रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 सितंबर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने केन्द्र सरकार के समान राज्य सरकार के पेंशनरों को 28 फीसदी महंगाई राहत देने के लिए नियमानुसार मध्यप्रदेश शासन से सहमति लेकर तत्काल आदेश जारी करने की मांग की है और हाल ही में मध्यप्रदेश शासन के सहमति लिए बिना 4 सितम्बर 21 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 1 जुलाई 19 से लंबित 5 फीसदी महंगाई राहत को 1जुलाई 21 से राज्य के पेंशनरों को देने की घोषणा पर राज्य के ब्यूरोक्रेसी पर मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर गुमराह करने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री के इस घोषणा के बाद कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ता देने के आदेश 17 सितम्बर 21 को छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा जारी किया जा चुका है, परन्तु पेंशनरों के लिए आदेश जारी नही होने से राज्य के पेंशनरों में निराशा है क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपने घोषणा में राज्य के पेंशनर्स को भी 5 फीसदी महंगाई राहत देने की बात की थी।जबकि मध्यप्रदेश सरकार के बिना सहमति सम्भव ही नहीं है।
उन्होंने आगे बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2 हजार के प्रावधानों के तहत धारा 49 के विलोपित नहीं होने के कारण कुल देय राशि का 74 प्रतिशत राशि का भुगतान मध्यप्रदेश सरकार को और 26 प्रतिशत राशि का भुगतान छत्तीसगढ़ सरकार को मध्यप्रदेश के 5 लाख और छत्तीसगढ़ के 1 लाख से अधिक पेंशनरों इस तरह कुल 6 लाख से अधिक पेंशनर और परिवारिक पेंशनरों को दोनों राज्य सरकार को मिलकर करना होता है। इसके लिए दोनो राज्य सरकारों में आपसी सहमति नही होने पर कोई भी राज्य सरकार द्वारा पेंशनरों को आर्थिक भुगतान करना सम्भव नही हैं और इसी खेल में छत्तीसगढ़ सरकार को इन 20 वर्षो में अब तक अरबो रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है जो अभी भी लगातार जारी हैं।