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![कर्नाटक विधानसभा में एमयूडीए घोटाले के खिलाफ भाजपा और जद(एस) विधायकों ने पूरी रात दिया धरना कर्नाटक विधानसभा में एमयूडीए घोटाले के खिलाफ भाजपा और जद(एस) विधायकों ने पूरी रात दिया धरना](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1721887678ownload_(42).jpg)
बेंगलुरु, 25 जुलाई। विपक्षी भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा भूमि खोने वालों को कथित धोखाधड़ी से भूखंड आवंटित करने के मामले पर चर्चा की मांग को लेकर कर्नाटक विधानमंडल के दोनों सदनों में पूरी रात धरना दिया।
भाजपा और जद(एस) विधायकों ने विधानसभा और विधान परिषद में पूरी रात बिताई।
उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया और चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए कांग्रेस सरकार, सिद्धरमैया और विधानसभा अध्यक्ष यू. टी. खादर के खिलाफ भजनों के माध्यम से नारे लगाते हुए विरोध जताया।
इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी को भूखंड का आवंटन भी शामिल है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बी. वाई. विजयेंद्र सहित अन्य विधायक बाद में विधानसभा परिसर में ही सोए।
यही स्थिति विधान परिषद में भी रही।
विपक्षी दलों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर बृहस्पतिवार को भी दोनों सदनों में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
एमयूडीए ‘घोटाले’ में शक की सुई के राज्य के ‘सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति’ के परिवार की ओर इशारा करने का दावा करते हुए विपक्ष ने बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दिए जाने की मांग की।
उन्होंने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए जांच आयोग के गठन के पीछे राजनीतिक मकसद का भी आरोप लगाया और कहा कि इसका उद्देश्य सदन को इस मुद्दे पर बहस करने का अवसर देने से रोकना है।
विधानसभा अध्यक्ष खादर और परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने नियमों का हवाला देते हुए विपक्षी सदस्यों के नोटिस खारिज कर दिए जिससे दोनों सदनों में कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा के जरिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनकी सरकार को घेरने की उनकी योजना को झटका लगा।
इसके विरोध में भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी जद (एस) के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर दोनों सदनों में ‘‘दिन-रात’’ धरना देने की घोषणा की।
आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में क्षतिपूर्ति भूखंड आवंटित किये गये हैं जिनका मूल्य एमयूडी द्वारा ‘‘अधिग्रहित’’ की गई उनकी भूमि की तुलना में अधिक है।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया के कई समर्थकों को भी कथित तौर पर ‘‘इसी तरह लाभ मिला है।’’
एमयूडीए ने आवासीय लेआउट विकसित किए गए स्थान पर पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे।
विवादास्पद योजना में लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले में, भूमि खोने वाले को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित करने की परिकल्पना की गई है। (भाषा)