खेल
हैदराबाद, 3 जुलाई । क्रिकेट में हमशक्ल होना नई बात नहीं है। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के हमशक्ल प्रिंस ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं। अब तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का हमशक्ल राज मिश्रा का भी पता चल गया है, जो हैदराबाद में है। मिश्रा को कई बार लोग गलती से बुमराह समझ चुके हैं। मिश्रा तेलंगाना का राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐसे कई मौके हैं, जब लोगों ने मिश्रा को घूरकर देखा और गलती से बुमराह समझ बैठे। मगर सच्चाई जानने के बाद उन्होंने मिश्रा से माफी मांगी।
मिश्रा के हवाले से तेलंगाना टुडे ने कहा, कई बार लोग मुझे घूरकर देख चुके हैं और कई बार मुझे बुमराह बुलाया गया। फिर उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो माफी मांगी। 2019 नेशनल्स में मैं पांचवें स्थान पर आया और इस साल मेरा नेशनल्स पर ध्यान था। मगर कोरोना वायरस महामारी ने मेरी योजनाओं पर पानी फेर दिया। इस समय दुनियाभर के खिलाड़ी संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं। मिश्रा के लिए भी यह आसान नहीं था। वह सिकंदराबाद कैंटोनमेंट के ईएमई सेंटर में अभ्यास कर रहे हैं। मिश्रा हैदराबाद के पूर्व विकेटकीपर योराज सिंग के साथ काम कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा, कोविड-19 संकट में समय बड़ा मुश्किल है। मगर मैंने कभी अपनी ट्रेनिंग मिस नहीं की।
2019 विश्व कप में भारत के लिए बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले बुमराह ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने हैट्रिक ली और हरभजन सिंह व इरफान पठान के बाद ये कमाल करने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। मगर इसके बाद गुजरात के तेज गेंदबाज को पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी, जिसकी वजह से वो लंबे समय तक क्रिकेट एक्शन से दूर रहे।
बुमराह ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज में वापसी की और विकेट जरूर चटकाए। मगर उनमें वो धार नजर नहीं आई, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में एक भी विकेट नहीं चटकाया। इसके चलते आईसीसी वनडे रैंकिंग में बुमराह टॉप स्थान से खिसक गए। ट्रेंट बोल्ट अब नंबर-1 वनडे गेंदबाज हैं।
बुमराह को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 में मुंबई इंडियंस का प्रतिनिधित्व करना था। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण टूर्नामेंट अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दिया गया। बुमराह इस समय अपने परिवार के साथ खुशनुमा समय बिता रहे हैं।(टाईम्स नाउ)
मुंबई, 3 जुलाई । लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू ने इंडोर 4,000 किलोमीटर पैडल चलाकर वर्चुअल मंच पर आयोजित हुई रेस एक्रोस अमेरिका (आरएएएम) अपने नाम की। साइकिलिंग में आरएएएम को मुश्किल रेस में से एक समझा जाता है। कोरोना वायरस के कारण इस साल आयोजकों ने इसे वर्चुअली कराने का फैसला किया है जिसमें पूरी दुनिया के साइकिल सवारों ने इंडोर ट्रेनर में प्रतिस्पर्धा की।
जहां टूर डि फ्रांस चरणों में आयोजित होती है तो वहीं आरएएएम में साइक्लिस्ट को सोने के समय को भी त्यागकर निर्धारित समय में रेस पूरी करनी होती है। अमेरिका में होनी वाली रेस में यह कई जगहों पर होती है, जिसमें रेगिस्तान की गर्मी, पहाड़ी दर्रों की सर्दी और तेज हवाओं में साइकिल चलानी होती है।
वर्चुअल रेस में यह सब नहीं था, लेकिन अन्य चुनौतियां शामिल थीं, जिसमें इंडोर में काफी लंबे समय तक साइकिल चलाने के अनुभव की कमी होना भी कई प्रतिस्पर्धियों के लिये मुश्किल रहा। कर्नल पन्नू ने रविवार की शाम को 12 दिन के बाद यह रेस पूरी की और अब वह सामान्य लोगों की तरह अपनी नींद लेना चाहते हैं।
पुणे से बेंगलुरू में अपने सेना विमानन विंग बेस पर लौटते हुए उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, आउटडोर में, आप सीट से उतरकर अपने शरीर को मोड़ लेते हो। लेकिन इंडोर में इस तरह की कोई सुविधा मौजूद नहीं थी, क्योंकि साइकिल फ्रेम स्टैंड पर चिपका हुआ है।(एजेंसी)
विएना, 3 जुलाई । कोरोना महामारी के कारण रुके पड़े फॉर्मूला वन सत्र की शुरुआत शुक्रवार को ऑस्ट्रिया के रेड बुल सर्किट में सत्र की पहली रेस के साथ होने जा रही है। पहली रेस में ही नस्लवाद का मुद्दा छाया रहेगा।
छह बार के विश्व चैंपियन लुइस हैमिल्टन इस समय एक वैश्विक मुद्दा बन चुके नस्लवाद पर आवाज बुलंद करते हुए सामने आये हैं और वह इस सत्र में काली ड्रेस और काली मर्सिडीस कार में रेस करेंगे, जिस पर लिखा होगा नस्लवाद बंद करो।
छह बार के विश्व चैंपियन ब्रिटेन के हैमिल्टन इस सत्र में माइकल शूमाकर के सात खिताबों के रिकॉर्ड की बराबरी करने के इरादे से उतरेंगे लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह नस्लवाद के पूरी तरह खिलाफ हैं और जब वह नस्लवाद पर खेल की चुप्पी की आलोचना करते हैं तो वह फॉर्मूला वन में अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना नहीं बनाते हैं। उन्होंने कहा कि वह ब्लैक लाइव्स मैटर और जातीय समानता का समर्थन करते हैं। हैमिल्टन फॉर्मूला वन में एकमात्र अश्वेत ड्राइवर हैं।
दरअसल, अमेरिका के मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत के बाद से ही दुनियाभर में नस्लवाद के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम भी नस्लवाद के खिलाफ अभियान को समर्थन देने के लिए जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो वाली टी-शर्ट पहनेगी।
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी क्रिस गेल और डेरेन सैमी ने पिछले महीने के शुरू में कहा था कि उन्हें भी अपने करियर में नस्लभेद का सामना करना पड़ा था। दोनों खिलाडिय़ों ने नस्लवाद के खिलाफ दुनिया भर में ब्लैक लाइव्स मैटर नाम से चल रहे अभियान को अपना समर्थन दिया है।(एजेंसी)
मुंबई, 3 जुलाई। इंडियन प्रीमियर लीग 2013 में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में कथित रूप से शामिल होने के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे अंकित चव्हाण ने बीसीसीआई और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) को पत्र लिखकर इसे घटाकर सात साल करने का अनुरोध किया। बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने 2013 में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाडिय़ों पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत , चव्हाण और अजीत चंदिला को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग करने का दोषी पाया था और उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, मगर 2015 में दिल्ली में एक ट्रायल कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए और पिछले साल बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन ने श्रीसंत का आजीवन प्रतिबंध घटाकर सात साल कर दिया।
