रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 सितंबर। प्रदेश के स्कूलों के अंशकालीन सफाई कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन का रूख आख्तियार किया है। कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने की दशा में दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन सभी संभागों में पदयात्रा निकालकर सीएम हाऊस के घेराव की चेतावनी दी है।
कर्मचारियों ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्कूल सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति सन 2011 में हुई थी। स्कूल सफाई कर्मचारियों का कार्य 2 घंटे निर्धारित है, परंतु छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्कूलों में पूरे दिन तक कार्य लिया जाता है। जैसे कि सुबह 10 बजे स्कूल खोलकर सभी कमरों, बाथरूम, मैदान, पौधों की सफाई करना, प्रदेश पीरिड में घंटी बजाना, बच्चों, शिक्षकों को पानी पिलाना, दोपहर में मध्यान भोजन से पहले और बाद में झाडू लगाना, पौधों में पानी डालना व देखभाल करना, स्कूल प्रबंधन समिति, और पंचायत प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर करना, मध्यान्ह भोजन का चावल सोसाइटी से स्कूल लाना और अन्य कार्य भी करना होता है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को राशि 2 हजार से 23 सौ रूपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। यह मानदेय प्रतिमाह न होकर3 से 4 महीने में भुगतान किया जाता है। इतनी कम राशि में अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण हमें आर्थिक, शारीरिक, मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई साथी गरीबी से परेशान होकर आत्महत्या भी कर चुके हैं। सन 2019-20 से अन्य राज्यों से आए मजदूर प्रवासी लोगों को देखभाल के लिए स्कूलों को कोरनटाइन बनाया गया था जिसमें स्कूल सफाई कर्मचारियों को उनके देखरेख के लिए भी ड्यूटी में लगाया गया था जिसका मानदेय आज पर्यन्त तक प्राप्त नहीं हुआ है।
सफाई कार्य में अधिकांश निम्न वर्गों के लोग कर रहे हैं जिसमें से 90 प्रतिशत सदस्य अनुसूचित जाति, और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। संघ के मांगों को लेकर लगभग 45 विधायक, और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा करने के बाद भी अनेको बार मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों से चर्चा करने पर आश्वासन दिए गए हैं परन्तु पर्यंत तक मांगे पूरी नहीं की गई है। 2018 विधानसभा चुनाव के पहले टीएस सिंहदेव ने मौखिक और लिखित रूप में घोषणा पत्र में मांग को शामिल कर कांग्रेस की सरकार बनने पर मांगे पूरी किए जाने की बात कही थीं। उन्होंने मांग पूरी न होने की दशा में दो अक्टूबर को आंदोलन की चेतावनी दी है।