कोण्डागांव

वेंटिलेटर पर कोण्डागांव जिला अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर
02-May-2024 4:11 PM
वेंटिलेटर पर कोण्डागांव जिला अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर

बिजली कट की समस्या से कराह रहा है आईसीयू और कैजुअल्टी वार्ड

शंभू यादव

कोण्डागांव, 2 मई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता )। जिला अस्पताल आरएनटी में मरीजों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। इन्हीं सुविधाओं का रूप बिजली गुल होने पर असुविधाओं के रूप में बदल जाता है।

दरअसल कोण्डागांव के जिला अस्पताल में बिजली गुल की समस्या से बचने के लिए जनरेटर लगाया गया हैं, यहीं जनरेटर डीजल न होने और ऑटो स्टार्ट नहीं होने से समस्या का रूप ले लेती हैं। इतना ही नहीं जिला अस्पताल के ओटी के लिए लगाया गया यूपीएस भी लंबे समय से काम नहीं कर रहा है। वर्तमान में इन्हीं पावर कट की समस्या से घबराए हुए डॉक्टर बड़े ऑपरेशन करने से कतरा रहे हैं।

जिला मुख्यालय कोण्डागांव के चिखलपुटी में जिला अस्पताल आरएनटी का संचालन किया जा रहा हैं। जिला अस्पताल में विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली विभाग ने केवल अस्पताल के लिए अलग से ट्रांसफार्मर भी लगाया हैं। इसी बीच भीषण गर्मी में लोड शेडिंग या ओवर लोड के कारण पूरे दिन बिजली की आंख मिचौली चलती रहती हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने यहां जनरेटर लगाया हैं। लेकिन इस जनरेटर की कैपेसिटी पर्याप्त नहीं हैं। अब जब बिजली गुल होता हैं तो आईसीयू, कैजुअल्टी और ओटी बुरी तरह प्रभावित हो जाता हैं। मरीजों की माने तो, बिजली गुल होने से आईसीयू में लगा एसी और लाइट बंद हो जाता हैं। कैजुअल्टी में लगा पंखे और सारे उपकरण लगभग बंद हो जाते हैं। इन सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती ऑपरेशन थियेटर में हो जाती है।

टॉर्च के भरोसे ऑपरेशन की नौबत

कोण्डागांव के जिला अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर में ऑपरेशन के दौरान होने वाले बिजली गुल से बचने के लिए यूपीएस लगाया गया है। बताया जा रहा है कि, जब से यूपीएस लगाया गया है, तब से वह सही तरीके से काम नहीं कर रहा। यूपीएस के काम नहीं करने के कारण बिजली गुल के दौरान ऑपरेशन थियेटर में अंधेरा छा जाता हैं। कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं जब ऑपरेशन चल रहा होता हैं और बिजली गुल हो जाती तो ऑपरेट टीम को अंधेरे में हाथ पर हाथ धरे बिजली आने का इंतजार करना पड़ता हैं। ऐसी स्थिति में ओटी बेड पर लेटे मरीज की जान को खतरा बढ़ जाता है।

आईसीयू में केवल एयर कंडीशनर का सहारा

ऑपरेशन से पहले या बाद में मरीज के देख-रेख के लिए उन्हें जिला अस्पताल के आईसीयू में दाखिल किया जाता हैं। इसके अलावा कई गंभीर मामलों में भी मरीज को आईसीयू में दाखिल किया जाता हैं। गंभीर मरीज को बैक्टेरिया से बचाने के लिए आईसीयू पूरी तरह से एयर टाइट जैसा माहौल में होता हैं। यहां वेल्टीलेशन के लिए एक मात्र व्यवस्था एयर कंडीशनर होता हैं। इसके अलावा आईसीयू में ऐसे कई जीवन रक्षक उपकरण होते हैं जो बिजली से ही चल सकता हैं। जब बिजली गुल होती हैं तो सभी विद्युतीय उपकरण बंद होकर दिक्कते बड़ा देता हैं।

सबसे पहले कैजुअल्टी में ही मरीजों का दाखिला

जिला अस्पताल में जब भी किसी मरीज को दाखिल करने लाया जाता है, तो उसे सबसे पहले कैजुअल्टी वार्ड में ही दाखिल किया जाता है। कैजुअल्टी वार्ड में भी बिजली गुल होने से समस्या बढ़ जाती है क्योंकि लाइट गुल होने का असर यहां भी दिखाई देता है।

बिजली से संबंधित सभी समस्या का जल्द होगा सुधार - सिविल सर्जन

इस पूरे मामले पर कोण्डागांव जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर ने कहा कि, जनरेटर में डीजल न हो, ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो, जल्दी डीजल भरवा लिया जाता है। ऑपरेशन थिएटर में लगा यूपीएस में तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई है, जिसके लिए टेक्नीशियन से संपर्क किया गया है। आईसीयू में जनरेटर से बिजली गुल होने पर जनरेटर से बैकअप दिया जाता है। जनरेटर ऑटो स्टार्ट नहीं होने पर कुछ समय के लिए समस्या होती है। रही बात स्थाई रूप से समस्याओं के समाधान कि, तो सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर ने कहा, जल्द ही इन सभी समस्याओं का निराकरण कर लिया जाएगा।

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