अब श्रीसंत के लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी का मौका है और 34 साल के चव्हाण ने भी बीसीसीआई और अपनी राज्य संस्था एमसीए को ईमेल भेजा है। इसमें चव्हाण ने अपने प्रतिबंध को घटाकर सात साल करने का अनुरोध किया है ताकि वह जल्द से जल्द क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर सकें।
चव्हाण ने कहा कि मैं बीसीसीआई से इसी आधार पर अनुरोध करता हूं कि अगर श्रीसंत के प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सकता है तो कृपया मेरे प्रतिबंध पर भी दोबारा विचार कीजिए। उन्होंने लिखा कि मुझे बीसीसीआई से कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मुझे अपनी राज्य संस्था को लिखना पड़ा जो एमसीए है। इसलिये मैंने इसी आधार पर लिखा है। मैं संघ से मेरे मामले को बीसीसीआई के समक्ष पेश करने का अनुरोध करता हूं ताकि मेरे प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सके।
भारत के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत अगामी रणजी सीजन में केरल की ओर से खेलते दिख सकते हैं। खबरों के मुताबिक केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने इस बात का फैसला किया है कि अगर श्रीसंत अपनी फिटनेस साबित करते हैं तो रणजी टीम के लिए चुना जा सकता है। श्रीसंत साल 2013 में आईपीएल में हुई फिक्सिंग के बाद लगे बैन के कारण सात साल से क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। (भाषा)
नई दिल्ली, 2 जुलाई । तेज गेंदबाज एस श्रीसंत का जीवन उस वक्त पूरी तरह से बदल गया था, जब साल 2013 में उन्हें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। श्रीसंत को दिल्ली पुलिस उस वक्त पकड़ कर ले गई थी, जब वो टीम के साथ पार्टी कर रहे थे। उस घटना को श्रीसंत ने बुधवार को याद किया और बताया कि कैसे उन्हें पुलिस आतंकवादियों के वार्ड में ले गई और रोजाना उन्हें 16-17 घंटे टॉर्चर किया गया।
क्रिकेट वेबसाइट क्रिकट्रैकर के साथ वीडियो लाइव के दौरान श्रीसंत ने बताया कि उनसे दिल्ली पुलिस रोजाना 16-17 घंटे पूछताछ करती थी और उन्हें उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया गया, जो कि उनके लिए टॉर्चर से कम नहीं था। श्रीसंत ने कहा, अगर तुम मेरी जान लोगे तो इसमें बस कुछ सेकेंड लगेंगे। उस दिन मैच पार्टी चल रही थी और मुझे आतंकियों के वार्ड में ले जाया गया। मुझे लगा जैसे कि मुझे बकरा बनाया गया हो।
श्रीसंत ने आगे कहा, मुझसे 12 दिनों तक 16 से 17 घंटे पूछताछ हुई, मैं उस समय अपने परिवार के बारे में सोचता था। कुछ दिन बाद मेरा भाई मुझसे मिलने आया और फिर मुझे पता चला कि मेरा परिवार सही है। उस मुश्किल वक्त में मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया। श्रीसंत ने कहा कि वो भाग्यशाली हैं कि उनकी जेल जाते और जेल से बाहर आते किसी ने फोटो नहीं खींची। श्रीसंत ने कहा कि उनके बच्चों को कम से कम ऐसी फोटो देखनी नहीं पड़ेंगी।
एस श्रीसंत ने बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक बड़ा झटका बताया। उन्होंने कहा कि वो सुशांत की मौत की खबर सुनकर हैरान रह गए। श्रीसंत ने कहा, मैं उस वक्त ट्रेनिंग कर रहा था और मेरी पत्नी ने मुझे मैसेज भेजा। उस वक्त तो मैंने मैसेज नहीं देखा लेकिन जब मैं अपनी कार में था तो मैंने अपनी पत्नी का वॉयस मेल सुना। मुझे सुनकर लगा कि वो मजाक कर रही है लेकिन फिर जब मैंने और जगह खबरें और तस्वीरें देखी तो मुझे बहुत निराशा हुई।
बता दें श्रीसंत ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वो भी आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे। श्रीसंत ने कहा, मुझे यह कहने में बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि मेरी जिंदगी में भी एक समय ऐसा आया था, जब आत्महत्या का विचार आया, मगर मैंने मेरी जिंदगी की सकारात्मक चीजों की तरफ देखा। मैं इसे डार्क फेस नहीं कहूंगा, मगर यह तिहाड़ जेल में रहने से भी बदतर था। एक ऐसा भी समय आया था जब मुझे लाइट बंद करने में भी डर लगता था।(न्यूज18)
नई दिल्ली, 2 जुलाई । ऑस्ट्रेलिया के पूर्व मध्यक्रम बल्लेबाज माइकल हसी ने हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि धोनी अगले 10 साल और क्रिकेट खेलना जारी रखें। चेन्नै सुपर किंग्स के पूर्व खिलाड़ी ने धोनी और कोच स्टीफन फ्लेमिंग के बीच मजबूत संबंधों की भी तारीफ की।
माइकल हसी ने क्रिकेट से जुड़े कई पहलुओं पर अपनी राय जाहिर की। इसमें चेन्नै सुपर किंग्स के अलावा इस साल के अंत में प्रस्तावित भारत और ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट सीरीज भी शामिल थी।
हसी ने सोनी टेन पिट स्पॉट कार्यक्रम के दौरान कहा, वे दोनों एक दूसरे को कॉम्पलीमेंट करते हैं। उन दोनों के बीच बहुत अच्छा रिश्ता है। दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। और दोनों को खेल की गहरी समझ है। दोनों बहुत स्मार्ट हैं और साथ में बहुत अच्छा काम करते हैं।
मिस्टर क्रिकेट के नाम से मशूहर हसी ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि वह हमेशा अपने खिलाडिय़ों का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही टीम के भले के लिए कई बार अचानक हैरान करने वाले फैसले कर लेते हैं।
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि वह भी पूर्व भारतीय कप्तान और सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी की तरह सोच रखते हैं। भुवी ने बताया कि धोनी का फोकस हमेशा प्रोसेस को सही रखने पर होता है और वह रिजल्ट की परवाह नहीं करते। भुवी ने कहा कि उनकी सोच भी ऐसी ही है और इससे हमेशा उन्हें फायदा हुआ है।
चेन्नै सुपर किंग्स के बल्लेबाजी कोच हसी ने कहा, 'कप्तान के तौर पर मुझे महेंद्र सिंह धोनी बहुत पसंद हैं। वह अपने खिलाडिय़ों को काफी सपॉर्ट करते हैं और उन पर भरोसा करते हैं। बेशक, मैदान में तकनीकी पक्ष का भी वह चतुराई से इस्तेमाल करते है। कई बार वह ऐसे फैसले लेते हैं कि आपको समझ ही नहीं आता लेकिन बाद में आपको हैरानी होती है कि आखिर कैसे यह टीम के लिए पक्ष में गया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि धोनी एक दशक तक खेलें, लेकिन बाद में व्यावहारिक होते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि धोनी जितना हो सके उतने लंबे समय तक खेलें। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि वह अगले 10 साल तक खेलें। मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो पाएगा तो उम्मीद करते हैं कि वह जितना हो सके उतने लंबे समय तक खेलें।(नवभारत टाईम्स)
