
राज्य शासन के आदेश के बाद गोठान ढाबा संचालित करने के निर्णय के बाद कई जगहों में आदर्श गोठान ढाबा बनाया गया। इसके चलते निर्माण भी कराया गया लेकिन कई जगहों में ढाबा शुरू ही नहीं हो सका। आरंग-महासमुंद मुख्य मार्ग से लगे बैहार आदर्श गोठान में ही इस कांसेप्ट ने दम तोड़ दिया। इसी तरह से बाकी जगहों में भी लगभग यही हालात हैं। गोबर से खाद बनाने और फिर इसकी बिक्री से मुनाफा कमाने की ज्यादा चिंता है कि प्रबंध समितियों ने गोठान ढाबा से दिलचस्पी हटा ली है।
पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए सीएम को दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। असंगठित एवं कामगार कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा, और कहा कि वो कर्मचारियों से नफरत करती है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने में भी अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए सीएम भूपेश बघेल को बधाई दी।
डॉ. उदित राज प्रदेश दौरे पर आए हैं। उन्होंने शनिवार को मीडिया से चर्चा में असंगठित मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश के अंदर असंगठित कामगारों की संख्या 15-20 साल में बढ़ी है।
डॉ. उदित राज ने कहा कि मौजूदा दौर में असंगठित कामगारों के सामने बड़ी समस्या हैं। उन्होनें बताया कि सात प्रतिशत कामगार ही संगठित क्षेत्र और 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार की ठेका नीतियों की वजह से असंगठित क्षेत्र के कामगार बढ़े हैं। कांग्रेस सरकार ने असंगठित क्षेत्र के लिए मनरेगा, श्रमिक कार्ड सहित विभिन्न योजनाएं शुरू की थी।
कोयले संकट पर उन्होंने कहा कि देश में कोयले को लेकर काफी विवाद चल रहा है। देश में कोयले की कमी नहीं है। अदानी ने आस्ट्रेलिया में जो कोयला खदान खरीदा गया हैं। उसे खपाने के लिए जान बूझकर कोयले के संकट पैदा किया जा रहा है। बढ़ती महंगाई ने भी लोगों को परेशान कर दिया है। इससे बिजली काफी प्रभावित हुई है। जिसकी वजह से देश के कई क्षेत्रों में लोगों को नुकसान और परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
सुंदरानी बोले-याद रखें घर कांग्रेसियों के भी है और आंदोलन करना आता है
रायपुर, 7 मई। कांग्रेस सरकार अपने विरुद्ध किसी आंदोलन के लिए काला कानून लाने के बाद विपक्षियों को भयभीत करने के लिए राजनीतिक मर्यादा को ताक में रखकर सीधे टकराव की स्थिति बना रहे हैं।
आज युवक कांग्रेस द्वारा रायपुर सांसद सुनील सोनी के संसदीय कार्यालय के बजाय निजी निवास में जाकर आंदोलन करने व परिजनों को भयभीत करने के प्रयास पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि राजनीतिक आंदोलन की एक मर्यादा रहती है, परंतु कांग्रेसी सीमा रेखा लांघ रहे हैं । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य के आंदोलनों में भाजपा भी राजनीतिक मर्यादाओं का पालन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सांसद सुनील सोनी जी को रायपुर की जनता ने 3.50 लाख से अधिक मतों से विजयी बनाया हैं। मुट्ठी भर कांग्रेसियों के कुत्सिक मानसिकता से किये आंदोलनों से वे विचलित होने वाले नहीं।
जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस ने किस से अनुमति लेकर उनके निजी निवास पर आंदोलन किया है सरकार इसकी प्रति सार्वजनिक करें, साथ ही उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि शीघ्र से शीघ्र आंदोलन करने वाले युवक कांग्रेसियों की गिरफ्तारी अगर नहीं होती है । तो भाजपा कार्यकर्ता रायपुर में निवासरत मंत्रियों और मुख्यमंत्री के निवास पर प्रदर्शन करेंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। अतिथि व्याख्याता समूह के अध्यक्ष लव कुमार वर्मा ने एक बयान में कहा कि प्रदेश के कॉलेज में बीते 11 वर्षे से अतिथि व्याख्याता एक ही वेतनमान पर कार्य कर रहे है। चुनावों से पहले कांग्रेस के जनघोषणा पत्र मे किए गए वादे से उर्जा का संचार हुआ था। किंतु उनकी मांगे अब तक पूरी नही हुई है। वर्मा का कहना है कि सरकार उनकी तीन मांगे पूरी कर सम्मान से जीने का अधिकार दें। उनकी मांगों में 65 साल तक जॉब सिनियारिटी पूर्ण कालिक अवधि एक मुश्त वेतन और प्रभावित अतिथि व्याख्याताओं की पुन: नियुक्ति शामिल है।
रायपुर, 7 मई। प्रदेश सरपंच संघ के सदस्य अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया। अपनी मांगों में इन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए सीएम बघेल से इस पर रोक लगाने की भी मांग की। संघ का कहना है कि जिला और जनपथ सदस्यों के द्वारा शासन से प्राप्त राशि का उपयोग अपने क्षेत्र से बाहर जाकर किया जा रहा है। जो न्यायोचित नहीं है।
