रायपुर

हमर सुराजी पुस्तक का विमोचन
18-Aug-2021 5:53 PM
हमर सुराजी पुस्तक का विमोचन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 18 अगस्त। हम छत्तीसगढिय़ा स्वयं को सबले बढिय़ा कहते हैं, तब यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात होती है, अगर यही हमारे लिए अन्य लोग कहें तो यह गर्व का बात होगी। स्व. हरि ठाकुर की यही मंशा थी। यह विचार पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिनि त्रिवेदी ने सुरता हरि ठाकुर के आयोजन में व्यक्त किए। इस अवसर पर हमर सुराजी किताब का विमोचन भी किया गया।

मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री त्रिवेदी ने कहा कि हरि ठाकुर ने अपने लेखन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की गौरव गाथा को उद्घाटित किया है। उन्होंने हरि ठाकुर द्वारा रचित वीर नारायण सिंह पर केंद्रित खंड काव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक अद्भुत काव्य ग्रंथ है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, इतिहासविद, साहित्यकार और पत्रकार हरि ठाकुर ने प्रदेश के 40 स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की जीवनियों का लेखन किया है। उनमें से चयनित 9 सेनानियों के जीवन चरित्र का अंंग्रेजी भावानुवाद अशोक तिवारी ने और छत्तीसगढ़ी नाट्य रूपांतरण आशीष सिंह ने किया है। हमर सुराजी किताब को श्री त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि नाट्य रूपांतरण के मंचन व अभिनय को देखकर बच्चे शीघ्र ग्रहण करते हैं। यह किताब बच्चों की मानसिकता के अनुकूल है।

उन्होंने बताया कि पाठ्य पुस्तक निगम के माध्यम से 30 से अधिक बोली और भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिक निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि हरि ठाकुर हमारे मुहल्ले के सियान थे। वे हम लोगों को छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और साहित्यकारों के बारे बताया करते थे। उन्होंने कहा कि आनंद समाज वाचनालय बहुत ऐतिहासिक स्थल है। यहां का सभा कक्ष साहित्यिक आयोजनों के लिए बिना शुल्क के उपलब्ध कराया जाता है।

इस अवसर पर नगर माता बिन्नी बाई का स्मरण करते हुए अ. भा. साहित्य परिषद के प्रांत प्रमुख प्रभात मिश्र ने कहा कि उनकी संवेदनशीलता का नतीजा है कि गरीब मरीजों के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर अस्पताल में धर्मशाला का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि धनपति दान करें उसमें कोई बड़ी बात नहीं होती, मगर साग-भाजी और अपनी पूरी संपत्ति बेच कर जो लोकहित के कार्यों में दान करे वह समाज के लिए अनुकरणीय होता है। इससे पहले हरि ठाकुर द्वारा इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र में किए गए लेखन कार्य को संस्कृति, इतिहास और पुरा विशेषज्ञ राहुल कुमार सिंह ने अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

श्री सिंह ने कहा कि हरि ठाकुर इतिहास के गंभीर अध्येता थे। प्राचीन ग्रंथों से संदर्भ निकालकर उन्होंने छत्तीसगढ़ का गौरव गान किया है। उनके नोट्स गंभीर से गंभीर शोध से कहीं अधिक महत्व के हैं। सुरता हरि ठाकुर एवं नगर माता श्रीमती बिन्नी बाई स्मृति दिवस के मौके पर अंतराष्ट्रीय कमेंट्रेटर, वरिष्ठ उद्घोषक, रंग कर्मी मिर्जा मसूद और बिन्नी बाई के प्रेरणास्रोत रामबिसाल सोनकर का अभिनंदन किया गया। अशोक तिवारी ने कृति परिचय देते हुए हमर सुराजी की विशेषताएं बताई।

कार्यक्रम का संचालन अरविंद मिश्रा ने तथा आभार प्रदर्शन हरि ठाकुर संस्थान के सचिव आशीष सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रोफे. जीआर साहू, साहित्यकार चेतन भारती, राजेश गनोदवाले, रामेश्वर शर्मा, डॉ. पंचराम सोनी, जीवेश चौबे, पत्रकार प्रकाश शर्मा, जितेंद्र शर्मा, मनीष शर्मा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजन योग मिश्रा, धनंजय त्रिपाठी और उपमन्यु सिंह, अमन शुक्ला, यश शर्मा, निखिल शुक्ला आदि मौजूद थे।

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