छत्तीसगढ़ » रायपुर
भूपेश और रमन के दौरे में फर्क, रमन ब्लैक कैट कमांडो से घिरे रहते थे भूपेश जनता से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 मई। मुख्यमंत्री के दौरे पर रमन सिंह का बयान भाजपा की बौखलाहट को प्रदर्शित कर रहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश और रमन के दौरे में फर्क, रमन ब्लैक कैट कमांडो से घिरे रहते थे भूपेश जनता से। रमन सिंह विकास यात्रा निकालते थे, विकास यात्रा के नाम पर अपने वैभव का प्रदर्शन करना और किसान, युवा, महिलाओं, स्कूली बच्चों के ऊपर लाठीचार्ज करवाते थे, दहशत फैलाकर सरकार के कुनीतियों के खिलाफ उठ रही आवाज को कुचलना ही उनका मुख्य उद्देश्य रहता था।
भूपेश बघेल योजनाओं की समीक्षा कर रहे, जनसामान्य से मिल रहे, जनप्रतिनिधियों से मिल रहे है, कर्मचारियों, अधिकारियों से मिल कर समस्याओं की जानकारी एकत्रित कर रहे। रमन सिंह तो 15 साल तक जनता से दूर रहे ब्लैक कैट कमांडो के घेरे में उनसे परिंदा भी नहीं मिल सकता था। आज भी मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उनसे आम आदमी से दूर भाजपा का कार्यकर्ता भी नहीं मिल पाते है। भूपेश बघेल से बच्चे, बुजुर्ग, आम आदमी, कार्यकर्ता सभी मिल रहे है। सभी की समस्या का निदान कर रहे सरकारी योजनाओं की समीक्षा कर रहे है। रमन राज में सरकारी दफ्तरों में काम करने की संस्कृति समाप्त हो गयी थी, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में जवाबदेह सरकार चला रहे।
रायपुर, 6 मई। मद्रासी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर शफीक अहमद ने बताया कि अतंर्राज्यीय बस स्टैण्ड रोड, भाटागॉव चौक के पास स्थित ब्रांच मद्रासी हाईवे का नयी साज-सज्जा के साथ शुभारंभ हुआ जिसमें लोग वही बेहतरीन व स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठा सकेंगे।
शफीक अहमद ने बताया कि पल-पल में परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है-उक्ति के तहत इंटर स्टेट बस अड्डे में प्रदेश के बाहर से आने जाने वाले लोगों को शानदार डाईनिंग का अनुभव कराने के उद्देश्य से मद्रासी ग्रुप ने स्वाद प्रेमियों के लिये इस संस्थान में बेहतरीन इंतेजाम किया है. शीघ्र ही संस्थान में थाली एवं कॉम्बो लाने की योजना है।
श्री शफीक ने बताया कि इस नये ब्रांच की स्ट्रेंथ 60-70 लोगों की है, जहां क्वालिटी फूड का आनंद उठाया जा सकता है। यहां मद्रासी होटल की भांति सभी वर्गों के लिये स्वादिष्ट व्यंजनों की लाजवाब श्रृंखला है. मीनू के आयटम्स में समय समय पर नये डिश भी जोड़े जाते हैं. संस्थान मेंं बिरयानी के अलावा चायनीज, वेज, नॉनवेज जैसे विशिष्ट आयटम्स है।
उल्लेखनीय है कि संस्थान द्वारा स्वच्छता को सबसे अधिक तरजीह दी जाती है. उपरोक्त सभी आयटम्स उच्च स्तर के साफ-सफाई को ध्यान मेंं रखकर निर्मित किये जाते है. अपनी सतत सफलता के बारे में शफीक भाई ने बताया कि इसका श्रेय संस्था से जुड़े समस्त शुभचिंतकों, ग्राहकों को ही जाता है जिनके द्वारा समय-समय पर दिये गये अमूल्य सुझाव एवं मार्गदर्शन से ही प्रेरणा मिलती रही है एवं उनसे रो•ााना कुछ नया सीखते हैं व उस पर अमल करने की कोशिश करते हैं।
रायपुर, 5 मई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारे पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का अपमान हो रहा है। बेहतर होगा कि वे मंत्रिमंडल की सदस्यता का परित्याग कर अपना सम्मान बचायें। श्री सिंहदेव छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और सम्माननीय नेता हैं। वे कांग्रेस घोषणा पत्र के सूत्रधार और मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं। कांग्रेस की सरकार न तो उनके घोषणा पत्र पर अमल कर रही और न ही ढ़ाई साल बीतने पर उन्हें सत्ता का नेतृत्व प्राप्त हुआ। कांग्रेस की सरकार का नेतृत्व कौन करे, यह कांग्रेस का मामला है लेकिन जिस तरह कांग्रेस के सत्ता संघर्ष में जनता के हित प्रभावित हो रहे हैं, वह घोर आपत्तिजनक है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि सिंहदेव राज्य के पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री हैं।ये दोनों ही विभाग कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई से प्रभावित हो रहे हैं। जिससे लोक महत्व के काम ठप हैं। पंचायत विभाग की दुर्गति कर दी गई है तो स्वास्थ्य सेवा भी चरमरा गई है।
छुट्टी से लौटे आईजी ने क्राइम मीटिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। शहर में हाईप्रोफाइल डकैती कांड से लेकर पॉश कॉलोनियों में चोरी के मामलों ने पुलिस के लिए सिरदर्द बढ़ा रखा है। एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट के गठन किए जाने के बाद भी चर्चित मामलों में टीमों को कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही है कि अब आईजी ओपी पाल ने बड़े मामलों की छानबीन के लिए अलग से स्पेशल टीम बनाकर फोकस करने कहा है। बुधवार को एसएसपी समेत तमाम पुलिस अफसरों की बैठक लेने के बाद शहर के बड़े मामलों में छानबीन तेज करने के साथ जल्द से जल्द खुलासा करने पर जोर दिया। देवपुरी सांई वाटिका में छह से सात डकैत वारदात के बाद से फरार हैं। इस मामले में पुलिस कुछ भी सुराग नहीं जुटा सकी। धार और महाराष्ट्र जाकर कुछ पेशेवर अपराधी गैंग की पतासाजी तो की लेकिन इसके बाद भी कोई खास सफलता नहीं मिली। सांई वाटिका के बाद धरसींवा के अकोली क्षेत्र में भी एक मकान में लाखों रुपये के गहने और नगदी रकम चुराए गए। परिवार जब गहरी नींद में डूबा था तभी आरोपी वारदात को अंजाम दे भागे। परिवार के नींद में होने के कारण यह पता नहीं चल सका कि यहां कितने लोग घुसे थे। जिस तरह से चोरी की घटना को अंजाम दिया गया माना जा रहा है कि यहां भी शातिर पांच से ज्यादा ही थे। अगर परिवार की नींद खुल जाती तो यहां भी डकैती जैसे हालात बन जाते। आईजी ओपी पाल के चार्ज संभाल लेने के बाद पुराने मामलों के निकाल के साथ में ही कौंबिंग गश्त पर जोर दिया जा रहा है। सभी थानेदारों को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त करने निर्देश दिए गए हैं।
थानों में जल्द बदलाव
आईजी ओपी पाल की बैठक लेने के बाद अब थानों में बदलाव होने की चर्चा आम होर्ग गई है। हाल में रायपुर जिले के कई थानेदारों के जिले के बाहर पोस्टिंग होने के बाद से उनकी जगह नए चेहरों के आने के बाद दूसरे थानों में भी बदलाव किए जाने की तैयारी है। संवेदनशील क्षेत्रों के थानों में प्रभार बदला जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। भाजपा के प्रदेशव्यापी कार्य विस्तार योजना आज से शुरू हो गई। इसमें 20 मई तक प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारी अपने मंडलों व बूथ केन्द्रों में जाकर कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। इस दौरान प्रमुख पदाधिकारी शक्तिकेन्द्रों में विस्तारक के रूप में पहुंचकर कार्यकर्ताओं से अपने बूथ व शक्ति केन्द्र को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
इस दरमियान जनता को छत्तीसगढ़ में भाजपा के 15 वर्ष के कार्यकाल, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात देश में आए सकारात्मक परिवर्तन व उनके जनोपयोगी कार्य के बारे में विस्तार से बताएंगे साथ ही साथ विगत व 39 महीनों में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार की विफलताओं के बारे में जनता से चर्चा कर उनकी बातें व समस्या जानेंगे।
कार्य विस्तार योजना के तहत कल 5 मई से पूर्व मंत्री व विधायक,बृजमोहन अग्रवाल सदर बाजार,सांसद सुनील सोनी निमोरा, जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी शंकर नगर, पूर्व विधायक नंदे साहू माना , भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू बिरगांव में बैठक करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय कुनकुरी के गजियाडीह शक्तिकेन्द्र व जामटोली बूथ, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा के तिफरा व शक्ति केंद्र कालिकानगर में, प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल जांजगीर-चांपा के पाली बूथ में, राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय दुर्ग, सासंद अरूण साव बिलासपुर के बोदरी मंडल के ग्राम पिरैया में, विजय बघेल दुर्ग में, संतोष पाण्डेय कवर्धा के सहसपुर-लोहारा बूथ में, प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर कुरूद शहर के बूथ में बैठक लेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के आव्हान पर आम सभा में स्थगित हड़ताल को 17 मई से फिर से प्रारंभ करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया। कर्मचारियों की आम सभा में संघ के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर ने पूर्व में कुलसचिव को सौपे गए 15 सूत्रीय मांगों पर जानकारी दिया एवं तैयार 9 बिंदुओं के मांग पत्र को दिए जाने का सुझाव दिया। स्थगित हड़ताल को प्रारंभ करने कलेक्टर से अनुमति दी जा रही है। हड़ताल में जाने के लिए कर्मचारियों की सहमति पत्र प्रस्तुत किया गया, जिससे कर्मचारियों की आमसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय को 16 मई तक मांगों को पूरा करने का समय दिया जाए अन्यथा की स्थिति में 17 मई से स्थगित हड़ताल को फिर से प्रारंभ किया जाए। संघ के सचिव प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि सातवें वेतनमान के चौथे किस्त के एरियर्स का भुगतान , सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान के चारों किस्त के एरियर्स का भुगतान समेत 9 मांगें शामिल हैं।
इश्तेहार जारी कर गाडिय़ों की नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। जिले में करोड़ों रुपये ऋण बांटने के बाद वसूली के नाम पर अंत्यावसायी सहकारी समिति को मायूसी हाथ लगी है। लाखों रुपये के लोन लेने वालों ने पूरी रह से दूरियां बढ़ा ली है कि विभाग के पास नए बजट का टोटा हो गया है। इसी कड़ी में अब समिति ने विभाग में मौजूद गाडिय़ों की नीलामी करने का निर्णय लिया है, इसके लिए इश्तेहार जारी कर अब आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
विभागीय सूत्रों के बताए अनुसार समिति की ओर से जारी किए गए इश्तेहार के मुताबिक ऐसे लोग जिन्होंने महंगी गाडिय़ों के लिए विभाग से लोन लिया है लेकिन अभी तक लोन का भुगतान नहीं किया है, ऐसे लोगों के नामों को डिफाल्टर सूची में शामिल करने के बाद ऐसे ही छह गाडिय़ों पर कब्जा जमाकर उसे नीलाम करने के लिए योजना बनाई है। विभागीय अफसरों के मुताबिक ऋणदाताओं ने लंबे समय के बाद भी रकम का भुगतान नहीं किया। अनुसूचित जाति, जनजाति और फिर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए लागू स्कीमों के तहत में विभाग ने लोन के लिए प्रस्ताव मंजूर किया था। ऋणदाताओं के नाम पर बड़ी राशि बतौर लोन के रूप में भुगतान तो कर दिया गया, हितग्राहियों ने स्कीम के तहत में गाडिय़ां भी अपने नाम पर फायनेंस करा ली, लेकिन इसके बाद भी विभाग के तय शर्तों के मुताबिक कभी भी किश्तों का भुगतान नहीं किया। अब जिले में पहली बार डिफाल्टर लोगों की सूची तय कर उनके पास मौजूद वाहनों को नीलाम करने का निर्णय लिया गया है।
वसूली में छूटा पसीना
जितने लोगों ने जिले से ऋण लिया है उसमें बकाया राशि वसूल करने में अंत्यावसायी समिति के अधिकारियों को पसीना छूट गया है। तीन करोड़ रुपये से भी ज्यादा बकाया राशि वसूल नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक आज से ठीक 22 साल पहले लोन लेने वालों ने रकम का भुगतान नहीं किया है। रसूखदार परिवार से होने और फिर राजनीति संरक्षण होने के कारण विभागीय अफसर भी नाप तौल कर कार्रवाई कर रहे हैं।
इन गाडिय़ों की नीलामी, धरोहर राशि एक हजार की
सीजी 04 जेए 6105
सीजी 04 जे 8801
सीजी 04 जेए 0522
सीजी 04 टी 2466
सीजी 04 एच 2619
सीजी 04 जेए 2008
नीलामी के लिए यह शर्तें
- सभी वाहनों की नीलामी के पूर्व ईकाई की न्यूनतम धरोहर राशि 1000 रुपये प्रतिवाहन जमा करना होगा।
- बोलीकर्ता वाहनों की बोली लगाएंगे। उच्चतम बोली गठित समिति के सदस्यों के द्वारा स्वीकार होगी।
