रायपुर
रायपुर, 16 मई। शहर के तालाबों को पाटकर बड़ी आवासीय कॉलोनी या मॉल आदि बनाए जाने से एक बड़े हिस्से में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा नुकसान धोबी वर्ग को हो रहा है। जो तालाबों में कपड़े धोने का काम करते रहे हैं। समाज के कार्यकर्ता जीतेन्द्र निर्मलकर ने एक बयान में कहा कि सरोवर धरोहर योजना के तहत तमाम तालाबों का सौर्दर्यीकरण हो, अवैध कब्जधारियो ं को सख्ती से रोका जाये। कई तालाब पट चुके है।
रजबंधा तालाब, लेडी तालाब, पोद्दार तालाब, उछला तालाब चोबे कालोनी स्कूल के बगल का तालाब जो पट चुके है। तुरकी तालाब ,रामसागरिया सहित अन्य तालाब पटने के कगार पर है। तालाबों मे आने वाले गंदे पानी को रोकने ठोस व सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
निर्मलकर ने कहा राजनीतिक संरक्षण व निगम की चुप्पी के चलते अवैध कब्जधारियों के हौसले बुलंद है। निगम निगरानी रखे कई एकड मे फैले तालाब पट कर आधा हो गये कई पटने के कगार पर है, कही पर डबरी वाली स्थिति है। कुछ तालाबों के किनारे बने मकानो मे जलभराव के चलते दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।