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रायपुर, 20 अप्रैल। राज्य शासन के आदेश के बाद श्री चन्द्रकांत वर्मा ने कल शाम श्री अभिजीत सिंह से रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ का पदभार ग्रहण किया।
श्री वर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2017 बैच के अधिकारी हैं। वे इससे पहले रायगढ़ व बस्तर में सहायक कलेक्टर रह चुके। प्राधिकरण में आने से पहले वे रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अतिरिक्त प्रबंध संचालक थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद आज उन्होनें कार्यालय का अवलोकन किया और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। कल राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय सडक़ परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ में बनने वाली 33 सडक़ योजनाओं की शुरूआत करेगा। 9240 करोड़ की लागत से 1017 किमी नई और पुरानी सडक़ों का उन्नयन होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में इन योजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण करेंगे।
इस कार्यक्रम में गडकरी सिलतरा में अंडर ब्रिज, सिलयारी में ओव्हर ब्रिज एवं रायपुर-बलौदाबाजार राजमार्ग के 10 मीटर चौड़ीकरण की भी घोषणा करेंगे। इसके लिए सांसद सुनील सोनी ने पिछले दिनों गडकरी से मुलाकात कर मंजूरी हासिल की। इन पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसी तरह से केंद्रीय सडक़ निधि से 316 किमी लंबाई की सडक़ पुलो का निर्माण होगा। इसमें 846 करोड़ की लागत आएगी। इनमें राजधानी के नजरिए से कचना खम्हारडिह में ओवर ब्रिज भी शामिल हैं। इनके अलावा दुर्ग से गुंंडरदेही, बालोद रोड पर पुल, गीदम-बारसुर, राजनांदगांव-बैलाडीला, कुसमी-सामरी, कमरीटिकरा-डुमरबाहर, लुंडरा-गड़बिरा-बिलासपुर मार्ग का उन्नयन प्रमुख है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़ चुके हैं। जो भी कार्य हो रहा है वह केंद्र सरकार की योजनाओं का है।
पूर्व सीएम ने केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर कहा कि मंत्री आंकाक्षीय जिलोंं में जा रहे हैं। वो ट्राइबल एरिया के बस्तर के 10 जिले राजनांदगांव में मिलाकर वहां पर विशेष कार्ययोजना बनाकर हेल्थ और एजुकेशन और सैनिटेशन के लिए विशेष तौर से केंद्र सरकार सहयोग दिया है। उसकी समीक्षा करने के लिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया आए थे।
उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में बैठक लिया। जो बात सामने आई वह है बच्चों का कुपोषण और बच्चों के एमओआर छत्तीसगढ़ में जो बढ़ा हुआ है वह चिंता का विषय है। 12 लाख आवास जो गरीबों के लिए बनने थे खासकर बस्तर से सरगुजा तक वो आवास पूरी तरीके से इस सरकार ने वापस कर दिए है। और गरीबों को आवास मिलने की योजना में छग पीछे हो गया है। और बाकी जो मंत्री आ रहे हैं वो आंकाक्षीय जिले की बात के लिए आ रहे हैं।
रायपुर, 20 अप्रैल। श्रम न्यायालय रायपुर ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के संविदा लाईन परिचारकों की 10 मार्च से जारी हड़ताल को स्थगित कर काम पर लौटने का आदेश दिया है। न्यायालय ने आवेदन धारा 107 सहपठित 64-ए छ.ग. औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 का उल्लेख करते हुए आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि न्यायहित में न्यायालय के आगामी आदेश तक संविदा लाइन परिचारक 10 मार्च से आहूत हड़ताल को स्थगित रखें तथा पूर्ववत अपने कार्य पर वापस लौटें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। पहले रायगढ़ में तहसीलदार से मारपीट फिर मस्तूरी में कैच आन कैमरे में फंसे अपने साथियों पर कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ हड़ताल की नोटिस दी है। संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कल रायपुर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है।
संघ ने हड़ताल/सामूहिक अवकाश में भी जाने का फैसला किया है।हालांकि संघ ने 15 दिन का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया है। जिसमें ठोस कार्रवाई न होने के बाद सामूहिक हड़ताल/अवकाश में जाने का फैसला लिया है.
रायगढ़ में एक वकील से विवाद के बाद पूरे प्रदेश के नायब तहसीलदार और तहसीलदार हड़ताल में चले गए थे. जिससे पूरे प्रदेश का काम बाधित हो गया था. कलेक्टर को जो पत्र सौंपा गया है उसमें 17 मई तक तमाम मांगे पूरी न होने पर हड़ताल में जाने की चेतावनी दी गई है.
