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![छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मलेरिया और डायरिया से मौत पर की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मलेरिया और डायरिया से मौत पर की सुनवाई](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1721884807icourt.jpg)
सीएस और सीएमएचओ से कहा- तैयारी के साथ विस्तृत रिपोर्ट दें
‘छत्तीसगढ़’ संवादाता
बिलासपुर, 25 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने बुधवार को मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को लेकर चीफ सेक्रेटरी और सीएमएचओ से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को शपथ पत्र के साथ तैयारियों पर अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
चीफ सेक्रेटरी ने कोर्ट को बताया कि प्रभावित इलाकों में मरीजों का उपचार जारी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने उपचार की प्रगति, अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता और भविष्य की तैयारियों के संबंध में जानकारी मांगी। उन्होंने प्रभावी रोकथाम और चिकित्सा व्यवस्था के संदर्भ में शपथ पत्र के साथ विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
ज्ञात हो कि बस्तर और बिलासपुर में मलेरिया और रतनपुर क्षेत्र में डायरिया से मौत की खबरों का स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था। राज्य शासन और सीएमएचओ को प्रमुख पक्षकार बनाया गया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में इस याचिका पर सुनवाई हो रही है।
मुख्य सचिव, बिलासपुर सीएमएचओ और स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट को बताया कि मलेरिया प्रभावित इलाकों में शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार की व्यवस्था की गई है। प्रशासन द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कोर्ट ने प्रशासन के जवाब पर कहा कि पीड़ितों का समय पर उपचार सुनिश्चित किया जाए और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध कराए जाएं।
बस्तर के बीजापुर आश्रम में दो मासूम बच्चों की मौत और बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र में मलेरिया के प्रकोप से हुई मौतों को लेकर कोर्ट ने शासन की निष्क्रियता पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने मलेरिया के बचाव के लिए ठोस अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।