रायपुर
![मजबूत जांच टीमें बनाने के बाद भी नहीं जुटा पा रहे सुराग मजबूत जांच टीमें बनाने के बाद भी नहीं जुटा पा रहे सुराग](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16504577260.jpg)
डकैती-हत्या के अलावा शहर में नकबजनी के दर्जनों मामले पेंडिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अप्रैल। क्राइम ब्रांच का नए सिरे से गठन कर दिया गया है लेकिन ब्लाइंड केस सुलझाने के मामले में नई यूनिट केस सुलझा पाने में फेल साबित हो रही है। जिले में ही पंद्रह दिनों के भीतर तीन बड़े मामले सामने आए हैं जिसमें आरोपी मिल पाना तो दूर सुराग जुटा पाने में भी टीमें खाली हाथ है।
डकैती को अंजाम देकर जहां पेशेवर गैंग सदस्य खुले घूम रहे वहीं आरंग शराब भ_ी में रकम लूटने वाले शातिर भी मौज में है। अब खरोरा मर्डर मिस्ट्री के केस ने पुलिस टीम को उलझन में डाल दिया है। 30 साल की महिला को अकेली पाकर अज्ञात हत्यारे ने ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस टीमें संदेह जताकर करीबियों से पूछताछ ही कर पाई लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकल सका। गौरतलब है कि राज्य शासन ने जिलों में अपराध पर अंकूश लगाने और फिर संगीन अपराधों पर तेजी से कार्रवाई के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर सेल यूनिट का गठन किया है। जिले में इस यूनिट के लिए अलग-अलग स्पेशल विंग को शामिल किया गया है। क्राइम ब्रांच की पुरानी व्यवस्था को दुरूस्थ करने के लिए कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं बावजूद इसके ब्लाइंड केस में टीमें कहीं से भी सबूत नहीं जुटा पा रही है। ब्लाइंड केस के ऐसे ही एक दर्जन से ज्यादा मामले हैं जिसमें गहराई से जांच की आवश्यकता है। ज्यादातर मामले ऐसे बताए गए हैं जिसमें संदिग्ध मौत के बाद खुद पुलिस ने हत्या की आशंका जताई है। दो से तीन महीने के अंदर ही चोरी के लगभग 50 मामले दर्ज किए गए हैं। जितनी वारदातें हुई है पुलिस उनमें 20 फीसदी प्रकरण ही सुलझा सके हैं।
डुमरतराई गल्ला चोरी नहीं सुलझा सकी पुलिस
थोक बाजार डुमरतराई के महंगे शॉप में नकदी रकम चुराने वाले गैंग का खुलासा आज तक नहीं हो सका है। तीन मामले अभी भी पेंडिंग है। पेशेवर तरीके से चोरों ने थोक बाजार की दुकानों के ताले तोड़े। कहीं रोशनदान उखाडक़र वहां प्रवेश किया और फिर यहां से गल्ले में रखी बिक्री रकम गायब कर दिया। दो महीने बाद भी पुलिस टीमें नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
बाइक चोरी के केस में हल्की जांच, लगातार केस
शहर में बाइक चोरों ने आतंक मचा रखा है। पंद्रह दिनों के भीतर ही बाजार समेत कॉलोनियों से लगभग 20 दोपहिया चोरी हुई है। अज्ञात राहगीरों की खड़ी बाइक चुरा ले गए वहीं कॉलोनियों में भी बेधडक़ चोरी की। थाने में सूचना देने के बाद भी जांच टीमों ने प्रकरणों को हल्के में लिया। फरियादी अब थाना के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
स्पेशल विंग शामिल कर सख्ती का दावा
नए क्राइम ब्रांच यूनिट के गठन के साथ चार स्पेशल विंग को शामिल कर पुलिस ने अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के दावे किए थे। इसमें तकनीकी जांच टीम के साथ आर्थिक अपराध रोकने स्पेशल यूनिट और फिर धरपकड़ के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों का इंतजाम कर एंटी क्राइम यूनिट का गठन किया गया था। कुछ पुराने चेहरों के साथ नए सिपाही यूनिट में जोड़े, लेकिन इसका फायदा ब्लाइंड केस में नहीं मिल पा रहा।