रायपुर, 20 अप्रैल। गुढिय़ारी पुलिस ने सवा किलो गांजा के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पुडिय़ा बनाकर गांजा बेच रहा था। मुखबीर की सूचना मिलते ही मंगलवार को पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा। गांजा कारोबार करने के दौरान उसके पास से बिक्री की नगदी रकम करीब 3 हजार रुपये भी जब्त किए। पुलिस ने बताया आरोपी का नाम सूरज ठाकुर है।
शाम के वक्त झाबक पेट्रोल पंप के पास आरोपी के संदिग्ध कारोबार के बारे में सूचना मिली थी। इसी दौरान गश्त टीम को भेजकर आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के निशानदेही में उसके ठिकाने से सवा किलो गांजा बरामद किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,. 20 अप्रैल। कचना शराब दुकान के काउंटर में शराब जल्दी देने की बात कहकर दो लोगों ने पहले कर्मचारियों से गाली गलौज की। इसके बाद लाठी डंडे से हमला कर दिया।
काउंटर में रखी शराब की बोतलें भी फोड़ डाली। सुपरवाइजर तुलसी साहू निवासी राम नगर ने आरोपियों के खिलाफ में जुर्म दर्ज कराया।
घटना तकरीबन सात बजे की है एक लडका शराब खरीदने आया उस समय सेल्समैन कांशीराम काउंटर मे शराब की पेटी को जमा रहा था फिर वह लडका गाली गलौच करने लगा। शराब जल्दी देने की बात कहते हुए मारपीट की धमकी दी। जब कर्मचारी ने इसका विरोध जताया तो आरोपी ने अपने साथी को बुलाकर हमला कर दिया। दोनों शराब दुकान अंदर पत्थर फेकने लगे जिससे दुकान मे रखे अंग्रेजी शराब सीजी 50 पौवा एवं गोल्डन गोवा 46 पौवा टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में बांस का डंडा दुकान अंदर डालकर चोट पहुंचाने की कोशिश की। आरोपियों के नाम राजकुमार निषाद एवं हेमंत पारकर है। इनके खिलाफ में नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है।
रायपुर, 20 अप्रैल। रावांभाठा स्थित आरटीओ परिसर में मंगलवार की रात अचानक आग लगने से जब्त वाहन खाक हो गए। आगजनी की घटना में एक ट्रक जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद खमतराई पुलिस ने फायर ब्रिगेड को बुलाकर स्थिति पर काबू पाया। आग बुझाने के लिए करीब एक घंटे की मशक्कत करनी पड़ी।
आगजनी की घटना किस तरह से हुई, इसकी जांच के लिए आरटीओ अधिकारी ने निर्देश जारी किए हैं। खमतराई पुलिस के अनुसार आगजनी की सूचना रात 8:30 बजे के बाद मिली थी। आगजनी में केवल एक ट्रक को नुकसान होने की जानकारी सामने आई है।
रायपुर, 20 अप्रैल। उरला इलाके में एक बंद होटल में शातिरों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया। शटर का ताला तोडक़र चोर अंदर की आलमारी से नगदी रकम करीब डेढ़ लाख रुपये ले उड़े। होटल के मालिक शैलेंद्र साहू ने थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराई। शैलेंद्र ने बताया उसके होटन में संभवतया 15 अप्रैल की रात अज्ञात लोगों ने धावा बोला। चोरों ने होटल में बिक्री की रकम को चुरा लिया। इस मामले में कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद भी चोरी के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। पांच दिनों पहले हुई चोरी की रिपोर्ट में पुलिस अब जांच पड़ताल कर रही है।
रायपुर, 20 अप्रैल। खमतराई इलाके में कुछ रोज पहले सडक़ दुर्घटना में जख्मी बुजुर्ग थानुराम साहू की उपचार के दौरान मौत हो गई। बुधवार को पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया। पुलिस ने जानकारी दी कि थानुराम को पांच जनवरी को अपने काम पर जाते वक्त भनपुर चौक के पास में अज्ञात वाहन ने पीछे से ठोकर मार दी थी। सिर बल गिरने की वजह से थानुराम को गंभीर चोंटे आई थी। इसके बाद परिजनों ने उन्हें डीकेएस में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। उपचार के कई दिनों बाद थानुराम की मौत हो गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा ने धरना स्थल पर प्रदेश के ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा 04 अप्रैल से जारी अनिश्चितकालिन आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा है कि प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध आपके आंदोलन का समर्थन करता है।
प्रदेश के हजारों युवाशक्ति के मनरेगा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना वर्ष 2006 में कार्य करने तथा उनके नियमितिकरण हेतु सीएम भूपेश बधेल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए बताया है कि इस योजना में विगत् 03 वित्तीय वर्ष में योजनामद् में प्राप्त हजारों करोंड़ों रूपये केन्द्र सरकार द्वारा आबंटित राशि का उपयोग छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा न किए जाने के कारण वापस लौटाया गया है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का सही उपयोग होने से ग्रामीण युवाओं को रोजगार की गारंट के साथ ही साथ मनरेगा में वर्षो से कार्यरत् संविदा, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को रिक्त पदो के विरूद्व समान काम समान वेतन के तहत नियमित भी किया जाने का तर्क व सुझाव प्रस्तुत किया है। केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा मद के कुल प्रदत्त राशि का 6 प्रतिशत् आकस्मिक निधि से वेतन भुगतान किया जाता है, किंतु प्रदेश में मात्र 3 प्रतिशत् ही बट रही है, जिससे मनरेगा में कार्यरत् अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है।