नई दिल्ली, 2 जुलाई । उभरते हुए भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने कोविड-19 महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत लिया है। इसी के साथ वह इस महामारी के बीच कोई इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने जर्मनी में पीएसडी बैंक नार्ड ओपन क्ले कोर्ट टूर्नामेंट के फाइनल में दूसरे वरीय मेजबान खिलाड़ी डेनियल मसूर को 6-1, 6-3 से हरा दिया।
सुमित नागल वर्तमान में 127 नंबर के साथ पर भारत के सर्वोच्च रैंक वाले एकल खिलाड़ी हैं। इस टूर्नामेंट को जीतने के बाद उन्होंने ईएसपीएन से कहा, चार महीने बाद कोर्ट पर वापसी करना काफी अच्छा लगा। इस समय टूर्नामेंट में खेलना शानदार भी है और वास्तविकता से परे भी। यह एक छोट सा और अच्छा टूर्नामेंट था। इस टूर्नामेंट में 60 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। यह मेरे ट्रेनिंग सेंटर से दूर भी नहीं था। इसलिए मुझे लगा कि, क्यों ना कुछ मैच खेल लिए जाएं।
नागल ने आखिरी बार मार्च के शुरू में डेविस कप के दौरान क्रोएशिया के मारिन सिलिक के खिलाफ प्रतिस्पर्धी मैच खेला था। भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि इस टूर्नामेंट का अनुभव पूर्व में खेले गए किसी भी मैच से बहुत अलग था। खिलाडिय़ों को तापमान की जांच से गुजरना पड़ा और कोर्ट में आने से पहले उन्हें अपने हाथों को अच्छे से साफ करना पड़ा। बेहद छोटा टूर्नामेंट होने की वजह से केवल कुछ खिलाड़ी और दर्शक ही इसमें शामिल हो पाए। इस टूर्नामेंट में सोशल डिस्टेसिंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन किया गया।
उन्होंने कहा, सभी को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर दूर रहना था। यह कुछ ऐसा है, जिसे आपको बार-बार हाथ धोने की तरह खुद को याद दिलाना पड़ता है। इसके साथ ही लॉकर रूम में एक बार में सिर्फ दो खिलाडिय़ों को जाने की इजाजत थी। चूंकि यह एक छोटा टूर्नामेंट था, इसलिए इस बेहद आसानी के साथ मैनेज किया जा सका।(लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 2 जुलाई । भारत की स्टार फर्राटा धाविका दुती चंद ने स्वीकार किया है कि पिछले साल महिला मित्र के साथ प्रेम का खुलासा करने के बाद लोग उन्हें अलग नजरिए से देखने लगे लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। फिलहाल भारत की सबसे तेज महिला धाविका मानी जाने वाली चौबीस साल की दुती ने समलैंगिक संबंध रखने वालों को साहस दिखाने को कहा। हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूत जोएल रीफमैन के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान दुती ने कहा कि किसी को भी कभी भी और किसी से भी प्यार हो सकता है। कोई भी ऐसा करने से पहले जात, धर्म या लिंग के बारे में फैसला नहीं करता।
पिछले साल मई में दुती ने खुलासा किया था कि वह ओडिशा में अपने ही गांव की महिला से प्यार करती हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों से निजी जिंदगी छिपाने से बेहतर है कि चीजों का खुलासा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मेरी जोड़ीदार ने हमेशा मेरा समर्थन किया और मैंने उसे अपने जीवन के लिए चुना है। लोग हमें अलग नजरिए से देख सकते हैं और समलैंगिक कह सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हमें अपना जीवन एक दूसरे के साथ बिताना है।
दुती के परिवार ने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई थी और उनकी बड़ी बहन ने तो उनसे रिश्ता तोडऩे तक की धमकी दी थी लेकिन दुती झुकी नहीं और उस महिला के साथ ही आगे बढऩे की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि जो भी प्यार करते हैं लेकिन दुनिया से डरते हैं उन्हें साहस दिखाना चाहिए क्योंकि दुनिया हर अच्छी चीज को स्वीकार करने में समय लेती है। दुती ने कहा कि इसलिए कृपया करके डरे नहीं क्योंकि यह आपका जीवन और आपकी खुशी है। सार्वजनिक तौर पर खुलासा करने के बाद दुती विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने 100 मीटर बाधा दौड़ का खिताब 11.32 सेकेंड के समय के साथ जीता था। दुती महिला 100 मीटर में 11.26 सेकेंड के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं।(एजेंसी)
नई दिल्ली, 1 जुलाई । ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को 21वीं सदी की भारतीय टीम का सबसे मूल्यवान खिलाड़ी घोषित किया गया है। विजडन ने गेंद, बल्ले और फील्डिंग में योगदान की वजह से यह स्थान दिया गया है। विजडन ने क्रिकविज का आकलन चुनते हुए 30 खिलाडिय़ों की लिस्ट जारी की है जिसमें जडेजा कुल मिलाकर दूसरे स्थान पर हैं। पहला स्थान मुथैया मुरलीधरन को दिया गया है।
एकदिवसीय क्रिकेट की बात करें इंग्लैंड के ऑलराउंडर ऐड्रू फ्लिंटॉफ चोटी पर हैं और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन को दूसरे नंबर पर रखा गया है।
इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कई दिग्गज खिलाडिय़ों को इसमें जगह मिली है। लेकिन कई बड़े नाम इस लिस्ट से गायब हैं। इसमें टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और इंग्लैंड के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम शामिल नहीं हैं।
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली को 18वें और वनडे में छठे नंबर पर रखा गया है। वहीं सचिन को वनडे टीम में 22वें पायदान पर रखा गया है। भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 8वें पायदान पर हैं।
इस लिस्ट को एनालिसिस कंपनी क्रिकविज ने तैयार किया है। इसे बनाने के लिए हर खिलाड़ी को एक खास एमपीवी रेटिंग दी गई। इसमें आंकड़ों के जरिए यह देखा गया कि उस खिलाड़ी का बाकियों के मुकाबले मैच का कितना असर पड़ा।
क्रिकविज के फ्रेडी वाइल्ड ने विजडन को बताया, आपको रविंद्र जडेजा को भारत का नंबर वन खिलाड़ी देखकर हैरानी हो रही होगी। आखिर वह उनकी टेस्ट टीम में अपने आप जगह भी नहीं बनाते। हालांकि जब भी वह खेलते हैं तो उन्हें फ्रंटलाइन स्पिनर के तौर पर चुना जाता है और वह नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हैं। वह मैच में काफी योगदान देते हैं।
उन्होंने आगे कहा, 31 वर्षीय जडेजा की गेंदबाजी औसत 24.62 है जो शेन वॉर्न से बेहतर है और उनकी बल्लेबाजी औसत 35.26 है जो शेन वॉटसन से बेहतर है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बीच 10.62 का अंतर है जो इस सदी में खेलने वाले सभी खिलाडिय़ों, जिन्होंने 1000 से ज्यादा रन बनाए और 150 से ज्यादा विकेट लिए, में दूसरे नंबर का है। वह हाई क्वॉलिटी ऑलराउंडर हैं।
