सरगुजा

मांगों को लेकर ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन
13-May-2022 8:46 PM
मांगों को लेकर ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर,13 मई।
ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर आज तहसील लखनपुर में आठ बिंदुओं पर ज्ञापन सरगुजा के जिला अध्यक्ष ओबीसी सुरेन्द्र साहू ने तहसीलदार शुभाष शुक्ला को सौंपा।

तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री,  मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन,  राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन, मुख्य सचिव /पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसकी प्रतिलिपि राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग भारत सरकार एवं अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को प्रेषित किया गया।

ओबीसी सरगुजा के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र साहू ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की आजादी के बाद से आज देश प्रदेश की विकास एवं आर्थिक रूप से देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी की तरह अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मतदाता वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की लगभग 50 फीसदी आबादी निवासरत है ,साथ ही वर्तमान में प्रदेश के मुखिया और नेता प्रतिपक्ष भी ओबीसी वर्ग से ही संबंध रखते हैं। समान परिस्थितियों के बावजूद भी ओबीसी वर्ग के प्रबुद्धजनों, युवाओं छात्र-छात्राओं के हितों पर शासन प्रशासन में बैठे अधिकारियों कर्मचारियों और उच्च न्यायालय में बैठे जातिवादी मानसिकता की न्यायाधीशों द्वारा लगातार कुठाराघात किया जा रहा है।

सुरेन्द्र साहू आगे कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं एवं सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण देश के शासन और प्रगति में प्रतिनिधित्व और भागीदारी का विषय रहा है। संविधान में आरक्षण की अवधारणा का उद्देश्य ऐतिहासिक रूप से उनकी जाति के आधार पर आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है, किंतु आजादी के बाद मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों से वंचित कर सामाजिक और शैक्षिक सशक्तिकरण प्रणाली में घोषित आरक्षण के आधार पर समुचित हिस्सेदारी एवं प्रतिनिधित्व सुनिश्चित न कर ओबीसी समाज के साथ अन्याय कर संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर ओबीसी वर्ग के आवेदकों को राष्टीय एवं राज्य स्तर के शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण ,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रोजगार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि लगातार ओबीसी महासभा द्वारा ज्ञापन सौंपा जा रहा है।

आज का यह ज्ञापन 8 मुद्दों को लेकर दिया गया जिसमें राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की गणना किया जाकर आंकड़ा प्रकाशित किए जाना मुख्य मुद्दा रहा है।

वास्तव में भारत देश में आजादी के बाद से आज तक ओबीसी की जनगणना राष्ट्रीय जनगणना अधिनियम के तहत नहीं किया जा रहा है। जनगणना फॉर्मेट के कालम नंबर 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर नहीं दिया जाना बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है। साथ ही असंवैधानिक क्रीमी लेयर की बाध्यता को समाप्त किए जाएं ,ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण को भारत देश के सभी राज्यों में समान रूप से लागू करने हेतु भारत सरकार अध्यादेश पारित कर संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का भी अनुरोध किया गया है, संरक्षित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण नहीं करने वाले अनुसूचित जनजाति को मिलने वाली कैंपा निधि की राशि वहां के निवासरत सभी ओबीसी समुदाय के लोगों को समान रूप से प्रदान किए जाए।

देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सुव्यवस्थित संचालन हेतु पृथक विभाग संचालित किया जाए, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव पूर्ण नियुक्ति, वरिष्ठता, पदोन्नति में गड़बड़ी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई किए जाने का भी उल्लेख है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय, अर्धशासकिय, गैरसरकारी उपक्रमो विभिन्न विभागों,निगमों ,मंडलों ,स्वायत्तशासी निकायों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों /अधिकारियों को नियमित किए जाने का भी अनुरोध है एवं छत्तीसगढ़ शासकीय आईटीआई में रिक्त पद के विरुद्ध कार्यरत में मेहमान प्रवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि करें एवं 65 वर्ष की आयु तक जॉब सुरक्षा देने का भी मांग को शामिल किया गया है। यह जानकारी ओबीसी के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र साहू ने दिया है।

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