कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डगांव, 15 अप्रैल। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अंतर्गत प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति दक्षिण वनमंडल कार्यालय के समीप धरने में बैठे है।
प्रबंधकों ने बताया की वर्ष 1988 से कार्यरत 902 प्रबंधकों को विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में सत्तारुढ दल द्वारा सरकार बनाने पर प्रबंधकों को तृतीय वर्ष कर्मचारी नियमित करने का वादा किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सरकारी संघ के द्वारा अपने नियमितीकरण करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर शासन के ध्यान आकर्षण करने की कई बार आंदोलन किया गया। उसके उपरांत भी छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए समस्त कार्यरत प्रबंधक जिला वनोपज संघ दक्षिण कोण्डगांव और केशकाल से 11 अप्रैल से धरना स्थल जिला यूनियन कार्यालय दक्षिण कोण्डागांव में मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे है। प्रदेश के 13 लाख वनवासी परिवारों को शासन के महत्वपूर्ण योजनाओं को हितग्राहियों को लाभ दिलाने वाले वर्ष 1988 से निरंतर सेवा देने वाले समिति प्रबंधकों के साथ सरकार से हुए। समझौते के बाद उनसे हुई वादाखिलाफी से प्रदेश भर के प्रबंधक बहुत नाराज है।
वर्तमान में प्रबंधकों का सेवा भर्ती नियम बनाकर प्रबंधकों को बिना नियमितीकरण का लाभ दिए बिना सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जा रही है।
जिसमें आदिवासी प्रबंधकों के सामने जीवनयापन की समस्या उत्पन्न हो गई है। विभागीय अधिकारियों के उदासीन कार्रवाई से प्रदेश के 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक को करोड़ों रुपए बोनस वितरण करने व सरकारी योजनाओं का संग्रहण और प्रसंस्करण किया जाता है। और तेंदूपत्ता संग्राहक को तक पहुंचाने वाले रोजी-रोटी व परिवार का भरण पोषण की समस्या से जूझ रहे है। आज के भीषण महंगाई में प्रबंधकों को प्रतिमाह पारिश्रमिक के रूप में ग्यारह हजार सात सौ रुपए दिया जा रहा है। सरकार के लगातार वादाखिलाफी से प्रबंधक अपने आप को छला सा महसूस कर रहा है। और अपने जायज मांगों को शीघ्र पूरा कराने के लिए प्रबंधक संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं।