अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसराइल से लौटने के बाद व्हाइट हाउस से देश को संबोधित किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इसराइल-हमास का ज़िक्र करते हुए हमास की तुलना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की है.
उन्होंने कहा, "हमास और पुतिन से अलग-अलग तरह के ख़तरे हैं लेकिन उन दोनों में एक सामान्य बात भी है- दोनों ही पड़ोस में लोकतंत्र को ख़त्म कर देना चाहते हैं."
बाइडन ने अमेरिकी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें (जनता को) ये लग सकता है कि ये दोनों ही युद्ध एकदूसरे से बहुत दूर लड़े जा रहे हैं तो फिर ये उनके लिए क्यों मायने रखता है? ये सवाल पूछना सामान्य है.
बाइडन ने कहा, "इसराइल और यूक्रेन का सफल होना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. अगर हमने पुतिन की और अधिक शक्ति की भूख को रोका नहीं तो वो सिर्फ़ यूक्रेन तक नहीं रुकेंगे. एक ऐसा समय है, जिसमें हम आज जो फ़ैसला करेंगे उससे आने वाले दशकों का भविष्य तय होगा."
'अमेरिका अब भी दुनिया में प्रकाश स्तंभ'
उन्होंने इसराइल की यात्रा के दौरान फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के हमले के पीड़ित लोगों से मुलाकात की है.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति के तौर पर मेरे लिए बंधक बनाए गए अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है. उन्होंने इसराइल-हमास संघर्ष में दोनों ही तरफ़ के आम लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "ग़ज़ा के अस्पताल पर हमले में हुई मौतों से मैं बेहद दुखी हूं, ये हमला इसराइल ने नहीं किया है."
मिडिल ईस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी "मध्य पूर्व के के बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं."
बाइडन ने इस दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यूक्रेन और इसराइल की "मदद नहीं करना सही नहीं होगा."
उन्होंने अपना भाषण ख़त्म करते हुए कहा कि अमेरिका पहले भी दुनिया के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह था और अब भी ऐसा है. (bbc.com/hindi)
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने गुरुवार को फ़ोन पर बातचीत की है.
दोनों के बीच इसराइल-हमास और ग़ज़ा में लगातार बिगड़ते हालात पर चर्चा हुई. बातचीत के दौरान क्राउन प्रिंस सलमान ने इस बात पर जोर दिया कि इस संघर्ष का असर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ सकता है इसलिए इसे रोकने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों में तेज़ी लाई जानी चाहिए.
बातचीत के दौरान क्राउन प्रिंस ने फ़लस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों की गारंटी के साथ शांति प्रक्रिया आगे बढ़ाने और शांति बहाली की जरूरत पर जोर दिया.
उस दौरान संघर्ष को रोकने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी चर्चा हुई ताकि ग़ज़ा के लोगों को मानवीय गलियारे के जरिए मेडिकल और जरूरी चीज़ों की आपूर्ति की जा सके. (bbc.com/hindi)
तेल अवीव, 19 अक्टूबर । ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गुरुवार को दोहराया कि ब्रिटेन संकट की इस घड़ी में इजरायल के साथ खड़ा है। उन्होंने 7 अक्टूबर को यहूदी राष्ट्र पर हमास के हमले को आतंकवाद का अकथनीय, भयावह कृत्य करार दिया।
पीएम सुनक ने तेल अवीव में हवाईअड्डे के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की दिन भर की यात्रा के बाद वह युद्धग्रस्त देश का दौरा करने वाले तीसरे विश्व नेता हैं।
बीबीसी ने सुनक के हवाले से कहा, ''मैं बाद में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठकों को लेकर बहुत उत्सुक हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वे उपयोगी बैठकें होंगी।''
अपने आगमन के तुरंत बाद, पीएम सुनक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''मैं इज़रायल में हूं, एक राष्ट्र शोक में है। मैं आपके साथ शोक मनाता हूं और आतंकवाद जैसी बुराई के खिलाफ आपके साथ खड़ा हूं। आज, और हमेशा।"
सुनक ने एक अलग पोस्ट में कहा, ''एक बच्चे को आपसे से छीन लेना किसी भी माता-पिता के लिए सबसे बुरा सपना होता है। आज सुबह मैंने उन परिवारों के बारे में सुना जो इस असहनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं।''
अपने साझेदारों के साथ काम करते हुए, हम हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इज़रायली सेना के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से हमास ने लगभग 203 लोगों को बंधक बना लिया है।
सुनक दोपहर बाद येरुशलम में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति इसाक हर्जोग से मुलाकात करेंगे। बीबीसी की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वह हमास के हमलों में मारे गए नागरिकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे, साथ ही गाजा को जल्द से जल्द मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए दबाव डालेंगे।
सुनक की यात्रा गाजा शहर में अल अहली अरब बैपटिस्ट अस्पताल पर हुए घातक बम विस्फोट के दो दिन बाद हो रही है, जिसमें बच्चों और स्वास्थ्य कर्मियों सहित सैकड़ों लोग मारे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार रात अपनी यात्रा की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि प्रत्येक नागरिक की मौत एक त्रासदी है। हमास के भयानक आतंकवादी कृत्य के बाद बहुत से लोगों की जान चली गई है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति जो बाइडेन के इजरायल पहुंचने और युद्ध को रोकने के तरीके पर इजरायल के नेताओं के साथ चर्चा करने के तुरंत बाद अमेरिकी सरकार ने आतंकवादी संगठन हमास को वित्त पोषित करने के लिए मध्य-पूर्व के 10 प्रमुख हस्तियों पर प्रतिबंध लगाया है। गाजा में अस्पताल पर हमले के साथ मध्य-पूर्व बड़े संकट में घिर गया है।
यूके के इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने मध्य-पूर्व, विशेष रूप से सूडान में हमास के दस सदस्यों और फाइनेंसरों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया, जिसमें आतंकवादी संगठन को लाभ पहुंचाने के लिए गुप्त निवेश पोर्टफोलियो से जुड़े आंकड़े भी शामिल थे।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने एक बयान में कहा कि नए प्रतिबंधों को "गाजा और सूडान, तुर्किये, अल्जीरिया और कतर सहित अन्य जगहों पर दस प्रमुख हमास आतंकवादी समूह के सदस्यों, संचालकों और वित्तीय सुविधा देने वालों" पर लक्षित किया गया था, जो "एक सतत प्रयास" का हिस्सा था। अमेरिका वेस्ट बैंक और गाजा और पूरे क्षेत्र में हमास के राजस्व के स्रोतों को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।''
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आने वालों में मूसा मुहम्मद सलीम डुडिन और अब्देलबासित हमजा एलहसन मोहम्मद खैर शामिल हैं - जो क्रमशः वेस्ट बैंक और सूडान में स्थित हमास के दो फाइनेंसर हैं।
डुडिन समूह के राजनीतिक ब्यूरो और निवेश कार्यालय के सदस्य हैं, जिन्होंने हमास कैदियों पर बातचीत में भी भाग लिया है।
आरोप है कि उन्होंने स्वीकृत कंपनियों का स्वामित्व हस्तांतरित कर उनमें हमास के हित को छुपाने का काम किया।
इंडिपेंडेंट ने कहा कि उन पर प्रतिबंधों से प्रभावित हमास के एक अन्य वरिष्ठ नेता याह्या इब्राहिम हसन सिनवार के साथ "सीधे" काम करने का भी आरोप है।
ट्रेजरी विभाग ने कहा कि सूडान स्थित निवेशक हमजा पर "हमास के निवेश पोर्टफोलियो में कई कंपनियों का प्रबंधन करने और पहले हमास को लगभग 2 करोड़ डॉलर के हस्तांतरण में शामिल होने" का आरोप है।