टी20 क्रिकेट की बात करें तो अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान को नंबर वन पर रखा गया है। लेग स्पिनर राशिद ने अपने खेल से काफी प्रभावित किया है। दूसरे नंबर पर भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह हैं। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर तीसरे स्थान पर हैं और क्रिस गेल छठे पायदान पर रखा गया है। (नवभारत टाईम्स)
नई दिल्ली, 1 जुलाई । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अंपायरों के एलीट पैनल के सबसे युवा सदस्य नितिन मेनन एशेज सीरीज को सर्वोच्च चुनौती मानते हैं लेकिन उनका कहना है कि मौजूदा हालात में सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी जानबूझकर या अनजाने में गेंद पर लार नहीं लगाएं। 22 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना छोडऩे वाले 36 साल के मेनन इसके बाद अंपायरिंग से जुड़े जिसका हिस्सा उनके परिवार में कई सदस्य हैं। मेनन ने तीन साल पहले अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और सोमवार को 12 सदस्यीय एलीट पैनल में उनका प्रवेश सोने पर सुहागा रहा।
कोविड-19 महामारी के बीच एलीट पैनल का हिस्सा बने मेनन को नहीं पता कि उन्हें कब अंपायरिंग का मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें पता है कि आईसीसी के मौजूदा दिशानिर्देशों को लागू करना बड़ी चुनौती होगी। मेनन ने पीटीआई से कहा, मुख्य चुनौती गेंद को संभालना होगा, यह चुनौती टेस्ट मैचों में अधिक होगी। शुरुआत में नियमों को लागू करने से पहले हम खिलाडिय़ों को चेतावनी देंगे, जैसा कि हम तब करते हैं जब कोई खिलाड़ी खतरनाक तरीके से पिच पर दौड़ता है।
इंदौर के रहने वाले इस अंपायर ने कहा, खिलाडिय़ों के जानबूझकर की जगह गलती से लार लगाने की संभावना अधिक है, इसलिए हम इसी के अनुसार कार्रवाई करेंगे। इंग्लैंड में सीरीज (अगले महीने शुरू होने वाली) के बाद खेलने के हालात को लेकर विस्तृत नियम आएंगे जिसके बाद हमें बेहतर पता चलेगा कि खेल में हाल में किए गए बदलावों को कैसे लागू करना है।
स्थिति सामान्य होने पर मेनन को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऐतिहासिक एशेज सीरीज का हिस्सा बनने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि मैंने एशेज में अंपायरिंग का सपना देखा है। यह एकमात्र सीरीज है जो मैं टीवी पर देखता हूं। वहां का माहौल, जिस तरह से सीरीज खेली जाती है उसका मैं भी हिस्सा बनना चाहता हूं। यह इंग्लैंड में हो या ऑस्ट्रेलिया में मैं इसका हिस्सा बनना पसंद करूंगा। और विश्व कप में अंपायरिंग, यह चाहे टी20 हो या वनडे अंतरराष्ट्रीय।
कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा संबंधी पाबंदियों को देखते हुए आईसीसी ने फैसला किया है कि सीरीजओं में केवल स्थानीय अंपायर अंपायरिंग करेंगे। इंग्लैंड में पहुंचने के बाद ट्रेनिंग शुरू करने से पहले वेस्टइंडीज टीम को जिस तरह पृथकवास में रहना पड़ा अंपायरों को भी वैसा ही करना होगा और मेनन को लगता है कि इसका अंपायरों पर मानसिक प्रभाव पड़ेगा।
खिलाडिय़ों का गेंद पर लार नहीं लगाना सुनिश्चित करने के अलावा अंपायरों को यह भी देखना होगा कि खिलाड़ी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें और गेंद के संपर्क में आने के बाद वे हाथ को नियमित रूप से सैनिटाइज करें। अंपायरों को भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा ओर अब उन्हें मैदान पर खिलाड़ी की निजी चीजों को नहीं संभालना होगा।
मेनन ने कहा, ग्लव्स पहनना अंपायरों की व्यक्तिगत पसंद होगी लेकिन हमने फैसला किया है कि हम अपनी जेब में सैनिटाइजर रखेंगे। विकेट गिरने के बाद और ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान हमें हाथ में गेंद रखी होगी इसलिए सुरक्षित रहना बेहतर है। उन्होंने कहा, और अगर खिलाड़ी गेंद पर लार लगा देते हैं तो हमें उसे तुरंत सेनेटाइज करना होगा। यह चौथे अंपायर का काम होगा। वह वाइप्स लेकर आएगा और गेंद को सैनिटाइज करेगा।
खेल में हो रहे इन बदलावों का ओवर गति पर असर पड़ सकता है लेकिन मेनन ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, हम वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के खिलाफ इंग्लैंड की घरेलू सीरीज में अंपायरिंग करने वालों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। आईसीसी जो भी नियम बनाएगा हम उसका पालन करेंगे।
तीन टेस्ट सहित 43 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके मेनन ने कहा कि घरेलू अंपायर पर अधिक दबाव होता है और एलीट पैनल का हिस्सा होने के कारण उन पर इस तरह का कोई दबाव नहीं होगा। भारत नियमित रूप से विश्वस्तरीय अंपायर तैयार करने में विफल रहा है लेकिन मेनन का मानना है कि अब स्थिति बेहतर हो रही है।(एजेंसी)
नई दिल्ली, 1 जुलाई । राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता महिला निशानेबाज हिना सिद्धू ने मंगलवार को वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक के बैन होने पर खुशी जाहिर की है। टिकटॉक उन 59 चाइनीज एप में से है, जिसे भारत सरकार ने बैन किया है। इसे चीन के खिलाफ 'डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक' भी कहा जा रहा है। सरकार ने इस फैसले से चीन को सख्त संदेश दिया है। टिकटॉक के अलावा शेयर इट, यूसी ब्राउजर,यूसी न्यूज, हेलो, लाइकी, वीचैट, वीगो, कैम स्कैनर, क्लीन मास्टर जैसे एप के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार था।
हिना ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि टिक-टॉक बैन हो गया। टिकटॉक पर काफी नफरत फैलाने वाले और जानवरों को हताहत करने वाले वीडियो मेरे सामने आ रहे थे... मैं खुश हूं। टिकटॉक के बिना इंटरनेट खुशी देने वाली जगह होगी।
उन्होंने कहा, यह अभी तक गया नहीं है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्दी इस पर कुछ कदम उठाएगी। जिम्मेदारी एप बनाने वाले पर भी है कि वह क्यों इस तरह के वीडियो अपलोड होने देते हैं, बल्कि वायरल भी होने देते हैं। जब तक वे वीडियो अपलोड करने के अपने नियम नहीं बदलते इस एप को हमारी जिंदगी में नहीं रहना चाहिए।(एजेंसी)
नई दिल्ली, 30 जून। टीम इंडिया के आतिशी लेफ्टी बल्लेबाज शिखर धवन इन दिनों कोरोना वायरस काल में घर पर जमकर ट्रेनिंग कर रहे हैं। और साथ ही उन्हें जब परिवार के साथ समय गुजारने का मौका मिला, तो वह सोशल मीडिया पर नियमित लगातार तस्वीरें भी पोस्ट कर रहे हैं। सोमवार को भी धवन ने एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वह एक अजीब से विग पहने हुए दिखाई पड़ रहे है। विग में बाल भी दिखाई पड़ रहे हैं। इस विग के साथ तस्वीर को पोस्ट करते हुए धवन ने लिखा कि आखिरकार कुछ बाल आ ही गए!!
