राजनांदगांव

दिवंगत किसान के रकबे व पंजीयन में कोई अंतर नहीं
19-Dec-2021 4:02 PM
दिवंगत किसान के रकबे व पंजीयन में कोई अंतर नहीं

दावा-आपत्ति के लिए नहीं किया था आवेदन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 दिसंबर।
छुरिया विकासखंड के ग्राम करेगांव के कृषक सुरेश कुमार द्वारा रकबे में अंतर के कारण आत्महत्या किए जाने के संबंध में समाचार पत्र में प्रकाशित तथ्य पूरी तरह से भ्रामक है।

गिरदावरी के अनुसार मृतक का जितना धान का रकबा था उतने का पंजीयन किया है। शेष भूमि पर उसने कोई फसल नहीं लगाई थी, इसलिए गिरदावरी के अनुसार उसका पंजीयन नहीं किया गया है। उसने 44 हजार का ऋण लिया था, धान का विक्रय करने पर 76 हजार 415 रुपए की राशि मिलती। राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी का प्रकाशन किया गया था। दावा-आपत्ति के लिए आवेदन भी मंगाए गए थे। मृतक सुरेश द्वारा दावा आपत्ति के लिए आवेदन भी नहीं किया गया था। न ही किसी राजस्व अधिकारी को जानकारी दी गई थी।

इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर जांच कराई गई, जांच में यह पाया गया कि मृतक के धान के रकबे एवं पंजीयन में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं हुई थी।
पुलिस द्वारा आत्महत्या की जांच की जा रही है। मृतक के पास से कोई सोसाईड नोट आदि प्राप्त नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि मृतक का गिरदावरी के आधार पर ही धान बिक्री के लिए पंजीयन किया गया था।

जिले में रकबा को लेकर कोई समस्या नहीं है। धान खरीदी के लिए किसानों की सुविधा हेतु जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। गिरदावरी के अनुसार मृतक के संयुक्त खाते की भूमि रकबा 1.538 हेक्टेयर में से रकबा 0.825 हेक्टेयर पर धान बोया गया है। जिसके अनुसार रकबा 0.825 हेक्टेयर का पूर्ण पंजीयन हुआ है। मृतक द्वारा धान बिक्री हेतु टोकन नहीं कटाया गया था, धान बिक्री होने पर मृतक को 76 हजार 415 रूपए मिलता।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news