रायपुर, 7 मई। देश के दक्षिणी पूर्वी हिस्सों में बंगाल की खाड़ी से लेकर अंडमान सागर के बीच निम्र दबाव के क्षेत्र बनने के कारण चक्रवाती तूफान का प्रभाव देखा जा रहा हैैैैैैैैैै। कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। असानी तूफान के प्रभाव से एक - दो दिनों में छत्तीसगढ़ का मौसम बदल सकता है । हालांकि छत्तीसगढ़ में शनिवार को उत्तरी हिस्से में तापमान में वृद्धि का अनुमान है । वहीं , कुछ स्थानों पर गरज - चमक के साथ बारिश और धूल भरी आंधी चलने की चेतावनी दी गई है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के मुताबिक दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से दक्षिण अंडमान सागर और उससे लगे दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है । इसके उत्तर पश्चिम की ओर बढऩे की सम्भावना है । आज शाम तक दक्षिण - पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब बनकर और जादा प्रबल होकर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है ।
इसके उत्तर - पश्चिम की ओर बढ़ते रविवार की शाम तक पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर और उत्तर में पश्चिम - मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की बहुत संभावना है ।
10 मई तक आंध्र- ओडिशा के तट में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है । एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा दक्षिण - पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है । एक द्रोणिका दक्षिण - पूर्व मध्य प्रदेश से तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है ।
प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में उत्तर से गरम और शुष्क हवा और दक्षिणी क्षेत्र में दक्षिण से अपेक्षाकृत ठंडी और नमी युक्त हवा आ रही है । प्रदेश में एक - दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है । प्रदेश में गरज चमक के साथ एक - दो स्थानों पर अंधड भी चलने की संभावना है ।
रायपुर,7 मई। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष सोहन पोटाई ने पत्रकारों से चर्चा में संगठन सरकार से हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक और परसा ईस्ट के बासेन में कोयला खनन को तत्काल बंद करने की मांग की है। छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिला पांचवी अनुसूचित क्षेत्र जहां हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक एवं परसा ईस्ट केते वासेन कोयला खनन की अनुमति से लगभग 4 ग्रामों मे पलायन की स्थिति निर्मित हो गई है। उनके देव स्थल सहित लगभग 45 लाख पेड़ कटने की संभावना है । जिसका लगातार उस क्षेत्र के निवासी सहित पूरे प्रदेश के आदिवासी समाज के द्वारा विरोध किया जा रहा है। पोटाई ने कहा कि अक्टूबर 2021 में प्रभावित लोग हसदेव से रायपुर तक 300 किलोमीटर पैदल मार्च कर राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भेंटकर खनन का विरोध किया था। 1 मई 2021 को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बैठक में उपरोक्त विषय को लेकर हुए बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव हुआ कि यथाशीघ्र खनन के प्रस्ताव को रद्द नहीं किया गया तो 20 मई 2022 से छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज सरगुजा जिला में महाबंद के साथ माल वाहक ट्रेन रोकेंगें । खनन प्रस्ताव अनुमति में बहुत सारी वैधानिक खामियां है । 1. सरगुजा जिला पाचवी अनुसूचित क्षेत्र में आता है जहां किसी भी कार्य के लिए ग्राम सभा की अनुमति जरूरी है । पोटाई के अनुसार खनन से फतेपुर , हरिहरपुर , घाटवरी पूर्णत: उजड जायेगें और लगभग 40-50 गांव प्रभावित होंगे किसी भी ग्राम सभा के अनुमति नहीं ली गई है । जिला प्रशासन के द्वारा फर्जी ग्राम सभा कराने की कोशिश की गई है । 1 2. आदिवासियों में टोटम प्रणाली होती है जो पौधे , जीवित एवं स्थान पर आधारित होता है । पेन देव / देवी जो आदिवासी पूर्वज है वे भी उस भूमि की विशिष्ट स्थानों में निवास करते है जहां वे ऐतिहासिक रूप से रहते हैं उन्हें किसी दूसरे भूमि में स्थानांतरित नही कर सकते हैं ।
विस्थापन का मतलब आदिवासियों के दृढ प्राकृतिक आस्था प्रणाली का विनाश होगा ।