सरकार को कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। संध ने दस्तावेजी साक्ष्य के साथ तर्क प्रस्तुत किया है, कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 5956.57 लाख रूपये, 2017-18 में 8554.08 लाख रूपये, 2017-18 में 4320.87 लाख रूपये केन्द्र सरकार को शेष बचने के कारण लौटाया गया। मनरेगा में 360 पद संविदा के स्वीकृत है, जिसमें से वर्तमान् में 280 पद भरे हुए है। जिसमें 650.94 लाख व्यय होता है। इन्हें नियमित किए जाने पर 1051.52 लाख व्यय होगा, इस प्रकार 400.57 लाख अतिरिक्त व्यय होगा। इससे कई गुना राशि गत् 03 वर्ष के आकड़ों के आधार पर प्रतिवर्ष लेप्स हुई है।
केवल इस योजना का नाम महात्मागांधी के नाम पर था, इसलिए इस योजना को बंद करने व नाम बदलने की कार्यवाही केन्द्र सरकार द्वारा की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर कुल 10862 रोजगार सहायक का पद मानदेय पर स्वीकृत है, जिन्हें वर्तमान् में 5 वर्ष से कम सेवा करने वाले रोजगार सहायकों को प्रतिामह 5000/-रू.मानदेय एवं 5 वर्ष से अधिक सेवा वाले ग्राम रोजगार सहायक को प्रतिमाह 6000/-रू. भुगतान किया जाता है। वर्तमान् में 8720 ग्राम रोजगार सहायक के पद भरे हुए है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर कुल 3872 पद संविदा के स्वीकृत है, जिसमें वर्तमान् में 3077 पद भरे हुए है। मनरेंगा का मूल उदेश्य ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत् परिवारों की आजीविका को सुरक्षा प्रदान करते हुए स्थायी परिसम्पत्तियों का सृजन करना है। ऐसे ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य जो अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार है, उनके द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किए जाने के 15 दिवस के भीतर रोजगार उपलब्ध कराना तथा 15 दिवस के भीतर मजदूरी भुगतान पाने का हकदार है। ऐसे परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल से संध ने हस्ताक्षेप कर केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का पूर्णरूपेण उपयोग किया जाना मनेरगा में सुनिश्चित कराने के साथ ही गत् 03 वर्ष के राशि का उपयोग न होने संबंधी तथ्य की विस्तृत जॉच कराने की मांग की है। ताकि ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा को ग्रामजनों के हित में संचालित करते हुए, इस योजना में वर्षो से कार्यरत् संविदा, दैनिक व आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को जन धोषणा पत्र में किए गये वादे के अनुरूप नियमित किये जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॉन, तथा मनरेगा तकनकी सहायक कर्मचारी संध प्रांताध्यक्ष ईश्तहाक सिद्वकी ने बताया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में नियमितिकरण किया जा सकेगा। ऐसा करने से मुख्यमंत्री जी का ‘नरवा‘‘ ‘‘गरवा‘‘ ‘‘धुरूवा‘‘ एवं ‘‘बारी‘‘ यही हे हमर संगवारी की योजना सफल होगी।
रायपुर, 20 अप्रैल। मोबाइल मेडिकल यूनिट बुधवार को गंज थाने के पुलिस कर्मियों और परिजनों की जांच की। इस दौरान 5 -6 कर्मी ऐसे मिले जिनमें हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण पाए गए। किन्तु उन्हें खुद इसका पता नहीं था।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के एरिया मैनेजर विकास दुबे ने बताया कि आज 66 लोगों की जांच की गई। कुछ लोग सर्दी खांसी से पीडि़त मिले। वहीं महिलाओं में एसिडिटी की शिकायत अधिक पाई गई। सभी को उनकी बीमारी अनुसार दवा दे दी गई। इस दौरान हैरानी की बात ये देखी गई कि 5 - 6 पुलिस कर्मियों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण पाए गए। उन्हें पता भी नहीं था कि वे हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हो सकते हैं और उन्हें दवा की जरूरत हो सकती है।
डकैती-हत्या के अलावा शहर में नकबजनी के दर्जनों मामले पेंडिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। क्राइम ब्रांच का नए सिरे से गठन कर दिया गया है लेकिन ब्लाइंड केस सुलझाने के मामले में नई यूनिट केस सुलझा पाने में फेल साबित हो रही है। जिले में ही पंद्रह दिनों के भीतर तीन बड़े मामले सामने आए हैं जिसमें आरोपी मिल पाना तो दूर सुराग जुटा पाने में भी टीमें खाली हाथ है।
डकैती को अंजाम देकर जहां पेशेवर गैंग सदस्य खुले घूम रहे वहीं आरंग शराब भ_ी में रकम लूटने वाले शातिर भी मौज में है। अब खरोरा मर्डर मिस्ट्री के केस ने पुलिस टीम को उलझन में डाल दिया है। 30 साल की महिला को अकेली पाकर अज्ञात हत्यारे ने ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस टीमें संदेह जताकर करीबियों से पूछताछ ही कर पाई लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकल सका। गौरतलब है कि राज्य शासन ने जिलों में अपराध पर अंकूश लगाने और फिर संगीन अपराधों पर तेजी से कार्रवाई के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर सेल यूनिट का गठन किया है। जिले में इस यूनिट के लिए अलग-अलग स्पेशल विंग को शामिल किया गया है। क्राइम ब्रांच की पुरानी व्यवस्था को दुरूस्थ करने के लिए कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं बावजूद इसके ब्लाइंड केस में टीमें कहीं से भी सबूत नहीं जुटा पा रही है। ब्लाइंड केस के ऐसे ही एक दर्जन से ज्यादा मामले हैं जिसमें गहराई से जांच की आवश्यकता है। ज्यादातर मामले ऐसे बताए गए हैं जिसमें संदिग्ध मौत के बाद खुद पुलिस ने हत्या की आशंका जताई है। दो से तीन महीने के अंदर ही चोरी के लगभग 50 मामले दर्ज किए गए हैं। जितनी वारदातें हुई है पुलिस उनमें 20 फीसदी प्रकरण ही सुलझा सके हैं।
