बस्तर
2 मांगें पूरी नहीं होने पर चंद मिनटों में खाली हुआ सभास्थल, विरोध में लगे नारे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 4 अप्रैल। रविवार को बस्तर जिले के लालबाग मैदान में ओबीसी वर्ग ने सीएम भूपेश बघेल की सभा का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हुए नारे लगाते हुए सभा से चले गए। दो मांगें पूरी नहीं होने पर हजारों लोगों ने कुछ मिनटों में कुर्सी को छोड़ते हुए वहां से चले गए।
ओबीसी वर्ग के द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग और बस्तर के पेसा कानून में सदस्य देने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में भ्रांति की स्थिति पैदा हुई है। मुख्यमंत्री ने 50 लाख रुपये की लागत से पिछड़ा समाज भवन, बस्तर में बनाने की घोषणा की, जिसे समाज के लोगों ने ग्रहण करने से मना कर दिया है। बताया जा रहा है कि 2 दिवसीय दौरे पर बस्तर आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को लालबाग मैदान में ओबीसी समाज के एक महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जहां संभाग भर के लोग एकत्रित हुए थे। इस दौरान ओबीसी समाज के मुख्य लोगों ने सीएम भूपेश बघेल के सामने 27 फीसदी आरक्षण उन्हें देने की मांग की थी, साथ ही बस्तर में पांचवी अनुसूची पेसा कानून लागूकर ग्रामसभा में ओबीसी समाज के लोगों को सदस्यता देने की मांग की थी।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, यदि 27 फीसदी आरक्षण के लिए पहले समाज के लोगों की सदस्यता सूची पूरी कर लेनी चाहिए, इसके बाद हाईकोर्ट से आरक्षण संबंधी दस्तावेज लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी, तब जाकर कहीं आरक्षण की समस्या दूर हो सकती है। इस बात से नाराज होकर लालबाग मैदान में उपस्थित ओबीसी समाज के हजारों लोगों ने विरोध किया और चंद मिनट के अंदर ही सभा स्थल से बाहर हो गए। ओबीसी वर्ग के संरक्षक लीलाराम साहू ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो पिछड़ा वर्ग समाज अब आर-पार की लड़ाई लडऩे को तैयार है, वहीं मंच से समाज के लोगों ने कहा था कि उनकी मांगें पूरी होती है तो वे 12 की 12 सीटें कांग्रेस को देने को तैयार हैं, अब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, अब पिछड़ा वर्ग समाज कांग्रेस के खिलाफ खड़ा होगा। इस मामले पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पेसा कानून को लेकर बस्तर में बहुत सी भ्रांतियां फैलाई गई है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है।