बयान में, ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि अमेरिका "बच्चों सहित इजरायली नागरिकों के क्रूर और अचेतन नरसंहार के बाद हमास के फाइनेंसरों और मददगारों को निशाना बनाने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई कर रहा है।"
"हम हमास के आतंकवादियों को अत्याचारों को अंजाम देने और इज़राइल के लोगों को आतंकित करने के लिए धन जुटाने और उपयोग करने की क्षमता से वंचित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे।"
उन्होंने कहा, "इसमें प्रतिबंध लगाना और अपने अधिकार क्षेत्र में हमास से संबंधित किसी भी संपत्ति को ट्रैक करने, फ्रीज करने और जब्त करने के लिए सहयोगियों और भागीदारों के साथ समन्वय करना शामिल है।"
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रतिबंधों का लक्ष्य फिलिस्तीनियों को नहीं, बल्कि हमास के आतंकवादियों और उनके समर्थन नेटवर्क को निशाना बनाना है।
"हमास अकेले उस नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार है जो उसके आतंकवादियों ने इज़राइल के लोगों का किया है"। उन्होंने सभी बंधकों को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया।
अमेरिकी प्रतिबंधों की घोषणा तब की गई, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन तेल अवीव की यात्रा के दौरान इजरायली नेताओं से मुलाकात कर रहे थे, जिसमें प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके युद्ध मंत्रिमंडल के साथ शीर्ष पर थे।
राष्ट्रपति की यात्रा कल रात ख़तरे में लग रही थी, क्योंकि यह गाजा अस्पताल में विस्फोट के कुछ घंटों बाद हुई थी, जिसमें कई बच्चों सहित कम से कम 300 लोग मारे गए थे और अम्मान में जॉर्डन के शासकों के साथ बैठक अचानक रद्द कर दी गई थी।
रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडेन, हालांकि इजरायल के इतिहास में आतंक के अंधेरे घंटों में अमेरिका के दृढ़ समर्थन को दिखाने के लिए किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली युद्ध समय यात्रा के रूप में वर्णित यात्रा के साथ आगे बढ़े। इजराइल के बाहर यहूदियों की सबसे ज्यादा आबादी न्यूयॉर्क में रहती है। .
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा कि वह विस्फोट से "गहरा दुखी और क्रोधित" थे।
इज़रायली रक्षा बलों का कहना है कि विस्फोट फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के असफल रॉकेट हमले के कारण हुआ था।
इस बीच, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पीआईजे ने संलिप्तता से इनकार किया है और हमास ने इज़राइल को दोषी ठहराया है।
तेल अवीव में पत्रकारों के सामने अपनी टिप्पणियों में राष्ट्रपति इज़रायली आकलन से सहमत दिखे।
उन्होंने कहा, "मैंने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह दूसरी टीम द्वारा किया गया था, आपने नहीं। लेकिन वहां बहुत से लोग हैं जो निश्चित नहीं हैं, इसलिए हमें कई चीजों पर काबू पाना होगा।"
पेरिस. 19 अक्टूबर । मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से फ्रांस में आठ हवाई अड्डों को खाली कराया गया।
सीएनएन ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि बुधवार को जो हवाईअड्डे प्रभावित हुए, उनमें पेरिस के पास ब्यूवैस, स्ट्रासबर्ग, नैनटेस, बियारिट्ज़, टूलूज़, लिली, ल्योन-ब्रॉन और नीस के हवाईअड्डे शामिल हैं।
ब्यूवैस हवाई अड्डे की ओर से कहा गया कि इसे " एक अज्ञात धमकी के बाद ऐसा किया गया।"
फ्रांसीसी बीएफएमटीवी के अनुसार, बम की धमकी के कारण स्ट्रासबर्ग और नैनटेस को खाली करा लिया गया।
इस बीच, बम की आशंका के कारण बियारिट्ज़, टूलूज़, लिली और ल्योन-ब्रॉन के हवाई अड्डों को भी खाली कराया गया। लेकिन पुलिस कार्रवाई के बाद सभी चार हवाई अड्डों पर परिचालन फिर से शुरू हो गया।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, नाइस हवाईअड्डे ने बुधवार शाम को सेवाएं फिर से शुरू कर दीं।
इसके अलावा बुधवार को, पेरिस के पास वर्सेल्स पैलेस से एक सप्ताह से भी कम समय में तीसरी बार सुरक्षा कारणों से आगंतुकों को बाहर निकाला गया।
हालांकि लोकप्रिय पर्यटन स्थल दिन में बाद में आगंतुकों के लिए फिर से खोल दिया गया।
मंगलवार को एक संदिग्ध वस्तु के कारण और सप्ताहांत में बम की धमकी के कारण कार्यक्रम स्थल को खाली करना पड़ा।
14 अक्टूबर को, पेरिस में लौवर संग्रहालय को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था लेकिन अगले दिन फिर से खोल दिया गया।
पिछले हफ्ते, प्रधान मंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने उत्तरी शहर अर्रास के एक स्कूल में एक हमलावर द्वारा एक शिक्षक की चाकू मारकर हत्या करने और तीन अन्य लोगों को घायल करने के बाद देश को उच्चतम सुरक्षा अलर्ट पर रखा था।
हाल के वर्षों में फ़्रांस सिलसिलेवार इस्लामी हमलों से प्रभावित हुआ है। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 19 अक्टूबर । न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (एमटीए) की बस में कई बार मुक्का मारे जाने का शिकार हुए सिख किशोर ने कहा कि वह इस हमले से 'क्रोधित और हिल गया' है।
19 वर्षीय युवक रविवार सुबह रिचमंड हिल में 118वीं स्ट्रीट और लिबर्टी एवेन्यू के पास एक शटल बस में सवार था, तभी एक शख्स नेे उस पर हमला किया और उसकी पगड़ी उतारने का प्रयास किया।
युवक ने अमेरिका स्थित सिख संगठन को एक बयान में कहा, ''मैं इस हमले से स्तब्ध और क्रोधित हूं। मेरा मानना है कि किसी को भी उसके दिखने के कारण हमला या परेशान नहीं किया जाना चाहिए, और हर किसी को शांति से सार्वजनिक रूप से अपना व्यवसाय करने में सक्षम होना चाहिए।”
गुमनाम रहने की इच्छा रखते हुए, उसनेे इस अवसर पर समर्थन के लिए सभी को धन्यवाद दिया और साथ ही उन अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया है जो इस अपराध को गंभीरता से ले रहे हैं।"
सिख गठबंधन तब से कानूनी सहायता और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए युवक के साथ जुड़ा हुआ है।
एक तस्वीर जारी करते हुए, एनवाईपीडी ने संदिग्ध को "पुरुष, 25-35 वर्ष की उम्र, गहरा रंग, पतला शरीर, लगभग 5'9 लंबा, भूरी आँखों और काले बालों वाला" बताया।
आरोपी ने पीड़ित को उसकी पगड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा था, "हम इस देश में ऐसा नहीं पहनते हैं," इसके बाद उसने युवक को कई बार मुक्का मारा और उसे पगड़ी हटाने की कोशिश की।
इसके बाद वह बस से उतर गया और भाग गया, एनवाईपीडी ने, जनता से संदिग्ध को पकड़ने में मदद करने का आग्रह किया।
सिख गठबंधन स्टाफ अटॉर्नी, अमरीन प्रताप सिंह भसीन ने एक बयान में कहा, "यह देखते हुए कि हमले के दौरान इस युवा सिंह की पगड़ी का अपमान किया गया और उसे निशाना बनाया गया, हमें खुशी है कि इस घटना की जांच घृणा अपराध के रूप में की जा रही है।"
भसीन ने कहा, "तथ्य यह है कि सिखों पर इस तरह के हमलों का खतरा बना रहता है, जैसा कि इस सप्ताह जारी एफबीआई के नवीनतम घृणा अपराध आंकड़ों से पता चलता है।"
सोमवार को 2022 में घृणा अपराधों के आंकड़ों की अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए, एफबीआई ने सिख विरोधी घृणा अपराध पीड़ितों के 198 मामले दर्ज किए। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 19 अक्टूबर । टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि जो लोग घर से काम करते हैं, वे उन लोगों का फायदा उठाते हैं जो घर से काम नहीं कर सकते। घर से काम करने वाले 'वास्तविकता से दूर' हैं।
बुधवार देर रात कंपनी की तीसरी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान मस्क ने कहा: “मैं इतनी बार फैक्ट्री में क्यों सोया? क्योंकि यह मायने रखता है। उन लोगों का क्या, जिनको यहां आना है और कारें बनानी हैं? उन सभी लोगों के बारे में क्या जिन्हें रेस्तरां में जाना है और आपका खाना बनाना है, और आपका खाना पहुंचाना है?"
घर से काम करने के सवाल पर उन्होंने यह बात कही। मस्क ने पहले घर से काम करने को "नैतिक रूप से गलत" कहा था।
उन्होंने कहा कि उनके विचार में, घर से काम करने का विचार फेक मैरी एंटोनेट के उद्धरण, "उन्हें केक खाने दें" जैसा है।
फ्रांसीसी क्रांति के दौरान एंटोनेट फ्रांस की रानी थीं।
उद्धरण "उन्हें केक खाने दो" का श्रेय अक्सर एंटोनेट को दिया जाता है, हालांकि कई लोगों ने कहा है कि उन्होंने ये शब्द कभी नहीं कहे थे।
मस्क ने कहा, “सचमुच, आप घर से काम करना चाहते हैं? जो लोग आपका खाना बनाते हैं और डिलेवर करते हैं, वे घर से काम नहीं कर सकते। जो लोग आपका घर ठीक करते हैं, वे घर से काम नहीं कर सकते लेकिन आप कर सकते हैं। क्या यह नैतिक रूप से सही है?"
उन्होंने आगे कहा, “यह सिर्फ प्रोडक्टिविटी की बात नहीं है। मुझे लगता है कि यह नैतिक रूप से गलत है।" (आईएएनएस)।
अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है.
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक ट्वीट में कहा, "आज अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन प्रोग्राम को रोकने के लिए नए प्रतिबंध लगाए हैं."
संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध ईरान पर बुधवार को समाप्त हो गया था, जिसके मद्देनजर अमेरिका ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की. कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि वो संवेदनशील तकनीक ईरान को न बेचें.
अमेरिका ने ऐसे समय में इस प्रतिबंध की घोषणा की है जब इसराइल और हमास के बीच संघर्ष जारी है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हमास के इसराइल पर हमले में अब तक ईरान की भूमिका के सबूत तो नहीं मिले हैं लेकिन उनका कहना है कि ईरान लंबे समय से हमास को सहायता पहुंचाता रहा है.
अमेरिका और उसके सहयोगियों को इस बात की आशंका है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध ख़त्म होने के बाद ईरान के लिए मिसाइल बनाना और मिसाइल तथा ड्रोन तकनीक का निर्यात करना आसान हो जाएगा. (bbc.com/hindi)
इसराइल के ज़मीनी हमले की आशंकाओं के बीच फ़लस्तीनी ग़ज़ा पट्टी से सुरक्षित बच निकलने के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग पहुंच रहे हैं.
रफ़ाह क्रॉसिंग ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है. यह ग़ज़ा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ता है.
ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं. इनमें से इरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी ग़ज़ा को इसराइल से जोड़ता है.
केरेम शलोम भी इसराइल और ग़ज़ा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. इसराइल के हमास के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई शुरू करने के बाद से ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं.
आम तौर पर फ़लस्तीनियों के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग के ज़रिए निकलना आसान नहीं होता. जो यहां से निकलना चाहते हैं तो उन्हें चार सप्ताह पहले स्थानीय फ़लस्तीनी अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है. उनके ये आवेदन फ़लस्तीनी अधिकारी या मिस्र के अधिकारी थोड़े बहुत स्पष्टीकरण के साथ रद्द कर सकते हैं.
इसराइल के ज़मीनी हमले की आशंकाओं के बीच फ़लस्तीनी रफ़ाह क्रॉसिंग के पास जमा हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने यहां खाद्य पदार्थ और मेडिकल आपूर्ति की व्यवस्था की है.
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल-सीसी के रफ़ाह क्रॉसिंग खोलने पर राजी होने के बाद भी ग़ज़ा में मानवीय सहायता शुक्रवार से पहले नहीं पहुंच पाएगी.
बाइडन ने सड़क मरम्मत का हवाला देते हुए पत्रकारों को बताया, "वे पहले सड़क की मरम्मत करेंगे. गड्ढों को भरा जाएगा ताकि उन पर ट्रक गुजर सके. ऐसा होने में करीब आठ घंटे लग जाएंगे. और संभवत: शुक्रवार से पहले तक सहायता न पहुंच पाए." (bbc.com/hindi)
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उत्तर कोरिया के दौरे पर हैं.
लावरोव ने 'यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में रूस का साथ देने के लिए' उत्तर कोरिया का शुक्रिया अदा किया है.
लावरोव ने यहां उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चोइ सोन हुई से भी मुलाक़ात की. बीबीसी न्यूज़ के सोल संवाददाता जीन मैकेंजी ने बताया कि प्योंगयांग में बारिश के बीच रूस के विदेश मंत्री का बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत किया.
इस दौरान कुछ लोगों ने हाथ में फूल भी थाम रखे थे. लावरोव ने बताया है कि उनकी यह यात्रा उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक में बनी सहमतियों को आगे ले जाने के बारे में है.
पुतिन और किम के बीच हुई बातचीत के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हैं और लावरोव ने भी इस बारे में विस्तार से नहीं बताया.
अमेरिका का मानना है कि किम जोंग-उन ने रूस को यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में गोला बारूद देने पर सहमति जताई है और ऐसा कहा जा रहा है कि हथियारों के हस्तांतरण की प्रकिया भी शुरू हो चुकी है.
इसी बीच व्लादिमीर पुतिन ने ग़ज़ा के अस्पताल पर हुए हमले को दुखद बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसे एक संकेत मानते हुए इस संघर्ष को जल्द से जल्द ख़त्म कर लिया जाएगा.
चीन की यात्रा पर रवाना होने से पहले मिडिल ईस्ट के नेताओं से बात करने के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी बातचीत पांच नेताओं से हुई है. ये अच्छी बातचीत थी और इसके आधार पर वो कह सकते हैं कि कोई भी इस संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहता है.
वाशिंगटन, 19 अक्टूबर। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी इजराइल यात्रा के बाद कहा कि इजराइल बेहद पीड़ित रहा है लेकिन उसे गाजा में उन लोगों के कष्टों को दूर करने का अवसर तलाशना चाहिए।
बाइडन ने बुधवार को इजराइल से वापस जाते समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘इजराइल को बेहद पीड़ित रहा है। लेकिन सच्चाई ये है कि अगर उसे उन लोगों के कष्टों को दूर करने का अवसर मिले तो उसे उनकी मदद जरूर करनी चाहिए। अगर इजराइल ऐसा नहीं करता है तो इसके लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है, जो अनुचित हो सकता है।’’
हमास के आतंकवादी हमले के बाद इजराइल की यात्रा पर पहुंचे बाइडन ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि अगर आपके पास किसी का कष्ट कम करने का अवसर है तो आपको यह अवश्य करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो दुनिया भर में विश्वसनीयता खो देंगे। मुझे लगता है हर कोई इस बात को समझता है।’’
इजराइल संभवतः हमास के साथ अक्टूबर के हमले को लेकर गाजा पर व्यापक स्तर पर जवाबी कार्रवाई और जमीनी हमले की योजना बना रहा है। हमास के हमले में इजराइल के लगभग 1,400 लोगों की जान चली गई थी।
बाइडन ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी गाजा में मानवीय सहायता सामग्री के 20 ट्रकों को अनुमति देने के लिए राफा गेट खोलने पर सहमत हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमास उन्हें जब्त कर लेता है या इसे आगे नहीं बढ़ने देता... तो उसका खात्मा तय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य बात यह है कि सिसी इसका श्रेय पाने के हकदार हैं।’’ (भाषा)
मंगलवार को ग़ज़ा के अल अहली अस्पतालमें हुए धमाके में मरने वालों की संख्या 471 बताई गई है. फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसमें 314 लोग घायल हुए हैं.
इस धमाके के लिए हमास ने इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है जबकि इसराइल ने इससे इनकार करते हुए कहा कि ग़ज़ा से ही दाए गए रॉकेट के मिस फ़ायर होने की वजह से ये घटना घटी है.
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसराइल पहुंचे और ग़ज़ा और पश्चिमी तट के फ़लस्तीनी क्षेत्रों के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद की घोषणा की.
उन्होंने इसराइल को पूरा समर्थन देने की बात कही और बताया कि इसराइली कैबिनेट, मिस्र से ग़ज़ा में मदद आने देने के लिए तैयार हो गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसराइल के लिए भी ‘डिफ़ेंस पैकेज का एलान करता हूँ. इसके लिए मैं कांग्रेस में चर्चा करूंगा.’
उधर अल अहली अस्पताल में भीषण हादसे के बाद जॉर्डन में मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी, फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से मुलाक़ात रद्द होने के कारण बाइडेन तेल अवीव से वापस लौट गए हैं.
इसराइल के कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी इलाक़े पश्चिमी तट, जॉर्डन, ईरान, ट्यूनिशिया, लेबनान और तुर्की में बड़े पैमाने पर फ़लस्तीनी लोगों के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे.
हालांकि अमेरिका ने अस्पताल में हुए हादसे पर कहा है कि यह काम इसराइल का नहीं बल्कि किसी ‘तीसरी टीम’ का है.
इस घटना ने अरब और पश्चिमी मुल्कों में तनाव को बढ़ा दिया है.
हमास के एक अधिकारी ओसामा हमदान ने लेबनान में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ‘इसराइल को सपोर्ट करने वाले अमेरिका और पश्चिमी देश, ग़ज़ा में नागरिकों के ख़िलाफ़ युद्ध के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार हैं.’
सात अक्टूबर को इसराइल पर हमास की ओर से हुए घातक हमले के बाद से इसराइल ग़ज़ा पर लगातार हवाई हमले कर रहा है.
इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा के 11 लाख लोगों को दक्षिण में चले जाने की चेतावनी थी. (bbc.com/hindi)
मिस्र ने ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए रफ़ाह क्रॉसिंग खोलने पर सहमति जताई है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से मुलाक़ात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ये घोषणा की थी. अब मिस्र ने इसकी पुष्टि कर दी है.
मिस्र के राष्ट्रपति के प्रवक्ता अहमद फ़हमी ने कहा, "मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रफ़ाह टर्मिनल के जरिए ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने पर सहमत हैं."
ग़ज़ा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाने की जुगत लगा रही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी अपने ट्रकों को इस क्रॉसिंग के ज़रिए ही ग़ज़ा के अंदर ले जा सकती हैं.
इसराइल दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वे "इन मुश्किल भरे दिनों में इसराइल के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे."
उन्होंने कहा, “इसराइल, आप अकेले नहीं हैं. इसराइल एक सुरक्षित यहूदी लोकतंत्र बना रहेगा. आज, कल और हमेशा.” जो बाइडन ने ये भी कहा कि वो "फ़लस्तीनी लोगों के लिए भी दुखी हैं."
बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, "मैं ये बात स्पष्ट कर दूं कि बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी हमास नहीं हैं. और हमास फ़लस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है."
रफ़ाह क्रॉसिंग कहां है?
रफ़ाह क्रॉसिंग ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है. यह ग़ज़ा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ती है.
ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं. इनमें से इरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी ग़ज़ा को इसराइल से जोड़ती है. केरेम शलोम भी इसराइल और ग़ज़ा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है.
हमास के ख़िलाफ़ इसराइल की जवाबी कार्रवाई शुरु होने के बाद से ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं.
इसराइल पर हमास के हमले के कुछ दिन बाद ही इसराइल ने घोषणा की थी कि इरेज़ और केरेम शलोम क्रॉसिंग को अगली सूचना मिलने तक बंद रखा जाएगा.
ऐसे में रफ़ाह क्रॉसिंग आम फ़लस्तीनी लोगों के लिए ग़ज़ा पट्टी से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता बन गया है.
इसराइल-हमास संघर्ष के बीच हुई इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी की बैठक में ग़ज़ा के अल-अहली अस्पताल पर हुए हमले के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया गया है.
ओआईसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस हमले में सैंकड़ो घायल, बीमार और अस्पताल में शरण लेने वाले लोग मारे गए हैं.
बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है-
"ग़ज़ा पट्टी के आम लोगों की इस स्थिति के लिए पूरी तरह इसराइल ज़िम्मेदार है."
"संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अपनी जिम्मेदारियां निभाए."
इस संगठन ने हिंसा रोकने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निंदा की है.
ओआईसी ने कहा है कि वो 'गवर्नमेंट ऑफ द स्टेट ऑफ फ़लस्तीन' को राजनीतिक, वित्तीय, अंतरराष्ट्रीय और कानूनी सहायता मुहैया कराएंगे.
ओआईसी की बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की गई है कि वो फ़लस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध के लिए इसराइल की क़ब्जे वाली नीति को ज़िम्मेदार ठहराएं.
ओआईसी ने सऊदी अरब की गुज़ारिश पर गज़ा मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को मंत्री स्तरीय बैठक बुलाई थी.
जेद्दा में आयोजित इस बैठक में ग़ज़ा के 'निहत्थे लोगों के लिए ख़तरे' और इसराइल की सैन्य कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई. (bbc.com/hindi)
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्सेज (आईडीएफ़) ने कहा है कि वो लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं.
हालांकि अभी इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं मिली है.
लेबनान की अल मायादीन टीवी की ख़बर के अनुसार, इसराइल ने बृहस्पतिवार सुबह में दक्षिणी लेबनान के दो गांवों को निशाना बनाया.
चैनल ने अपनी ख़बर में बताया है कि कफ़्र शुबा और ओडासे के समीप मिसाइल दागे गए हैं. वहीं, हिज़बुल्लाह ने कहा है कि उन्होंने इसराइल-लेबनान सीमा पर बुधवार को इसराइली सैन्य चौकियों पर हमला किया.
हिज़बुल्लाह, लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है.
1980 के दशक की शुरुआत में लेबनान पर इसराइली कब्ज़ें के दौरान ईरान की वित्तीय और सैन्य सहायता से हिज़बुल्लाह का उदय हुआ. हिज़बुल्लाह पर वर्षों से इसराइली और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी और षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है.
पश्चिमी देश, इसराइल, अरब खाड़ी देशों और अरब लीग हिज़बुल्लाह को 'आतंकवादी' संगठन मानते हैं. (bbc.com/hindi)
तेल अवीव, 18 अक्टूबर। राष्ट्रपति जो बाइडन दुनिया को यह दिखाने के लिए बुधवार को इजराइल पहुंचे कि अमेरिका यहूदी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और दावा किया कि ऐसा लगता है कि गाज़ा पट्टी के अस्पताल में विस्फोट को ‘अन्य टीम’ ने अंजाम दिया है न कि इजराइल की सेना के हमले की वजह से यह विस्फोट हुआ है।
बाइडन ने एक बैठक के दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा, “मैंने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि यह काम आपने नहीं, बल्कि दूसरी टीम ने किया है।” लेकिन बाइडन ने कहा कि वहां "बहुत सारे लोग" थे जिन्हें नहीं पता है कि किस कारण से विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट के बाद समूचे पश्चिम एशिया में प्रदर्शन भड़क गए हैं।
बाइडन ने इस बात को लेकर कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया कि उन्हें क्यों लगता है कि अस्पताल में विस्फोट इजराइल के हमले की वजह से नहीं हुआ है और व्हाइट हाउस ने भी उनके दावे को लेकर तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है।
नेतन्याहू ने बाद में बाइडन और इज़राइल की युद्ध कैबिनेट के साथ बैठक मे कहा, “ पूरी दुनिया का गुस्सा जायज़ है लेकिन यह गुस्सा इज़राइल के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि आतंकवादियों के लिए होना चाहिए।”
बाइडन की इजराइल में रुकने के बाद जॉर्डन जाने की योजना थी लेकिन अस्पताल में विस्फोट के बाद वहां अरब नेताओं के साथ शिखर बैठकों को रद्द कर दिया गया है।
उन्होंने इजराइलियों द्वारा सहन की गई भयावहता के साथ-साथ गाजा में फलस्तीनी नागरिकों के लिए बढ़ते मानवीय संकट को लेकर भी टिप्पणियां की हैं।
राष्ट्रपति ने नेतन्याहू से कहा कि वह अस्पताल में हुए विस्फोट की वजह से “ बहुत दुखी और नाखुश हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “ हमास सभी फलस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और वह उनके लिए सिर्फ परेशानियां ही लेकर आया है।”
बाइडन ने लड़ाई के “बीच फंसे बेगुनाह फलस्तीनियों की मदद के लिए जीवन-रक्षक क्षमता को प्रोत्साहित करने" के तरीके खोजने की जरूरत पर बात की।
लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सात अक्टूबर के हमले में हमास ने इजराइलियों का “ नरसंहार’’ किया है जिसमें 1400 लोगों की मौत हुई है। बाइडन ने बच्चों सहित निर्दोष इजराइलियों की हत्या की भयावहता पर विस्तार से बात की।
बाइडन ने कहा, “ अमेरिकी बहुत दुखी और चिंतित हैं।
बाइडन ने नेतन्याहू और इज़राइल के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा, “ मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं। हम इज़राइल का समर्थन करना जारी रखेंगे, क्योंकि आप अपने लोगों की रक्षा करने के लिए काम करते हैं।”
उन्होंने कहा, “ हम बेगुनाह लोगों के साथ होने वाली और त्रासदियों को रोकने के लिए आप के साथ तथा क्षेत्रभर के साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”
नेतन्याहू ने इजराइल आने के लिए बाइडन का आभार जताते हुए उनसे कहा कि उनकी यात्रा “ दिल को छू देने वाली है।”
उन्होंने कहा, “ जब मैं कहता हूं श्रीमान राष्ट्रपति आज, कल और हमेशा इजराइल के साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद, तो मैं इजराइल के सभी लोगों की तरफ से बोलता हूं।”
नेतन्याहू ने कहा कि बाइडन ने "सभ्यता की शक्तियों और बर्बरता की ताकतों" के बीच एक स्पष्ट रेखा खींची है और कहा कि इजराइल हमास को हराने के अपने संकल्प में एकजुट है।
उन्होंने कहा, “सभ्य विश्व को हमास को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए।”
बाइडन की योजना हमलों के पीड़ित इजराइल के लोगों और बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों से मिलने की भी है। नेतन्याहू ने बेन गुरियान हवाई अड्डे पर बाइडन से मुलाकात की और दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया।
इससे ठीक एक महीने से पहले वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक साथ बैठे थे जहां नेतन्याहू ने कहा था कि “इजराइल और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक शांति” संभव लग रही है।
इजराइल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच रिश्तों को सुधार की संभावना अब धूमिल होती लगती है। सात अक्टूबर को हमास के हमलों के जवाब में इजराइल गाजा पर संभावित जमीनी आक्रमण की तैयारी कर रहा है।
गाज़ा में इजराइल के हमलों में करीब 2800 फस्लीतिनियों की मौत हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, करीब 1200 और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
यह संख्या मंगलवार को अल अहली अस्पताल में हुए विस्फोट से पहले की है। विस्फोट का स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका है।
अस्पताल में विस्फोट के बाद समूचे क्षेत्र में प्रदर्शन भड़क गए। अस्पताल में घायल फलस्तीनियों का इलाज किया जा रहा था और उसमें लड़ाई से बचना चाह रहे लोगों को पनाह भी दी हुई थी।
सैकड़ों फलस्तीनी वेस्ट बैंक के रामल्ला समेत प्रमुख शहरों की सड़कों पर उतर आए।
इसके अलावा, लेबनान के बेरूत और जॉर्डन के अम्मान में भी प्रदर्शन हुए। अम्मान में तो गुस्साई भीड़ इज़राइली दूतावास के बाहर जमा हो गई।
इस वजह से बाइडन की जॉर्डन यात्रा की योजना पर पानी फिर गया, जहां शाह अब्दुल्ला द्वितीय को फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्र अब्देल फतेह अल सीसी के साथ बैठक की मेज़बानी करनी थी। अस्पताल में विस्फोट के विरोध में अब्बास ने बैठक में आने से मना कर दिया जिसके बाद शिखर बैठक को रद्द कर दिया गया।
जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफदी ने कहा कि जंग क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर ले जा रही है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्फोट के बाद जॉर्डन ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। सफदी ने कहा कि सभी नेताओं से बात करने के बाद शिखर बैठक को रद्द किया गया है। (एपी)
एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने न्यूज़ीलैंड और फिलिपींस में नए यूजर्स से एक डॉलर का सालाना शुल्क लेना शुरू कर दिया है.