- किसी भी वाद विवाद की स्थिति िमें अंतिम निर्णय सक्षम अधिकारी का ही मान्य किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। पाकिस्तान से आए सिंधी शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए शदाणी दरबार के प्रमुख संत युधिष्ठिर लाल ने पहल की है। इस कड़ी में उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से चर्चा की है। बताया गया कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने शुक्रवार की शाम को दिल्ली में बैठक रखी है। जिसमें सिंधी शरणार्थियों को नागरिकता देने पर चर्चा की जाएगी।
पाकिस्तान से करीब 982 सिंधी शरणार्थी यहां रह रहे हैं। इनमें से कई तो 10 से अधिक समय से यहां है। वो भारतीय नागरिकता के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन्हें नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री राय आज यहां पहुंचे, तो शदाणी दरबार के प्रमुख संत युधिष्ठिर लाल ने उनसे मुलाकात की।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिल पाने के कारण केंद्र, और राज्य सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने इसको लेकर घोषणा की है। नित्यानंद राय ने इस दिशा में कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। राय ने शुक्रवार की शाम दिल्ली में बैठक रखी है। इसमें गृह मंत्रालय के आला अफसर मौजूद रहेंगे। साथ ही साथ संत युधिष्ठिर लाल, श्रीचंद सुंदरानी, ललित जैसिंघ सहित अन्य प्रमुख नेता भी वहां पहुंच रहे हैं।
रायपुर, 5 मई। धरसींवा के मोहदा गांव में शादी कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने मारपीट के बाद एक कार के शीशे तोड़ दिए। मामला गरमाने के बाद पुलिस ने शिकायत मिलते ही अपराध दर्ज किया। पुलिस ने बताया, कामता देवांगन ने आरोपी कोमल निर्मलकर, नागेश के खिलाफ में अपराध दर्ज किया। शाम के वक्त आरोपियों ने शादी कार्यक्रम के दौरान दीपक वर्मा और जय प्रकाश देवांगन से गाली गलौज की। विरोध करने पर कुछ देर बाद भवन के पास खड़ी कार का शीशा तोड़ दिया। इसके बाद मौके से भाग गए। मामले में लिखित शिकायत होने पर अपराध दर्ज किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। तेलीबांधा में जीएसटी कर्मचारी गंगा प्रसाद मारकंडे की खुदकुशी के मामले में पूर्व सदस्य अनुसूचित जाति डॉ हेमचंद्र रेशम लाल जांगड़े ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। आरोप लगाया कि आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों पर पुलिस नरमी से पेश आ रही। गुरूवार को पूर्व सदस्य ने प्रेसवार्ता लेकर पुलिस के रवैइए पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि घटना के सात दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं किया जाना शासन, प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। जिस प्रकार से पीडि़त व्यक्ति को जमीन संबंधी मामले को लेकर इतना ज्यादा प्रताडि़त किया कि उसने प्रताडऩा से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मध्यम वर्ग व अनुसूचित जाति वर्ग का होने के की वजह से उसे न्याय नहीं मिल सका। दूसरी तरफ आरोपी पक्ष व रसूखदार होने की वजह से उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। न ही किसी प्रकार की कार्रवाई उस पर की गई है। इस घटना से पूरे प्रदेश में सतनामी समाज में बेहद आक्रोश व्याप्त है। पूर्व सदस्य जांगड़े ने कहा, यदि तत्काल इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो समाज पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। शेक्षणिक अध्ययन प्रवास पर गए रायपुर के 64 पार्षदों एवं अधिकारियों ने महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, के साथ इंदौर शहर में कचरे की प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को देखा। अधिकारियों से चर्चा कर कचरा प्रोसेसिंग कार्य से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियां विस्तृत रूप ली।अधिकारियों ने बताया कि इंदौर शहर के 19 जोनों में आने वाले 85 वार्ड क्षेत्रों की लगभग 25 लाख की आबादी से प्रतिदिन प्राप्त होने वाले लगभग 1100 मेट्रिक टन कचरे की प्रतिदिन नियमित प्रोसेसिंग 2015 से लगातार की जा रही है। निगम के विभिन्न 10 स्थानों पर बनाये गये कचरा एकत्रीकरण केंद्रों में घर - घर से एवं व्यवसायिक क्षेत्रों, अस्पतालों से विभिन्न 6 प्रकार के कचरे सूखा कचरा, गीला कचरा, घरेलू खतरनाक कचरा, ई ( इलेक्ट्रॉनिक) कचरा, सेनेटरी कचरा, बायो मेडिकल कचरा, इन विभिन्न 6 कचरों को पृथक - पृथक जनसहयोग से प्राप्त करके छोटी सफाई वाहनों में सीधे लेकर लाया जाता है एवं इंदौर महानगर में विभिन्न 10 स्थानों पर बनाये गये कचरा एकत्रीकरण केंद्रों से बड़ी सफाई वाहनों में लोड करके सीधे इंदौर के कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में प्रतिदिन की कचरा प्रोसेसिंग के लिये पहुंचा दिया जाता है।
यह कचरा घर, दुकान, अस्पताल से पृथक - पृथक ही लिया जाता है, मिक्सड कचरा कहीं से भी नहीं लिया जाता है. पृथक - पृथक कचरा करके इंदौर नगर निगम की सफाई वाहनों में सीधे देने पहले लगातार घर - घर में इंदौर नगर निगम प्रशासन के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने जनता के मध्य जाकर जनजागरण किया. एक बार में नहीं हुआ, तो दो बार, तीन बार, चार बार, पांच बार बोला गया, तो इंदौर के लोग स्वत: सूखा एवं गीला कचरा पृथक - पृथक करके इंदौर नगर निगम के सफाई वाहनों में सफाई मित्र को देने लगे एवं सफाई को लेकर नगरवासी निरन्तर जागरूक बने हुए हैं।
रायपुर, 5 मई। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में उत्तर से गरम और शुष्क हवा तथा दक्षिणी क्षेत्र में दक्षिण से अपेक्षाकृत ठंडी और नमी युक्त हवा आ रही है।
कल 06 मई को प्रदेश के में अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है।
प्रदेश के दक्षिणी भाग में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर अंधड भी चलने की संभावना है।
