महासमुन्द

खाद्य विभाग ने पकड़ी राइस मिल में चल रही गड़बड़ी
23-Apr-2024 2:55 PM
 खाद्य विभाग ने पकड़ी राइस मिल में चल रही गड़बड़ी

कहा-नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं मिला तो ब्लैक लिस्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,23अप्रैल।
श्रीबालाजी राइस मिल में चल रही गड़बड़ी को खाद्य विभाग ने पकड़ा है। बताया जा रहा है कि श्रीबालाजी राइस मिल परसदा यूनिट का चावल, झलप यूनिट में बनाया जा रहा था। यह मिल कस्टम मिलिंग में गड़बड़ी कर रहा था। राइस मिल संचालक को खाद्य विभाग ने नोटिस जारी कर कहा है कि यदि नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं मिला तो राइस मिल को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। 

मालूम हो कि कस्टम मिलिंग के तहत जिले के राइस मिलों की जांच महासमुंद के खाद्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी जांच के दौरान श्रीबालाजी राइस मिल में भारी गड़बड़ी सामने आया है जहां कस्टम मिलिंग के लिए परसदा में स्थित श्रीबालाजी राइस मिल का एक लाट 290 क्विंटल चावल, झलप में स्थित श्री बालाजी राइस मिल में पाया गया। 

इसका मतलब दूसरे यूनिट परसदा राइस मिल का चावल अवैध तरीके से पहले यूनिट श्रीबालाजी राइस मिल झलप में बनाया जा रहा था। साथ ही 854 कट्टा कस्टम मिलिंग का धान कम पाया गया है। श्री बालाजी राइस मिल परसदा में 1657 कट्टा 662 क्विंटल 80 किलोग्राम कस्टम मिलिंग का धान कम पाया गया है। इसे विभाग ने कस्टम मिलिंग में भारी अनियमितता कहा है। 

मालूम हो कि श्री बालाजी राइस मिल में गड़बड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी धान खरीदी वर्ष 2021-22 धान खरीदी केंद्र परसवानी से कस्टम मिलिंग के लिए कई ट्रक धान का उठाव श्रीबालाजी राइस मिल द्वारा किया जाना बताया गया था। जबकि धान खरीदी केंद्र परसवानी से धान आने के कोई भी प्रमाण न तो राइस मिल मालिक दे पाए और न ही जिला प्रशासन के जांच अधिकारी दे पाए। आज तक यह मामला जांच में ही है।
जिले के कई राइस मिलो में कस्टम मिलिंग का धान कम पाया जा रहा है। इसका मुख्य कारण है कि कई राइस मिलर डीओ को प्रति क्विंटल 2200 से 2400 रुपए के हिसाब से समिति में बेच रहे हैं। इसमें बेचने का मतलब यह है कि राइस मिलर समिति से धान के बदले पैसे ले रहे हैं। इसमें धान खरीदी प्रभारी और मिलर दोनों का बड़ा फायदा है। समर्थन मूल्य पर इस बार धान 3100 प्रति क्विंटल के हिसाब से खऱीदा गया है। जिले के कई धान खरीदी केंद्र में बोगस, बिना धान खऱीदे ही खरीदी दिखाया गया है और समर्थन मूल्य 3100 रुपए के हिसाब से राशि का आहरण भी लिया गया है। बोगस धान खरीदी के वजह से धान खरीदी फड़ में धान खरीदी मात्रा के हिसाब से कम है। 

गौरतलब है कि जिले में कई समिति प्रभारी और राइस मिलर दोनों मिलकर डीओ एडजस्ट करने का खेल कर रहे हैं। राइस मिलर डीओ का प्रति क्विंटल 2200 से 2400 ले रहे हैं। समिति प्रभारी प्रति क्ंिवंटल समर्थन मूल्य पर 3100 का आहरण अपने या अपने किसी परिचित के नाम से कर लिया है और अब 2400 रुपए प्रतिक्विंटल से हिसाब से मिलर को पैसे दे रहे हैं। समिति प्रभारी प्रतिक्विंटल 700 रुपए का अवैध लाभ ले रहा है। वहीं राइस मिलर 2400 रुपए प्रतिक्विंटल के हिसाब से ले रहे हंै और कस्टम मिलिंग के लिए ओडि़शा से या रवि फसल का धान 1500 रुपए प्रति क्विंटल के दर से खरीदकर कस्टम मिलिंग के लिए चावल जमा कर रहे हैं। इस प्रकार राइस मिलर प्रति क्विंटल 900 रुपए का अवैध लाभ ले रहे हैं। इसी वजह से राइस मिलो में कस्टम मिलिंग का धान कम पाया जा रहा है।

नोटिस भेजा गया है
श्रीबालाजी राइस मिल की इस अनियमितता के लिए जिला प्रशासन खाद्य विभाग द्वारा नोटिस भेजा गया है। नोटिस का जवाब कार्यालय में उपस्थित होकर देना होगा। राइस मिल संचालक का जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर राइस मिल को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई  की जाएगी। 
-कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद
 

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