डुमरतराई गल्ला चोरी नहीं सुलझा सकी पुलिस
थोक बाजार डुमरतराई के महंगे शॉप में नकदी रकम चुराने वाले गैंग का खुलासा आज तक नहीं हो सका है। तीन मामले अभी भी पेंडिंग है। पेशेवर तरीके से चोरों ने थोक बाजार की दुकानों के ताले तोड़े। कहीं रोशनदान उखाडक़र वहां प्रवेश किया और फिर यहां से गल्ले में रखी बिक्री रकम गायब कर दिया। दो महीने बाद भी पुलिस टीमें नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
बाइक चोरी के केस में हल्की जांच, लगातार केस
शहर में बाइक चोरों ने आतंक मचा रखा है। पंद्रह दिनों के भीतर ही बाजार समेत कॉलोनियों से लगभग 20 दोपहिया चोरी हुई है। अज्ञात राहगीरों की खड़ी बाइक चुरा ले गए वहीं कॉलोनियों में भी बेधडक़ चोरी की। थाने में सूचना देने के बाद भी जांच टीमों ने प्रकरणों को हल्के में लिया। फरियादी अब थाना के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
स्पेशल विंग शामिल कर सख्ती का दावा
नए क्राइम ब्रांच यूनिट के गठन के साथ चार स्पेशल विंग को शामिल कर पुलिस ने अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के दावे किए थे। इसमें तकनीकी जांच टीम के साथ आर्थिक अपराध रोकने स्पेशल यूनिट और फिर धरपकड़ के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों का इंतजाम कर एंटी क्राइम यूनिट का गठन किया गया था। कुछ पुराने चेहरों के साथ नए सिपाही यूनिट में जोड़े, लेकिन इसका फायदा ब्लाइंड केस में नहीं मिल पा रहा।
मौदहापारा थाना क्षेत्र में गैंगवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। मौदहापारा थाना क्षेत्र में एक बार फिर से गैंगवार की घटना सामने आई है। इलाके में लेडी डॉन के नाम से मशहूर मुस्कान रात्रे पर कुछ लोगों ने हमला कर इसका विडियो सोशल मीडिया में पोस्ट किया है।
इधर जानकारी हाथ लगने के बाद पुलिस हरकत में आई है। मामले में तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसमें एक नाबालिग की जानकारी दी है। पुलिस का कहना है मुस्कान रात्रे को रक्सेल गैंग के लोगों ने बेदम पीटा। सरेराह उसके साथ मारपीट की। इतने में किसी ने विडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया में पोस्ट भी कर दिया। मालूम हुआ है कथित लेडी डॉन मुस्कान अपने प्रतिस्पर्धी रक्सेल गैंग के लोगों को धमकाने के लिए पहुंची थी। उसके पास चाकू भी था। रक्सेल गैंग के लोगों को बुरा भला कहने की स्थिति में विवाद गहरा गया। इतने में चार से पांच युवकों ने मुस्कान को वहीं पीट दिया। मोहल्ले में पहुंची मुस्कान को लाठी डंडे से पीटकर उसे चोंटे पहुंचाई। इस मामले में पुलिस ने विडियो फुटेज के आधार पर तीन लोगों को धर दबोचा। एक नाबालिग समेत तीन पर मारपीट का केस दर्ज किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमन, राज रक्सेल और नाबालिग शामिल हैं। बताया जाता है मुस्कान रात्रे और उसके परिवार का रक्सेल परिवार से पुराना विवाद है।
इसी कारण उनके बीच आए दिन झगड़ा होते रहता है। चाकू लेकर जब मुस्कान रक्सेल परिवार के घर के नजदीक जाकर शोर शराबा करने लगी तभी मामला और गरमा गया। दूसरे पक्ष के लोगों ने लाठी डंडा लेकर पिटाई कर दी।
िजस वक्त मुस्कान पर हमला हो रहा था, उस दौरान कुछ लोग तलवार लाने की चर्चा कर रहे थे। विडियो में भी सुनाई दे रहा है जब एक शख्स तलवार लाने को कहता है लेकिन दूसरा उसे मना कर देता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को अब पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें ही पढ़ानी होंगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाने पर रोक लगा दी है।
राज्य शासन द्वारा नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए शासकीय, अनुदान प्राप्त तथा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं को पुस्तक वितरण किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए शर्तें निर्धारित की गई हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गैर अनुदान प्राप्त शासकीय स्कूलों को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित कक्षा पहली से 10वीं तक हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। इन स्कूलों को उनकी मांग के अनुसार पाठ्यपुस्तक निगम के डिपो से पुस्तकेें मिलेंगी। इन स्कूलों को यह भी निर्देशित किया कि उन्हें अपने स्कूल के सभी कक्षाओं में केवल छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग करना होगा, वे निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग नहीं करेंगे।
अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालय को दिए जाने वाले नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक के लिए शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में से ऐसे विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक स्तर पर 250 रूपए प्रति विद्यार्थी और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 450 रूपए प्रति विद्यार्थी देय पुस्तक ग्रांट की कटौती की जाएगी। इन स्कूलों को यह भी अंडरटेंिकंग (वचन पत्र) देना होगा कि स्कूल बंद होने की स्थिति में पाठ्यपुस्तक स्कूल के सभी विद्यार्थियों को उनके घर पहुंचाकर देंगे। ऐसे अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों द्वारा नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों की मांग करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2022 निर्धारित की गई है। इसके पश्चात मांग करने नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें नहीं दी जाएगी। इन शर्तों पर अशासकीय विद्यालयों से वचन पत्र लेने के बाद पुस्तकों का वितरण छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा अपने डिपो, जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से किया जा सकेगा।
रायपुर, 20 अप्रैल। राजधानी में चल रहे राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में देश के विभिन्न भागों से आए शोधार्थियों ने ’’जनजातीय साहित्य: भाषा विज्ञान एवं अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता एवं जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन का चित्रण’’ विषय पर अपने शोध पत्र पढ़े। शोधार्थियों ने जनजातियों की भाषा, संस्कृति के मानकीकरण और संरक्षित करने की आवश्यकता जतायी तथा भाषा-संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कुरूख, गोंड़ी, कोता, इरूला भाषाएं विनाश के तट पर-डॉ. मैत्री
डॉ. के.एम. मैत्री ने गोंडी भाषा लिपियों के मानकीकरण में आधारभूत व्याख्यान देते हुए कहा कि गोंडी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराए जाने की और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा-कुछ गोंडी विद्वानों का मत है कि गोंडी देश की सबसे पुरातन भाषा है और द्रविड़ भाषाओं की जननी है। इस में कन्नड़, तेलगू, तमिल, मलयालम ये भाषाएं भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित है, जबकि ब्राहुई, माल्तो, कुरूख, गोंडी, परजी, मुंडा, पेंगो, कुई, कुवि, कोंड, गदबा, नाइकी, बडग, तोडा, तुलू, कोडवा, कोता, इरूला ये बोली भाषाएं 8वीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं हुई है। इनमें बहुत सारे भाषाएं विनाश के तट पर है।
डॉ. के.एम. मैत्री ने बताया कि गोंडी भाषा से कई राजभाषाएं निकली हुई हैं और उन पर आधारित कई राज्यों का निर्माण भी हुआ है, जिसमें कन्नड़, तमिल, तेलगू इत्यादि प्रमुख है। इन राज्यों में भी गोंडी बोली जाती है, जिन पर क्षेत्र का भी प्रभाव दिखता है। यह अच्छी बात है गोंडी भाषा की डिक्शनरी बनाने का प्रयास हुआ है। साथ ही ऐसी डिक्शनरी बनाने की आवश्यकता है।
12 साल से आदिवासियों को जंगल ही जीवन का संदेश दे रहे चंद्रैया
सकिनी राम चंद्रया-तेलंगाना भंद्राद्री जिले के कोत्तागुड़म के इलाबेल आदिवासी परिवार में जन्मे है।
बचपन से आभाव और आदिवासी जीवन शैली में जीवन व्यापन करते आए बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना किया। समाज में आदिवासियों को सम्मान दिलाने की लड़ाई में संघर्ष करते आए है । जिन्होंने अपने लेख के मध्य से तेलंगाना सरकार के सामने आदिवासियों के हित में प्रयास करते रहे । जिनके अथक प्रयासों और उत्कृष्ट कार्यों के लिए 64 वर्ष की उम्र में साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया है। तेलंगाना सरकार आदिवासियों के हित में कार्य करती हुई दिख रही है उनके प्रयासों का फल है की आज तेलंगाना में सरकार आदिवासियों के बारे में सोच रही है छत्तीसगढ़ राज्य जनजातीय साहित्यकार महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मान किया गया तीन दिवसीय कार्यक्रम में साहित्यकारों के विचारों को सुनने और समझने का अवसर मिला पता चला कि छत्तीसगढ़ में सरकार आदिवासियों के हित के लिए बहुत सारी योजनाएं लाकर उन्हें लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है ऐसा ही तेलंगाना की सरकार प्रयास में है
तोंगपाल में शिक्षा और विकास की बात करना भी गलत है
शिक्षक बामन राम कश्यप नक्सली प्रभाव क्षेत्र इलाके तोंगपाल के बालक आश्रम में बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का काम कर रहे है । स्ड्डठ्ठ 2002 से जुड़े है जहा शिक्षा और विकास की बात करना भी गलत माना जाता है। आए दिन नक्सलियों का दबाव गांव वासियों पर रहता है । जो हमेशा से शिक्षा और विकास के विरोधी रहे है ।
बामन राम बताते है की जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदाय को समाज के मुख्य धारा से जोडऩा शुरूवाती दौर में बहुत ही मुश्किल काम रहा । ऐसे आदिवासी जिनका रहन सहन आम लोगों से अलग है ।इन जनजातियों का रितिरिवाज और समुदाय से जुड़ी तथ्यों से अवगत कराना आदिवासी बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का काम कर रहे है शासन प्रशासन ने आदिवासियों पर लिखे लेख की सराहना करते हुए समाज उत्थान के लिए सहयोग करते रहे है।
