रायपुर
![परसा देवस्थल वहां सरकार खनन बंद करेे-आदिवासी समाज परसा देवस्थल वहां सरकार खनन बंद करेे-आदिवासी समाज](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1651934132611842327G_LOGO-001.jpg)
रायपुर,7 मई। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष सोहन पोटाई ने पत्रकारों से चर्चा में संगठन सरकार से हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक और परसा ईस्ट के बासेन में कोयला खनन को तत्काल बंद करने की मांग की है। छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिला पांचवी अनुसूचित क्षेत्र जहां हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक एवं परसा ईस्ट केते वासेन कोयला खनन की अनुमति से लगभग 4 ग्रामों मे पलायन की स्थिति निर्मित हो गई है। उनके देव स्थल सहित लगभग 45 लाख पेड़ कटने की संभावना है । जिसका लगातार उस क्षेत्र के निवासी सहित पूरे प्रदेश के आदिवासी समाज के द्वारा विरोध किया जा रहा है। पोटाई ने कहा कि अक्टूबर 2021 में प्रभावित लोग हसदेव से रायपुर तक 300 किलोमीटर पैदल मार्च कर राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भेंटकर खनन का विरोध किया था। 1 मई 2021 को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बैठक में उपरोक्त विषय को लेकर हुए बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव हुआ कि यथाशीघ्र खनन के प्रस्ताव को रद्द नहीं किया गया तो 20 मई 2022 से छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज सरगुजा जिला में महाबंद के साथ माल वाहक ट्रेन रोकेंगें । खनन प्रस्ताव अनुमति में बहुत सारी वैधानिक खामियां है । 1. सरगुजा जिला पाचवी अनुसूचित क्षेत्र में आता है जहां किसी भी कार्य के लिए ग्राम सभा की अनुमति जरूरी है । पोटाई के अनुसार खनन से फतेपुर , हरिहरपुर , घाटवरी पूर्णत: उजड जायेगें और लगभग 40-50 गांव प्रभावित होंगे किसी भी ग्राम सभा के अनुमति नहीं ली गई है । जिला प्रशासन के द्वारा फर्जी ग्राम सभा कराने की कोशिश की गई है । 1 2. आदिवासियों में टोटम प्रणाली होती है जो पौधे , जीवित एवं स्थान पर आधारित होता है । पेन देव / देवी जो आदिवासी पूर्वज है वे भी उस भूमि की विशिष्ट स्थानों में निवास करते है जहां वे ऐतिहासिक रूप से रहते हैं उन्हें किसी दूसरे भूमि में स्थानांतरित नही कर सकते हैं ।
विस्थापन का मतलब आदिवासियों के दृढ प्राकृतिक आस्था प्रणाली का विनाश होगा ।
3. प्रभावित ग्रामों में वन अधिकार कानून मान्यता 2006 का भी पूर्ण उलंघन हो रहा है । 4. प्रभावित क्षेत्र हसदेव अरण्य इको सेन्सिटीव जोन है ङ्ख.ढ्ढढ्ढ ( भारतीय वन्य जीव संस्थान ) ने हसदेव अरण्य को समृद्ध , जैव विविधता से परिपूर्ण वन क्षेत्र माना है जिसमें कई विलुप्त प्राय: वन्य प्राणी आज भी मौजूद है । 5. हसदेव अरण्य संरक्षित क्षेत्र में खनन होने से मिनीमाता हसदेव बांगो परियोजना सहित कई जिलों के सिचाई प्रभावित होगी । हाथी मानव द्वंद्व भी अनियंत्रित हो जायेगा । अतएव पांचवी अनुसूची क्षेत्र में अनियंत्रित कोयला खनन से आदिवासी ग्राम , उनकी संस्कृति , लाखो पेड , जैव विविधता और वैधानिक खामियों तथा जन समुदाएं का विरोध को देखते हुए परेसा कोल ब्लॉक एवं परसा ईस्ट केले वासेन में कोयला खनन को तत्काल बंद करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें अन्यथा इसके विरोध में सर्व आदिवासी समाज द्वारा 20 मई 2022 को सरगुजा महाबंद एवं माल वाहक ट्रेन रोकी जायेगी जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी