रायपुर
तीन किस्तों में निकाले डेढ़ लाख से ज्यादा
कुशालपुर में रहने वाला शख्स हाईटेक ठगी का शिकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। ऑन लाइन रुपयों का कारोबार करने वालों को झांसा देने के लिए हाईटेक फ्राड इंटरनेट की दुनिया में वेलिड वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कुशालपुर इलाके में सामने आया है जहां पर फ्राड ने एक शख्स को क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के बहाने 1 लाख 44 हजार 156 रुपये ठग लिए। सायबर टीम की जांच में मालूम हुआ है ठग ने रुपयों का ट्रांजेक्शन होने वाले वेलिड वॉलेट मोबिविक कंपनी के खाता का इस्तेमाल करते हुए रकम हड़पे। पुलिस ने बताया प्रार्थी चंद्रशेखर अग्रवाल के खाते से फ्राड ने रकम गायब किए। कुशालपुर निवासी चंद्रशेखर अग्रवाल को 5 जनवरी को फोन आया था। उनके पास क्रेडिट कार्ड है। सुंदर नगर स्थित एसबीआई से उनका कार्ड जारी हुआ है। उनके पास एक अज्ञात शख्स ने फोन करते हुए खुद को एसबीआई का अधिकारी बताया। उसने क्रेडिट कार्ड अपडेट करने की बात कही। अज्ञात फोन धारक ने कहा कि उनका कार्ड फिर से जारी किया जाना है, ऐसे में उन्हें एक मैसेज भेज रहे हैं। मैसेज आते ही उसे बताना होगा। चंद्रशेखर ने फोन धारक के कहेअनुसार वैसा ही किया। जो उनके मोबाइल में मैसेज आया, वह उसने तुरंत बता दिया। बाद में क्रेडिट कार्ड से तीन बार में पहले बार 51336/-रूपयें दूसरे बार 51336/- रूपयें एंव तीसरी बार 41484/- रूपये निकल गया । जब क्रेडिट कार्ड एप में चेक किया तब रकम मोबिविक वॉलेट पर ट्रांसफर करने की जानकारी मिली। तुरंत इसके बाद चंद्रशेखर ने पुलिस से संपर्क किया।
वेलिड वॉलेट से आसान
रुपयों का ट्रांजेक्शन
सायबर पुलिस के बताए अनुसार किसी भी वेलिड वॉलेट से रुपयों का ट्रांजेक्शन बहुत आसान है। हाईटेक फ्रॉड अब वेलिड वॉलेट का इस्तेमाल करके कमाई कर रहे हैं। बता दें ठग किसी तरह से एक लिंक बनाते हैं। इस लिंक को हाईटेक तरीके से वेलिड कंपनियों के ई-वॉलेट से जोड़ दिया जाता है। जब किसी के खाते से रकम उड़ाते हैं रुपये पहले इसी ई-वॉलेट में पहुंचता है। इसके बाद फ्राड मनचाहे बैंक खातों में इसी वॉलेट से रुपयों का ट्रांजेक्शन कर देते हैं। इस तरह के ट्रेंड से पूरे विश्वभर में ठगी का खेल चल रहा है।
संपर्क करते ही वापस पहली किस्त
प्रार्थी ने हाईटेक ठगी की सूचना पुलिस को दी, इसके बाद जांच करते हुए टीम ने ई-वॉलेट से एक किस्त का ट्रांजेक्शन तुरंत रुकवा दिया। तीन किस्तों में खाते से उड़ाई गई रकम में एक किस्त का ट्रांसफर होना बाकी था, लेकिन एन वक्त पर सूचना मिलने से ई-वॉलेट का ट्रांजेक्शन रूकवाया लिया गया। एएसपी सायबर क्राइम अभिषेक माहेश्वरी के बताए अनुसार, अगर प्रार्थी की तरफ से तुरंत शिकायत मिले, ई वॉलेट से रुपयों का ट्रांजेक्शन रूकवाया जा सकता है। पहले भी कई केस में सफलता मिली है।