3. प्रभावित ग्रामों में वन अधिकार कानून मान्यता 2006 का भी पूर्ण उलंघन हो रहा है । 4. प्रभावित क्षेत्र हसदेव अरण्य इको सेन्सिटीव जोन है ङ्ख.ढ्ढढ्ढ ( भारतीय वन्य जीव संस्थान ) ने हसदेव अरण्य को समृद्ध , जैव विविधता से परिपूर्ण वन क्षेत्र माना है जिसमें कई विलुप्त प्राय: वन्य प्राणी आज भी मौजूद है । 5. हसदेव अरण्य संरक्षित क्षेत्र में खनन होने से मिनीमाता हसदेव बांगो परियोजना सहित कई जिलों के सिचाई प्रभावित होगी । हाथी मानव द्वंद्व भी अनियंत्रित हो जायेगा । अतएव पांचवी अनुसूची क्षेत्र में अनियंत्रित कोयला खनन से आदिवासी ग्राम , उनकी संस्कृति , लाखो पेड , जैव विविधता और वैधानिक खामियों तथा जन समुदाएं का विरोध को देखते हुए परेसा कोल ब्लॉक एवं परसा ईस्ट केले वासेन में कोयला खनन को तत्काल बंद करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें अन्यथा इसके विरोध में सर्व आदिवासी समाज द्वारा 20 मई 2022 को सरगुजा महाबंद एवं माल वाहक ट्रेन रोकी जायेगी जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। तेलीबांधा में एक किसान की खुदकुशी कर लेने के मामले में प्रताडऩा का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने अब फरार हुए 3 आरोपियों के खिलाफ इनाम की घोषणा की है। शनिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने फरार हुए तीन आरोपी जगमीर सिंह, आकाशदीप गिल और गंगा राम साहू को पकडऩे के लिए 20 ?20000 के ईनामों की घोषणा की। गौरतलब है कि तेलीबांधा में जमीन कब्जा करने और अवैध निर्माण के चलते परेशान होकर किसान ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में सतनामी समाज के लोगों ने आक्रोश जता कर आगे आंदोलन करने की धमकी दी। अब इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे ईनाम का सहारा लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। फाफाडीह इलाके में दो साल पहले एक मजदूर की हादसे के दौरान मौत होने के मामले में पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ अभी जुर्म दर्ज किया है। ठेकेदार ने बिना सुरक्षा उपकरण दिए मजदूर को काम पर रखा था। होर्डिंग लगाते वक्त मजदूर कई फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई। गंज पुलिस ने बताया मृत मजदूर का नाम अनिल रहंगडाले निवासी बालाघाट है। अनिल अपने ठेकेदार अब्दुल रज्जाक के कहने पर रायपुर में विज्ञापन होर्डिंग लगाने का काम करने आया हुआ था। दो साल पहले फरवरी महीने में दिन के वक्त काम करते हुए अनिल का पैर स्लिप हो गया और कई फीट की ऊंचाई से वह जमीन में गिर गया। नीचे गिरने के बाद सिर में काफी चोंटे आई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम किया था। बयानों के आधार पर पुराने मामले में आरोपी ठेकेदार के खिलाफ अब लापरवाही बरतने का केस दर्ज किया।
विश्व थैलेसीमिया दिवस 8 मई विशेष
रायपुर, 7 मई 2022, थैलेसीमिया रक्त संबंधी बीमारी है जो कि अनुवांशिक है। इस बीमारी में खून की बहुत कमी होने लगती है। खून की कमी से मरीज के शरीर में हिमोग्लोबिन नहीं बन पाता है इसलिए उन्हें बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता है। अतः इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 8 मई को “विश्व थैलेसीमिया दिवस” मनाया जाता है।
इस वर्ष ‘वी अवेयर शेयर एंड केयर’ थीम पर थैलेसीमिया दिवस मनाया जाएगा। इस दिन जिला स्तर पर विभिन्न प्रेरक कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को थैलेसीमिया के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित उपायों की जानकारी दी जाएगी। इस संबंध में प्रोफेसर एवं एचओडी पैथोलॉजी डिपार्टमेंट, मेडिकल कॉलेज रायपुर के डॉ. अरविंद नेरल ने बताया “थैलेसीमिया अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें रक्त में पाए जाने वाले हिमोग्लोबीन का निर्माण नहीं होता है, जिससे खून की कमीं या एनीमिया हो जाता है। थैलेसीमिया अल्फा और बीटा थैलेसीमिया दो तरह के थैलेसीमिया हो सकते हैं। यदि दोनों पालकों ( माता एवं पिता) से बीमारग्रस्त जीन्स बच्चे में आते हैं तो वह मेजर थैलेसीमिया कहलाता है , जिसमें बीमारी के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। यदि किसी एक ही पालक से बीमारी अनुवांशिक रूप से बच्चे में आती है तो वह माइनर कहलाता है। जिसमें बीमारी के लक्षण लगभग नहीं होते हैं, लेकिन ये लोग बीमारी के वाहक ( केरियर) होते हैं।“