रिपोर्टों के अनुसार, फिलहाल ये ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है और ये शुल्क देने वाले यूजर्स एक्स के कुछ प्रमुख फीचर्स की सुविधा ले पाएंगे. एक्स पहले ट्विटर के नाम से जानी जाती थी.
सब्सक्रिप्शन फ़ी देने वाले यूजर्स ट्वीट और रीट्वीट के अलावा पोस्ट लाइक कर सकेंगे और उनका जवाब भी दे पाएंगे. वैसे यूजर्स जो ये सब्सक्रिप्शन फ़ी न देने का विकल्प चुनते हैं, वे केवल दूसरों के पोस्ट पढ़ पाएंगे, वीडियो देख सकेंगे और अन्य हैंडल को फ़ॉलो कर सकेंगे.
एक्स का कहना है कि इसका मक़सद स्पैम कम करना, प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकना और बोट ऐक्टिविटी पर लगामा लगाना है. नए एकाउंट्स को अपना फोन नंबर वेरिफाई भी कराना होगा.
हालांकि एलन मस्क ने कहा है कि 'रीड-ओनली' बिना किसी सब्सक्रिप्शन फ़ी के क्रिएट किए जा सकेंगे जिसमें कोई प्रमुख फीचर नहीं होगा.
पिछले महीने ही एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने ये संकेत दिया था कि एक्स के सभी यूजर्स को इसके प्लेटफॉर्म पर बने रहने के लिए सब्सक्रिप्शन फ़ी चुकानी पड़ सकती है.
पिछले साल ही एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदा था जिसके बाद से ही कंपनी के राजस्व में लगातार गिरावट देखी जा रही है.
यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फ़ी लेने के पीछे कंपनी के वित्तीय मक़सद को लेकर तस्वीर साफ़ है.
हालांकि एलन मस्क ये कहते रहे हैं कि यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फ़ी लेने का कदम बोट्स से निपटने के लिए उठाया जा रहा है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपनी दर्जनों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी है. इसकी वजह नकदी संकट को बताया जा रहा है.
एयरलाइन कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि ईंधन की कमी के कारण बड़ी संख्या में उड़ानों को रद्द करना पड़ा है जबकि कई उड़ानों के समय में बदलाव किया जा रहा है.
पीआईए को ईंधन, एयरपोर्ट किराया और सर्विसिंग और मेनटेनेंस के बिल के भुगतान में संघर्ष कर रहा है. कंपनी के कर्ज बढ़कर 2.5 अरब डॉलर से अधिक हो गया है.
पिछले महीने कंपनी की ओर से कहा गया था कि वो सरकार से आपातकालीन फंडिंग की मदद मांग रही है. वहीं, पाकिस्तान की सरकार घाटे में चल रही पीआईए का निजीकरण करना चाहती है. (bbc.com/hindi)
जेम्स लैंडेल, कूटनीतिक संवाददाता
कूटनीति में बातचीत ज़रूरी होती है और तरक्की के लिए भरोसा चाहिए होता है. लेकिन ग़ज़ा के अल-अहली अस्पताल में धमाके से जो बर्बादी हुई है, उसका मतलब है कि अब वहां दोनों ही बातें कम हैं.
राष्ट्रपति बाइडन अरब नेताओं से आमने-सामने की बातचीत के लिए जॉर्डन के दौरे पर नहीं जा रहे हैं. उन्हें एयर फोर्स वन से ही अब इन नेताओं से बातचीत के लिए फोन करना होगा.
इसका ये भी मतलब है कि वे सिर्फ़ इसराइल के दौरे पर हैं. मतलब ये कि उनकी पूरी यात्रा असंतुलित लग रही है.
ऐसा करके राष्ट्रपति बाइडन मुमकिन है कि एक लक्ष्य हासिल कर लें, वो ये कि हमास के बर्बर हमले के बाद इसराइल के प्रति अमेरिकी समर्थन का इजहार करना.
लेकिन उनका दूसरा टास्क कूटनीतिक गतिरोध को तोड़ना है, जिसमें कहीं ज़्यादा मुश्किल आएगी.
एक युद्ध प्रभावित क्षेत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति का दौरा कोई आम बात नहीं है और अमेरिका की योजना बाइडन के इस दौरे से इसराइल को ग़ज़ा में मानवीय सहायता हेतु रास्ता देने के लिए मनाने का है.
ताकि आम लोगों के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाए जा सकें. इसके लिए इतना भरोसा तो पैदा करना होगा जिससे बातचीत के लिए थोड़ी गुंजाइश बन सके और अरब देशों की मध्यस्थता से बंधकों की रिहाई के बारे में बात हो सके.
लेकिन बढ़े हुए तनाव के बीच इन सब की संभावना कम लग रही है. (bbc.com/hindi)
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्स (आईडीएफ़) के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया कि इसराइली सेना ने पाया है कि अल अहली अस्पताल पर हुए हमले के लिए फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह जिम्मेदार है.
उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हमने आईडीएफ़ के सभी संबंधित विंग से तत्काल जानकारियां जुटाई."
हगारी ने कहा कि अस्पताल पर हमले से पहले हमास की तरफ से इसराइल पर स्थानीय समय के अनुसार मंगलवार शाम छह बजकर 15 मिनट पर कई रॉकेट दागे गए.
उन्होंने कहा, "फिर इसके बाद सात बजकर 59 मिनट पर फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने एक कब्रगाह से करीब 10 रॉकेट दागे. इसी समय ग़ज़ा के अस्पताल में विस्फोट की ख़बरें आईं. "
हगारी ने दावा किया कि हमास को ये पता है कि ये विस्फोट इस्लामिक जिहाद के रॉकेट का परिणाम है. लेकिन उसने इसराइल को दोष देने के लिए 'वैश्विक मीडिया अभियान' चलाया.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि उन्होंने मृतकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया. वो इस बात को जानते हैं कि इस्लामिक जिहाद के रॉकेट के हमले की वजह से ऐसा हुआ और अस्पताल को क्षति पहुंची. एरियल फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है कि रॉकेट सीधे अस्पताल पर नहीं गिरा है और निकट की इमारतों को भी नुकसान नहीं पहुंचा है. सिर्फ अस्पताल के बाहर के पार्किंग इलाके को नुकसान पहुंचा है." (bbc.com/hindi)
लंदन, 18 अक्टूबर । पिछले साल ब्रिटिश शहर बर्मिंघम में एक स्कूल के बाहर झगड़े के दौरान 12 वर्षीय लड़के को थप्पड़ मारने के मामले में 41 वर्षीय भारतीय मूल की पूर्व महिला पुलिसकर्मी को सजा सुनाई गई है।
बर्मिंघम मेल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस में कांस्टेबल शरणजीत कौर ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था और इंडिपेंडेंट ऑफिस फॉर पुलिस कंडक्ट (आईओपीसी) की जांच के बाद उन पर आरोप लगाया गया था।
बर्मिंघम मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पाया कि कौर उस समय ऑफ-ड्यूटी थी, जब उन्होंने बर्मिंघम सड़क पर एक-दूसरे को धक्का दे रहे स्कूली लड़कों के बीच बीच-बचाव किया था।
पिछले साल 13 अक्टूबर को हुई घटना का मोबाइल फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने आईओपीसी को एक कंडक्ट रेफरल भेजा।
क्लिप में, वह स्कूली बच्चों में से एक पर चिल्लाती हुईं दिखाई दे रही है, और फिर उसके गाल पर थप्पड़ मारती है।
जिस लड़के को थप्पड़ मारा गया था, उसके परिवार की ओर से भी शिकायत की गई है।
आईओपीसी की जांच के अनुसार, हमले से लड़के के गाल पर कट लग गया। एक चश्मदीद के पूछने पर उसने खुद को एक पुलिस अधिकारी बताया।
अदालत ने कौर को मारपीट के आरोप में 12 महीने का कम्युनिटी ऑर्डर दिया।