रायपुर। अविभाजित मप्र युवक कांग्रेस के महासचिव और कांग्रेस के कई पदों पर पदस्थ रहे अब्दुल अजीम उर्फ भोंदू का आज सुबह 9 बजे निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनको शाम 5 बजे मौदहापारा कब्रिस्तान में सुपुर्देखाक किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऑन द स्पॉट स्वीकृत किए 4 लाख रुपये। प्रार्थी की ओर से नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने स्वयं लिखा आवेदन।भेंट-मुलाक़ात अभियान के दौरान मुख्यमंत्री से मिलने पहुँची थी महिला।बेटे के इलाज पर खर्च हुई है बड़ी राशि, मुख्यमंत्री से माँगी मदद।महिला की तत्काल मदद के लिए दिखी राज्य सरकार की संवेदनशीलता। आज बलरामपुर ज़िले के रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र पहुँचे हैं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल।
रायपुर, 5 मई। शहर में लाखों रुपये लोहा चुराकर गायब होने का मामला सामने आया है। एक ट्रक चालक ने लोहा लोड करने के बाद गंतव्य स्थल तक माल न ले जाकर उसका गबन कर लिया। शिकायत होने पर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी।
गुरूवार को पुलिस ने आजाद चौक थाना में निखिल अग्रवाल की शिकायत पर ट्रक क्रमांक एमएच 40 एके 9119 के चालक के खिलाफ अपराध दर्ज किया। प्रार्थी ने अपने स्वास्तिक स्टील की तरफ से इस वाहन में तकरीबन 19 लाख रुपये के लोहे के एंगल और पाइप लोड करवाए थे। पिपरिया के लिए 30 अप्रैल को वाहन रवाना किया, लेकिन चालक गंतव्य स्थल तक नहीं पहुंचा। उल्टे उसने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया। इस तरह से लाखों रुपये का लोहा गबन करने का शक हुआ, जिसके बाद निखिल ने थाना आकर मामले में शिकायत दर्ज कराई।
केन्द्र और अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ 12 फीसदी पीछे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। देशभर से 17 प्रतिशत डीए से पीछे चल रहे छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने 5 प्रतिशत की घोषणा को तोहफा कहे जाने पर आश्चर्य जताया है। कर्मचारी इन दिनों इस तोहफे के पीछे छिपे दर्द को अपने वाट्सएप ग्रुप में जमकर वायरल कर रहे हैं। इसे तोहफे के रूप में प्रकाशित और प्रचारित करने वाले अखबार, और टीवी चैनलों के संपादकों के नाम पत्र लिखकर एक तरह से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। वायरल इस मैसेज में कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने तोहफा नहीं 28 महीनों का एरियर्स डकार लिया है।
यह वायरल मैसेज हम हुबहु प्रकाशित कर रहे हैं-1 मई यानी मजदूर दिवस के दिन राज्य सरकार द्वारा 5 फीसदी डीए की घोषणा की गई है जो आपके खबरों के मुताबिक कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा तोहफा है लेकिन सच्चाई इसके परे हैं , इस संबंध में मैं आपको बताना चाहूंगा कि डीए यानी महंगाई भत्ता वेतन का वह अभिन्न अंग है जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा हमेशा से कर्मचारियों को 1 जनवरी और 1 जुलाई को दिया जाता है , इसके लिए यह भी परिपाटी रही है कि केंद्र के साथ राज्य भी अपने कर्मचारियों को उसी अनुपात में महंगाई भत्ता देते आ रहा है लेकिन विगत कुछ समय से इस पर भी शासन -प्रशासन की नजर लग गई है। अब तक यह भी परंपरा रही है कि जब केंद्र की घोषणा के बाद राज्य सरकार घोषणा करती है तो उसी तिथि से महंगाई भत्ता को लागू किया जाता है जिस तिथि से केंद्र ने देने की घोषणा की होती है लेकिन अब एक अद्भुत और नई परिपाटी चल रही है जिसमें राज्य के कर्मचारी केंद्र से डीए में 12 फीसदी पिछड़ गए हैं, जी हां, एक दो नहीं बल्कि 12 फीसदी महंगाई भत्ता में पीछे होना अपने आप में कितना बड़ा धोखा है उसे आप आसानी से समझ सकते हैं।
साथ ही विगत कुछ समय से जिस तारीख से ष्ठ्र की घोषणा हो रही है उसी तारीख से दिया जा रहा है यानी केंद्रीय कर्मचारियों को जिस तिथि से दिया गया गई उस दिनांक से हक देने की परंपरा को भी बंद कर दिया गया है जिससे सीधे तौर पर हजारों रुपए का एरियर्स का नुकसान राज्य के कर्मचारियों को हो रहा है। अगर आप इसकी सीधे गणना करेंगे तो जिस समय से (यानी विगत 3 सालों से) एक-एक कर्मचारी लाखों रुपए के नुकसान में है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती क्योंकि सरकार एरियर्स राशि दे ही नहीं रही है । आर्थिक नुकसान की मार झेलने के बावजूद जब आप अपनी खबरों में हेडिंग में तोहफा शब्द लिखते हैं तो राज्य कर्मचारियों को ऐसा लगता है जैसे आप भी हमें तमाचा मार रहे हैं यह तो उसी प्रकार की बात हो गई कि कर्मचारियों का 3 महीने का वेतन रोक दिया जाए और दिवाली के समय उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाए पर यह कहा जाए कि कर्मचारियों को बहुत बड़ी सौगात मिली। यह सौगात नहीं बल्कि कर्मचारियों का मूलभूत हक है जिसे छीना जा रहा है और जिस के विरोध में कर्मचारी मुखर है । हो सके तो अगली बार कम से कम महंगाई भत्ता को सौगात का नाम मत दीजिएगा आपसे विनम्र अनुरोध है क्योंकि यह सौगात नहीं बल्कि बढ़ती मंहगाई के बीच अपने रहन सहन एवं मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को राहत है जो की कर्मचारियों का हक है जो फिलहाल तो छीना जा रहा है ।
पेंशनर्स हर जगह करेंगे सीएम से मांग
इधर संयुक्त पेंशनर फेडरेशन ने फैसला किया है कि उनके सदस्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रदेश व्यापी भेंट- मुलाकात के दौरा कार्यक्रम में मिलकर डीए भुगतान की मांग करेंगे। साथ ही राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत धारा 49 को विलोपित कर राज्य खजाने से 21 वर्षो से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की जा रही लूट को रोकने एवं केन्द्र के समान 34 फीसदी महंगाई राहत के भुगतान के आदेश तत्काल जारी करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर पेंशनर्स यूनियन मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के छठवीं अनुसूची के प्रावधानों के कारण राज्य के सेवानिवृत्त पेंशनरों को महंगाई राहत के भुगतान हेतु मध्यप्रदेश सरकार से सहमति लेने की बाध्यता राज्य निर्माण के बाद 21 वर्षो से बनी हुई है।