आगे उन्होंने बतायाः “भारतीय विभिन्न समुदायों में थैलेसीमिया के वाहक लगभग 2 से 6 प्रतिशत लोगों में पाए जाए हैं। एक अनुमानानुसार प्रतिवर्ष 6,000 से 8,000 थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चे जन्म लेते हैं। भारत में 1 से सवा लाख थैलेसीमिया के मरीज हैं। जागरूकता से ही इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है। 3 से 4 माह के नवजात शिशु में इसके लक्षण दिखाई देना प्रारंभ हो जाता है। खून की कमीं, पीलिया के कारण शरीर का लालिमा कम होना, शरीर सफेद-पीला दिखाई देना, शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाना, बच्चे के जबड़े और गाल असामान्य हो गए हैं, वह अपनी उम्र से काफी छोटा नजर आने लगे, चेहरा सूखा हुआ रहे, वजन न बढ़े, हमेशा कमजोर और बीमार रहे, सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण थैलेसीमिया के भी हो सकते हैं।
खून की जांच से बीमारी का इलाज संभव- डॉ. नेरल के अनुसार खून की जांच से इस बीमारी का इलाज, निदान संभव है। सामान्य जांच से खून की कमीं, एनीमिया के प्रकार, रेटिकुलोसाईट की संख्या, पीलीया की जांच के अलावा हिमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरोसिस आदि जांच से थैलेसीमिया का पहचान कर निदान किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को 3 से 5 हफ्ते में खून देना होता है और शरीर में आयरन की मात्रा को संतुलित करने के लिए दवाईयां देनी पड़ती हैं। बोनमेरो ट्रांसप्लांट और जीन थेरेपी से इस बीमारी का इलाज हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान- थैलेसीमिया से बचाव के लिए जरूरी है रक्त अल्पता या एनीमिया पर नजर रखना। विशेषकर गर्भावस्था के दौरान इसकी जांच भी अवश्य ही करानी चाहिए, क्योंकि हीमोग्लोबिन का स्तर अनियंत्रित होना थैलेसीमिया बीमारी का एक कारण हो सकता है। यदि फैमिली हिस्ट्री इस बीमारी की किसी समुदाय में मिलती है तो आने वाली पीढ़ी को यह बीमारी ना हो इसलिए शादी के समय रक्त की जांच (थैलेसीमिया की जांच) विवाह पूर्व काउंसिलिंग, करानी भी जरूरी होती है।
अब छत्तीसगढ़ में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान
रायपुर, 7 मई। छत्तीसगढ़ में कैडवर अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण (Diseased Organ Transplantation) के लिए संस्थाओं के पंजीयन की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के समुचित प्राधिकारी सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने संचालक चिकित्सा शिक्षा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के निदेशक, दाऊ कल्याण सिंह सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल रायपुर के संचालक और राज्य कार्यक्रम अधिकारी (नर्सिंग होम एक्ट) को पत्र लिखकर विशेषज्ञ स्तर पर उप समिति के गठन हेतु प्रतिनिधि नामांकित करने और संस्थाओं को पंजीकृत कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने कहा है।
पत्र में संस्थाओं से नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, गैस्ट्रो-सर्जरी (एमसीएच), सीटीवीएस सर्जरी, कार्ड एवं पल्मोनरी मेडिसीन विभाग के विशेषज्ञ स्तर पर एक उप समिति गठित किये जाने हेतु प्रतिनिधि नामांकित करने कहा गया है। यह समिति राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के संचालक को अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के आवेदनों की अनुशंसा कर सकेगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और 2014 संशोधित अधिनियम लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत ही कैडवर अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण किए जा सकते हैं। राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन एवं मानव अंग उत्तक प्रत्यारोपण की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए राज्य पर्यवेक्षक समिति का भी गठन किया गया है। डॉ. कमलेश जैन को इसका राज्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। यह समिति समुचित प्राधिकारी के मार्गदर्शन में मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण के लिए कार्य करेगी।
राज्य अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के अनुसार कैडवर प्रत्यारोपण हेतु संस्था को पंजीकृत कराया जाना आवश्यक है। प्रत्यारोपण के लिए दो तरह की संस्थायें सहयोगी होती है। पहली संस्था जो स्वयं प्रत्यारोपण में शामिल होती है और दूसरी संस्था जहां मृत्यु उपरांत शरीर उपलब्ध है, तथा जहां अंग दान हेतु सुरक्षित रखा जाता है तथा सूचना एवं प्रक्रिया उपरांत अंग प्रत्यारोपण हेतु उपयोग में लाया जाता है। उपरोक्त दोनो प्रकार की संस्थाओं को पंजीकृत कराया जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही जन समुदाय में स्वेच्छा से मृत्यु उपरांत अंग दान (शरीर) हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया जाना भी जरूरी है।