रायपुर, 20 अप्रैल। शहर की जगन्नाथ राव दानी बहुउद्देशीय हायर सेकंडरी स्कूल की भूतपूर्व छात्राओं का स्नेह सम्मलेन रायपुर के एक निजी होटल में 24 अप्रैल को आयोजित किया गया है । कार्यक्रम समन्वयक शीला गुप्ता ने इसमे दानी स्कूल में पढ़ चुकी देश विदेश में रहने वाली छात्राये भी शामिल होगी। इस कार्यक्रम को अनूठा बनाने में सभी पूर्व छात्राये जुटी हुई है । यह कार्यक्रम 10 बजे से शुरू होकर देर शाम तक चलेगा। इसमे भूतपूर्व छात्राये नृत्य,संगीत के साथ ही अन्य ज्ञानवर्धक ओर मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।
रायपुर, 20 अप्रैल। स्वास्थ्य विभाग ने सिम्स बिलासपुर और मेडिकल कालेज जगदलपुर, राजनांदगांव से एमबीबीएस उत्तीर्ण डाक्टरों को दो वर्ष की संविदा नियुक्ति दी है। इन्हें इस दौरान सामान्य जिलों में काम के बदले 45 हजार और अधिसूचित जिलों में 55 हजार रुपए दिए जाएंगे। इन सभी को तत्काल अपने पोस्टिंग स्थल पर ज्वॉइन करना होगा। दो साल की सेवा पूरी न करने पर मेडिकल काउंसिल से पंजीयन रद्द करने की सिफारिश की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने बताया कि 3 प्रतिशत और 8 प्रतिशत के नए टैक्स स्लैब के संभावित लागू होने और 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब को खत्म करने के बारे में मीडिया के विभिन्न वर्गों में प्रकाशित रिपोर्टों का हवाला देते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर जीएसटी कर ढांचे के युक्तिकरण के कदम का स्वागत किया है।
लेकिन सुझाव दिया है कि विभिन्न टैक्स स्लैब में रखी जाने वाली वस्तुओं की सूची तैयार करते समय आवश्यकता से संबंधित वस्तुओं एवं विलासिता वाली वस्तुओं के बीच अंतर करने की आवश्यकता है और तदनुसार माल को सही कर श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग टैक्स स्लैब में आने वाली विभिन्न वस्तुओं में असमानता है, इसलिए विभिन्न टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं की नए सिरे से समीक्षा की जानी चाहिए और उन्हें उनके उचित टैक्स स्लैब में रखा जाना चाहिए, तद्नुसार, इस आधार पर एक बुनियादी बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सकता है कि खाद्यान्न, शिक्षा की वस्तुओं, चिकित्सा और बुनियादी आवश्यकता की अन्य वस्तुओं को छूट की श्रेणी में रखा जा सकता है।
1000 रुपये तक के वस्त्र और जूते सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं और कच्चे माल को 3 प्रतिशत कर स्लैब के तहत रखा जा सकता है और वर्तमान में 5 प्रतिशत श्रेणी में विभिन्न वस्तुओं को 3 प्रतिशत कर स्लैब के तहत रखा जा सकता है और 5 प्रतिशत की कुछ शेष 8 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है। 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और लगभग 14 प्रतिशत की एक नई राजस्व तटस्थ कर दर लगाई जा सकती है।
वर्तमान 12 प्रतिशत के अंतर्गत की कुछ वस्तुओं को 8 प्रतिशत टैक्स स्लैब एवं कुछ वस्तुओं को 14 प्रतिशत के नए स्लैब के तहत रखा जा सकता है और 18 प्रतिशत की सभी वस्तुओं को भी 14 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है।
5 प्रतिशत की वस्तुओं को उनके उपयोग के आधार पर 3 प्रतिशत और 8 प्रतिशत में रखने के लिए सूची तैयार की जा सकती है और इसी तरह 12 प्रतिशत की वस्तुओं को 8 प्रतिशत एवं 14 प्रतिशत को भी उनके उपयोग के आधार पर रखा जा सकता है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत, केवल विलासिता से संबंधित सामान को रखा जाना चाहिए और बाकी सामान जैसे ऑटो पार्ट्स आदि को वर्तमान में 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब के सेंट में 14 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। 20 लाख रुपये से कम के वाहनों को 14 प्रतिशत से कम रखा जाना चाहिए और 20 लाख रुपये से ऊपर के बाकी वाहनों को 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। माल के कच्चे माल पर कर की दर तैयार माल से अधिक नहीं होनी चाहिए ताकि किसी उद्योग के तहत कोई उल्टा कर न लगे। उपरोक्त सुझाए गए कर ढांचे के साथ, कर राजस्व में कोई कमी नहीं होगी, बल्कि राजस्व में सालाना वृद्धि होगी और कर का दायरा और अधिक विकसित हो जाएगा।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने आगे सुझाव दिया कि क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त किया जाना चाहिए। मुआवजा उपकर लागत में इजाफा करता है क्योंकि सामान और सेवाओं की जावक आपूर्ति के खिलाफ उसी के आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकता है। कंपोजिशन स्कीम का टर्नओवर 1.5 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाए।