राजनांदगांव
नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित शहरी सरकार चुनाव को लेकर वार्डों में शिविर
राजनांदगांव, 27 जुलाई। शहरी सरकार के लिए नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार के निर्देश पर शनिवार से वार्डों में सिलसिलेवार शिविर की शुरूआत हो गई। पहले दिन मोतीपुर में जनसमस्या शिविर के जरिये वार्डवासियों की दिक्कतों को सुनने के लिए नगर निगम प्रशासन पहुंंचा। नवंबर दिसंबर में मौजूदा शहरी सरकार का कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा। ऐसे में निकाय चुनाव की तैयारी का उद्देश्य लेकर शिविर लगाए जा रहे हैं। ज्यादातर वार्डों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
खासतौर पर गली-मोहल्लों की सडक़ें जर्जर हो चुकी है। लोगों को आज भी पानी के लिए नल कनेक्शन के अभाव से जूझना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार का स्थानीय निकाय के अफसरों पर दबाव है। जल्द से जल्द अधूरे कार्य को पूरा कर सरकार निकाय चुनाव में जाने के लिए तैयार है। यही कारण है कि शहर में बरसात के मौकों पर भी विकास कार्य नहीं रूकेंगे। यानी सडक़, नाली, इंटरलॉकिंग भवन निर्माण समेत अन्य अधोसंरचना के कार्य जारी रहेंगे। ठेकेदारों पर अफसरों का भी दबाव बढ़ा है। ठेकेदार बरसात के दौरान निर्माण कार्य को लेकर असहज स्थिति में है। बारिश के चलते गुणवत्ता प्रभावित होने से ठेकेदारों को ही जनता और अफसरों को जवाब देना होगा।
बताया जा रहा है कि जनवरी और मार्च के महीने में ही ज्यादातर कार्य स्वीकृत किए गए, जो अब तक अधूरे पड़े हैं। अफसरों ने सीसी रोड, सामुदायिक भवन, गार्डन निर्माण, शौचालय निर्माण जैसे अन्य बुनियादी कार्यों पर फोकस किया है। फरवरी और मार्च के महीने में निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया गया। वर्कआर्डर में देरी होने के कारण निर्माण अपूर्ण हैं। उधर चुनाव के मकसद को लेकर भी सरकार पूरी तरह से वार्ड स्तरीय शिविरों पर फोकस कर रही है। राजनीतिक रूप से सरकार शिविरों के जरिये अपनी पकड़ वार्डों में बनाने के लिए आगे बढ़ गई है। चुनावी साल में सरकार की ओर से कुछ नियमों में शिथिलताएं भी दी गई है, ताकि चुनाव के दौरान राज्य सरकार के उम्मीदवारों को जनता के जवाब देने का मौका मिले।
निगम के आला अफसरों को पूरी तैयारी के साथ शिविरों में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि चुनाव से पूर्व वार्डों की स्थिति को दुरूस्त करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। विष्णुदेव साय सरकार के लिए निकाय चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल रहेगा, जिससे शहर की राजनीति में सरकार की सीधी दखल रहेगी। इस बीच मोतीपुर में हुए शिविर में समस्याओं को लेकर वार्डवासी पहुंचे। बताया जा रहा है कि कई वार्डवासी काफी नाराज होकर पहुंचे, जिन्हें अफसरों ने संतुष्ट करने का प्रयास किया।