राजनांदगांव
मनखे-मनखे एक समान का संदेश मानव के लिए प्रेम का प्रतीक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 दिसंबर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने संत शिरोमणी बाबा गुरू घासीदास की जयंती पर जनसमुदाय को संबोधित करते कहा कि बाबा घासीदास के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपने सिद्धांतों में मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना। सतनाम समाज की दशा और दिशा बदलने के साथ-साथ उन्होंने वर्गों के उत्थान के लिए भी अपने जीवनकाल में उल्लेखनीय कार्य किए। छत्तीसगढ़ की माटी में जन्मे बाबा गुरू घासीदास एक ईश्वरीय रूप थे। उनके सिद्धांतों को अमल करने से मानव का बड़ा कल्याण जुड़ा हुआ है। स्थानीय नंदई चौक में समाज के द्वारा आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने बाबा गुरूघासीदास का दर्शन करते हुए पुष्प अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने समाज के पारंपरिक पंथी नृत्य का आनंद उठाया। उन्होंने सभी वर्ग को मनखे-मनखे एक समाज के संदेश को प्रेम का प्रतीक बताते कहा कि जीवन में संतों के विचार का सीधा असर होता है। सदैव मानव को संतों की वाणी से निकले शब्दों को आत्मसात करना चाहिए। इससे पहले सतनामी समाज और अनुयायियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जयंती के अवसर पर बड़ी संख्या में महिला, पुरूष और बच्चे उपस्थित थे।