वैसे पहली नजर में एक बार को यह विग किसी टोपी की तरह दिखाई पड़ती है, लेकिन दरअसल में यह है विग जो आमतौर पर क्रिकेटप्रेमी मैचों के दौरान दर्शकदीर्घा में पहने हुए दिखाई पड़ते हैं। वैसे इस विग में तीन तरह के बाल दिखाई पड़े। आगे से नारंगी, बीच में लाल लांग के बाल और सबसे पीछे कुछ हरे रंग के।
पिछले दिनों धवन ने दो कु्त्तों को गोद लिया था। धवन ने कुत्तों के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए यह भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। धवन ने इन परिवार का नया सदस्य बताया था। और यह बताता है कि इस दौर में बिना तनाव के बिंदास होकर जिंदगी जीने वाले शिखर धवन जानवरप्रेमी भी हैं।
वैसे धवन अपनी पोस्ट में साथी खिलाडिय़ों की खिंचाई करना भी नहीं भूलते। पिछले दिनों जब हार्दिक पंड्या अपने फ्लैट में कुकिंग में हाथ आजमाते हुए नजर आए थे, तो धवन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, कुछ नयी चीज सीखने के लिए आप कभी भी देर न करें। (भाषा)
जोहानिसबर्ग, 30 जून। क्विंटन डिकॉक की अगुवाई में दक्षिण अफ्रीका के 44 क्रिकेटरों ने कोरोना वायरस महामारी के बीच खेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अभ्यास शुरू कर दिया। दक्षिण अफ्रीका में 15 मार्च से क्रिकेट गतिविधियां बंद है। उसी दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीम तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारत में थी, लेकिन महामारी के कारण सीरीज स्थगित कर दी गई। पहला मैच बारिश के कारण नहीं हो सका था।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के 138000 से अधिक मामले हैं और 2400 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के अनुसार खिलाड़ी छोटे छोटे समूहों में अभ्यास करेंगे और उनकी करीबी फ्रेंचाइजी टीम के कोच उनके साथ होंगे।
अभ्यास के दौरान क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की कोरोना वायरस संचालन समिति द्वारा बनाये गए दिशा निर्देशों का पूरा पालन होगा। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के मुख्य चिकित्स अधिकारी शुएैब मांजरा ने कहा, राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान ने हमारे प्रोटोकॉल को मंजूरी दे दी है। हम खिलाडिय़ों और सहयोगी स्टाफ की नियमित जांच करेंगे और सफाई का पूरा ध्यान रखा जायेगा। हर जगह एक कोविड अनुपालन मैनेजर होगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि नियमों का पालन हो रहा है।
अभ्यास करने वाले खिलाड़ी : क्विंटन डिकॉक , डील एल्गर, लुंगी एनगिडी, एडेन मार्कराम, जूनियर डाला, थूनिस डि ब्रून, रासी वान डेर डुसेन, शॉन वॉन बर्ग, ड्वेन प्रिटोरियस, हेनरिक क्लासेन, तेंबा बावुमा, रीजा हेंडरिक्स, कगिसो रबाडा, तबरेज शम्सी, वियान मूल्डर, ब्योर्न फॉर्चून, एंडिले फेलुकवायो, डेविड मिलर, सारेल एरवी, खाया जोंडो, डेरिन डुपाविलोन, केशव महाराज, सेनुरान मुथुस्वामी, कीगन पीटरसन, इमरान ताहिर, लुथो सिपामला, एडवर्ड मूरे, एनरिच नोर्जे, सिसांडा मगाला, ग्लेंटोन स्टुरमन, जोन जोन स्म्ट्स, रूडी सेकंड, पिटे वान बिलजोन, रेनार्ड वान टोंडेर, गेराल्ड कोटजी, पीटर मलान, जुबैर हम्जा, जानेमन मालान, फाफ डु प्लेसी, टोनी डे जोर्जी, ब्यूरान हेंडरिक्स, नांद्रे बर्गर, जार्ज लिंडे और काइल वेरीने। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 30 जून । पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मंगलवार (30 जून) को जानकारी दी कि उनके छह और खिलाडिय़ों का कोरोना वायरस टेस्ट नेगेटिव आया है। ऐसे में अब ये छह खिलाड़ी जल्द ही इंग्लैंड में बाकी पाकिस्तानी खिलाडिय़ों के साथ शामिल होंगे। पीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, फखर जमां, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद हफीज, मोहम्मद रिजवान, शादाब खान और वहाब रियाज का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया है। इन खिलाडिय़ों का कोरोना टेस्ट तीन दिन में दूसरी बार नेगेटिव आया है। अब ये खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे पर टीम के साथ जुडऩे के लिए योग्य हैं।
इन छह खिलाडिय़ों का 29 जून को एक बार फिर से कोरोना टेस्ट किया गया था। इससे पहले 26 जून को हुए टेस्ट में ये खिलाडिय़ों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। गे कहा गया है कि पीसीबी अब इन छह खिलाडिय़ों के लिए यात्रा की व्यवस्था शुरू करेगा।
इससे पहले पाकिस्तान का 31 सदस्यीय दल 20 खिलाडिय़ों और स्पोर्ट स्टाफ के साथ इंग्लैंड पहुंच चुका है। कई खिलाडिय़ों के कोरोना वायस पॉजिटिव पाए जाने के बीच पाकिस्तान क्रिकेट टीम रविवार (28 जून) को इंग्लैंड पहुंच गई थी। इंग्लैंड दौरे पर पाकिस्तान को अगस्त-सितंबर में तीन टेस्ट और इतने ही टी 20 मैचों की सीरीज खेलनी है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर और उनके स्पोर्ट स्टाफ लाहौर से एक चार्टड प्लेन के जरिए मैनचेस्टर पहुंची। इसके बाद वहां से उन्हें वॉर्कयाशर ले जाया गया। इंग्लैंड रवाना से होने से पहले ही पाकिस्तान के 10 खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें छह को अभी लाहौर में ही रोक लिया गया था
मेहमान टीम 14 दिन के अपने आइसोलेशन अवधि से पहले इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की जांच प्रक्रिया से गुजरेगी। आइसोलेशन अवधि पूरा करने के बाद उन्हें अभ्यास करने की अनुमति दी जाएगी। टीम 13 जुलाई को डर्बीशर जाएगी।
पाकिस्तान से पहले इंग्लैंड को वेस्टइंडीज के साथ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। कोविड-19 के कारण मार्च के मध्य से बंद क्रिकेट की बहाली इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की सीरीज के साथ हो रही है।(लाइव हिन्दुस्तान)
लंदन, 30 जून। फुटबॉल की तरह फॉर्मूला वन सत्र की भी वापसी होने जा रही है। इस सप्ताह ऑस्ट्रिया में फॉर्मूला वन गाडिय़ों का शोर तो सुनाई देगा, लेकिन इसे सुनने के लिए दर्शक मौजूद नहीं होंगे। कोरोना के कारण फॉर्मूला वन सत्र ठप्प पड़ गया था और लगभग चार महीने बाद इसकी वापसी हो रही है। छह बार के चैंपियन लुइस हेमिल्टन की निगाहें फेरारी के लीजेंड माइकल शूमाकर के सात खिताबों के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर लगी होंगी। उनकी टीम मर्सिडीस भी लगातार सातवीं बार ड्राइवर और कंस्ट्रक्टर्स खिताब जीतना चाहेगी।
फॉर्मूला वन सत्र की शुरुआत ऑस्ट्रेलियन ग्रां प्री से मार्च में होती है, लेकिन कोरोना के कारण इसे रद्द कर दिया गया था और तब से अब तक सत्र रुका पड़ा है। फॉर्मूला वन कोरोना से प्रभावित सत्र में बदलाव करने के लिए तैयार हो गया है। वर्ष 2021 सत्र के लिए ड्राइवरों की घोषणा हो चुकी है।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस सत्र में कितनी रेस हो पाएंगी, क्योंकि सात रेस रद्द की जा चुकी हैं। अब आठ राउंड यूरोप में होने हैं लेकिन ये सभी पहली बार दर्शकों के बिना होंगे। आठ राउंड अस्थायी कैलेंडर का हिस्सा हैं लेकिन फॉर्मूला वन को उम्मीद है कि अब भी 15-18 रेस हो सकती हैं जिससे कई सर्किट को दो-दो रेसों का आयोजन करना पड़ सकता है।
