कारोबार

बजट में नौ शीर्ष प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य का न होना चिंता का विषय : विशेषज्ञ
24-Jul-2024 3:55 PM
बजट में नौ शीर्ष प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य का न होना चिंता का विषय : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 24 जुलाई । केंद्रीय बजट 2024-25 को लेकर विशेषज्ञों ने कहा है कि इस बजट में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रुझानों का बेहतर तरीके से ध्यान रखा गया, लेकिन सरकार की नौ शीर्ष प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य का उल्लेख नहीं होना चिंता का विषय है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए बजट में ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर जैसे एक्स-रे घटकों पर सीमा शुल्क में छूट दी गई। मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमटीएआई) के अध्यक्ष पवन चौधरी ने आईएएनएस को बताया, ''इससे पता चलता है कि सरकार को यह अहसास है कि केवल उन उत्पादों को संरक्षित किया जाना चाहिए, जिन्हें निकट भविष्य में आयात का विकल्प बनाया जा सकता है।

किसी भी अन्य संरक्षणवादी बाधा के अनपेक्षित परिणाम सामने आते हैं और हमें उम्मीद है कि जिन उत्पादों को मध्य या अल्प अवधि में आयात किया जा सकता है, उनके सीमा शुल्क भी कम कर दिए जाएंगे।'' बजट को वास्तविक दुनिया से जोड़कर देखते हुए चौधरी ने कहा कि इसमें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही चीजों का अच्छे से ध्यान रखा गया है। उन्होंने बजट में कौशल विकास पर जोर देने की भी सराहना की। चौधरी ने कहा कि इससे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लाभ होगा। क्योंकि आज, वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत विदेशी कार्यबल का 24 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है। स्वास्थ्य सेवा में मैनपावर निर्यात का लक्ष्य प्रतिवर्ष 300,000 डॉक्टरों, नर्सों और तकनीशियनों का है। हालांकि पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा कि यह बेहद अप्रत्याशित है कि सरकार की नौ शीर्ष प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य को शामिल नहीं है।

मुत्तरेजा ने कहा, ''मुझे आश्चर्य और निराशा हुई कि बजट में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण में पर्याप्त निवेश की उपेक्षा की गई।'' मुत्तरेजा ने कहा, "राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के सबसे चिंताजनक निष्कर्षों में से एक युवा लोगों के खराब पोषण परिणाम थे।" उन्होंने बजट में "पिछले वर्ष की तुलना में केवल 1.7 प्रतिशत की वृद्धि" के बारे में भी चिंता जताई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का बजट 2023-24 में 86,175 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 87,656 करोड़ रुपये हो गया है। मुटरेजा ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसमें सबसे अधिक युवा आबादी है। इस आबादी के स्वास्थ्य में निवेश अनिवार्य है। महिलाएं हमारी आधी आबादी हैं। महिलाओं के लिए व्यापक समर्थन के लिए न केवल आर्थिक अवसरों की आवश्यकता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, विशेष रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच की भी आवश्यकता है।'' --(आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news