महासमुन्द
किसान धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे
तीन दिनों बाद सुबह सूर्यदेव पांच मिनट उदय होते ही अस्त हो गए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,12 जनवरी। महासमुंद जिले में पिछले 36 से बारिश हो रही है। आज सुबह सूर्यदेव पांच मिनट उदय होते ही अस्त हो गए और माहौल फिर से बिगड़ गया है। लगातार बारिश के चलते धान की खरीदी पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। हजारों किसानों ने अब तक धान नहीं बेचा है। ऐसे किसानों का कहना है कि सरकार खरीदी की ताारीखमें बढ़ोत्तरी करे। अन्यथा किसान बिन मारे ही मर जाएंगे। मालूम हो कि परसों सोमवार, कल मंगलवार और आज बुधवार को भी जिले के 152 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी प्रभावित है। इन केन्द्रों में धान की खरीदी नहीं हो रही है। कल मंगलवार को जिले के एकमात्र केंद्र में 58 क्विंटल धान की खरीदी हो पाई। इस तरह बारिश के चलते दो दिनों में पौने तीन लाख क्विंटल धान की खरीदी प्रभावित हुई है। कहा जा रहा है कि बारिश के प्रभाव के चलते अगले तीन-चार दिनों तक धान खरीदी प्रभावित रह सकती है। इसका कारण उपार्जन केंद्रों में फड़ का गीला होना बताया जा रहा है।
हालांकि अधिकारियों का दावा है कि मौसम खुलते ही एक बार फिर से खरीदी शुरू कर ली जाएगी। जिला विपणन अधिकारी जयदेव सोनी के मुताबिक अब तक 47 लाख 25 हजार क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई है। 26 लाख टन धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। एक लाख 50 हजार किसान जिले में पंजीकृत हैं, जिसमें से 1 लाख 12 हजार 565 किसानों से खरीदी की गई है। 37 हजार किसानों से खरीदी अभी और करनी है। विपणन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार और मंगलवार के लिए किसानों का टोकन काटा जा चुका था। लेकिन बारिश के चलते इन किसानों से खरीदी नहीं हो पाई है। दो दिनों के लिए करीब 3.15 लाख क्विंटल धान खरीदी के लिए टोकन काटा गया था। अब इन किसानों से आने वाले दिनों में खरीदी की जाएगी। इन किसानों का टोकन आगे के लिए कैरी-फॉरवर्ड कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि परसों सोमवार को 1 लाख 14 हजार 493 क्विंटल और मंगलवार के लिए 2 लाख 616 क्विंटल का धान खरीदी के लिए टोकन काटा गया था। इस बार हुई बारिश के कारण धान को काफ ी कम नुकसान पहुंचा है। इसका कारण मौसम पूर्वानुमान जारी होते ही समय रहते तैयारी पूरी कर ली गई थी। हालांकि उपार्जन केंद्रों में फड़ पूरी तरह से गीला है और इससे धान की खरीदी अगले दो से तीन दिन तक प्रभावित हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार से होने वाली बारिश को लेकर दो दिन पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। ऐसे में कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग और विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ सभी एसडीएम ने बैठक लेकर धान को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए थे। समय रहते ही धान को सुरक्षित रखने के संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। केंद्रों में लिमिट से ज्यादा धान होने के बाद भी इस बार तिरपाल व कैप कवर की समुचित व्यवस्था समितियों के द्वारा की गई है।
खरीदी की समय सीमा एक माह बढ़ाने की मांग किसान नेता मणीलाल चंद्राकर ने की है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश ने किसानों को मौत के कगार पर खड़ाकर दिया है। इसलिए तत्काल धान खरीदी की समय-सीमा आखिरी फरवरी तक बढ़ाई जाए। अगर पंजीकृत किसानों का धान नहीं बिक पाएगा तो किसानों के समक्ष जीवनयापन की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। किसान किसी भी कीमत पर उबर नहीं पाएगा। इसलिए हर हालात में फरवरी के अंत तक समय सीमा बढ़ाई जाए। वैसे भी इस बार बेमौसम बारिश के कारण धान कटाई में विलंब हुआ है और लागत बढ़ गई। चैनगाड़ी हर्वेस्टर से किसानों ने मजबूरी में धान की कटाई कराई। इससे दस हजार रुपए तक प्रति एकड़ खर्च आया है। किसानों का धान नहीं बिक पाएगा तो किसान के समक्ष कर्ज चुकाने, बीमारी का इलाज कराने, शादी विवाह करने व जीवन यापन में गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी। इसलिए शासन से मांग है कि खरीदी को एक माह तक बढ़ाया जाए।