राजनांदगांव
अधोसंरचना के साथ गांव, युवा, महिलाओं और नवउद्यमियों पर फोकस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 जुलाई। वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश एच लाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट निर्मला सीताराम का सातवां बजट होने से रिकार्ड प्रस्तुति है। पिछले बजटों की तुलना में स्थितियां भिन्न है। इसकी पृष्टभूमि में है लोकसभा चुनाव के परिणाम का असर, गठबंधन के बहुमत की विवशता/अधोसंरचना विकास एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की प्राथमिकता के साथ-साथ युवाओं और अर्थव्यवस्था के अन्य पक्षों को फोकस में रखने का प्रयास वित्तमंत्री का रहा है। रोजगार एवं कौशल विकास को केन्द्रित करते हुए पहली बार नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों के लिए सब्सिडी का प्रस्ताव है।
श्री लाल ने कहा कि इसके अंतर्गत नए नियोक्ता को इंटर्नशिप करने वाले कर्मचारियों के लिए प्राईवेट फंड का योगदान करने पर सब्सिडी का फायदा मिलेगा। रोजगार उपलब्ध कराने के इन प्रस्तावों के लिए दो लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। रोजगार प्रोत्साहन पर इतना बड़ा आबंटन मोदी सरकार का नूतन प्रयास है। आयकर के अंतर्गत दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन पंूजी लाभ एवं सेक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स बड़ा है। जिसकी प्रतिक्रिया में शेयर मार्केट में गिरावट देखी गई है, किन्तु दीर्घकालीन पंूजीलाभ पर टैक्स की दर को घटाकर 20 से 12.5 प्रतिशत किया गया है। पंूजी लाभ के क्षेत्र में मूल्य सूचकों व (टेडक्सेशन) के मापदंड को समाप्त कर दिया गया है। इस प्रस्ताव ने निवेशकों को मायूस किया है। प्रत्यक्ष कर में टैक्स संरचना की नई रिजीम को प्रोत्साहित किया गया है। देश का बहुत बड़ा नौकरी पेशा वर्ग इससे लाभान्वित होगा। नौकरी पेशा वर्ग के लिए मानक कटौती की छूट 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दी गई है।
अधोसंरचना विकास एवं संरचना पर 11 लाख करोड़ का आबंटन है। समावेशी विकास के लक्ष्य से यह आबंटन प्रशंसनीय कहा जा सकता है। यह अधोसंरचना विकास अन्य आर्थिक आयामों को स्पंदित करेगा। सोना-चांदी, मोबाइल एवं चमड़े के उत्पाद पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। प्रस्तुत बजट अपने घोषित लक्ष्यों को कहां तक हासिल करेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, किन्तु बजट गांव, किसान, युवा, महिलाओं एवं नवउद्यमियों के लिए नए अवसर देगा, ऐसा भरोसा किया जा सकता है।