रायपुर, 5 मई। पाठयपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने राज्य मे कई ट्रेनों को बंद किये जाने के विरोध में केंन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कहा कि भाजपा के द्वारा प्रदेश में चलने वाली पेसेंजर ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ के आम लोगों और छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। रायपुर और दुर्ग के छात्र जो पढ़ाई के लिए ट्रेन से आना-जाना करते हैं। ट्रेने कैंसल होने से छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडऱ रहा है। छात्रों को तेज गर्मी में घण्टों ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है। जिसके लिए रेल मंण्डल और केंद्र की मोदी सरकार को छात्र हित में विचार कर लोकल ट्रेनों को फिर से शुरू करना चाहिए। मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने ट्रेनें बंद करने का विरोध किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। लगातार ट्रेन रद्द करने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शादियों के सीजन मे लगातार कम होती संख्या से यात्री परेशान हैं। इस बार रेलवे ने 5 से 24 मई तक 20 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है जिसमे छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लोकल ट्रेनें भी शामिल हैं।
रेलवे द्वारा लगातार ट्रेन कैंसल करने से दूसरी ट्रेनों में वेटिंग बढ़ती जा रही है। लोग परेशानियों को झेलते हुए यात्रा करने को मजबूर हैं लेकिन रेलवे लगातार ट्रेनों को कैंसल करते आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री
को लिखा था पत्र
लगातार ट्रेन रद्द करने की वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर यात्रियों की परेशानी के बारे में बताते हुए वापिस ट्रेन शुरु करने की मांग की थी। इसके बाद रेलवे ने कुछ ट्रेनें वापिस शुरू करने का फैसला किया था जिसके बाद आज फिर ट्रेनें रद्द कर दीं गई हैं।
05 से 24 मई, तक बिलासपुर एवं भोपाल से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 18236/18235 बिलासपुर-भोपाल -बिलासपुर एक्सप्रेस। 05 से 23 मई, तक बिलासपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 18247 बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस। 06 से 24 मई, तक रीवा से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 18248 रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस। 05 से 23 मई, तक जबलपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 11265 जबलपुर-अम्बिकापुर एक्सप्रेस। 06 से 24 मई, तक अम्बिकापुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 11266 अम्बिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस । 09 एवं 16 मई, को नांदेड से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 12767 नांदेड-संतरागाछी एक्सप्रेस। 11 एवं 18 मई, को संतरागाछी से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 12768 संतरागाछी- नांदेड एक्सप्रेस। 11 एवं 18 मई, को रानी कमलापति से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 22169 रानी कमलापति-संतरागाछी एक्सप्रेस। 12 एवं 19 मई, को संतरागाछी से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 22170 संतरागाछी-रानी कमलापति एक्सप्रेस रद्द रहेगी।
रद्द होने वाली मेमू ट्रेन
05 से 24 मई, तक बिलासपुर एवं रायगढ़ रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08738/08737 बिलासपुर-रायगढ़-बिलासपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी। 05 से 24 मई, तक बिलासपुर एवं शहडोल रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08740/08739 बिलासपुर-शहडोल-बिलासपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी। 05 से 24 मई तक रायपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08705 रायपुर -डोंगरगढ़ मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
05 से 24 मई, तक डोंगरगढ़ से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08706 डोंगरगढ़-रायपुर- बिलासपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
05 से 23 मई, 2022 को रायपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08709 रायपुर -डोंगरगढ़- मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
06 से 24 मई, 2022 को डोंगरगढ़ से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08709 डोंगरगढ़- रायपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
05 से 24 मई, 2022 तक इतवारी से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08754 इतवारी-रामटेक मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
05 से 24 मई, 2022 तक रामटेक से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 08755 रामटेक- नागपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी।
सीएम बघेल की अफसरों को ताकीद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरूवार को सुबह राजपुर में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले की विकास योजनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने जहां अच्छे कार्यो के लिए अधिकारियों की सराहना की, वहीं अपने-अपने काम में मुस्तैद रहने की हिदायत भी दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गरीबों के लिए छोटी-छोटी बातें काफी मायने रखती हैं। एक लापरवाही गरीब परिवार के लिए भारी पड़ती है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि राशनकार्ड नही बनने के कारण एक महिला दो साल से नगद में राशन खरीद रही थी। उसकी यह समस्या समीक्षा के दौरान संज्ञान में क्यों नही ली गई। राज्य सरकार की विकास की अवधारणा के केन्द्र में सबसे गरीब व्यक्ति है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उन्हें शासन की योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ मिले।