रविवार को ऑस्ट्रिया में सत्र की पहली फॉर्मूला वन रेस होगी जिसका आयोजन रेड बुल रिंग में होगा और यह सर्किट उसके अगले सप्ताह में दूसरी रेस का आयोजन करेगा। रेड बुल रिंग एक सत्र में दो रेस आयोजित करने वाला पहला सर्किट बनेगा। रेस में कोई प्रशंसक नहीं होंगे, कोई प्रायोजक नहीं होगा, कोई हॉस्पिटैलिटी नहीं होगी, वीआईपी नहीं होंगे और पैडॉक में टीमें एक-दूसरे से फासले पर रहेंगी।
दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 10,249,377 लाख हो गई है। अब तक महामारी की वजह से 504,466 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 5,,556,634 लोग इस वायरस से ठीक हो चुके हैं। फिलहाल पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित एक्टिव केस 4,188,277 हैं। (एजेंसी)
बाल्टीमोर, मैरीलैंड (अमरीका), 30 जून। 1985 में पैदा हुआ यह तैराक दुनिया का सबसे कामयाब ओलिंपियन है। अमेरिका के बाल्टीमोर, मैरीलैंड में पैदा हुए फेल्प्स ने स्विमिंग पूल में अनगिनत इतिहास रचे।
6 फुट चार इंच लंबे फेल्प्स के नाम 23 ओलिंपिक गोल्ड, 3 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज मेडल हैं। इसके अलावा 8 वल्र्ड स्विमर ऑफ द इयर, 2 स्नढ्ढहृ्र अवॉर्ड भी मिले हैं।
वह ओलिंपिक इतिहास के सबसे कामयाब ऐथलीट हैं। उनके नाम सबसे ज्यादा ओलिंपिक गोल्ड, निजी इवेंट में सबसे ज्यादा ओलिंपिक गोल्ड (13) और निजी इवेंट में सबसे ज्यादा ओलिंपिक मेडल (16) दर्ज हैं।
बड़े इंटरनैशनल मुकाबलों में उनके नाम सबसे ज्यादा 82 मेडल हैं। इसमें 65 गोल्ड, 14 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल हैं। इसमें ओलिंपिक, वल्र्ड चैंपियनशिप और पैन पैसेफिक चैंपियनशिप शामिल हैं।
फेल्प्स को बचपन में ्रष्ठ॥ष्ठ की समस्या थी। इसमें कई बार बच्चे हाइपरऐक्टिव हो जाते हैं। फेल्प्स भी काफी चंचल थे। इसे ही नियंत्रित करने के लिए उनके अभिभावकों ने उन्हें स्विमिंग करवाना शुरू किया और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है।
फेल्प्स ने सात साल की उम्र में स्विमिंग शुरू की। 10 साल की उम्र में 100 मीटर बटरफ्लाई में उनके नाम अपने आयु वर्ग का नैशनल रेकॉर्ड दर्ज था।
अपनी ट्रेनिंग के पीक पर वह रोजाना 8000 से 10000 कैलोरी खाते थे। उनकी टॉप स्विमिंग स्पीड 6 मील प्रति घंटा यानी करीब 9.66 द्मद्वश्चद्ध तक पहुंच जाती थी। (नवभारत टाईम्स)
मेलबर्न, 30 जून । जर्मनी के टेनिस खिलाड़ी एलेक्जेंडर ज्वेरेव को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस ने विश्व के सातवें नंबर के टेनिस खिलाड़ी एलेक्जेंडर ज्वेरेव की एक वीडिया सामने आने के बाद उनकी कड़ी आलोचना की है। इसमें दिखाया गया है कि खुद को आइसोलेशन में रखने का दावा करने वाले ज्वेरेव एक खचाखच भरे क्लब में डांस कर रहे थे। एड्रिया टूर टेनिस टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद माफी मांगने वाले ज्वेरेव की सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो वायरल हुई है, जिसमें वह माफी मांगने के एक दिन बाद ही पार्टी करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर एक जर्मन डिजाइनर फिलिप प्लेन ने पोस्ट किया, लेकिन बाद में इसे हटा लिया। इस बात का कोई संकेत नहीं है कि यह वीडियो कब लिया गया। जवेरव की टीम ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
23 साल के ज्वेरेव ने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के सर्बिया और क्रोएशिया में हाल में आयोजित एड्रिया टूर में हिस्सा लिया था, जिसमें जोकोविच, ग्रिगोर दिमित्रोव , बोर्ना कोरिच और विक्टर ट्रोइस्की कोरोना से संक्रमित हो गए थे। ज्वेरेव और उनकी टीम का टेस्ट नेगेटिव आया था, लेकिन उन्होंने खुद को आइसोलेशन में रखा था और नियमित टेस्ट करवा रहे थे।
किर्गियोस ने कहा, मैं दुनिया में कई विवादास्पद चीजें देख रहा हूं, लेकिन ज्वेरेव को इस तरह देखना हैरत में डालने वाला है। आप इतने स्वार्थी कैसे हो सकते हैं। किर्गियोस ने एड्रिया टूर कराने वालों की भी आलोचना की थी, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का बिलकुल भी पालन नहीं किया गया था। लोगों ने मास्क नहीं पहने थे और खिलाड़ी एक-दूसरे को गले लगा रहे थे।(एजेंसी)
जोकोविक हाल ही में एड्रिया टूर में खेले थे और उन्होंने इस टूर्नामेंट को सर्बिया व क्रोएशिया में आयोजित कराने में मदद करने की जिम्मेदारी ली थी। टूर का पहला चरण बेलग्रेड में खेला गया था जबकि दूसरा चरण क्रोएशिया के जडर में हुआ। जोकोविक से पहले इसी टूर में खेलने वाले विक्टर ट्रोइस्की, ग्रिगोर दिमित्रोव और बोर्ना कोरिक का टेस्ट भी पॉजिटिव आया था। इसी कारण एड्रिया टूर को बीच में ही रद्द कर दिया गया था।
साउथम्पटन 29 जून (भाषा)। इंग्लैंड के स्पिनर जैक लीच ने कहा कि इस साल दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान उनमें कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिखे थे, लेकिन अब पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद उनका ध्यान अगले महीने होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना है। बायें हाथ के स्पिनर लीच को जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान सेपसिस (प्रतिरक्षी तंत्र का संक्रमण के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया देना) से जूझने के बाद स्वदेश लौटना पड़ा था। सेंचुरियन टेस्ट से पहले उन्हें फ्लू भी हो गया था।
वेस्टइंडीज के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन टेस्ट की श्रृंखला के लिए इंग्लैंड की 30 सदस्यीय टीम में जगह बनाने वाले लीच ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान उनमें जो लक्षण दिखे थे वह कोविड-19 की तरह थे जिससे दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। लीच ने कहा, ''मुझे लगता है कि अब हमें कभी पता नहीं चलेगा, अगर दक्षिण अफ्रीका में जो लक्षण दिखे थे वे अब दिखते तो मैं निश्चित तौर पर कह सकता था कि यह कोरोना वायरस है। लेकिन अब मैं स्वस्थ और फिट महसूस कर रहा हूं।
इस क्रिकेटर ने वीडियो कॉल पर कहा, ''इन सर्दियों में जो हुआ उसमें मैं कुछ नहीं कर सकता लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी कोरोना की बीमारी अब ठीकहै। कई ऐसे लोग हैं जो मेरे से भी बदतर बीमारी से पीडि़त हैं। मैं खुद के लिए दुखी नहीं हूं, मैं जितना अधिक संभव हो उतना क्रिकेट खेलना चाहता हूं और फिट तथा स्वस्थ रहना चाहता हूं।' लीच इंग्लैंड की 30 सदस्यीय टीम में शामिल पांच स्पिनरों में से एक हैं। उनके अलावा डोम बेस, मोईन अली के अलावा नए खिलाडिय़ों अमर विर्डी और मैट पार्किंसन को टीम में जगह मिली है।