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की वस्तुओं और सेवाओं पर करों की दर इस बात को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जानी चाहिए कि अंतिम उपभोक्ता पर उच्च दर पर करों का बोझ न पड़े। इसी तरह यह भी ध्यान में रखना होगा कि व्यापारी और छोटे पैमाने के निर्माता बड़े पैमाने पर लाभ लेने वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा में खड़े होने में सक्षम हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए छोटे व्यवसायों का अस्तित्व आवश्यक है। दूसरी ओर केंद्र सरकार को पर्याप्त रूप से जागरूक होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर राजस्व लोगों के किसी भी वर्ग को मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए। अब समय आ गया है कि विभिन्न सरकारों पर शासन करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों को कर राजस्व का उपयोग करने के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए क्योंकि मुफ्त उपहार हमेशा करदाताओं पर बोझ साबित होते हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने वितरण के संबंध में जारी किए निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 19 अप्रैल। राज्य शासन द्वारा निःशुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए शासकीय, अनुदान प्राप्त तथा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं को पुस्तक वितरण किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए शर्तें निर्धारित की गई हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गैर अनुदान प्राप्त शासकीय स्कूलों को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित कक्षा पहली से 10वीं तक हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। इन स्कूलों को उनकी मांग के अनुसार पाठ्यपुस्तक निगम के डिपो से पुस्तकेें मिलेंगी। इन स्कूलों को यह भी निर्देशित किया कि उन्हें अपने स्कूल के सभी कक्षाओं में केवल छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग करना होगा, वे निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग नहीं करेंगे।
अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालय को दिए जाने वाले निःशुल्क पाठ्यपुस्तक के लिए शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में से ऐसे विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक स्तर पर 250 रूपए प्रति विद्यार्थी और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 450 रूपए प्रति विद्यार्थी देय पुस्तक ग्रांट की कटौती की जाएगी। इन स्कूलों को यह भी अंडरटेंिकंग (वचन पत्र) देना होगा कि स्कूल बंद होने की स्थिति में पाठ्यपुस्तक स्कूल के सभी विद्यार्थियों को उनके घर पहुंचाकर देंगे। ऐसे अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों द्वारा निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों की मांग करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2022 निर्धारित की गई है। इसके पश्चात मांग करने निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें नहीं दी जाएगी। इन शर्तों पर अशासकीय विद्यालयों से वचन पत्र लेने के बाद पुस्तकों का वितरण छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा अपने डिपो, जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से किया जा सकेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 19 अप्रैल। आकांक्षी जिला राजनांदगांव के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि जिले में कई योजनाएं अच्छे से चल रही है। तो कई योजनाओं पर तीव्रता से काम करना है। केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ को राशि नहीं दिए जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को यूपीए से ज्यादा राशि मोदी सरकार दे रही है।
पिछले 3 साल में छत्तीसगढ़ को ग्रांट और जीएसटी की 1 लाख करोड़ रु की राशि मिली है। मैं इन आंकड़ों पर मुख्यमंत्री से बहस करने के लिए तैयार हूं। छत्तीसगढ़ में विमानन क्षेत्र सुविधाओं को लेकर कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के लिए जागरूक नहीं है। उन्होंने कहा सीएम भूपेश बघेल मुझे कोई पत्र नहीं लिखे हैं बल्कि मैंने उन्हें पत्र लिखा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 19 अप्रैल। राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय हस्त कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां विभिन्न विभागों और जनजातीय समूहों के 29 स्टॉल लगाए गए हैं। यहां जनजातियों के खान-पान, आभूषणों सहित उनके रहन-सहन के तरीकों को जानने लोग आकर्षित हो रहे हैं। यहां लोगों में जनजातियों की संस्कृति के प्रति उत्सुकता के साथ बस्तर की खास चापड़ा चटनी, महुआ लड्डू और पेज का स्वाद लेने की भी बहुत ललक दिखाई दे रही है। इसके साथ ही नई पीढ़ी भी सदियों पुरानी परम्परा और संस्कृति को जानने और उससे जुड़ने के लिए उत्साहित दिख रही हैं।
यहां जनजातियों की प्राचीन हस्त कला बांस कला, छिंद कला, गोदना कला, रजवार कला, शीशल कला, माटी कला और काष्ट कला का प्रदर्शन सह कलाकृतियों का विक्रय किया जा रहा है। इसके साथ ही जनजातियों के नंगाड़ा, दफड़ी, मांदर जैसे वाद्य यंत्र, ऐठी, पहुंची, खिनवा, पटा जैसे आभूषण, तुमा और खाना बनाने के प्राचीन बर्तन और औजारों, कपड़ों का प्रदर्शन भी किया गया है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में मौजूद वनौषधियों से आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए गए हर्बल उत्पादों के साथ विभिन्न औषधीय पौधों का प्रदर्शन भी प्रदर्शनी में किया गया है। कोसा कला की नायाब कारीगरी भी प्रदर्शनी में दिखाई दी है।