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सहित जिले के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की कार्यकुशलता, व्यवहार और लोगों के साथ उनके संपर्क से शासन की छवि बनती और बिगड़ती है। अच्छा काम करेंगे तो आप प्रशंसा पाएंगे। इससे शासन की भी प्रशंसा होगी। यदि आप काम नही करेंगे, तो शासन और आप दोनों की आलोचना होगी। मुख्यमंत्री ने 4 मई को कुसमी विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों में आम जनता से मिले फीडबैक पर कहा कि आम जनता में सरकार के प्रति दृष्टिकोण बहुत अच्छा रहा।
मुख्यमंत्री ने गौठानों को रूरल इंड्रस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि गांव के लोग हुनरमंद हैं, बढ़ई, लौहार का काम पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं। केवल उनको प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हर ब्लॉक में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक-दो गौठानों को रूरल इंड्रस्ट्रीयल पार्क के मॉडल के रूप में विकसित किया जाए। जिन गौठानों में सरसो पेराई मशीन और दाल मिल लगाई गई है, वहां के किसानों को सरसों और दालों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि गौठानों में आम सहमति से लगभग डेढ़ लाख एकड़ जमीन सुरक्षित कर ली गई है। उन्होंने गौठानों में महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। लोगों को सभी उत्पाद एक ही छत के नीचे मिल सके। इसके लिए हर जिले में सी-मार्ट खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 1998 के बाद पहली बार शिक्षकों की सीधी भर्ती की गई। लोगों को रोजगार से जोडऩा, पीडीएस का सुचारू संचालन, बिजली बिल हाफ योजना, धान खरीदी जैसी योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
श्री बघेल ने धान खरीदी में बेहतर व्यवस्था के लिए अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जिसमें तीन दिन में भुगतान कर दिया गया। यह आपकी कार्यकुशलता बताता है। इस साल धान का उठाव भी बहुत अच्छे से हुआ है। इससे सूखत, बरसात के नुकसान से बचत हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को काफी बेहतर बनाया गया है। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स प्रारंभ किए गए हैं। अस्पतालों में दवाईयों और डॉक्टरों की व्यवस्था है। हाट बाजार क्लिनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील कार्यालयों में नामंातरण, बंटवारा, फौती आदि के काम रूटीन में होने चाहिए। उन्होंने कुसमी थाना के महिला बंदी गृह के शौचालय को ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में छोटी-छोटी कमियों को सुधारने की आवश्यकता है। राजधानी से पहुंचे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में श्री बघेल ने जिले वासियों की सहूलियत के लिये संचालित विकास योजनाओं और कार्यक्रमो को सफलतापूर्वक पूरा करने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने अधिकारियों से परिचय लिया और खुशनुमा पारिवारिक माहौल में बात की। उन्होंने अधिकारियों की परेशानियों और काम में आ रही दिक्कतों के बारे में भी पूछा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शासन की तरफ से नियम अनुसार सभी संभव मदद का भी आश्वासन दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। एचपी पेट्रोल पंपों में इन दिनों स्टॉक की किल्लत बढ़ गई है। इसकी वजह डिपो से समय पर सप्लाई नहीं आना है। इसके चलते से कई पेट्रोल पंप ड्राइ हो रहे है। यहां पहुंचने वाले लोगों को पेट्रोल नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति बीते कुछ दिनों से बनी हुई है। पंप संचालकों ने बताया कि उन्हें डिमांड के मुताबिक समय पर सप्लाई नहीं मिल रही है। इसकी वजह अब तक स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसी स्थिति से आम लोग परेशान हो रहे है। स्टॉक खत्म होने और नई सप्लाई समय में नहीं आने पर तीन से चार घंटे तक पंप बंद करना पड़ रहा है। डिपो के संबंधित अफसर भी इसकी वजह नहीं बता रहे है। सप्लाई में दिक्कत की स्थिति सभी एचपी के डिपो में बनी हुई है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश भर के एचपी पेट्रोल पंपों को मंदिर हसौद स्थित डिपो से पेट्रोल-डीजल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से प्रदेश भर के पंपों में सूखे की स्थिति आ चुकी है। इस मामले में छत्तीसगढ़ हिंदुस्तान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने डिपो मैनेजर समस्याओं से अवगत कराते हुए चिठ्ठी लिखी है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि बीते एक हफ्ते से एचपी के डिपो से पर्याप्त फ्यूल नहीं मिल पा रहा है।
इसकी वजह से डीलर्स परेशान हैं। वहीं अन्य पंपों पर भी दबाव बढ़ चुका है। इस मामले में चर्चा के लिए दो मई को राजधानी में प्रदेश भर के एचपी पेट्रोलियम डीलरों की बैठक रखी गई, जिसके बाद सभी मंदिर हसौद स्थित डिपो में आला अधिकारियों से मुलाकात किया।
एसोसिएशन के मुताबिक प्रदेश भर में एचपी के 800 पेट्रोलियम डीलर हैं, जिसमें से वर्तमान में 50 से 60 फीसदी सप्लाई बाधित हो चुकी है। डीलरों ने इस मामले में डिपो के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया है।
रिफाइनरी से ही डीजल की कम सप्लाई
छत्तीसगढ़ हिंदुस्तान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन अध्यक्ष विजय पांडे का कहना है लगातार डीजल की किल्लत बनी हुई है। रिफाइनरी से ही डीजल की कम सप्लाई हो रही है। बताया जा रहा है कि रिफाइनरी में मरम्मत कार्य के चलते शट डाउन है। इससे मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं हो पा रही है। रिफाइनरी में पर्याप्त उत्पादन होने से टर्मिनल में भी डीजल पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं हो पा रहा है। मंदिर हसौद डिपो में प्रतिदिन औसत सप्लाई का मात्र 40 से 50 फीसदी ही कर पा रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। बाजारों में इन दिनों चिल्लहर की समस्या फिर खड़ी हो गई है। सब्जी से लेकर किराना तक दस के नोटो की किल्लत से गुजर रहा है बाजार में 10 रुपए के नए नोट आना बंद हैं । बैको मे भी दस के नए नोट नही जिसकी वजह से व्यपारी दस और पांच