बस्तर
जगदलपुर, 22 दिसंबर। सुकमा जिला युकां अध्यक्ष लक्ष्मण मंडावी ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि गत दिनों कोन्टा में नगर पंचायत चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री केदार कश्यप एक हफ्ता तक डेरा डाले रहे, तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद कोन्टा की जनता ने उन्हें नकार दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय संगठन पर दबाव डाल कर अपने एक सुकमा के चेहते नेता के कहने पर लगभग आधे दर्जन लोगों को जबरन टिकिट दिलवाया। अब बस्तर की जनता को दिग्भ्रमित करने मीडिया के माध्यम से लोकप्रिय मंत्री व उनके पुत्र हरीश लखमा पर प्रशासनिक दुरुपयोग का आरोप लगाकर पूर्व मंत्री केदार कश्यप अपनी हार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उन्हें राजनीतिक शुचिता का पालन करते हुए इसे खुले मन सें स्वीकारना चाहिए।
असल बात ये है कि चुनाव में भूपेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और मंत्री कवासी लखमा के विकास कार्यों को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शानदार तरीके से मतदाताओं के सामने रखा। असल बात ये है कि पूरे जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकमत होकर कोन्टा के मतदाताओं को ये समझाने में सफल रहे।
भाजपाईयों ने कई परेशानी खड़ी की। इतनी परेशनियों के बावजूद कांग्रेसी कार्यकर्ता शांति पूर्ण तरीके से अपना कार्य करते रहे, जिसका नतीजा कल 23 तारीख को जनता देखेगी।
केदार कश्यप के द्वारा संभावित हार से बौखलाये प्रशासनिक दुरुपयोग के आरोप लगाकर बीआरसी पर अपने निवास को अस्थाई कांग्रेस की कार्यालय बनाने का आरोप लगाया गया। संभवत: केदार कश्यप कश्यप की स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है। जिस निवास को वो कांग्रेस की अस्थायी कार्यालय का आरोप लगा रहे हैं, उसी निवास में वरिष्ठ कांग्रेसी पूर्व सरपंच से आशीर्वाद लेने गये थे, अब उसी निवास को कांग्रेस का अस्थायी कार्यालय बताया जा रहा है।
मैं केदारजी को नसीहत तो नहीं दे सकता, लेकिन निवेदन करूंगा कि उनके सुकमाई सलाहकार के बयान पर अपनी छवि धूमिल न करें।