कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 23 अप्रैल। जिला कार्यालय के मीटिंग हाल में संवेदना कार्यक्रम, ऐरोमेटिक कोण्डानार व शिल्प नगरी के संबंध में संचालित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा की गई।
बैठक में कलेक्टर ने संवेदना कार्यक्रम को मानसिक रोगियों के उपचार हेतु एक अहम मानवीय पहलू करार देते हुए कहा कि जिले के सभी पांच ब्लॉक में बेघर व विक्षिप्त लोगों की पहचान मेडिकल हेल्थ टीम द्वारा करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके अलावा गांव के पंचायतों के सचिवों को भी इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जिससे कि वे मानसिक विकार ग्रस्त लोगों को कम से कम मुख्यालय तक पहुंचाये ताकि मुख्यालय में उनका उपचार सही समय और तरीके से हो सके। इस मुहिम में शिक्षकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि, जिले में अब तक 1254 मरीजों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 1070 को दवाइयां दी जा रही है और 7 सौ 33 मरीजों की काउंसलिंग हो गई है। साथ ही प्रथम स्तर पर फॉलोअप करने वाले मरीजों की संख्या 825 द्वितीय स्तर पर 629 तथा तीसरे स्तर पर 453 मरीजों को फॉलो अप किया गया है। आंशिक रूप से बेहतर परिणाम वाले मरीजो की संख्या 658 व 100 प्रतिशत बेहतर परिणाम वाले मरीजो की संख्या 23 पाई गई।
इसी प्रकार जिले के सभी ब्लॉकों में 425 साइकिक मरीज और डिप्रेशन और एन्जाइटी मरीजो की संख्या 281 तथा अन्य मानसिक मरीजो की संख्या 119 दर्ज की गई।
इसी प्रकार ऐरोमेटिक परियोजना के बारे में बैठक में बताया गया कि, जिले में 125 एकड़ भूमि पर सुगंधित फसलों की कृषि की जा रही है, इन ग्रामों में कोकोड़ी, बम्हनी, करियाकटा, संबलपुर, राजागांव, गम्हरी, मुनगापदर के कृषक शामिल हंै। इनमें मुख्यत: लेमन ग्रास और पचौली जैसे सुगंधित फसल है।
इस संबंध में कलेक्टर ने कहा कि तैयार फसलो को शीघ्र हार्ब्रेसटिंग कराकर कृषकों को उनके फसलों का मूल्य पहुँचाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस प्रकार अन्त में शिल्प नगरी के उन्नयन हेतु कलेक्टर द्वारा विभिन्न निर्देश व सुझाव भी दिए गए। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा, कार्यक्रम प्रबंधक राजशेखर रेड्डी, शिवा उपस्थित थे।