के पुराने कटेफटे नोट चला रहे है। सब्जी खरीदना , दूध लेना हो ,चाकलेट , बिस्किट सहित अन्य छोटे - छोटे सामान की खरीदारी में इसका चलन है। जादातर लेन देन में दस और पांच के नोटों का उपयोग होता है। इस कारण दस और पांच के नोट जल्दी खराब हो जाते है। बाजार में पांच के सिक्को का चलन तो है। लेकिन दस के सिक्के बाजार से नदारद है। आरबीआई से 20 रुपए , 50 रुपए , 100 रुपए और 500 रुपए के नए नोट मिल रहे हैं , लेकिन दस रुपए के नोट बंद हैं । ढाई साल से बैंकों की ब्रांचों को दस और पांच के नए नोट नहीं मिले हैं । बैंकों के जरिए ग्राहकों को दस रुपए के नए नोट नहीं पहुंच रहे हैं । स्थिति यह है कि बाजार में जो भी लेन देन हो रहा है और पुराने नोटों से हो रहा है। बाजार में दस के नोटो का चलन है। लेकिन बाजार में जो भी नोट है वो पुराने हो गऐ हैं या तो कटे-फटे है। जिसकी वजह से आये दिन दूकानदार और ग्राहक के बीच बहस भी हो जाती है। सब्जी , दूध , फल सहित अन्य रोजमर्रा की खरीदी छोटे नोटों से होती है । खासकर दस रुपए के नोट से । इससे यह जल्दी फट जाते हैं ।
आरबीआई के स्थानीय अधिकारी का कहना है कि बाजार में दस के नोटों की समस्या को देखते हुए आरबीआई दस के नये नोट जारी करती रही है। बाजार मे इसकी कोई किल्लत नही है। अभी तक आरबीआई की ओर से पुराने नोटो की वापसी को लेकर कोई आदेश जारी नही किया गया है।
दस रुपए का एक नोट बनाने में 1.01 रुपए खर्च होते हैं । ज्यादा चलन होने से अधिकतम दो साल के भीतर दस रुपए का नोट खराब हो जाते है । वहीं एक सिक्का ढालने में 5.54 रुपए खर्च होते हैं । ये खराब नहीं होते हैं । चूंकि बाजार में दस रुपए की करेंसी का ज्यादा चलन है । इससे बैंकों का पूरा फोकस दस रुपए के सिक्कों पर है ताकि इनका चलन बढ़े और दस रुपए के नोट की छपाई का खर्च बच सके ।
शहर के बैंक ब्रांचों में 10 रुपए नए नोट नही हैं नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे । बाजार में करेंसी की दिक्कत ना होइसलिए आरबाआई ने बड़ी संख्या में 100 रुपए तक की करेंसी भेजी थी । बाजार में दस रुपए के सिक्कों की भरमार है । नोट बंदी के पहले बाजार में जहां सिक्कों की कमी थी और दस फीसदी राशि अधिक देने पर सिक्के मिल रहे थे । अब बैंकों के यह हाल है कि सिक्के लेने कोई नहीं आ रहा ।
आंदोलन खत्म करना बड़ी चुनौती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। आयकर राजपत्रिय अधिकारी और कर्मचारियों के विरोध-आंदोलन दो माह होने जा रहे हैं। किंतु वित्त मुत्रालय एवं सीबीडीटी की ओर से इसे खत्म करने को लेकर कोई पहल नही की जा सकी है। इस वजह से वित्त वर्ष के इन शुरूवाती महीनों में कारोबारी राहत की संास ले रहे हैं। बीते 52 दिनों से छत्तीसगढ़ समेेत देश भर मे आयकर के सर्वे या छापे की कार्यवाही नही हुई है। विभाग के राजपत्रिय अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध क र रहा है। इस विरोध के तहत दोनों संघ देश भर मे सर्वे या छापों से अपने को अलग कर रखा है। यह विरोध 13 मार्च से जारी है। हालांकी इस आंदोलन में आईआरएस के अनुसार मिल नही रहा है। किंतु सर्वे छापों में रीढ़ कहे जाने वाले अमले के विरोध के चलते आईआरएस अफसर भी दफ्तरों में जमे हुए हैं। प्रदेश में छापे की आखरी कार्यवाही जशपुर-कवर्धा के कारोबारियों पर हुई थी। उसके बाद से सब कुछ ठप है जबकि वित्त वर्ष के पहले दो तीन महीने टैक्स एसेसमेंट और कर चोरी के नजरिए से अहम होते है। इस विरोध आंदोलन के चलते कारोबारियों में दोनों ही संगठन तीन सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध पर है। इनमे भर्ती के नये नियमों की वापसी आईटीओ से एसीआई के पदो पर पदोन्नति शुरू करने और इंटरसर्किल ट्रांसफर व्यवस्था फिर से शुरू करने की मांग शामिल है। ये तबादले 2020 से बंद कर दिए गए है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 मई। पांच फिसदी डीए की घोषणा से ठगा महसूस कर रहे प्रदेश के अधिकारी - कर्मचारियों के अप्रैल का वेतन अब तक नही मिला है। वेतन भुगतान में देरी के पीछे एनआईसी के सरकार मे आई खराबी को बताया जा रहा है। प्रदेश में शादियों का सीजन शुरू हो गये हैं। तो अक्षयतृतीया और ईद से जैसे अहम त्योहार भी हैं। लगातार दूसरे माह वेतन मिलने मे देरी से कर्मचारियो का बजट गड़बड़ा रहा है। पिछले माह नये बजट के चलते वेतन भ्ुगतान 5 अप्रैल के बाद ही हो पाया था। और इस माह मक पे-रोल पास नही हुआ है। वैसे हर महीने की 30-31 तारीख को वेतन भुगतान कर दिया जाता था। लेखा शाखाके अधिकारिक सूत्रों ने बतायाकि एनआईसी में तकनीकी खराबी से ई-पेरोल क्रेडिट नही हो पाया है। यह खराबी एनआईसी के दिल्ली मुख्यालय में बताई जा रही है। वेतन भुगतान न होने से कर्मचारी को मासिक किश्त भुगतान में समस्या का सामना करना पड़ा है। पे- बिल बनाने में ही मंत्रालय के डीडीओं ने देर की इस सम्बध मं एनआईसी के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ को बताया कि मंत्रालय का पे-बिल जमा करने में डीडीओ की ओर से देर की गयी है। दरअसल पे-बिल का साफ्टवेयर सिस्टम ओरेकल को अपग्रेड किया जा रहा है। पिछले माह बजट और क्लोजिंग की वजह से अपग्रेड नही किया जा सका था। इस माह तकनीकी अमले की अनुपलब्धता से अपग्रेशन मे कुछ देर हुई है। साफ्वेयर का काम चल रहा है। उन्होने बताया कि जिन डीडीओ ने समय पर पे-बिल जमा किए थे उनका वेतन जारी कर दिया गया है। मंत्रालय और कुछ अन्य विभागों ने देर से पे-बिल दिया है। इन्हें एक दो दिनों में क्लीसर कर दिया जायेगा।
महानदी सूखने से आसपास के सैकड़ों गांवों में अब जल संकट, 8 सौ एकड़ की फसल सूखी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 मई। जैसे जैसे महानदी का जलस्तर कम होते जाता है, आसपास के लगभग सैकड़ों गांवों में जल संकंट उत्पन्न होते जाता है। महानदी के किनारे बसे घोड़ारी, मुढ़ैना, नांदगांव, बडग़ांव, बरबसपुर, पीढ़ी और सिरपुर आदि गांव इसके गवाह है। इन गांवों में खोदे गए तकरीबन 90 नलकूपों में से 80 नलकूपों में पानी का अभाव बना हुआ है। महानदी के किनारे बसे इन गांवों के हजारों लोग पानी के लिए परेशान है।