आईओपीसी के क्षेत्रीय निदेशक डेरिक कैंपबेल ने कहा, ''पुलिस अधिकारी केवल तभी बल का प्रयोग कर सकते हैं जब आवश्यक, आनुपातिक और परिस्थितियों में उचित हो। अधिकारी के पास लड़के पर हमला करने का कोई उद्देश्य या कोई अन्य औचित्य नहीं था, जिससे उसके लिए कोई वास्तविक खतरा नहीं था।''
द मेल में कैंपबेल के हवाले से कहा गया, ''पीड़िता की उम्र और संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से गंभीर कारक थे और फिर कौर के कार्यों में पुलिसिंग में जनता के विश्वास को कम करने की क्षमता थी। उसे पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया गया है।'' (आईएएनएस)।
यरुशलम, 18 अक्टूबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने दावा किया है कि इजराइली सेना ने गाजा पट्टी में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर हमला नहीं किया था और अस्पताल पर गिरने वाला रॉकेट इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन का था जो उनके द्वारा लॉन्चिंग के दौरान मिसफायर हो गया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली सेना ने मंगलवार को कहा है कि परिचालन और खुफिया प्रणालियों की अतिरिक्त समीक्षा के बाद, "यह स्पष्ट है कि आईडीएफ ने गाजा में अस्पताल पर हमला नहीं किया।"
आईडीएफ द्वारा जारी एक छोटे से वीडियो में हगारी ने कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आईडीएफ ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि गाजा स्थित आतंकवादियों द्वारा रॉकेटों की बौछार की गई थी, जो गाजा में अल-अहली अस्पताल के करीब से गुजर रही थी।"
उन्होंने कहा, खुफिया जानकारी इस्लामिक जिहाद की ओर इशारा करती है, जो गाजा में अस्पताल पर हुए असफल रॉकेट प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार है।
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, हमास और अधिकांश अरब देशों ने विस्फोट के लिए इज़राइल को दोषी ठहराया है। हमास आतंकवादी समूह ने कहा कि इसमें लगभग 500 लोग मारे गए। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बाद में कहा कि 200 से 300 लोग मारे गए थे।
इजरायली सेना का कहना है कि गाजा स्थित आतंकवादी संगठन इजरायल की ओर अंधाधुंध रॉकेट दागते हैं और 7 अक्टूबर को युद्ध की शुरुआत के बाद से इजरायल की ओर छोड़े गए लगभग 450 रॉकेट गाजा के अंदर गिरे हैं, जिससे "गाजा के निवासियों के जीवन को संकट में डाला गया और नुकसान पहुंचाया गया।"
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी कैमरा फुटेज उस क्षण को दिखाता है जब गाजा पट्टी से लॉन्च किया गया रॉकेट विफल हो जाता है और फिलिस्तीनी क्षेत्र के अंदर विस्फोट हो जाता है।
कई अन्य वीडियो भी यही दर्शाते हैं।
नेटिव हासारा से लिया गया एक वीडियो अल जज़ीरा द्वारा लिए गए फुटेज से मेल खाता प्रतीत होता है, जिसमें गाजा के अंदर एक रॉकेट मिसफायर लैंड होते हुए भी दिखाया गया है।
फ़िलिस्तीनी मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित एक अन्य वीडियो में अहली अरब अस्पताल में विस्फोट दिखाया गया है।
अल जज़ीरा के फ़ुटेज को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विशेषज्ञों ने एक्स अस्पताल में जियोलोकेट किया है। (आईएएनएस)।
लंदन, 18 अक्टूबर । गाजा के एक अस्पताल पर मंगलवार को इजरायल के हमले में सैकड़ों लोग मारे गए।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा अल अहली अरब अस्पताल पर कथित हवाई हमले के बाद मरने वालों की संख्या 500 तक पहुंच गई है।
इसने इजरायली सेना के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि घटना का कारण ज्ञात नहीं है और सेना विवरण की जांच कर रही है।
बीबीसी के मुताबिक, अस्पताल को एंग्लिकन चर्च द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। येेेरुसलम में चर्च के शीर्ष व्यक्तियों में से एक सेंट जॉर्ज कॉलेज के डीन रिचर्ड सेवेल ने कहा कि "इजरायली मिसाइल से हमला किया गया।"
सीवेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि सैकड़ों महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं और इस कृत्य को "निर्दोष नागरिकों की जानबूझकर हत्या" कहते हैं।
उन्होंने लिखा, "बमबारी अब बंद होनी चाहिए। इसका कोई संभावित औचित्य नहीं हो सकता।"
ब्रिटिश-फ़िलिस्तीनी सर्जन प्रोफेसर ग़ासन अबू सिताह, जो हमले के समय वहां काम कर रहे थे, ने बीबीसी को बताया कि अस्पताल के कुछ हिस्सों में आग लग गई।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि वह आपातकालीन विभाग है या नहीं। लेकिन यह निश्चित रूप से ऑपरेटिंग सुइट है, छत का हिस्सा गिर गया है। हर जगह कांच बिखरा हुआ है। अस्पताल में बहुत सारे लोग शरण लिए हुए थे।"
बीबीसी ने अस्पताल के एक अनाम डॉक्टर के हवाले से यह भी कहा कि हमले के स्थल पर पूरी तरह से तबाही हुई थी - जहां लगभग 4,000 विस्थापित लोग शरण लिए हुए थे।
उन्होंने कहा कि अस्पताल का 80 प्रतिशत हिस्सा सेवा से बाहर था और विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हुए।
फिलिस्तीनी राज्य मीडिया ने बताया कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गाजा के अल अहली अस्पताल पर हवाई हमले के बाद तीन दिन के शोक की घोषणा की है।
उन्होंने कथित तौर पर बुधवार को जॉर्डन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ अपनी बैठक भी रद्द कर दी है।
वेस्ट बैंक के रामल्ला में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से सैकड़ों लोगों की मौत और चोटों का संकेत मिलता है। वह अल अहली अरब अस्पताल पर हमले की "कड़ी निंदा" करते हैं।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "हम नागरिकों की तत्काल सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की मांग करते हैं, और निकासी आदेशों को उलटने की मांग करते हैं। #NotATarget।"
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि मध्य गाजा में एक स्कूल जहां 4,000 लोग शरण लिए हुए हैं, उसे भी निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 18 अक्टूबर । अमेरिकी प्रांत न्यू जर्सी के एक शहर के सिख मेयर ने कहा है कि उन्हें ईमेल के माध्यम से कई धमकियां मिली हैं जिनमें इस्तीफा न देने पर परिवार के साथ जान से मारने की बात कही गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रवि भल्ला नवंबर 2017 में होबोकेन सिटी के मेयर के रूप में चुने जाने वाले पहले सिख हैं। उन्होंने मंगलवार को सीबीएस न्यूज़ को बताया कि पहला मेल एक साल से अधिक समय पहले भेजा गया था। उसमें उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
दूसरे मेल में उन्हें जान की धमकी दी गई। इसके तुरंत बाद अब तीसरा मेल आया है जिसने भल्ला और उनके परिवार को हिलाकर रख दिया है।