लीच का मानना है कि अगर वह सही मानसिकता रखते हैं तो किसी भी तरह की चुनौती से पार पा सकते हैं और वह हैडिंग्ले में अपने बल्लेबाजी प्रदर्शन से प्रेरणा ले रहे हैं जब वह 17 गेंद तक क्रीज पर टिके रहे थे और बेन स्टोक्स के साथ मिलकर टीम को एक विकेट की शानदार जीत दिलाई थी।
लंदन, 29 जून (एजेंसी)। पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 ब्रिटेन के स्टार टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ब्रिट्स प्रदर्शनी टूर्नामेंट में तीसरे स्थान के प्लेऑफ मैच से हट गए हैं। लॉन टेनिस एसोसिएशन (एलटीए) ने रविवार को इसकी जानकारी दी। एलटीए ने अपनी वेबसाइट पर कहा, एंडी मरे, कैमरोन नॉरी के साथ होने वाले तीसरे स्थान के प्लेऑफ मैच से हट गए हैं। उनकी जगह अब जेम्स वार्ड लेंगे।
पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 मरे चोट के कारण सात महीने तक कोर्ट से दूर रहने के बाद इस चैरिटी टूर्नामेंट से टेनिस में वापसी कर रहे थे। इस टूर्नामेंट का आयोजन उनके भाई जैमी ने किया है। मरे का सामना तीसरे स्थान के प्लेऑफ के लिएकैम नूरी से होना था। वह शनिवार को सेमीफाइनल में डान इवांस से हार गए थे।
33 साल के एंडी मरे ने पिछले पांच दिन के दौरान चार मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने लियाम ब्रोअडी और वार्ड को हराया था, लेकिन शनिवार को सेमीफाइनल में उन्हें डेन इवांस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
तीन बार ओलंपिक चैंपियन मरे ने हाल में कहा था कि सामाजिक दूरी के नियमों के अभाव के कारण नोवाक जोकोविक के एड्रिया टूर ने टेनिस को बदनाम कर दिया है। 17 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता जोकोविक खुद भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
टूर्नामेंट में करीब तीन खिलाडिय़ों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इसके आयोजक जोकोविक और बाकी आयोजनकर्ता अब आलोचकों के निशाने पर आ गए। मरे ने खेल में वापसी करते हुए खुद एक चैरिटी टूर्नामेंट में भाग लिया, जहां सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन कराया गया है।
मुंबई, 29 जून (एजेंसी)। मुंबई की उभरती हुई रेसिंग स्टार आशी हंसपाल को एफआईए की एम्बीशंस गलर्स आन ट्रैक-राइजिंग स्टार्स प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। भारत में मोटरस्पोटर्स की नियामक संस्था- एफएमएससीआई ने रविवार को इसकी जानकारी दी। 13 साल की आशी का चयन 12 से 16 साल की 19 अन्य लड़कियों के साथ हुआ है। इस प्रोजेक्ट के लिए पांच महाद्वीपों से 70 एंट्रीज आई थीं। प्रोजेक्ट के पहले चरण में आशी 12 से 13 अक्टूबर के बीच फ्रांस के पॉल रिचर्ड सर्किट पर शूट आउट प्रोग्राम में हिस्सा लेंगी।
मोटरस्पोटर्स कमीशन में महिला मोटरस्पोटर्स की सबसे बड़ी संस्था-एफआईए विमेन की अध्यक्ष मिशेल माउंटन ने आशी के नाम जारी एक पत्र में लिखा, आपको सफल होना चाहिए। आप हमारे ट्रेनिंग कैम्पस में हिस्सा लेंगी। आपके पास सम्भवत: फरारी ड्राइवर अकादमी में शामिल होने और एफआईए एफ-4 सीजन में हिस्सा लेने का मौक होगा।
मोटरस्पोटर्स की सबसे बड़ी संस्था-एफआईए ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत उसेक ट्रेनिंग कम सेलेक्शन प्रासेज के चार चरण होंगे। पहले चरण में शूट आउट होगा जोकि 12 से 13 अक्टूबर तक पॉल रिकॉर्ड-फ्रांस में होगा। इसमें शीर्ष 12 का चयन किया जाएगा।
दूसरे में प्रशिक्षण शिविर 1 (कार्टिंग) होगा जोकि 14 से 15 अक्टूबर तक फ्रांस के पॉल रिकॉर्ड में होगा और इसमें शीर्ष आठ का चयन होगा। तीसरे में प्रशिक्षण शिविर 2 (एफ4) में होगा जोकि तीन से चार नवंबर तक फ्रांस के पॉल रिकॉर्ड में होगा और इसमें अंतिम चार का चयन किया जाएगा।
चौथे चरण में फरारी चालक अकादमी प्रशिक्षण शिविर (एफ4) नौ से 13 नवंबर तक (टीबीसी), मारानेलो, इटली में होगा, जिसमें विजेता का चयन किया जाएगा। मोटरस्पोर्ट्स कमीशन में एफएमएससीआई की महिला चेयरपर्सन सीता रैना ने कहा, यह भारतीय मोटरस्पोर्ट में महिलाओं के लिए एक शानदार क्षण है। पिछले सीजन के दौरान आशी ने अपनी क्षमता दिखाई है और यह साबित किया है कि उनके अंदर भविष्य का सितारा बनने की काबिलियत है।
मुंबई के रेयो रेसिंग अकादमी में आठ बार के राष्ट्रीय कार रेसिंग चैंपियन रेओमंड बैनाजी द्वारा प्रशिक्षित, आशी पिछले साल अपने पहले राष्ट्रीय काटिंर्ग सीजन में पांच पोडियम फिनिश दर्ज किए। इस सफलता के लिए उन्हें एफएमएससीआई द्वारा मोटरस्पोटर्स अवार्ड में उत्कृष्ट महिला चालक का पुरस्कार दिया गया।
मिशेल लेटन ने अपने पत्र में कहा कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया में यात्राओं पर प्रतिबंध है। हमने अपने कार्यक्रम की तारीख का चयन इस तरह किया है कि इसके लिए शार्टलिस्टेड दुनिया भर की चालक समय से आयोजन स्थल पर पहुंच सकें।
रांची, 28 जून। रांची में ऑर्गेनिक खेती करते नजर आए महेंद्र सिंह धोनी, वीडियो वायरल कोरोना वायरस के कारण भारतीय क्रिकेट और इससे जुड़ी गतिविधियों पर फिलहाल विराम लगा हुआ है। प्रतिष्ठित टी20 लीग आईपीएल को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया है। ऐसे में क्रिकेट जगत की दिग्गज हस्तियां घर पर फैमिली के साथ वक्त बिता रही हैं।
आईपीएल टीम चेन्नै सुपरकिंग्स के कप्तान धोनी लॉकडाउन से ही रांची में अपने फार्म हाउस में फैमिली के साथ हैं। उन्होंने कुछ समय पहले ही फार्म हाउस में खेती के लिए एक ट्रैक्टर खरीदा था। अब इसी ट्रैक्टर का इस्तेमाल धोनी ऑर्गेनिक खेती के लिए कर रहे हैं।
धोनी अकेले ट्रैक्टर चलाते नजर दिख रहे हैं। इसमें कैप्शन के तौर पर लिखा गया है, धोनी रांची में अपने फार्म हाउस में ऑर्गेनिक खेती करते हुए। धोनी ने महिंद्रा का स्वराज 963 एफई ट्रैक्टर खरीदा था जिसकी कीमत 8 लाख के करीब है। (navbharattimes.indiatimes.com)
बर्लिन, 28 जून (एजेंसी)। बोरूसिया मोंशेंग्लाबाख ने बुंदेसलीगा फुटबॉल लीग के आखिरी दिन शनिवार को चैम्पियंस लीग के लिए क्वॉलिफाई कर लिया जबकि फॉर्चूना डसेलडोर्फ एक अंक से निचले दर्जे में खिसक गया। जर्मनी की यह लीग कोरोना वायरस महामारी के बीच सत्र पूरा करने वाली पहली यूरोपीय लीग बन गई है।
ग्लाबाख 2016-17 के बाद पहली बार चैम्पियंस लीग में पहुंची है। उसने हर्था बर्लिन को 2.1 से हराकर बायर्न लीवरकुसेन से पहले चौथा स्थान हासिल किया। डसेलडर्फ आखिरी मैच में यूनियन बर्लिन से 3.0 से हारकर निचली श्रेणी में खिसक गई।
बायर्न म्यूनिख ने दो मैच पहले ही लगातार आठवां खिताब सुनिश्चित कर लिया था, जबकि बोरूसिया डार्टमंड दूसरे स्थान पर रही । बायर्न ने वोल्फ्सबर्ग को 4.0 से हराया जबकि डार्टमंड अप्रत्याशित रूप से होफेनहेम से 0.4 से हार गया।