जनजाति व्यंजनों के स्वाद ने लोगों का मोहा मन
बस्तर से आए बालमती बघेल, शांता नाग और गंगाराम कश्यप ने अपने स्टॉल में राजधानी रायपुर में लोगों को जंगल के खान-पान के स्वाद से परिचय करा रहे हैं। यहां पुरानी के साथ नई पीढ़ी भी बस्तरिया डोडा (भोजन) के प्रति आकर्षित दिखाई दे रहा है। यहां लांदा, माड़िया पेज, तीखुर का शर्बत, चापड़ा चटनी, महुआ लड्डू का लोगों ने खूब स्वाद लिया और तारीफ की। इसके साथ ही गढ़ कलेवा के स्टॉल में छत्तीसगढ़िया व्यंजन ठेठरी, अनरसा, पिड़िया, लाडू जैसे स्वाद के खजाने रखे गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अप्रैल। गोल बाजार थाना क्षेत्र में गाड़ी खड़ी करने के विवाद में चाकूबाजी की घटना को अंजाम देने वाला बदमाश पुलिस की गिरफ्त में है। मंगलवार को गश्त टीम ने आरोपी को पकड़ा। मोहम्मद दाउद खान ने थाना गोलबाजार में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दाउद नयापारा स्थित न्यू ऐज प्रिंटर्स में प्रिंटींग प्रेस का संचालन करता है। 12 अप्रैल को एक ग्राहक आया जिसने अपना नाम संजय मिश्रा होना बताया एवं अपने एक्टीवा वाहन को प्रार्थी के दुकान में ही काम करने वाले सारिक के घर के सामने खड़े कर दिया। इसी बात को लेकर सरफराज उर्फ शिब्बु नामक व्यक्ति संजय मिश्रा से विवाद करने लगा। जिसकी सूचना संजय मिश्रा द्वारा प्रार्थी को दिया गया, तो प्रार्थी सरफराज को जाकर समझाने का प्रयास किया तो वह काफी गुस्से में आ गया। इसी दौरान जेब से चाूक निकालकर दाउद पर वार कर दिया। सीने में हमला कर आरोपी तुरंत मौके से फरार हो गया। मामले में आरोपी की पतासाजी करते हुए सरफराज उर्फ शिब्बू को गिरफ्तार किया गया।
आबकारी ने कम की दिलचस्पी, शातिरों की मौज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 अप्रैल। आरंग में कुछ दिनों पहले अंग्रेजी शराब दुकान में तीन लाख रुपये की चोरी के बाद आबकारी ने अपने नुकसान की भरपाई कंपनी से करा ली है। तय शर्तों के मुताबिक कंपनी ने चोरी की रकम आबकारी के खाते में जमा कर दी है। इधर चोर गैंग की तलाश ठंडे बस्ते में चली गई है।
दरअसल दुकान में बड़ी चोरी की घटना को लेकर आबकारी विभाग और पुलिस दोनों ने दिलचस्पी कम कर दी है, इसका फायदा चोरों का हुआ है। बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद शातिरों की मौज है। बता दें चोरी के कई दिनों बाद भी क्लू नहीं मिलने के बाद पुलिस ने जांच धीमें कर दी है। एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट की टीमें भी इस मामले से दूर नजर आ रही है। ऐसे में बड़ी चोरी के मामले की फाइलें जल्द बंद होने की उम्मीद है। आबकारी अफसरों का कहना है जिस तरह से गुल्लू गांव की चोरी का खुलासा हुआ था शातिर कहीं न कहीं सुराग छोड़ेंगे कि आगे उन्हें दबोच लिया जाएगा। बता दें शहर में गल्ला चोर गैंग के बारे में अभी भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। डुमतराई की बड़ी-बड़ी दुकानों में नगदी रकम गायब करने वाले शहर में बेखौफ होकर घूम रहे हैं।
आरंग में भी इसी तर्ज पर पेशेवर गिरोह ने लॉकर तोडक़र वारदात को अंजाम दिया है। दिलचस्प यह है कि जिस दुकान में चोरी हुई है वहां कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद भी विभाग और कंपनी अफसर दोनों खामोश हैं। नियमतया दिनभर की शराब बिक्री की राशि थाना में जमा किया जाना चाहिए था लेकिन कर्मचारियों ने वारदात के दिन ऐसा नहीं किया। करीबी सूत्र का दावा है कर्मचारी तीन-चार दिनों से ऐसा कर रहे थे। रकम जमा नहीं करने की खबर जुटाकर चोर गैंग ने वारदात को अंजाम दे डाला।
सुरक्षा गार्ड मौके पर नहीं काउंटर में
शराब दुकानों में आलम अब कुछ इस तरह का सामने आने लगा है जहां पर सुरक्षा में तैनात गार्ड ही शराब बेचने में लगे हुए हैं। पड़ताल के दौरान लाभांडी, तेलीबांधा, कटोरा तालाब में वर्दी पहने प्राइवेट सुरक्षा गार्ड शराब बेचते मिले। ऐसी शिकायतें और भी जगहों से है। सुरक्षा ड्यूटी छोडक़र शराब बिक्री की स्थिति अपराधी गैंग का हौसला बढ़ाने वाली है।
अगर ऐसा है तो तुरंत सख्ती
सुरक्षा गार्ड अगर शराब दुकानों में बिक्री करते मिले, तुरंत इस पर कार्रवाई होगी। सर्किल अफसरों को पहले से गंभीरता बरतने कहा जा चुका है।
- अनिमेष नेताम, जिला आबकारी उपायुक्त
रायपुर, 19 अप्रैल। नवा रायपुर में 27 गांवों के किसान जनवरी से बेहतर पुनर्वास और मुआवजे समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत 27 अप्रैल को शामिल होंगे।यह किसान आंदोलन लगातार 107 दिनों से जारी है। अब आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्रीय समर्थन मिला है।नई राजधानी के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल एक किसान की आंदोलन स्थल के पास मौत भी हो गई है। आंदोलनकारी किसानों को अब राष्ट्रीय समर्थन मिला है। दरअसल राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत किसानों के आंदोलन में शामिल होंगे। टिकैत 27 अप्रैल को नवा रायपुर पहुँचेंगे और किसानों के साथ आंदोलन में बैठेंगे।