तीसरे मेल में लिखा है, "यह आपको आखिरी चेतावनी है। अगर आपने तुरंत इस्तीफा नहीं दिया तो हम आपको मार देंगे, हम आपकी पत्नी को मार देंगे, हम आपके बच्चों को मार देंगे।"
समाचार रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य पत्र में लिखा था कि "यह तुम्हें मारने का समय है"। इसके अलावा मेल में लिखी दूसरी बातें प्रकाशित करने लायक नहीं हैं।
होबोकेन में 22 साल से रह रहे भल्ला ने कहा, "(मेल में) बहुत गुस्सा, बहुत नफरत थी। साथ ही मेरे जीवन और मेरे बच्चों तथा मेरी पत्नी के जीवन पर वास्तविक संकट भी थे।"
कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भल्ला को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की है। उनके 15 और 11 साल के दो बच्चों को स्कूल में भी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
न्यू जर्सी में जन्मे और पले-बढ़े भल्ला ने सीबीएस न्यूज को बताया कि उसी दौरान, उनके पड़ोसियों, उनके भाई और शहर के कुछ सहयोगियों को भी यौनाचार से जुड़ और धमकी भरी सामग्री वाले पैकेज मिलने लगे।
भल्ला के अनुसार, हालांकि उनके लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति को पकड़ लिया गया और उस पर आरोप भी तय कर लिए गये, लेकिन धमकी भरे मेल भेजने वाला व्यक्ति अब भी पकड़ में नहीं आया है।
यह कहते हुए कि शहर में नफरत का स्वागत नहीं है, भल्ला ने कहा कि वह नफरत के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और "एक सिख पृष्ठभूमि के अमेरिकी के रूप में शहर का नेतृत्व करने पर उन्हें बहुत गर्व है"।
सिख-अमेरिकियों को 9/11 के बाद जिस तरह के व्यवहारों का सामना करना पड़ा था, उससे अवगत होने के नाते भल्ला ने कहा कि "अमेरिका में अभी भी उग्रवाद का तनाव है, और यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि छोटा सा तनाव होबोकन में भी कहीं है"।
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि इस पर ज़ोर देने की ज़रूरत है और लोगों को इसके बारे में जानने की ज़रूरत है ताकि हम अंततः शिक्षा और प्रेम के माध्यम से इसे समाप्त कर सकें।"
सोमवार को जारी एफबीआई के नए आंकड़ों के अनुसार, सिख अभी भी धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराध की घटनाओं के तहत दूसरा सबसे अधिक लक्षित समूह बना हुआ है। वर्ष 2022 में सिख विरोधी घृणा अपराध पीड़ितों के 198 मामले दर्ज किए गए हैं।
पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क शहर में एक बस में नस्लीय रूप से प्रेरित हमले में एक 19 वर्षीय सिख को कई बार मुक्का मारा गया था और उसकी पगड़ी उतारने का प्रयास किया गया था।
भल्ला ने पहली बार 26 साल की उम्र में होबोकेन में अपनी जड़ें जमाईं, उनकी वेबसाइट प्रोफ़ाइल के अनुसार, "लॉ स्कूल से स्नातक होकर उन्होंने नेवार्क, न्यू जर्सी में एक छोटी सी लॉ फर्म में अपनी पहली नौकरी शुरू की"।
मेयर बनने से पहले उन्होंने होबोकेन सिटी काउंसिल में आठ साल तक सेवा की, और अब न्यू जर्सी के 8वें जिले से पहली बार अमेरिकी कांग्रेस में पहुंचने वाले रॉब मेनेंडेज़ के खिलाफ चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। (आईएएनएस)।
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 18 अक्टूबर। गाजा के एक अस्पताल में हुए भीषण विस्फोट में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इस अस्पताल में पहले से घायल मरीजों की भरमार थी और अन्य फलस्तीनी नागरिक भी यहां शरण लिए हुए थे। हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
हमास ने इसे इजराइल का हवाई हमला बताया जबकि इजराइल की सेना ने आरोप लगाया कि फलस्तीनी आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट के निशाना चूकने से यह विस्फोट हुआ।
मंत्रालय ने बताया कि कम से कम 500 लोग मारे गए हैं।
अस्पताल में हुए विस्फोट के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन की पश्चिम एशिया की यात्रा रद्द हो गई है। बाइडन की इस यात्रा से युद्ध से उत्पन्न संकट के समाधान की उम्मीद थी।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके देश ने अम्मान में बुधवार को होने वाले क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया है, जिसमें बाइडन जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात करने वाले थे।
जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफादी ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध ने ‘‘क्षेत्र को संकट के कगार पर धकेल दिया है’’।
उन्होंने कहा कि जॉर्डन शिखर सम्मेलन का आयोजन तभी करेगा जब सभी इस बात पर सहमत होंगे कि इसका उद्देश्य ‘‘युद्ध को रोकना’’, फलस्तीनियों की मानवता का सम्मान करना और उन्हें मदद का उनका वाजिब हक प्रदान करना होगा।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि बाइडन अब सिर्फ इजराइल का दौरा करेंगे।
अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट के बाद चारों ओर हृदयविदारक दृश्य दिखाई दिए। इससे संबंधित एक वीडियो में चारों ओर क्षत-विक्षत शव बिखरे दिखे जिनमें ज्यादातर शव बच्चों के थे। चारों ओर कंबल, बच्चों के स्कूल बैग और अन्य सामान बिखरा दिखा।
हमास ने अस्पताल में मंगलवार को हुए विस्फोट को ‘‘अत्यंत भयावह नरसंहार’’ करार दिया है और कहा है कि यह इजराइली हमले के कारण हुआ।
इजराइल की सेना ने इसके लिए इस्लामिक जिहाद पर आरोप लगाया है और हमास के लिए काम करने वाले कट्टरपंथी फलस्तीनी आतंकवादी समूह को जिम्मेदार ठहराया है। सेना ने कहा कि इस्लामिक जिहाद के आतंकवादियों ने अस्पताल के पास कई रॉकेट दागे और ‘‘कई सूत्रों से मिली खुफिया जानकारी’’ से संकेत मिलता है कि यह संगठन इस घटना के लिए जिम्मेदार है।
पत्रकारों से बातचीत में सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि सेना को यह पता लगा है कि विस्फोट के समय क्षेत्र में कोई हवाई, जमीनी या नौसैन्य हमला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रडार ने विस्फोट के समय दागे गए रॉकेट का पता लगाया और आतंकवादी समूहों के बीच हुए संचार से संकेत मिलता है कि इस्लामिक जिहाद ने रॉकेट दागे थे।
सैकड़ों फलस्तीनियों ने गाजा सिटी में अल-अहली और अन्य अस्पतालों में शरण ली थी। उन्हें उम्मीद थी कि यहां शरण लेने से वे बमबारी से बच जाएंगे।
अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबु सेलमिया ने बताया कि एंबुलेंस और निजी कारों में करीब 350 घायलों को अल-अहली से गाजा सिटी के मुख्य अस्पताल अल-शिफा लाया गया, जहां पहले से ही हमले में घायल हुए लोगों की तादाद अधिक है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अल-अहली अस्पताल में विस्फोट से पहले गाजा पर इजराइल के हमले में कम से कम 2,778 लोगों की मौत हुई है और 9,700 लोग घायल हुए हैं।
एपी सुरभि अभिषेक नेत्रपाल नेत्रपाल 1810 1004 खानयूनिस (एपी)