रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 सितंबर। आईएमए ने महिला आयोग दफ्तर में डॉ. मनोज लाहोटी के साथ मारपीट के मामले पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आयोग न्यायालयीन परिसर है, और वहां इस तरह की मारपीट कैसे, और किसकी शह पर की गई। यह चिंता का विषय है। उन्होंने इस घटना के दोषियों को चिन्हित कर दंड देने की मांग की है, ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
आईएमए के प्रेसिडेंट महेश सिन्हा, डॉ. विकास अग्रवाल, हॉस्पीटल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने डॉ. मनोज लाहोटी प्रकरण को लेकर बयान जारी किया, और बताया कि 4 सितंबर को दोपहर 2 बजे एक सुनवाई के लिए डॉ. मनोज लाहोटी को राज्य महिला आयोग के दफ्तर बुलाया गया था। जब वे वहां पहुंचे तो राज्य महिला आयोग की चेयरमैन श्रीमती किरणमयी नायक वहां नहीं थी। इस दौरान उनके पीए अभिषेक सिंह ने डॉ. मनोज लाहोटी को एक कमरे में बंद कर (जहां पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था) घुटनों के बल बैठाकर अश्लील गालियां देते हुए बहुत बुरी तरह से मारा तथा उनका मोबाइल भी छीन लिया। वे किसी तरह वहां से छूटकर सिविल लाइंस थाने पहुंचे।
आईएमए के पदाधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही तुरंत बड़ी संख्या में डॉक्टर सिविल लाइंस थाने पहुंचे। जहां श्रीमती किरणमयी नायक के निजी सचिव अभिषेक सिंह के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई गई। उसके बाद सभी लोग राज्य महिला आयोग के ऑफिस पहुंचे तथा श्रीमती किरणमयी नायक के दफ्तर में धरना देकर बैठ गए। पुलिस द्वारा हमें जानकारी दी गई कि पुलिस ने अभिषेक सिंह को वहीं से गिरफ्तार किया । इसके पश्चात आईएमए के सदस्यों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर उन्हें इस घटना की जानकारी दी ।
इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा तथा रायपुर अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उईके तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मिला। दोनों को 4 सितंबर को घटित दुर्भाग्यजनक घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें राज्य महिला आयोग के ऑफिस में डॉ. मनोज लाहोटी के साथ घटी अमानवीय घटना में उन्हें महिला आयोग चेयरमैन श्रीमती किरणमयी नायक के निजी सचिव अभिषेक सिंह ने एक बंद कमरे में बुरी तरह से मारा था।
राज्यपाल ने चिकित्सकों की बातों को बहुत ध्यान से सुना और इस अमानवीय घटना के प्रति खेद और चिंता व्यक्त की। उनसे सनम्र निवेदन किया गया कि महिला आयोग न्यायालयीन परिसर है, वहां इस तरह की मारपीट की घटना कैसे तथा किसकी शह पर की गई यह जांच का विषय है और इस असामान्य घटना के दोषियों को चिन्हित कर दंड दिया जाए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो तथा न्यायालयीन परिसर में जाने से लोग डरें नहीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने भी सभी चिकित्सकों को बारी-बारी से सुना और इस गंभीर दुर्घटना के प्रति चिंता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। इसकी पुलिस स्तर पर सभी पहलुओं पर जांच की जाए ,इसके लिए वह संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे ।