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संघर्षरत किसानों को हत्याओं से नहीं डरा सकते...
08-Oct-2021 6:07 PM
संघर्षरत किसानों को हत्याओं से नहीं डरा सकते...

नक्सली नेता प्रताप ने जारी किया प्रेसनोट

जगदलपुर, 8 अक्टूबर। नक्सली संगठन के मध्य रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता प्रताप ने प्रेसनोट जारी कर कहा है कि संघर्षरत किसानों को हत्याओं से नहीं डरा सकते। शाहिनबाग, सिलगेर, कसार, तिकुनिया हिन्दुत्व शासकों का हत्याकांड का सबूत है।

नक्सल प्रेसनोट में कहा कि आप सभी लोग 500-1000 लोगों से दस्ते बनो, टेंगा लेकर तैयार रहो। जेल जाने से भी चिंता का कोई बात नहीं है। वहां पर 6 महीने से ज्यादा नहीं रहोगे। ये चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भाषण की बातें हैं।

शाहिनबाग जन आंदोलन को निरस्त करने के लिए हिन्दुत्व के नेतागण टुकड़े-टुकड़े गैंग कहते हुए उन्हें मार देने तक भडक़ाते हुये 53 लोगों को बलि पर चढ़ा दिए। सिलगेर में संघर्षरत मूलवासियों पर गोली चलाकर पांच लोगों का खून किया है। सितंबर 27 का भारत बंद की समर्थन में दण्डकारण्य में कोई सामने न आये कहते हुए आईजी सुंदरराज पी. चेतावनी दे रहा है। इस प्रकार के बातें व कार्रवाईयों से लंपेन ताकतों को उक्कसाते हुये, पुलिस के साथ गोलीबारी करवाते हुए जन आंदोलनों को विघठन करने के लिए षडय़ंत्र रचने वालों को, आंदोलनों के उभारों से मुहतोड़ जवाब दें। उनके जांच समितियां, न्याय कमेटियां सच्चाईयों को रफा-दफा कर सत्ता में बैठे अपराधियों को बचाने का प्रक्रिया के अलावा न्याय दिलवाने की नहीं होती है, इसलिए हमारी पार्टी यह आशा कर रही है कि आप उसके जाल में न फंसे।

इसी बीच हरियाणा में 17 जून को कसार गांव के किसान मुकेश सिंह को जिंदा जला कर मार डाला। पांच दिन पहले उत्तरप्रदेश के लखीनपुर खीरी में 3 कृषि कानूनों के विरोध में संघर्षरत किसानों पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे के गाड़ी को भगाने से चार किसान दलजीतसिंह, नचत्तरसिंह, गुर्वीन्दरसिंह, लौप्रीतसिंह मौके पर ही दमतोड़ दिया। हमारी पार्टी इन हत्याओं को घोर निंदा करती है।

हजारों आंखों के सामने दिनदहाड़े हुये हत्याओं के लिए चीर फाड़ कर (पोस्टमार्टम) अवश्यकता नहीं पड़ती है, कहकर लाशों को रखकर हजारों किसान केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री मिश्रा के फौरन इस्तीफा करने की मांग को लेकर धरने पर उतरे। लेकिन योगी सरकार उच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायमूर्ति से जांच करवाने का विश्वास दिलाये। मंत्री के बेटे पर हत्या केस दर्ज कर मृतक परिवारों को 45 लाख मुआवजा देने की बात भी कही। उनके परिवार वालों को नौकरी देने का वादा करते हुये घायलों को 10 लाख देने का आश्वासन के साथ लोगों को धरना से वापस भेज दिया। लेकिन सरकार के जांच समितियां व पोस्टमार्टम सत्ता में बैठे वालों को बचाने के लिये अकलमंद रास्ते हैं। सोर्हाबुद्धीन एनकाउंटर के मामले में जांच के लिए बैठे न्यायमूर्ति जस्टिस लोया अचानक मौत की शिकार होने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से स्वभाविक मौत की बात बतवाने ब्राह्मणवादियों को दलजीतसिंह, लौप्रीतसिंह का क्या मतलब होता है? वो हत्याओं के अलावा और कुछ नही है कहने के लिए अंतरजाल में रखा हुआ वीडियो पर्याप्त है। इस लिये हमारी पार्टी यह अनुरोध कर रही है कि जांच व मुआवजा को टुकराते हुये अपराधियों को सजा मिलने तक संघर्ष करें। उत्तर प्रदेश सहित छ: राज्यों में होने वाली विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हरा कर, कृषि कानूनों का समर्थन करने वालों को सामाजिक बहिष्कार करने के लिये हमारी पार्टी दुबारा विनती कर रही है।

केन्द्र सरकार की कृषि कानूनों के विरोध में किसान लोग एक साल से ज्यादा समय से लड़ रहे हैं। दिल्ली को केन्द्र बनाकर किसान पिछले 10 महीनों से ज्यादा समय से धरना दे रहा है। उन संघर्षों का समर्थन में देश लड़ रही है। समूचे देश भर के किसान आंदोलनों से भाजपा परेशान है। राज्यों का विधान सभाओं के चुनावों में हार रही है। इससे वह पार्टी एवं उसके संबंधित संगठनें और उसकी मात्र संस्था संघ एवं उसकी परिवार जहां की वहां संघर्षरत किसानों पर हमले कर रही है।

किसान नेताओं पर भौतिक हमले भी जारी है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी उन्हें बदनाम करने के लिये उनके निजि विषयों को लेकर मीडिया दुष्प्रचार कर रही है। हमारी पार्टी इन तमाम कर्तूतों को घोर भत्र्सना करती है।

मोदी के शासन काल में किसानों का आय दुगुना होना भगवान जाने, लेकिन वह 8.9 प्रतिशत घट जाने से भारत के किसान आम मजदूर से घोर परिस्थितियों में जी रहे हैं। कारपोरेट घरानो ं के हितों के लिए काम कर रही केन्द्र सरकार किसान का आंदोलनो ं को वापस लने े का धमकी दे रहा है और हमले भी जारी है। कोरोना महामारी की बहाना दिखाकर किसानों का दृढ़ता एवं एकता को छोट पहुंचाकर धरणा को समाप्त करने के लिए कोशिश किये। लेकिन इन तमाम डरवाने वाले कदमों से उनमें और लड़ाकू संकल्प बढ़ती है।

आइए, हम सब मिलके लडं़ेगे। कंधे से कंधे मिलाकर एकता से लडेंग़े। देश में जारी समूचे जनांदोलनों के पक्ष में किसान संयुक्त मोर्चा भाईचारा आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। तमाम उत्पीडि़त जन आंदोलनों से किसान जुड़ जाना है। हमारी पार्टी यह उम्मीद रखती है कि उससे ही एक मजबूत देश व्यापी आंदोलन निर्माण होगा और न्यायपूर्ण मांगें हासिल होगा।

कारपोरेट ताकतों का लटू को अंत करने तक अलग-अलग रूप में समूचे देश भर मे ं किसान आंदोलन चलने का उसका समर्थन में भाईचारा आंदोलन बड़ेगी। हमारी पार्टी और एक बार यह स्पष्ट कर रही है कि उन तमाम जन आंदोलनों के साथ हमारी पार्टी रहेगी और नेतृत्व भी देगी।

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