जर्मन फुटबॉल लीग बुंदेसलीगा में सर्वाधिक गोल करने वाले बॉयर्न टीम के स्ट्राइकर रॉबर्ट लेवांडोवस्की को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलने के बाद 2019-20 सत्र का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया है। बुंदेसलीगा की ओर से शनिवार को एक आधिकारिक घोषणा कर यह जानकारी दी गयी। लेवांडोवस्की ने सत्र की शुरुआत से ही शानदार प्रदर्शन किया था और उन्हें अगस्त के 'प्लेयर ऑफ द मंथ' के लिए चुना गया था। उन्होंने लगातार शानदार प्रदर्शन करना जारी रखा और लीग में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने।
31 साल के लेवांडोवस्की एक के बाद एक लगातार कई रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। वह बुंदेसलीगा के इतिहास में लगातार 11 मैचों में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। लेवांडोवस्की ने लीग के 32वें मैच में सीजन का 31वां गोल करने के साथ अपनी टीम को वेर्डर ब्रेमन के खिलाफ 1-0 की जीत दिलाई। इसके साथ ही लेवांडोवस्की की टीम बायर्न ने लगातार आठवीं बार बुंदेसलीगा का खिताब जीत लिया। लेवांडोवस्की ने इस सत्र में कुल 33 गोल किए हैं और वह शीर्ष पर बरकरार हैं।
बुंदेसलीगा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के नामितों में टिमो वेरनर, जेडन सांचो, एमाइन हारित, एरलिंग हालैंड, केई हावट्र्ज और सर्ज ग्नाब्री का नाम भी शामिल है। डॉर्टमंड स्टार सांचो वोटिंग में दूसरे स्थान पर रहे।
नई दिल्ली, 28 जून (एजेंसी)। पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने कहा है कि दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले मैदान के अंदर बेहद आक्रामक और बाहर नरम स्वभाव के थे। अपने पांच साल के संक्षिप्त अंतरराष्ट्रीय करियर में 113 टेस्ट विकेट लेने वाले ओझा ने विजडन से कहा, जब वह मैदान पर थे तो कुंबले बेहद आक्रामक हुआ करते थे, प्रतिद्वंद्वी और अपने खिलाडिय़ों के साथ।
उन्होंने कहा, मैदान से बाहर आप सम्बद्ध नहीं हो पाएंगे। मैं उसी व्यक्ति से बात कर रहा हूं, जिसे मैंने जमीन पर देखा था?। वह कड़ी प्रतिस्पर्धा करते थे, लेकिन मैदान से बाहर, वह बहुत ही नरम थे।
ओझा अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले थे। भारतीय टीम के साथ उनका समय उस समय शुरू हुआ था जब सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज खिलाडिय़ों का करियर समाप्त होने वाला था। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाडिय़ों का टीम में आगमन हुआ था।
ओझा ने कहा, सचिन पाजी काफी शांत रहते थे। वह कभी प्रतिक्रिया नहीं देते थे। उनका एक अलग नजरिया था। अनिल भाई का नजरिया अलग था। धोनी और कोहली, वे देश के लिए खेल जीतना चाहते हैं, लेकिन उनका नजरिया पूरी तरह से अलग है।
अनिल कुंबले टेस्ट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाल गेंदबाज हैं। कुंबले ने भारत के लिए 132 टेस्ट मैच खेले हैं और 619 विकेट लिए हैं। खेल के सबसे लंबे प्रारूप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में कुंबले, मुथैया मुरलीधरन और शेन वॉर्न के बाद तीसरे स्थान पर हैं। वनडे में भी वह भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 271 वनडे में 337 विकेट लिए हैं।
नई दिल्ली, 28 जून । विराट कोहली और एमएस धोनी विश्व क्रिकेट के दो दिग्गज खिलाड़ी हैं। दोनों ने क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया है और लीडर के रूप में भी टीम का शानदार नेतृत्व किया है। दोनों ने भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाई। हालांकि, जब पढ़ाई की बात आती है, तो दोनों खिलाडिय़ों का प्रदर्शन क्रिकेट के समान उच्च दर्जे का नजर नहीं आता। एमएस धोनी के 10वीं क्लास में 66 प्रतिशत जबकि 12वीं क्लास में 56 प्रतिशत आए थे।
जब धोनी 12वीं क्लास में थे, तब उन्हें रांची के बाहर क्रिकेट मैच खेलने के लिए जाना होता था। उनकी यह यात्रा फिल्म एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी में भी दिखाई गई है, जो सितंबर 2016 में रीलिज हुई थी। धोनी ने इस बात का खुलासा तब भी किया था जब वह दिल्ली में वीरेंद्र सहवाग के स्कूल में गए थे। जहां तक 31 साल के विराट कोहली का सवाल है, तो पढ़ाई में उनका कभी मन नहीं लगा। दिल्ली में जन्में क्रिकेटर के लिए गणित का विषय किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। उन्हें 100 में से एक डिजिट में नंबर आते थे।
विराट कोहली ने पिछले साल एक चैट शो में कहा था, गणित। हमारी परीक्षा होती थी और 100 में से मुझे सबसे ज्यादा माक्र्स आते थे 3। ठीक है। मैं इतना अच्छा था गणित विषय में। मुझे समझ नहीं आया कि कोई आखिर क्यों गणित को इतना सीखने में जुटा रहता है। मुझे इसके पीछे की चीजें कभी समझ नहीं आई। मैंने कभी अपनी जिंदगी में इन फॉर्मूलों का उपयोग होते नहीं देखा।
विराट कोहली ने अपने लिए कहा था कि क्रिकेट खेलने से कई ज्यादा कठिन था गणित में कड़ी मेहनत करना। उन्होंने कहा था, मैं बस 10वीं कक्षा पास कर लेना चाहता था क्योंकि ये राज्य स्तर की होती है और इसके बाद आपको चुनना होता है कि गणित पढऩी है या नहीं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि मैंने क्रिकेट में कभी इतनी मेहनत नहीं की, जितनी मैंने परीक्षा पास करने में की थी।
किसी युवा के लिए पढऩा और क्रिकेट में करियर बनाना आसान काम नहीं है। सचिन तेंदुलकर 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर पाए और उन्होंने दोबारा इसे पास करने का प्रयास ही नहीं किया। तब तक वो राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहन चुके थे। हालांकि, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और जवागल श्रीनाथ का पढ़ाई में रिकॉर्ड शानदार हैं और इन सभी ने क्रिकेट रिकॉर्ड बुक में अपनी अलग पहचान बनाई है।(times now)
नई दिल्ली, 27 जून । वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स ने कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण इंग्लैंड के दौरे से हटने का फैसला करने वाले बल्लेबाज शिमरॉन हेटमायर की आलोचना की। सीनियर बल्लेबाज डैरेन ब्रावो के साथ हेटमायर ने इंग्लैंड दौरे से हटने का फैसला किया जिससे रोजर हार्पर की अगुआई वाली चयन समिति को आखिरी मिनट में टीम में बदलाव करना पड़ा।
69 साल के रॉबर्ट्स ने माइकल होल्डिंग के यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘हेटमायर टीम की बल्लेबाजी का अभिन्न अंग होते। जब तब हम उनकी बल्लेबाजी को नापसंद नहीं करते तब तक वह टीम के भविष्य के बल्लेबाज हैं। किसी को हेटमायर को यह बात समझानी होगी कि आप पविलियन में बैठकर रन नहीं बना सकते।’
तेज गेंदबाजी में 70 और 80 के दशक में रॉबर्ट्स के जोड़ीदार रहे होल्डिंग ने भी दोनो बल्लेबाजों के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। रॉबर्ट्स ने कहा, ‘वेस्टइंडीज के बल्लेबाज गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाने पर विश्वास रखते हैं और उनके लिए क्षेत्ररक्षकों के बीच में खेल कर रन बनाना चुनौती की तरह होगा।’(एजेंसियां)