पानी की कमी सिर्फ इन्हीं 8-10 गांवों की समस्या नहीं है। इस विशाल नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांवों की हालत भी इससे जुदा नहीं है। सर्वे के मुताबिक महानदी की गहराई इन गांवों में करीब सौ फीट है। इन गांवों का जल स्त्रोत महानदी पर निर्भर है। लेकिन इस साल पहली बार पूरी तरह से सूख जाने से इन गांवों में पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। महानदी प्यासी है। तपती रेत का भंडार और गहराई तक पानी का अभाव महानदी की दशा को बयां करता है।
महानदी के किनारे बसे इन गांवों में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा हकीकत कुछ और ही है। घोड़ारी की दो हजार आबादी के लिए 11 हैंडपंप है, जिनमें तीन पंप में पानी नहीं आ रहा और दो पंपों से रेत आ रहा है। सभी हैंड पंपों से पानी निकलना बहुत मुश्किल हो रहा है। यही स्थिति मुढ़ेना की है, जहां के नलकुप सुख गए है, लोग पानी की किल्लत से परेशान हो रहे है।
पानी की कमी से सूख गईं फसलें
महानदी में बोए गए सब्जी एवं तरबूज, खरबूज तपती नदी में पहली बार सूख गए हैं। महानदी के किनारे बसे गांव निसदा, गोविंदा, घोड़ारी, बरबसपुर, अछोला, अछोली, पीढ़ी आदि गांव के हजारों कृषक परिवार ग्रीष्म ऋतु में महानदी के रेतीले पाट पर तरबूज, खरबूज, खीरा, प्याज की बड़ी मात्रा में फसल लेते थे। लगभग 5 हजार एकड़ रकबे में उक्त खेती होती थी, लेकिन इस बार पूरी तरह से सूख जाने से बोए हुए फसल खराब हो गए। इन तरबूजों की मांग महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश सप्लाई की जाती थी। बेलटूकरी के किसान का कहना है कि साग सब्जी की पैदावार लेते थे। निसदा बांध बनने के बाद पानी का बहाव कम हो गया तथा रेत की जगह कछार मिट्टी ने ले ली। इस बार सूखे के चलते कभी नहीं सूखने वाले कुएं सुख गए है।
निस्तारी तक को तरसे, स्थिति गंभीर हो सकती है
महानदी सूखने से गांवों में निस्तारी तक की संकट खड़ा हो गया है। नदी के बांए तट के ग्राम खर्वे, नारायणपुर, बगार, नंदनिया, परसदा, पैरागुड़ा, पुटपुरा, रीवांसंरार, अर्जनी, बल्दाकछार, अवराई तथा दाहिने तट पर के दतान, मुडियाडीह, धमनी, अमेठी, खैरखाडीह, धमनी, गिधपुरी, चिखली, समोदा आदि गांवों में महानदी सूख जाने से धान की फसल नष्ट हो गई और सबसे विकराल समस्या आम निस्तार की हो गई। जिससे ग्रामीणों को एक एक बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
रेपेयरिंग के नाम पर एनीकट भी खाली कर दिया
किसान अंजोरदास मानिकपुरी ने बताया कि गांव में ऊपरी भाग में अमेठी एनीकट बना है जिसका पानी रिपेयरिंग के नाम पर खाली कर दिया गया है। सिंचाई विभाग ने पानी तो खाली कर दिया लेकिन रिपेंयरिंग का काम आज तक शुरू नहीं हुआ है, जिसका खामियाजा न केवल दौनाझर के किसान भुगत रहे हैं बल्कि अर्जुनी ब, पीपरछेड़ी तथा नदी के तट के किसान भी भुगत रहे हैं।
इस तरह से पूरी होगी पानी की कमी
जलस्तर को स्थायी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि महानदी के पानी को जगह जगह रोका जाए। तटबंध और उद्वहन सिंचाई योजना के माध्यम से पानी के बहाव को परिवर्तित किया जा सकता है। जल क्रांति नीति अपनाकर भी जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। किसान जल की उपलब्धता के अनुसार अपनी फसल ले।
छतों पर जल संचय अनिवार्य हो। भू जल दोहन पर अंकुश लगाए जाने चाहिए।
क्षेत्र का गिरता जलस्तर
सन 1960 10 मीटर
सन 1970 30 मीटर
सन 1980 50 मीटर
सन 1990 60 मीटर
सन 2000 70 मीटर
सन 2010 100- 120 मीटर
सन 2020 120 मीटर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 मई। आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने वेदांता लिमिटेड को बाघमार गोल्ड ब्लॉक में खनन की अनुमति देने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरा इलाका घने जंगलों, और बाघ विचरण क्षेत्र में आता है। इसलिए खनन की अनुमति लेना उचित नहीं होगा। अग्रवाल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वेदांता लिमिटेड द्वारा बलौदा बाजार वन मंडल अंतर्गत 607.944 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र में बाघमार गोल्ड ब्लॉक में 58 बोर होल के माध्यम से पूर्वेक्षण कार्य के लिए एफसीए 1980 के अंतर्गत अनुमति का आवेदन छत्तीसगढ़ सरकार को प्रस्तुत किया था । जिस क्षेत्र में पूर्वेक्षण के लिए आवेदन दिया गया है उसमें कक्ष क्रमांक 254 का वो 144 हेक्टयर वन क्षेत्र भी शामिल है जिसमे घने जंगल है बांस और अन्य ओषधि पेड़ पौधे है इसके अलावा बड़ी संख्या में भालू और अन्य जंगली जानवर भी विचरण करते है । यही नहीं बारनवापारा अभयारण्य के विस्तार हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी के पत्र क्रमांक 5056 दिनांक 6 अक्टूबर 2017 द्वारा प्रस्ताव प्रमुख सचिव वन को प्रेषित किया गया था इस प्रस्ताव में देवपुर परीक्षेत्र 22 कक्ष जिनका कुल क्षेत्रफल 5114 हेक्टेयर था विस्तारीकरण में प्रस्तावित थे इन कक्षो में कक्ष क्रमांक 254 का रकबा 144 हेक्टेयर भी शामिल था । इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार के कुछ अफसर इस जंगल की अनदेखी करते हुए बेदांता लिमिटिड को इस वन क्षेत्र में पूर्वेक्षण की अनुमति सभी नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर देने के लिए आमादा है । वेदांता लिमिटिड को पूर्वेक्षण के लिए यदि यह अनुमति दी जाती है तो न केवल यहां मौजूद प्राकर्तिक जंगल नष्ट होगा बल्कि इसमें विचरण करने वाले जंगली जानवर के अस्तित्व भी खतरे में पड़ेगा । हैरान कर देने वाला तथ्य ये है कि वन विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने पूर्वेक्षण के लिए चयनित वन क्षेत्र का स्थल निरीक्षण किया और पाया कि इस क्षेत्र में यदि पूर्वेक्षण किये जाने की अनुमति दी जाती है तो बिना जंगल को नष्ट किये या उससे छेड़छाड़ किये पूर्वेक्षण संभव नहीं है । इस समिति ने 2 जून 2020 को दी गयी अपनी रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट कहा है कि ऐसे किसी भी पूर्वेक्षण की अनुमति दिया जाना उचित नहीं होगा ।