महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 अक्टूबर। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पानी पहुंचाने वाली योजना का लाभ गांव के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र को भी मिलेगा। इस योजना के तहत रनिंग वॉटर सिस्टम से जिन स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्र में पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां पानी की व्यवस्था कराई जाएगी। नल और टंकी लगाए जाएंगे। इसके लिए पंचायतों में इस्टीमेेट बनाकर पीएचई विभाग को भेजा जा रहा है। इस्टीमेट पास होते ही कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
अब पीएचई विभाग जिले में 1 हजार स्कूल व 12 सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों में पीने के लिए पानी की व्यवस्था करेंगे। अभी स्थिति यह है कि यहां के बच्चों को या तो पानी स्वयं लाना पड़ता है या फि र किसी दूसरे जगह से पानी लाकर व्यवस्था करते हैं। यह समस्या पिछले कई सालों से कायम है। वैसे कई स्कूलों में पूर्व में पानी की व्यवस्था थी, लेकिन वर्तमान में वहां की व्यवस्था चौपट हो चुकी है। सरकार ने अब ऐसे जगहों में पानी की व्यवस्था के लिए पीएचई विभाग को जिम्मेदारी दी है।
पीएचई विभाग का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायत के स्कूल व आंबनबाड़ी केंद्रों में काली टंकी लगाकर पर्याप्त पानी की व्यवस्था की जाएगी। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में घर घर नल पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। जैसे-जैसे टेंडर हो रहा है वहां काम शुरू हो गया है। इसके अलावा पंचायतों से सर्वे कराकर स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र से स्टीमेट मंगाया जा रहा है।
बच्चों के अलावा पेयजल की सुविधा नहीं होने की वजह से जिले के संबधित स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्रों व आश्रमों से जुडे स्टॉफ को भी दैनिक उपयोग के लिए अन्य संसांधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। मध्यान्ह भोजन के बाद बच्चों को पीने के पानी के लिए बड़ी समस्या होती है। पीएचई विभाग के अफसरों की मानें तो पंचायतों को क्षेत्र में ऐसे स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र, जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, के लिए सूचना दे दी गई है। अभी तक जिले में 216 पंचायतों के स्कूल व आंगनबाड़ी केंदों्र का सर्वे रिपोर्ट तैयार हो गया है।